मनोबुद्ध्यहङ्कार चित्तानि नाहं न च श्रोत्रजिह्वे न च घ्राणनेत्रे । न च व्योम भूमिर्न तेजो न वायुः चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥१॥ न च प्राणसंज्ञो न वै पञ्चवायुः न वा सप्तधातुः न वा पञ्चकोशः । न वाक्पाणिपादं न चोपस्थपायु चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥२॥ न मे द्वेषरागौ न मे लोभमोहौ मदो नैव मे नैव मात्सर्यभावः । न धर्मो न चार्थो न कामो न मोक्षः चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥३॥ न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दुःखं न मन्त्रो न तीर्थो न वेदो न यज्ञ । अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥४॥ न मृत्युर्न शङ्का न मे जातिभेदः पिता नैव मे नैव माता न जन्मः । न बन्धुर्न मित्रं गुरुर्नैव शिष्यं चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥५॥ अहं निर्विकल्पो निराकाररूपो विभुत्वाच्च सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम् । न चासङ्गतं नैव मुक्तिर्न मेयः चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥६॥
The most powerfully soul-stirring rendition. I listen to this almost every day and yet cannot get enough. It's hypnotic. Grateful to Rishiji for his magic. May he be at peace forever. 🙏🙏🙏
मनोबुद्ध्यहङ्कारचित्तानि नाहं न च श्रोत्रजिह्वे न च घ्राणनेत्रे । न च व्योमभूमिर्न तेजो न वायुश्चिदानन्दरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ १॥ न च प्राणसंज्ञो न वै पञ्चवायुर्न वा सप्तधातुर्न वा पञ्चकोशः । न वाक्पाणिपादौ न चोपस्थपायुश्चिदानन्दरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ २॥ न मे द्वेषरागौ न मे लोभमोहौ मदो नैव मे नैव मात्सर्यभावः । (न मे वै मदो) न धर्मो न चार्थो न कामो न मोक्षश्चिदानन्दरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ ३॥ न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दुःखं न मन्त्रो न तीर्थं न वेदा न यज्ञाः । अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता चिदानन्दरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ ४॥ न मृत्युर्न शङ्का न मे जातिभेदः पिता नैव मे नैव माता न जन्म । ( var न मे मृत्यु शङ्का) न बन्धुर्न मित्रं गुरुर्नैव शिष्यश्चिदानन्दरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ ५॥ अहं निर्विकल्पो निराकाररूपो विभुर्व्याप्य सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम् । ( var विभुत्वाच्च) सदा मे समत्वं न मुक्तिर्न बन्धश्चिदानन्दरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ ६॥ (var न चासङ्गतं नैव मुक्तिर्न मेयश्चिदानन्दरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ ६॥) ॥ इति श्रीमच्छङ्कराचार्यविरचितं आत्मषट्कं सम्पूर्णम् ॥
Rishi nitya pragya ji...aapko shat shat pranam
चिदानन्दरूप: शिवोहम् शिवोहम्!🙏🙏
Just mesmerising.
Jyt Jyt Jay mat pita sdgur teacher bapdada chidanand rupam shivoham shivoham om nma shivayhariom nma shivay namestesye namestesye namestesye nmo nma om shanti
अद्भुत ,अतुलनीय एवं सर्वोत्तम
गंगा मैया का आशीर्वाद 🙌💐🌹💐🙌🙌
OM Namasivaya 🙏
Jai Gurudev 🙏🌷🙏
Bol bom 🙏🏻🙏🙏🏽🙏🏻🙏
हर हर महादेव शिवोः शिवोः सरूपम शिव ही सत्य है शिव ही हम में है शिव तुम में है शिव ही रोम रोम में शिव रस अन्तर मन घुल रहा है आपका शुक्रिया हर हर महादेव
Very good voice. By hearing only meditation on own self. Jai hatkesh.
Shampoorna anant sharnangati Shambhuji kei Sri Sri Kamal Charnomei 😌🙏JAI SHAMBHU 🙏
The most wonderful felling 🙏🙏🙏🌻🌻🌻🦋🦋🦋
मनोबुद्ध्यहङ्कार चित्तानि नाहं
न च श्रोत्रजिह्वे न च घ्राणनेत्रे ।
न च व्योम भूमिर्न तेजो न वायुः
चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥१॥
न च प्राणसंज्ञो न वै पञ्चवायुः
न वा सप्तधातुः न वा पञ्चकोशः ।
न वाक्पाणिपादं न चोपस्थपायु
चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥२॥
न मे द्वेषरागौ न मे लोभमोहौ
मदो नैव मे नैव मात्सर्यभावः ।
न धर्मो न चार्थो न कामो न मोक्षः
चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥३॥
न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दुःखं
न मन्त्रो न तीर्थो न वेदो न यज्ञ ।
अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता
चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥४॥
न मृत्युर्न शङ्का न मे जातिभेदः
पिता नैव मे नैव माता न जन्मः ।
न बन्धुर्न मित्रं गुरुर्नैव शिष्यं
चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥५॥
अहं निर्विकल्पो निराकाररूपो
विभुत्वाच्च सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम् ।
न चासङ्गतं नैव मुक्तिर्न मेयः
चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥६॥
thanks for lyrics.
बहुत दिनों बाद सत् चित् आनन्द की अनुभूति हुई। त्रिवार धन्यवाद।
मनोहरम्
OM NAMAH SHIVAY 🕉🙏🙏🙏🕉 SHIVOHAM SHIVOHAM 🕉🌻🔔🙏🕉
Jai Mahadev Shambhu Bholenath
🙏🙏🙏🙏🙏
शिवोहम शिवोहम 🙏
Shivoham Shivoham 😇🙏
🌷JAY MAA🌷
Om Namah Shivay 👏👏👏👏
Jay Matarani Ki 🌷👏
So nice
Mahadev...Shambhoo....dissolve my soul,mind,body in your Purification....Mahadev!🙌🙏🌷
Om namo shibayo,om namo shibayo,om namo shibayo,om namo shibayo,om namo shibayo. 🙏🙏🙏🙏🙏
Om nomo nomo Sibao nomo nomo nomoho.!!!!!!!
OM NAMAH SHIVAY
OOOM namashivayaa
Shivoham Shivoham 🔱💙💖💜
Chit ananda roopam shivoham shivoham
ॐ नमः शिवाय..🙏🙏🙏🙏
Om Namah Shivay🙏
Om namah shivay
Jai Mahadev Shambhu Bholenath
Nice Mantra.. Voice beautiful.. God bless
RUDRA MAHAKAAL KI JAI.
SHIVOHAM SHIVOHAM.
Jai Shiva Shankar soothing and so peaceful lovely voice l love this mantra always get emotional hari om
💚💚💚💚💚☘️☘️
🕉❇🕉
The most powerfully soul-stirring rendition. I listen to this almost every day and yet cannot get enough. It's hypnotic. Grateful to Rishiji for his magic. May he be at peace forever. 🙏🙏🙏
🙏
This mantra is ment for meditation please do not interrupt with ads in between
This Nirvana shatkam does not mean century .It is composed by Pujya Shankar Bhagawatpada shatkam means stotra having six (Shat ) stanzas (Shatkam )
Shame on you bro
Atleast mention the writter
मनोबुद्ध्यहङ्कारचित्तानि नाहं न च श्रोत्रजिह्वे न च घ्राणनेत्रे ।
न च व्योमभूमिर्न तेजो न वायुश्चिदानन्दरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ १॥
न च प्राणसंज्ञो न वै पञ्चवायुर्न वा सप्तधातुर्न वा पञ्चकोशः ।
न वाक्पाणिपादौ न चोपस्थपायुश्चिदानन्दरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ २॥
न मे द्वेषरागौ न मे लोभमोहौ मदो नैव मे नैव मात्सर्यभावः । (न मे वै मदो)
न धर्मो न चार्थो न कामो न मोक्षश्चिदानन्दरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ ३॥
न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दुःखं न मन्त्रो न तीर्थं न वेदा न यज्ञाः ।
अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता चिदानन्दरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ ४॥
न मृत्युर्न शङ्का न मे जातिभेदः पिता नैव मे नैव माता न जन्म । ( var न मे मृत्यु शङ्का)
न बन्धुर्न मित्रं गुरुर्नैव शिष्यश्चिदानन्दरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ ५॥
अहं निर्विकल्पो निराकाररूपो विभुर्व्याप्य सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम् । ( var विभुत्वाच्च)
सदा मे समत्वं न मुक्तिर्न बन्धश्चिदानन्दरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ ६॥
(var न चासङ्गतं नैव मुक्तिर्न मेयश्चिदानन्दरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ ६॥)
॥ इति श्रीमच्छङ्कराचार्यविरचितं आत्मषट्कं सम्पूर्णम् ॥
Om namah shivay