@@cblive11 सर आपने बहुत सुंदर कहानी बनाई है Alirajpur Jhabua jila sbse गरीब जिला हैं, और यह लगातार चलता रहेगा तो और भी गरीब बनता जाएगा, एक सादी का खर्चा 5 से 8 लाख का खर्चा आता कोई घर लाड़ी लाना रहता तो
ये कहानी बहुत अच्छी लगी , और हमारे समाज में जो दहेज प्रथा की परंपरा चल रही हैं जिसके कारण हमारी बहनो के हाथों मेहंदी और हल्दी सूट ही नहीं पाति उससे पहले हमारी बहनों को ससुराल वालों के कर्ज को चुकाने के लिए बहार निकल ना पड़ता है , इसी दुख को दूर करने के लिए हम हमारे समाज को समझाने का पूरा प्रयास करेंगे , और हम खुद भी इस पर अमल करेंगे , हमारे समाज सुधार के लिए सर ने इतने अच्छे विचार साझा किए उसके लिए सर का दिल से धन्यवाद ।🙏🏻
सर यह कहानी एकदम सही है , इसके लिए समाज के लोग हम सब को मिलकर ही इस दहेज पृथा को एक सीमित राशि तय करनी होगी ,तभी अपना आदिवासी समाज आगे बढ़ॆगा ,आपकी इस कहानी से बहुत से समाज के लोगों की जिंदगी सवर जायेगी
बहुत ही मार्मिक कहानी है। समाज के जिम्मेदारों को इसमें सुधार के लिए कदम उठाना चाहिए। ताकि समाज के बेटी बेटो को कर्ज मे डूब कर साहूकार के चंगुल मे फँस कर इस तरह जाना ना पड़े।
❤❤❤ मैं आपकी कहानी से पुरी तरह से सहमत हूं ❤❤❤ जैसे आप ने कहा वैसे ही होना बहुत जरूरी है ❤❤❤ तभी हमारा समाज बाहर निकलेगा ❤❤❤ बहुत बहुत धन्यवाद साब जी आपका तहे दिल से में आपका स्वागत करता हूं
जय सेवा जोहार सर जी मैं नागपुर महाराष्ट्र से अपने आदिवासी मूलवासी समाज में,, देहज़ प्रता नही है और आज कल हो 😢देहाज़ को बढ़ावा दे रहे है इन लोगो को समाज मे रहने का कोई भी हक, ना अधिकार नहीं है,, जय सेवा
यह कहानी वास्तविक घटना पर आधारित है,प्राय देखा जाता है की आदिवासी समाज अपनी परम्पराओं का हवाला देकर इन कुप्रथाओं को संजोता आ रहा है परंतु आने वाली पढ़ी लिखी पीढ़ी ने इनके निपटने के लिए कदम उठाए है और आगे भी निरंतर इसको आगे बढ़ाने की आवश्यकता है,आप जैसी महान पत्रकार,विचारक,और अन्य समाज कल्याण में लगे व्यक्तियों के माध्यम से समाज में बदलाव लाया जा सकता है! आदिवासी समाज के उत्थान के लिए आपके द्वारा किया गया कार्य बहुत ही सराहनीय है,आपके इस कार्य के लिए आदिवासी समाज आपका ऋणी रहेगा महोदय!!
Cb live चैनल का बहोत बहोत आभार Qki आपका एक ऐसा चैनल है जो आदिवासी समाज को अच्छे स्तर पर ले जाने की बात करते हो सबसे ज्यादा गरीबी esliye भी है की साहूकारों से कर्ज लेकर दहेज देने के बाद हर आदिवासी घर के यही हाल है
गंभीर विषय लेकर आये है सर आप सभी समाज संगठनो को इस कहानी के मुद्दे पर विचार मंथन करना चाहिए और सामाजिक कुप्रथा ओं को रोकने के लिए परम्पराओं को में सुधार करने की जरुरत हो तो स्वीकार करना चाहिए
बिल्कुल सही बात है सर हमारे आदिवासी समाज में दहेज प्रथा यह बिल्कुल सही बात है क्योंकि दहेज के कारण वह अपने बच्चों को भी नहीं पढ़ पाते हैं वह कर्ज उसको सूखने सुखाते हैं उनके बच्चे भी बड़े हो जाते हैं जिस प्रकार से अपने माता पिता की जिंदगी गुजरी है उसी प्रकार अपनी बच्चों की भी जिंदगी खराब हो जाती हे
सर जी कहानी बहुत दिलसस्प है आपकी अपिल के बाद में भी समाज के सभी गांव के तड़वी सरपंच और सभी आदिवाशी समाज के नेताओ को हाथ जोड़कर निवेदन करता हु की आप सभी आगे आए और हर गांव फलियों तक बैठक रखे दहेज काम करवाए दिल से धन्यवाद सर जी आपने यह अपील की ❤❤❤❤
आदरणीय आप ने आदिवासी समाज में दहेज दापा का सबसे बड़ा विषय समाज के सामने रखा है। इस दहेज दापा में गांव के भील पंचायत एवं तड़वी पटेल की सबसे बड़ी भूमिका होती हैं। अगर गांव के सभी तड़वी पटेल एक जाजम में बैठ कर बात करे, तो इस गंभीर विषय का हल निकल सकता है।
आदरणीय भदोरियाजी आपके द्वारा समाज के लिए बहुत ही शिक्षाप्रद ,समाज को अग्रणी बनाने के लिए बहुत ही सराहनीय प्रयास आशा है पूरा समाज नहीं किंतु कुछ लोग तो इस कहानी को समझेंगे समझ सुधारकों को भी इस और प्रयास करने चाहिए
आपने देजा के साइड इफेक्ट अच्छे से बताने की कोशिश की है.. वास्तव मे समाज को ईस देजा दारू और DJ ने बर्बादी की कगार पर ले जाकर खड़ा कर दिया है। आपकी ये वीडियो हर घर हर बाप बेटी तक पहुंचना ही चाहिए। शुक्रिया.. 👏👍✌️🏹
चन्द्र भण भदोरिया जी धन्यवाद आपको हमारी अधिवासी समाज को जगाने का एक बहुत बड़ा क़दम उठाए हैं और समाज को भी समजना है कि देहेज लेना नहीं चाहिये मे रामचन्द्र सोलंकी सुल्तानपुर ते पेटलावद जिला झाबुआ जिला अध्यक्ष बीएसपी
ये सही बात कही है सर आपने क्योंकि हमारे आदिवासी समाज के लोग नही समझते की हमारी बेटी का क्या होगा यू वो बहुत ही ज्यादा पैसे लेते हैं फिर हमारी बहन बेटी का क्या होगा ये नही समझते पूरा कर्ज चुकाने के बदले जिंदगी पूरी हो जाती हैं ना तो नौकरी मिल पाती हैं ये सब हमारे आदिवासी समाज के लोग नही समझते हैं 😢😢😢
बहुत ही सही है सर इस दर्द को मैं महसूस करता हूं पीआर मजबूर हूं समाज के ठीकेदारो के आगे के सब चाहते हैं कि ये सब बनाद होना चाहिए मगर समाज के कुछ प्रभावशाली लोग जो ये नहीं चाहते❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉
आदरणीय भदौरिया जी आपने आदिवासी समाज की बहन, बेटियों का जो दर्द समजा हैं वो सही है,...यही उदाहरण मैने ठीक 1 एक साल पहले बताया था लेकिन मेरे समाज के मेरे अपनों ने मेरा विरोध किया था ,परंतु मैने 2.50 दो लाख पच्चास हजार की जगह 2 दो लाख करवाया दारू भी मेरे फलिया मे करवाए !
मेरा सभी आदिवासी भाईयों से निवेदन है कि अगर कहानी दिल पर लगी हो तो इस लिंक को ज्यादा से ज्यादा WhatsApp ग्रुपो मे शेयर कीजिएगा
Sahi kaha sir ji aapne
Sir आपकी हर एक वीडियो देखते हैं
@@cblive11 सर आपने बहुत सुंदर कहानी बनाई है
Alirajpur Jhabua jila sbse गरीब जिला हैं, और यह लगातार चलता रहेगा तो और भी गरीब बनता जाएगा,
एक सादी का खर्चा 5 से 8 लाख का खर्चा आता कोई घर लाड़ी लाना रहता तो
Sir
Please mera comment ek bar jarur pade
❤❤❤❤❤
समाज को जागरूक करने हेतु इस तरह के एपिसोड बनाने के लिए श्रीमानजी का बहुत बहुत धन्यवाद...❤🙏
आदिवासी सभी के लिए कहानी बहुत ही सुंदर है कहानी के माध्यम से सभी को शिख लेने की जरूरत है बहुत बहुत धन्यवाद cb लाइव को
आदिवासी सभी के लिए कहानी बहुत ही सुंदर है कहानी के माध्यम से सभी को शिख लेने की जरूरत है बहुत बहुत धन्यवाद cb लाइव को❤❤
ये कहानी बहुत अच्छी लगी , और हमारे समाज में जो दहेज प्रथा की परंपरा चल रही हैं जिसके कारण हमारी बहनो के हाथों मेहंदी और हल्दी सूट ही नहीं पाति उससे पहले हमारी बहनों को ससुराल वालों के कर्ज को चुकाने के लिए बहार निकल ना पड़ता है , इसी दुख को दूर करने के लिए हम हमारे समाज को समझाने का पूरा प्रयास करेंगे , और हम खुद भी इस पर अमल करेंगे , हमारे समाज सुधार के लिए सर ने इतने अच्छे विचार साझा किए उसके लिए सर का दिल से धन्यवाद ।🙏🏻
सर यह कहानी एकदम सही है , इसके लिए समाज के लोग हम सब को मिलकर ही इस दहेज पृथा को एक सीमित राशि तय करनी होगी ,तभी अपना आदिवासी समाज आगे बढ़ॆगा ,आपकी इस कहानी से बहुत से समाज के लोगों की जिंदगी सवर जायेगी
Jay johar sir ji ❤❤❤❤❤❤❤❤ में डूंगरपुर राजस्थान से हू हमारे यह दहेज प्रथा नहीं है
❤ बिल्कुल पहल होनी चाहिये जिससे समाज में बदलाव आ सके
एकदम रियल कहानी सर जी
ना दहेज लेना ना दहेज देना समाज को बचाना 👍✅
सही है कहानी हैं सर।
सोच समझ कर बनाई है सर समाज को सुधारने के लिए थैंक यू सर
C B live झाबुआ वाले सर हमेशा अपने आदिवासीयों के आर्थिक विकास सुधार की आवाज़ उठाते हैं। धन्यवाद।
बिल्कुल सत्य कहानी है साहब
बहुत अच्छी कहानी है इस कहानी से सामाजिक लोगों को सीख लेनी चाहिए और समाज के हित मे कार्य करना चाहिए। दहेज प्रथा एक अभिशाप है यह खत्म होनी चाहिए। ❤
जरूर ऐसी पहल की जानी चाहिए जिससे समाज में दहेज धापा जैसी कुरीतियों को खत्म किया जा सके
बहुत ही मार्मिक कहानी है। समाज के जिम्मेदारों को इसमें सुधार के लिए कदम उठाना चाहिए। ताकि समाज के बेटी बेटो को कर्ज मे डूब कर साहूकार के चंगुल मे फँस कर इस तरह जाना ना पड़े।
हा भाई लेकिन समाज में देहज का रीति रिवाज खत्म कर देना चाहिए
पूरी कहानी सुनकर मन विचलित हो गया है इतना दहेज नही लेना चाहिए किसी का जीवन ही बर्बाद हो जाये दादा आपको बहुत-बहुत धन्यवाद इस कहानी के लिये❤ ..
धन्यवाद सर...बहुत अच्छी कहानी👍
जी सर नमस्ते
आप ने जो कहानी कि हे हमारे आदिवासी समाज सुधार के लिए बहुत अच्छी पहल हे ,, समाज में परिवर्तन बहुत ज़रूरी हे।
धन्यवाद
बहुत बहुत धन्यवाद भाई साहब
You are right sir
यह बहुत अच्छी कहानी बनाया आपने सर आपने अच्छा
Bilkul sahi baat hai sir ji aapko johar ❤❤❤❤
बिल्कुल होना चाहिए भाई साहब
Mujhe ye Bat sun kar rona aa raha hai 😢😢😢
❤❤❤ मैं आपकी कहानी से पुरी तरह से सहमत हूं ❤❤❤ जैसे आप ने कहा वैसे ही होना बहुत जरूरी है ❤❤❤ तभी हमारा समाज बाहर निकलेगा ❤❤❤ बहुत बहुत धन्यवाद साब जी आपका तहे दिल से में आपका स्वागत करता हूं
जय सेवा जोहार सर जी मैं नागपुर महाराष्ट्र से अपने आदिवासी मूलवासी समाज में,, देहज़ प्रता नही है और आज कल हो 😢देहाज़ को बढ़ावा दे रहे है इन लोगो को समाज मे रहने का कोई भी हक, ना अधिकार नहीं है,, जय सेवा
सर आपको बहुत बहुत धन्यवाद जो आपने इतना सोचा और आदिवासी समाज को समझा और हम जरूर इस पर बात करेंगे संगठन के थरू समझायेगे इस समाज को❤
सर बहुत सही कहानी हैं आपने समाज को बहुत ही करीब से देखा ओर समझा है धन्यावाद सर
इस कुप्रथा का दमन होना चाहिए... बहुत ही मार्मिक और अनुकरणीय संदेश..
बहुत बढ़िया sar Danyawad आपको कोटि कोटि नमन जोहर🎉
ऐसी कहानी तो किसी गुरु को भी नहीं आती सर आपने कहानी बनाई एक बहुत बहुत धन्यवाद ❤❤❤❤
Vah kya baat hai mere to Dil Ko chhu gai hai baat
यह कहानी वास्तविक घटना पर आधारित है,प्राय देखा जाता है की आदिवासी समाज अपनी परम्पराओं का हवाला देकर इन कुप्रथाओं को संजोता आ रहा है परंतु आने वाली पढ़ी लिखी पीढ़ी ने इनके निपटने के लिए कदम उठाए है और आगे भी निरंतर इसको आगे बढ़ाने की आवश्यकता है,आप जैसी महान पत्रकार,विचारक,और अन्य समाज कल्याण में लगे व्यक्तियों के माध्यम से समाज में बदलाव लाया जा सकता है!
आदिवासी समाज के उत्थान के लिए आपके द्वारा किया गया कार्य बहुत ही सराहनीय है,आपके इस कार्य के लिए आदिवासी समाज आपका ऋणी रहेगा महोदय!!
समाज को सुधार की आवश्यकता है
Bilkul sahi kaha aapne saheb
बहुत अच्छी कहानी सर
जरूर इस कहानी को सुनकर समाज मे बदलाव आना चाहिए 👏
हर गांव के पटेल लोगो को इस और धयान देना चाहिए
Cb live चैनल का बहोत बहोत आभार
Qki आपका एक ऐसा चैनल है जो आदिवासी समाज को अच्छे स्तर पर ले जाने की बात करते हो
सबसे ज्यादा गरीबी esliye भी है की साहूकारों से कर्ज लेकर दहेज देने के बाद हर आदिवासी घर के यही हाल है
समाज को जगरूग करना चाहिए ये बात मुझे अच्छी लगी है
दहेज और dj साउंड पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाना चाहिए ,जिससे आदिवासी समाज का बहुत कुछ भला हो सकता है ❤ जय आदिवासी राम राम 🙏
Good video for awerness in change life trible comunity
you are great sir ji
Salute you
धन्यवाद सर आप ने इस बात को समाज की बातों को रखा हमारी समाज दहेज दारू डीजा और अन्य खरचा बन्ध करेगा तो सहरो में नहीं भटकेंगे
आपने इतनी अच्छी जानकारी देने के लिए आपका लाख लाख शुक्र. भाई साहब
गंभीर विषय लेकर आये है सर आप
सभी समाज संगठनो को इस कहानी के मुद्दे पर विचार मंथन करना चाहिए और सामाजिक
कुप्रथा ओं को रोकने के लिए परम्पराओं को में सुधार करने की जरुरत हो तो स्वीकार करना चाहिए
धन्यवाद सर
बहुत ही प्रेरणादायक कहानी है भदौरिया जी आप हमारे आदिवासी समाज सुधारने वाले वीडियो बनाया करो। हमारे भाईयो और बहनों के लिऐ बहुत ही बढ़िया है।
जोरदार कहानी
बहुत सुंदर कहानी है
भदोरिया जी बहुत बहुत बधाई हो , आपने बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दे पर आपने Cb live पर लोगो को जागृत करने का कार्य किया है.
Thank you sir. It was emotional story on reality character. It has to think about this
Dil Su gyi Dil se Selut Sir Ji
सभी आदिवासी भाइयों से निवेदन है ऐ कहानी पुरी सुने हो सके कीसी लड़की कि जिंदगी सुंदर जाए जय जोहार जय आदिवासी
Bahut Accha message hai sir is kahani mein, Bahut accha kaam kar rhe ho sir aap logo ko jagruk krne ke liye bahut acchi pahal hai 🥺👍🏻
बिल्कुल सत्य बात है हकीकत है ये आदिवासियों की बेटी का बाप जितना दहेज़ कम ज्यादा लेगा इसी हिसाब से बेटी का सुख दुःख का निर्णय होता है बेटियों का
भदौरिया जी ये बाते सुन कर मैं बहुत भावुक हूवा समाज को आगे आ कर कुछ काम करने की जरूरत है।
सर इस दहेज के कारण ही आदिवासियों को गुजरात जाना पड़ता है ।
दहेज बेटियों की खुशियां छिनने का माध्यम बन गया हे।
बिल्कुल सही बात है सर हमारे आदिवासी समाज में दहेज प्रथा यह बिल्कुल सही बात है क्योंकि दहेज के कारण वह अपने बच्चों को भी नहीं पढ़ पाते हैं वह कर्ज उसको सूखने सुखाते हैं उनके बच्चे भी बड़े हो जाते हैं जिस प्रकार से अपने माता पिता की जिंदगी गुजरी है उसी प्रकार अपनी बच्चों की भी जिंदगी खराब हो जाती हे
बहुत सुंदर रचना बडोरिया जी
Sahi bat sir
सही बात है सर 👍
हमारा नेता बोहत प्रयास कर रहे हैं प्र हमारे भील समाज कहा मानते हैं भ्देरिया जी साहब
दिल को छू लिया इस कहानी ने ❤❤❤ दिल से धन्यवाद सर जी ❤🙏🙏🥺
Bahut achi bat k hi Bhadoria ji
Badlav hona chahiye
Jay johar sir
, उनमें से 100% हकीकत बात है
सर आपका धन्यवाद
सर जी कहानी बहुत दिलसस्प है आपकी अपिल के बाद में भी समाज के सभी गांव के तड़वी सरपंच और सभी आदिवाशी समाज के नेताओ को हाथ जोड़कर निवेदन करता हु की आप सभी आगे आए और हर गांव फलियों तक बैठक रखे दहेज काम करवाए दिल से धन्यवाद सर जी आपने यह अपील की ❤❤❤❤
Sahi hai 🙏🙏
आपने बहुत अच्छी कहानी है इस कहानी से हमें दहेज प्रथा को रोकने के प्रति शिक्षा मिलती है
बिल्कुल सही है sir
जी आपका विचार सही है। ऐसा होना चाहिए और में भी कुछ सालो से इस दिसा में प्रयास रत हु
दहेज के लिए सभी शिक्षित युवा और युवतियों को आगे आने कि जरूरत है
आदरणीय आप ने आदिवासी समाज में दहेज दापा का सबसे बड़ा विषय समाज के सामने रखा है। इस दहेज दापा में गांव के भील पंचायत एवं तड़वी पटेल की सबसे बड़ी भूमिका होती हैं। अगर गांव के सभी तड़वी पटेल एक जाजम में बैठ कर बात करे, तो इस गंभीर विषय का हल निकल सकता है।
आदरणीय भदोरियाजी आपके द्वारा समाज के लिए बहुत ही शिक्षाप्रद ,समाज को अग्रणी बनाने के लिए बहुत ही सराहनीय प्रयास
आशा है पूरा समाज नहीं किंतु कुछ लोग तो इस कहानी को समझेंगे
समझ सुधारकों को भी इस और प्रयास करने चाहिए
Very nice
बहुत शानदार विचार व्यक्त किया है।
बहुत बहुत धन्यवाद भदोरिया जी
कहानी बहुत अच्छी लगी, इसलिए 10 ग्रुपों में share कर रहा हूं और वास्तव में दहेज प्रथा पर लगाम लगाना चाहिए!!
Thank you so much sir ji hamare coment ka video banaya Dil se dhnyavad🙏😍
सर ये कहानी सुनकर मेरा दिल पिगल गया
Bilkul sahi bole sir app ne dahej ki vajah se ye mamla bigad ta ja raha
Sahi baat sir ji ❤❤
इस कहानी के दौरान कुछ तो समझ आया है
हा भाई लेकिन समाज में देहज का रीति रिवाज खत्म कर देना चाहिए
Log kaha sunte yrr
आपने देजा के साइड इफेक्ट अच्छे से बताने की कोशिश की है..
वास्तव मे समाज को ईस देजा दारू और DJ ने बर्बादी की कगार पर ले जाकर खड़ा कर दिया है।
आपकी ये वीडियो हर घर हर बाप बेटी तक पहुंचना ही चाहिए।
शुक्रिया.. 👏👍✌️🏹
यह एक सच्ची कहानी है
चन्द्र भण भदोरिया जी धन्यवाद आपको हमारी अधिवासी समाज को जगाने का एक बहुत बड़ा क़दम उठाए हैं और समाज को भी समजना है कि देहेज लेना नहीं चाहिये मे रामचन्द्र सोलंकी सुल्तानपुर ते पेटलावद जिला झाबुआ जिला अध्यक्ष बीएसपी
C,b, लाइव, भाई साहब,कोबहुत, बहुत, हार्दिक शुभकामनाएं
यह केवल आदिवासी समाज के लिए ही नही बाकी सभी समझो के लिए अभिश्राप होता जा रहा है,,,,।
Good sir❤❤❤
❤❤❤❤ दहेज प्रथा बंद होनी चाहिए तभी पलायन रुक सकती है
चाहे #दहेज हो या #दाफा.... #गरीब-आदिवासियों को मजदूरी तो दोनों में करना पड़ता है !!!
You are right 👍 sir ji
ये सही बात कही है सर आपने क्योंकि हमारे आदिवासी समाज के लोग नही समझते की हमारी बेटी का क्या होगा यू वो बहुत ही ज्यादा पैसे लेते हैं फिर हमारी बहन बेटी का क्या होगा ये नही समझते पूरा कर्ज चुकाने के बदले जिंदगी पूरी हो जाती हैं ना तो नौकरी मिल पाती हैं ये सब हमारे आदिवासी समाज के लोग नही समझते हैं 😢😢😢
बहुत ही सही है सर इस दर्द को मैं महसूस करता हूं पीआर मजबूर हूं समाज के ठीकेदारो के आगे के सब चाहते हैं कि ये सब बनाद होना चाहिए मगर समाज के कुछ प्रभावशाली लोग जो ये नहीं चाहते❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉
बात तो एक दम सही है
हां सर ठीक कहा तुमने समाज को सुधारना होगा इसलिए हमारा आदिवासी पीछे है
आप dhej की बात की सही हे सर
आदरणीय भदौरिया जी आपने आदिवासी समाज की बहन, बेटियों का जो दर्द समजा हैं वो सही है,...यही उदाहरण मैने ठीक 1 एक साल पहले बताया था लेकिन मेरे समाज के मेरे अपनों ने मेरा विरोध किया था ,परंतु मैने 2.50 दो लाख पच्चास हजार की जगह 2 दो लाख करवाया दारू भी मेरे फलिया मे करवाए !
बन्द