वेदों से उत्पन्न-श्रीमद्भागवत,क्यों हैं वेदों से भी श्रेष्ठ ?....
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- เผยแพร่เมื่อ 7 ก.พ. 2025
- परम-पूजनीया गो.श्रीइन्दिराबेटीजी (जीजी) के शुभ-संकल्प को प्रत्यक्ष-मूर्तिमन्त करता हुआ,यह 'श्रीभागवत-विद्यापीठ' श्रीव्रजभूमि के श्रीवृन्दावन तथा श्रीमथुरापुरी में दो-शाखाओं के रूप में प्रतिष्ठित व संचालित है । जिसमें विप्र-बालकों को सुसंस्कृत-रूप से श्रीमद्भागवतजी का अध्ययन व अध्यापन निःशुल्क-रूपेण कराया जाता है ।
जो भी विप्र-बालक विद्याध्ययन करना चाहें,वे 'विद्यापीठ' के चैनल से अवश्य जुङें ।
जो भी वैष्णवजन श्रीभागवत-कथा-रस में रुचि रखते हैं,कृपया वे भी 'श्रीभागवत-विद्यापीठ' के चैनल से स्वयं भी जुङे तथा अन्य भक्तों को भी जोङकर श्रीमद्भागवत-रस का पान करें व भारतीय-संस्कृति की सेवा करें ।
सम्पर्क- 8191995301
विद्यापीठ से प्रतिदिन सुभाषित प्राप्त करने के लिए अपना नाम व अपने शहर का नाम 8191995301 पर What's app करें ।
धन्य हैं गुरु जी.. सच में धन्य हैं आप..🙏
आपके मुख कमल से निकला एक एक शब्द सदैव ही एक परिपक्वता व विशेष परिभाषा लिए हुए होता है..
समझाने की विधि और ढंग
अवर्णनीय....
अद्भुत अद्भुत अद्भुत..🙏🙏
साष्टांग हार्दिक प्रणाम..🙏