मैं 'काबिल' हूॅं जमाने से मुझे नाकाम ना समझो, छुपा है खास कुछ मुझमें मुझे तुम आम ना समझो, किया होगा नशा तुमने मगर चढ़ता नहीं होगा, उतर जाए नशा जिसका मुझे वो जाम ना समझो, कि माना लाल है थोड़ा अभी ये रौशनी कम है, निकलता चाॅंदना है ये इसे तुम शाम ना समझो, जहाॅं भी मैं निकलता हूॅं कतारें लग ही जाती हैं, मेरा है नाम दुनिया में मुझे बदनाम ना समझो, खड़ा हूॅं मैं बुलंदी पर कदम फिर भी नहीं रुकते, मेरी रफ्तार धीमी है इसे आराम ना समझो, बहुत मुश्किल से पहुॅंचा हूॅं मैं अपनी पास मंजिल के, मिला है फल ये मेहनत का इसे इनआम ना समझो, नहीं मालूम बातें जो तुम्हें वो मैं बताता हूॅं, है मेरा नाम दुनिया में मुझे गुमनाम ना समझो, अभी 'काबिल' मुझे कह कर सनम तुमने पुकारा क्यों, तखल्लुस है मेरा 'काबिल' इसे तुम नाम ना समझो। नाम - राजा सिंह 'काबिल'
Irshad aaj k Sahir s qareebtareen lyricist hain
Bahot khub sir
Love from Rajasthan ❤️ nmstai sir❤️
Oh Sahir
My dearest poet!
❤️❤️❤️
❤
Aap ye videos banate rahite, bhale hi ye aaj nhi lekin kuch saal baad log yhi aaenge, kyoki yahi chach m makhan hai
Nice
Very nice
Bohot khoob sir 🙏🏻✨
Saahir sahab mere sabse favourite sayar me se ek hain🙏🥀💐
Always waiting for your video ❤️
बहुत ही बेहतरीन ... तआरुफ ...
Khubsurat story❤️
Aur sir aapke gaane v hame bohot achhe lagte hain.🙏🥀💐❤️
Behad Khuubsurat 🧡
Sir shakeel badayuni pe bhi episode Bano aur unke baare bhi batao kuch
I salute you sir for your songs give us
Can I meet you
इस एपिसोड के लिए आपको बेहद शुक्रिया!
-शेखर चंद्र मित्रा
sir next series on shiv kumar batalvi 🙏🙏
Lajavaab kissa tha... Aakhir me Pyaasa ki jhalak milti hai isme.
sir i am big fan of yours, ap ke yt video me 3-4 chhoti chhoti gltya he jisase jyada views nahi aa raha he . i can help you sir
कामिल साहब मोहब्बत कभी एकतरफा होती है या नहीं ???
मैं 'काबिल' हूॅं जमाने से मुझे नाकाम ना समझो,
छुपा है खास कुछ मुझमें मुझे तुम आम ना समझो,
किया होगा नशा तुमने मगर चढ़ता नहीं होगा,
उतर जाए नशा जिसका मुझे वो जाम ना समझो,
कि माना लाल है थोड़ा अभी ये रौशनी कम है,
निकलता चाॅंदना है ये इसे तुम शाम ना समझो,
जहाॅं भी मैं निकलता हूॅं कतारें लग ही जाती हैं,
मेरा है नाम दुनिया में मुझे बदनाम ना समझो,
खड़ा हूॅं मैं बुलंदी पर कदम फिर भी नहीं रुकते,
मेरी रफ्तार धीमी है इसे आराम ना समझो,
बहुत मुश्किल से पहुॅंचा हूॅं मैं अपनी पास मंजिल के,
मिला है फल ये मेहनत का इसे इनआम ना समझो,
नहीं मालूम बातें जो तुम्हें वो मैं बताता हूॅं,
है मेरा नाम दुनिया में मुझे गुमनाम ना समझो,
अभी 'काबिल' मुझे कह कर सनम तुमने पुकारा क्यों,
तखल्लुस है मेरा 'काबिल' इसे तुम नाम ना समझो।
नाम - राजा सिंह 'काबिल'