मनुष्य को पराये अच्छे और अपने बुरे क्यों लगते हैं? | Lord Krishna on Human Behavior

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  • เผยแพร่เมื่อ 4 ธ.ค. 2024

ความคิดเห็น • 11

  • @krsnaMS-903
    @krsnaMS-903 14 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

    Thanku so much prabhuji 🙏

  • @Akkykool1
    @Akkykool1 17 ชั่วโมงที่ผ่านมา +3

    Jai ShreeNand Baba

  • @anuradhamaharana8963
    @anuradhamaharana8963 14 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

    Hare krishna🙇‍♀️🙇‍♀️🌺

  • @shishupalruel4389
    @shishupalruel4389 9 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    हरे कृष्णा, प्रभुजी। दण्डवत प्रणाम

  • @kiranrathod853
    @kiranrathod853 14 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

    Very nice conversation. Good for the soul. Thank you Prabhuji. Hare Krishna to both of you. 🙏

  • @Zipfpeofficial
    @Zipfpeofficial 15 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

    Hare krishna 🙏

  • @RahulKumar-yk4om
    @RahulKumar-yk4om 3 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    Hare Krishna 🙏 ❤
    Jay Gaur Hari ❤️ 🙏
    Jay Gurudeo Shrila Prabhupada Ji 🙏 ♥️

  • @nirmalroy4555
    @nirmalroy4555 2 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    হরে কৃষ্ণ ♥️ রাধে রাধে
    অনেক অনেক ধন্যবাদ
    ভিডিও দেখে অনেক কিছু
    বুঝতে পারলাম
    ।। জয় শ্রী কৃষ্ণ।।

  • @Gfp-o6t
    @Gfp-o6t 31 นาทีที่ผ่านมา

    55:03

  • @ManojGupta-hm1gc
    @ManojGupta-hm1gc 15 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    गुरु जी आप को प्रणाम
    जय श्री राम जय श्री कृष्ण जय हनुमान
    अपना पराया है दूसरा क्यों अच्छा है इसे प्रकृति से शब्दों द्वारा समझा जा सकता है
    पहले नारायण से रामायण आया रामायण से कृष्ण लीला कृष्ण लीला से महाभारत आया महाभारत से आया आज युग जो चल रहा है इस समय
    नारायण शब्द को समझे क्या कह रहे है
    नारायण शब्द नारा का एकता
    नारा यानी नर नारी
    यण यानी रुप या पहचान
    जगत में जो भी कोई रहता है पहचान या नाम हटा दिया जाए तो कोई किसी को पहचान नहीं पाएगा चाहे मनुष्य कितना ही कोशिश कर रहे सभी लोग नर नारी का ही रुप दिखाई देने लगेगे यही सत्य है
    रामायण शब्द समझे हरे रामा,,
    रामा यानी राम शब्द अनादि है अनंत या शाश्वत है सदियों से चला आ रहा है यह सनातन है
    राम शब्द अनहद नाद ॐ का प्रतिक है
    यण यानी रुप नाम का पहचान है राम नाम से जगत का पहचान हुआ इसी लिए कहा गया है राम नाम सत्य है
    कृष्ण लीला शब्द समझे
    कृष्ण यानि माया या कर्मों का फल यही कृष्ण शब्द अपना पराया समझने को मिलता है
    लीला यानि कर्तव्य नियम का पालन जैसे सुदामा जी को दर्शाया गया है कर्मों का फल
    महाभारत यानि। भाई भाई में राज्य के लिए संग्राम यहां पर अर्जुन को अपना दिखाई दे रहे थे दुर्योधन को पराया
    आज का युग समझे
    एक दूसरे को नीचा दिखना और दूसरे के संपत्ति को अपना कहना एक दूसरे के ऊपर हाथ लगाना और भाई भाई में दुश्मनी एक दूसरे का बात सुन कर चलना
    प्रकृति को समझने के लिए
    शब्दों में प्रभू ईश्वर भगवान को समझना चाहिए
    आत्माध्यात्मिक विषय
    गलत लगे तो छमा करे

  • @MonuSambhi
    @MonuSambhi 13 ชั่วโมงที่ผ่านมา +1

    Hare Krishna 🙏