गजल हो सके तो जरा मुस्कुरा दीजिए स्वर कवि कमल कंचन

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  • เผยแพร่เมื่อ 23 ม.ค. 2025

ความคิดเห็น • 2

  • @rajveersingh2707
    @rajveersingh2707 25 วันที่ผ่านมา +1

    बहुत ही शानदार, ढोलक भी मस्त है।

  • @ramkrishan2225
    @ramkrishan2225 27 วันที่ผ่านมา

    कल की बातों को दिल से भुला दीजिए,👍 सही कहा आपने यानि कि सारे शिकवे गिले भुला दीजिए ,अब मिलजुल कर जिंदगी में मुस्कुराकर जिये।