आरती की जै बड़ादेव की आरती, परम शक्ति श्रद्धेय की आरती, आरती जय बड़ादेव देव की आरती होय, रवि शशि धरा पवन अरू पानी, पंच भूतादि महारस सानी । प्राकृत सत्यमय शक्ति समूहा, रहस्य अनंत अति गहवर गृहा, गति नियति नव नेव. देव की आरती होय ।। आरती जय बड़ादेव ।। रज कंण मेरू सुमेरू शिला हिम, लता बेल तरू पल्ल्व नील नीम। सप्त दीप नव खण्ड आकाशा, नित नव तेज नव पुंज प्रकाशा । कोयतूर, भक्ति मय सेव, देव की आरती होय ।। आरती जय बड़ादेव ।। जीव अंनत जड़ चेत जलज अण्डज पिण्डज स्वेदा। अचेता, बालवृद्ध अबाल अबोध. दिव्य शक्ति मय प्रार्थना प्रबोधन। समगत दृष्टि न भेव, देव की आरती होय ।। आरती जय बड़ादेव ।। गवरा शंभू कंकालीन जंगो, राव पाट ठाकुर देव लिंगो। विनय करत नित भक्ति मय पूजा, न ही समरथ कोई देव न दूजा। जगत नियंतादेव, देव की आरती हाय।। आरती जय बड़ादेव ।। जो नित बूढ़ादेव जस गावे, पत्र-पुष्प नित धूप जलावे, कोयतूर जे कोया फूल चढ़ावें, शक्ति संपदा वांच्छित पावे। करही कृपा बड़ादेव ।। आरती जय बड़ादेव ।। देव की आरती होय ।। आरती जय बड़ादेव ।। आरती कीजै बड़ादेव की आरती, परम शक्ति श्रद्धेय की आरती, आरती जय बड़ादेव देव की आरती होय
Bahut sundr geet dada ji
Jay seva Jay bada Dev Jay gondwa
❤ Jai sewa
Jay sewa
Jai johar dada
Jay seva, jay babadev,,
Bada dew n sewa sewa
Jay seva jay johar Jay badadev
Sewa... Sewa... Sewa dada bhaiya ji
@@HariChetansingh-mq5se jay johar ji
बहुत ही सुन्दर गोंडी बाड़ादेव भजन ❤❤
जय सेवा जय जोहार
Bda devta,na,sewa,sewa,🤚🤚🤚🤚✊✊✊✊
Jai sewa Johar sathiyo
JAy JOHAR JAY SEVA
Jai sewa jai johar bahut bahut dhanyawad dhanyawad dhanyawad aap man la🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Jay johar.... thanks
aapka git sundar hai
आपका आवाज गीत का धुन बहुत ही अच्छी है
3:25
Thanks
सजोर पेन ता सेवा सेवा फड़ा पेन ता सेवा सेवा
आरती बड़ादेव जी के बहुत ही अच्छा लगा। ओर ये किस ग्रंथ है क्या ये ही रामायनी है
गोंडी ग्रंथ का नाम क्या है ।
@@sumransinghmasram4350 koyo punem gondi gatha
आरती की जै बड़ादेव की आरती, परम शक्ति श्रद्धेय की आरती, आरती जय बड़ादेव देव की आरती होय,
रवि शशि धरा पवन अरू पानी, पंच भूतादि महारस सानी ।
प्राकृत सत्यमय शक्ति समूहा, रहस्य अनंत अति गहवर गृहा,
गति नियति नव नेव. देव की आरती होय ।। आरती जय बड़ादेव ।।
रज कंण मेरू सुमेरू शिला हिम, लता बेल तरू पल्ल्व नील नीम।
सप्त दीप नव खण्ड आकाशा, नित नव तेज नव पुंज प्रकाशा । कोयतूर, भक्ति मय सेव,
देव की आरती होय ।। आरती जय बड़ादेव ।। जीव अंनत जड़ चेत जलज अण्डज पिण्डज स्वेदा। अचेता,
बालवृद्ध अबाल अबोध.
दिव्य शक्ति मय प्रार्थना प्रबोधन।
समगत दृष्टि न भेव, देव की आरती होय ।। आरती जय बड़ादेव ।।
गवरा शंभू कंकालीन जंगो, राव पाट ठाकुर देव लिंगो।
विनय करत नित भक्ति मय पूजा, न ही समरथ कोई देव न दूजा।
जगत नियंतादेव, देव की आरती हाय।। आरती जय बड़ादेव ।। जो नित बूढ़ादेव जस गावे, पत्र-पुष्प नित धूप जलावे,
कोयतूर जे कोया फूल चढ़ावें, शक्ति संपदा वांच्छित पावे। करही कृपा बड़ादेव ।। आरती जय बड़ादेव ।।
देव की आरती होय ।। आरती जय बड़ादेव ।।
आरती कीजै बड़ादेव की आरती,
परम शक्ति श्रद्धेय की आरती,
आरती जय बड़ादेव देव की आरती होय
jai seva mai balramur chhattisgarh se hun
aapse nivedan hai ki aap akhand wala git dalen aur banaye
Ji bilkul
कृप्या तर्ज बदल लेते तो अच्छा रहता l
क्यों कि ए तर्ज रामचरित मानस का है मजा नहीं आ रहा ऐसे में
Ap sabhi saga jano ko sadar seva johar ji.
Ap sabhi saga jano ko hardik badhai ,shubhkamnaye ji
Bahut sundr geet dada ji
P
johar seva johar