नालंदा विनाश के पीछे का सच, क्या वाकई लालच था? Why Did Nalanda Burn? Mystery of a Lost University.
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- เผยแพร่เมื่อ 20 มิ.ย. 2024
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सर जी ऐसा लगा की आज अपने मुसलमानों की सच्चाई बताई है इनके कारनामे खोले हैं
कलाई खुली है उन ब्राह्मणों की जिन होने नालंदा को जलाया था,यह झूठा इतिहास पढ़ा रहा है इसे नालंदा के बारे में कुछ पता भी नहीं है,बस गलत सुनी सुनाई बाते डाल रहा है लेक्चर में,और रही बात मुसलमान की अगर अच्छे से अच्छे मुसलमान की बात भी आप लोगो(किसी समुदाय प्रति गलत भावनाओ से ग्रसित और पाखंडी समाजों के साथ पले बड़े लोग)के कान में गूस जाय तो कान के अंदर एक भूचाल पैदा होजाता है,एक लुटेरा, एक हत्यारा,एक बलात्कारी,एक चोर,एक नर भक्षी और पता नही क्या क्या दिमाग में पैदा होता,जबकि सारे वैदिक (जो आज के सनातनी,और हिंदू बने बैठे है) पता नही इन्होंने कितने बौद्धओ , जैनओ को मारा लूटा क्या क्या nhi किया वो तो पुराना अतीत पढ़ने पर ही मालूम होसकता है को यह आज के नकली पढ़ने वाले थोड़े ही पढ़ाएंगे।
क्या भारत में सब राजे लोग नपुंसक थै
@@ankushdate5414भारत के एक भी राजा नपुंसकनहीं थे बल्कि वह छोटे छोटे राज्य में बटे हुए थे उन्होंने पूरे राजपरिवार साथ अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया इसके उदाहरण इतिहास में मौजूद है जालौरके कानड देव वीरमदेव सिवानके शीतल देव चित्तौड़ के राणा रतन सिंह आदि इतिहास में उदाहरण मौजूद है नपुंसक तो तुम जैसे लोग थे जिनका राष्ट्रीय का कोई योगदान नहींथा
अब हम सबको मिलाकर तुलना करते हैं तो इस निर्णय पर पहुंचते हैं कि इनका उद्देश्य केवल और एक ही था पुरे आर्यावर्त का इस्लामीकरण करना। शायद मैं सही हूं।
Mante hai ki aap ka bat sahi hai to jab mandir Tut rhe the to mandir ke Devi Devta kya kar rahe the..
देवी देवता परीक्षा ले रहे थे कि मातृभूमि पर मर मिटने वाले कितने हैं और ईश्वर हमेशा परीक्षा लेता है ईश्वर देखते हैं शुरवीर कितने हैं और तेरे जैसे हिजड़े कितने हैं
@@RANJEETKUMAR-ro8evईश्वर उस समय परीक्षा ले रहे थे कि शूरवीर कितने हैं मातृभूमि पर मर मिटने वाले कितने हैं और तेरे जैसे हिजड़े कितने हैं ऐसे आक्रमण के समय में ही शूरवीर और हिजड़ों की पहचान होती है अगर देवी देवता खुद रक्षा कर ले तो शूरवीर और हिजड़ों की पहचान नहीं हो पाए
भारतीय राजाओं ने कई सारी भूल की सबसे बड़ी भूल दुश्मनों में भी ईमानदारी ढूंढना 😡
👉🏼जब 1192 - 1200 A.D के बीच दिल्ली, पंजाब का चौहान राजवंश और उत्तर प्रदेश, बिहार के क्षेत्र मे गहडवाल राजवंश का अंत (तुर्क-अफगान) ने कर दिया तब उसी समय मे👇🏼👇🏼
उड़ीसा(कलिंग) मे गंगेय राजवंश, मालवा मे परमार, गुजरात मे चालुक्य, राजस्थान मे सोलंकी और गुहिल ये सभी मिलकर तुर्को को नष्ट कर सकते थे...मगर शायद अपने महलो मे निश्चिंत होकर आराम कर रहे होंगे, भारत और नालंदा, काशी, अयोध्या, प्रयाग, के बारे मे ना सोचकर निश्चिंत होंगे, इसलिए (तुर्को-अफगानो) को साफ करने की ना योजना बनाई ना एकजुट हुए फिर इनके कर्मो का फल मिला इनके राजवंशो का भी अंत 100 साल बाद अलाउद्दीन के समय मे हुआ....
Edit:- दक्षिण के महाराष्ट्र क्षेत्र मे यादव राजवंश भी था🫡
सही है तभी तो भारत के नागवंशी राजा वैदिक लोगो से धोखा खा गय और जिसकी सजा वो आज तक दलित sc,st,आदिवासी शुद्र ना जाने क्या क्या बनकर चुका रहे है
नमस्कार सर.....
आप बहुती अच्छा बोलते हो आप की बात पूरी तरह समझ आती है..और विषय भी
हम इन्दौर से है हमे आप के द्वारे जो भी इतिहास पर जानकारी का सभी देखते जो बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान प्रदान है
बहुत ही बहुत अच्छा गुरूदेव भारद्वाज सर आप बहुत ही अच्छा कार्य कर रहे हैं आज की पीढ़ी को इन सब बातों की या इतिहास की कोई भी जानकारी है बस कुछ किताबों में इतना ही पढा है थोड़ा सा पढ़ाया गया है आप तो डिटेल से पढ़ा रहे हो बहुत अच्छा लग रहा है राम राम सा।
वास्तविक इतिहास का बहुत ही संजीदा वर्णन जो हमें बताया ही नहीं गया वोट बैंक के लालच में सत्य तो सत्य ही रहेगा 👍🙏🙏
आपका वीडियो मुझे इतना व्याकुल करता है कि मेरी रूह काँप जाती है ये सोच कर कि क्या हाल किया होगा इन मलेच्छ दृंदों ने हमारे पूर्वजों का कितना वो तड़पे होंगे किंतु उससे भी ज़्यादा निराशा तब होती जब में ये देखता हूँ की आज के राजनेता भी उन द्रिदों से कम नहीं हैं,आज भी हम इन नेता कहलाने वाले दृंदों द्वारा लगभग वैसे ही लूटे जा रहे है जैसे तब लूट गये थे.
मैं आपको को बहुत ही श्रेष्ठ इतिहास विदित मानता हूं आपस जैसे इतिहास विदित बहुत कम होते
है
आप सत्य दिखाते हैं
मैं आपकी कई विडियो देखता हूं जिसमें सभी सत्य है
आप बहुत मेहनत करते हो
सुन्दर
गुप्त वंश
महेन्द्रयादित को ही नालन्दा विश्वविद्यालय की स्थापना बतलाई गई
आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं।
गुरुजी की जय हो. इतिहास को मैप के द्वारा पढ़ाने से अच्छा समझ में आया है।
Big fan from Bayana
पुनः हिंदुत्व ओर साँस्कृतिक उत्थान कि क्रांति आ रहीं है हमारा सनातन सर्वश्रेष्ठ
सनातन शब्द तो दुश्मनों(बोधों से ,जीने तुम्हारे पुरखे ब्राह्मणों ने दुश्मन घोषित कर रखा है)से उधार लिया फिर यह तथकतीथ हिन्दुओं का केसे हो गया है
@@a.a.zzaidi8830
हिन्दू शब्द किसने दिया ये भी बता देते तो अच्छा होता भाई😂😂😂
कारण था, शांति दूत ओर आसमानी किताब
अब तब जो भी इतिहास पढाया गया है सब तथा कथित इतिहासकारों द्वारा लिखा गया था I इसके लिए कॉंग्रेस जिम्मेदार है जिसने सच्चाई को लोगों के सामने आने नही दिया
समझ और समझने के बीच के अन्तर को कितना आसान बना देते है आप गुरु जी आपको चरण स्पर्श करते हैं गुरु जी।👍🙏🙏🙏🫡
👉🏼जब 1192 - 1200 A.D के बीच दिल्ली, पंजाब का चौहान राजवंश और उत्तर प्रदेश, बिहार के क्षेत्र मे गहडवाल राजवंश का अंत (तुर्क-अफगान) ने कर दिया तब उसी समय मे👇🏼👇🏼
उड़ीसा(कलिंग) मे गंगेय राजवंश, मालवा मे परमार, गुजरात मे चालुक्य, राजस्थान मे सोलंकी और गुहिल ये सभी मिलकर तुर्को को नष्ट कर सकते थे...मगर शायद अपने महलो मे निश्चिंत होकर आराम कर रहे होंगे, भारत और नालंदा, काशी, अयोध्या, प्रयाग, के बारे मे ना सोचकर निश्चिंत होंगे, इसलिए (तुर्को-अफगानो) को साफ करने की ना योजना बनाई ना एकजुट हुए फिर इनके कर्मो का फल मिला इनके राजवंशो का भी अंत 100 साल बाद अलाउद्दीन के समय मे हुआ....
Edit:- दक्षिण के महाराष्ट्र क्षेत्र मे यादव राजवंश भी था🫡
भीनमाल से महाकवि माघ जैसे कवि निकले है जिनकी रचना शिशुपाल वध है जो संस्कृत की उत्तम महाकाव्यो में मानी जाती है
बहुत अच्छा ज्ञान है सर❤
नमस्कार
जय श्री राम
भाई साहब एक बात महत्वपूर्ण और बहुत ही उलझीं हुआ है ।।
सनातनी हिन्दू धर्म में
गया बिष्णु पद मन्दिर
जो मोक्ष का द्वार दरवाजा माना जाता है ।।।
जब अयोध्या राम मंदिर,
मथुरा कृष्ण जन्मभूमि
नालन्दा विश्वविद्यालय
कांशी विश्वनाथ मंदिर
सोमनाथ मंदिर तोड़ा गया मुगलों से अछूता नहीं था ।। फिर गया बिष्णु पद मन्दिर कैसे छुट गया जो कि नालंदा विश्वविद्यालय के समीप ।।
या तो इतिहास छिपाया गया है
या फिर यहां के राजा बहुत शक्तिशाली बहादुर होंगे जिसमें मुगलों की हार हुई होगी और अपनी हार छिपाने के लिए इसका इतिहास नहीं लिखा गया ।।
हमनें सुना है कि जब मुगलों ने गया बिष्णु पद मन्दिर पर आक्रमण हुआ था तब राणा लखा के नेतृत्व में राजस्थान के गोहील वंशीयो ने राजस्थान से गया बिष्णु पद मन्दिर की रक्षा हेतु आएं थे ।। राणा लखा के नेतृत्व में मुगलों को बहुत बड़ी हार हुई थी ।।
जिसमें राणा लखा की बिजयी हुआ था ।।
Thank you and many appreciations
Great one.....
Sir.. aap khud ek kitaab likhiye aur usme sabhi sources ko compile kar dijiye taaki sab kuch ek baar me padne me aa jaaye....
Great Analysis
Jagah toh dubara bna lenge par gyan ko kaha se layenge bahut si gyan ki kitabe jal kar rakh ho gyi
Uske liye time me.piche jaana padega 😅
Sir very very thanks
Sir चित्तौड़ के विषय मे एक प्रश्न है कि महाराणा कुम्भा द्वारा बनाए मंदिरो को तोड़ा गया था तो मेवाड़ के बाद के शासकों ने इन्हे दोबारा क्यों नहीं बनवाया
युद्ध। निर्माण कार्य शान्ति काल में ही सम्भव होता है। रायमल और राणा सांगा युद्धरत ही रहे। उदयसिंह के समय चित्तौड़ मुगलों के पास चला गया। राणा राजसिंह ने अवश्य ही दिवार मरम्मत का प्रयास किया था। मुगलों के साथ संधि की शर्त थी। चित्तौड़ में निर्माण कार्य नहीं होगा।
👍
👉🏼जब 1192 - 1200 A.D के बीच दिल्ली, पंजाब का चौहान राजवंश और उत्तर प्रदेश, बिहार के क्षेत्र मे गहडवाल राजवंश का अंत (तुर्क-अफगान) ने कर दिया तब उसी समय मे👇🏼👇🏼
उड़ीसा(कलिंग) मे गंगेय राजवंश, मालवा मे परमार, गुजरात मे चालुक्य, राजस्थान मे सोलंकी और गुहिल ये सभी मिलकर तुर्को को नष्ट कर सकते थे...मगर शायद अपने महलो मे निश्चिंत होकर आराम कर रहे होंगे, भारत और नालंदा, काशी, अयोध्या, प्रयाग, के बारे मे ना सोचकर निश्चिंत होंगे, इसलिए (तुर्को-अफगानो) को साफ करने की ना योजना बनाई ना एकजुट हुए फिर इनके कर्मो का फल मिला इनके राजवंशो का भी अंत 100 साल बाद अलाउद्दीन के समय मे हुआ....
Edit:- दक्षिण के महाराष्ट्र क्षेत्र मे यादव राजवंश भी था🫡
👉🏼जब 1192 - 1200 A.D के बीच दिल्ली, पंजाब का चौहान राजवंश और उत्तर प्रदेश, बिहार के क्षेत्र मे गहडवाल राजवंश का अंत (तुर्क-अफगान) ने कर दिया तब उसी समय मे👇🏼👇🏼
उड़ीसा(कलिंग) मे गंगेय राजवंश, मालवा मे परमार, गुजरात मे चालुक्य, राजस्थान मे सोलंकी और गुहिल ये सभी मिलकर तुर्को को नष्ट कर सकते थे...मगर शायद अपने महलो मे निश्चिंत होकर आराम कर रहे होंगे, भारत और नालंदा, काशी, अयोध्या, प्रयाग, के बारे मे ना सोचकर निश्चिंत होंगे, इसलिए (तुर्को-अफगानो) को साफ करने की ना योजना बनाई ना एकजुट हुए फिर इनके कर्मो का फल मिला इनके राजवंशो का भी अंत 100 साल बाद अलाउद्दीन के समय मे हुआ....
Edit:- दक्षिण के महाराष्ट्र क्षेत्र मे यादव राजवंश भी था🫡
Awesome
sir, mai chittorgarh ka nivasi hu, chittorgah ke fort mai bhot se mandiro ke avashesh jameeno par milenge
akrantao nai bhot bura haal kiya tha.
मस्त आहे
Excellent information, I absolutely agree with your opinion that temple and universities were demolished due religious angle.
👉🏼जब 1192 - 1200 A.D के बीच दिल्ली, पंजाब का चौहान राजवंश और उत्तर प्रदेश, बिहार के क्षेत्र मे गहडवाल राजवंश का अंत (तुर्क-अफगान) ने कर दिया तब उसी समय मे👇🏼👇🏼
उड़ीसा(कलिंग) मे गंगेय राजवंश, मालवा मे परमार, गुजरात मे चालुक्य, राजस्थान मे सोलंकी और गुहिल ये सभी मिलकर तुर्को को नष्ट कर सकते थे...मगर शायद अपने महलो मे निश्चिंत होकर आराम कर रहे होंगे, भारत और नालंदा, काशी, अयोध्या, प्रयाग, के बारे मे ना सोचकर निश्चिंत होंगे, इसलिए (तुर्को-अफगानो) को साफ करने की ना योजना बनाई ना एकजुट हुए फिर इनके कर्मो का फल मिला इनके राजवंशो का भी अंत 100 साल बाद अलाउद्दीन के समय मे हुआ....
Edit:- दक्षिण के महाराष्ट्र क्षेत्र मे यादव राजवंश भी था🫡
TRUE (SATYA) HISTORY BOLNEY WALLE APP JAISE LOGO KA SAMAZ AUR DESH KO JARURAT.
Sir Aapki Yogyta par Garv he, I Like your channel bahut bahut Dhanyawad
Sir hame viswas nahi hota ki aap itne acche sir hamare rajasthan ke ho❤
Nice 👍
Thanks so much sar ji
Param aadarniya bhardwaj sir me aapake Charan kamal me ak sau aath bar sarwa pratham pranam karte hu respected sir Bihar board awam teacher niyukti guide me Saraswati bidyalay ko turwakar dhai din kajhopra banaya gaya hai eska spast warnan hai dusra sirji hamara gaon nalanda ruins ke campus ke andar hai àtah nalanda ruins ke en chhetro ko yaha ke lokal gaon ke panch SAU sresthiyo ne Mahatma budh dan me dekar nalanda ruins ki sthapna kethe
Khilji was going to Bengal . He did not even go to Nalanda
प्रो.राम पुनियानी का कहना है कि बख्तियार खिलजी का नालन्दा विश्वविद्यालय विध्वंश में कुछ भी भुमिका नहीं है, और आपका कहना है कि बख्तियार खिलजी ने किया।वास्तविकता क्या है ? सत्य क्या है?
Leftist historian have created falt lines within India.tthey are intectuals with utmost dishonest.
राम पुनियानी जैसे लोग बख्तियार खिलजी की नाजायज औलादें है भारत में अभी भी मौजूद है जिन से हमें सावधान रहना पड़ेगा क्योंकि यह लोग हमें गुमराह करने का कार्य कर रही है जो की वास्तविक गुनहगारों को छुपाने में लगेहुए हैं
अदभूद....
Ram Ram Ji ❤
jai shree ram jai hanuman
राम राम भारद्वाज जी❤
❤🙏
❤❤
जय हिंद एक सोशल मीडिया पर एक चैनल है सत्य वह उल्टा सीधा बोलता है यह लोग सनातनी है की आप लोग खुद सोचे।
Dekha jave to Samrat Ashok ke samay hamare bharatvarsh bahut Vishal hua Karta tha
सर, कृपया बंजारों के ईतिहास पर एक विडिओ बनायें।
Rajpooto ke vansaj he bhai
Rajya se bhaga jate the
Chandragupt maurya samrat ashok pr series banahiye sir
कृपया R1A1 डी एन ए पर बामसेफ के प्रोफेसर की किताब पर चर्चा कब करोगे
Asla barrod k sath hone k baad bi , 2.5 din lage the kanthabharad pathsaala ajmer ko todne m
Isles uska naam adhaai din ka jhopda pada
Sir namaste
राम राम खम्मा घणी गुजरात के कच्छ के रन के बारे में कुछबताइए कच्छ रानू कच्छ इसके बारे में कुछ पूरा इतिहास बताइए
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Look at France, look at Sweden,
Jalba hai hamare 😂😂😂😂
क्या ज्ञान किताबों में ही बंधा रहता है।क्या वहां के विद्यार्थी अपने साथ ज्ञान और पुस्तकें लेकर नहीं जाते थे।उस समय में और भी कई विश्वविद्यालय थे।क्या उनमें आपस में पुस्तकों और ज्ञान का आदान प्रदान नही होता था।
विश्वविद्यालय के लाइब्रेरी में पढ़ने वालों के सुविधा के लिए पुस्तक होते हैं,और नये संचित ज्ञानों को संदर्भ के लिए रखे जाते हैं।
इस लिए एक पुस्तकालय के समाप्त होने से ज्ञान समाप्त नहीं हो जाता। फिर नालंदा को जलाने का कोई कारण गढ लो, अन्य विश्वविद्यालयों को किन्होंने समाप्त किया, जबकि विदोशों में यह ज्ञान न सिर्फ सुरक्षित रहा बल्कि उसमें वृद्धि भी हुआ। ऐसा क्यों हुआ कि नालंदा के बाद की पीढ़ियों ने नालंदा और उसके पूर्व के इतिहास को क्यों गायब कर दिया , जबकि अनेक पुराण , साहित्य इन पीढ़ियों द्वारा लिखी गईं।
अगर अंग्रेज़ अपने नये तकनीकों के उपयोग से भारत के सच्चे इतिहास को न उजागर करते तो असोक के साम्राज्य और विशाल बौद्ध परंपराओं, विहारों , विद्यालयों के अस्तित्व तो हमारे पूर्वजों ने तो ज़मीन में गाड ही दिया था।
सबसे मज़ेदार बात यह कि नालंदा और उसके पहले का ज्ञान को विभिन्न संहिताओं, शास्त्रों के रूप मे संस्कृत मे लिख कर, भगवत आस्था का लेप लगा कर नये रूप मे ,अलग धर्म के रूप में मार्केटिंग किया गया। नालंदा बौद्ध परंपरा का संस्थान था ,और बौद्ध नास्तिक होते थे।
भाई साहब इतिहास को इतिहास की तरह समझो ओर समझाओ ,उसे किसी एजेंडा के लिए तैडमोड करना ब़द करो।
पूरा इस्लाम एक किताब में बंधा हुआ है भाई साहब।
ये आपको किसने बता दिया कि वहां केवल बौद्ध धर्म से संबंधित पढ़ाई होती थी। वास्तव में सभी विषयों की पढ़ाई होती थी और ज्ञान विज्ञान तर्क वितर्क को भला एक ही किताब को मानने वाले कैसे बर्दास्त कर लेते।
बर्बर मध्ययुगीन इस्लाम का शिकार केवल नालंदा ही थोड़े न हुआ है। इस से पहले पूरी पर्शिया संस्कृति को नस्ट कर दिया। काबुल में विश्व ज्ञान का केंद्र कहा जाता था, वहा भी खलीफा के कहने पर सभी पुस्तकालयों में आग लगा दिया गया था।
इस्लाम की यह प्रवृति आज भी जारी है, ऐसे ही नही फ्रांस में इतिहास का शिक्षक का गला काट दिया जाता है।
इसमें कही दो राय नहीं है कि इस्लामिक आक्रमण और इस्लामिक सम्राज्य के कारण प्राचीन भारत की ज्ञान विज्ञान की परंपरा और संस्कृति को नस्ट हो गया।
You are doing great job of bringing out tre history.
Mevad or Marvad Riyasat Jese Videeo me aapne bahot achha belance rakha fir aapka vo belance kahi kho gaya or aapki pratishthha bhi.......
Sir आपके mike की आवाज़ बहौत कम है अगली बार loud करके डालें।
Is university me sastar vidiya bhi sikhai jati to is university ke sath yesa anart nahi hota .
Sir nalanda biswabidyalay ke samay ke rajao ka itihas bataye
आसमानी किताब पढ़ो सबकुछ समझ आ जाएगा
😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢
BHAI GOKULBHAI BHATT ke Baare me Detail Video Banao Detail mere paas hai Courier kar dungaa.
Janan tumhara ittehas sirf 12 century se q shuru hota hai, usse pehle ka rakt se bhara ittehas batao kaise jain Buddhist aur indeginous log aur unke structure khatam hue
😂😂 Abe jihadi rabish Kumar , Dhruv rathi, Farji daliton ka video dekh na band kar । nehi to dimag ka dahi ho jayega
10:12 Ashoka Stambh(Topra Pillar) Delhi me hai Feroz Shah Kotla Fort me. Maine dekha hai
हां बिल्कुल पहले हरियाणा के यमुनानगर में था। फिरोजशाह तुगलक ने उसे ले जाकर दिल्ली में स्थापित करवा दिया था।
@@BHARDWAJCLASSESRAMAN Sir, you are right.
Are sirji Nalanda ke bare me to
Nalanda brahmino ki mili bhagat se jalayi gayi thi, tibetan sources ke mili jankari se brahmin jimmedar the nalanda jalane mei. Humrah mat karo
😂 konsa Granth me likha hai। kis time pe likha gaya hai bo sab likhna
😂😂 sources de chimte
Taranatha's History of Buddhism in India
Book by Debiprasad Chattopadhyaya
@@rahul19ifyth-cam.com/users/livegSIRCfMiy5Q?si=LPz5iAUn2n4LMoNq
@@rahul19ifyth-cam.com/users/liveUFgyrnonnnY?si=mawFiC1rHuG2H15R
बिना "साइंस जर्नी "" यू ट्यूब चैनल सुने सच्चाई नही समझ मे आयेगी झुठ मत बोलो दुनिया को सच्चाई पता है
Isi budhhi ke kaaran tum logon ko padhne adhikar nhi diya gaya tha.
साइंस जर्नी चैनल केवल दोगले पाखंडियों का चैनल है जो बुद्धि से नितांत पैदल हैं और बुद्ध की दुहाई देकर अपनी दलित सोच को वैदिक सोच से ऊपर दिखाने की मूर्खतापूर्ण चेष्टा करते हैं ।
दयनीय हैं बेचारे "साइंस जर्नी" वाले । 😅😅
Dharm aur Desh per Aaj bhi musalmanon ka khatra hai
Jay Ram Charan
allauddin khilji nhi sir bakhtawar khilji je nalanda university jalwaya tha
Ku6 batayae hi nhi..
Bina saboot ke ye gapa pap bolta hai jiska tha usse poocho kaun jalaya science journey par jawo jawab do koi jawab nahin depawo ge bakwas ke siwa
27 मिनट की वीडियो में राजस्थान का इतिहास ही बताता गया है।
नालंदा के वीडियो के बहाने से।
इस बात पर प्रकाश नहीं डाला गया कि बख्तियार खिलजी से पहले भी नालंदा विश्वविद्यालय पर आक्रमण किया गया था और नष्ट भी किया गया था। हूण शासक और गौड शासको के द्वारा भी तो नालंदा को क्षति पहुंचाई गयी उसके पीछे क्या कारण रहे , कृपया बताने का कष्ट करें
Esme dono hi the dharmik aur lutpat karana
Sir 1193 se 1206 tak to bakhtiar Khilji 13 saal ka hi hua to apne wale itne kmjor the jo bchhe ko nhi rok ske.koi gdbd h
13 साल की उम्र में ही इतना कमीना था?
Bhai Kitni bhi Umra Ho us se hame kaya. Uski Umra Kitni bhi ho Sehna Agar badi hai. To Kuchh Bhi Ho Sakta Hai. Aur vo 13 Sal Ka nahin tha. Kyunki 13 sal ke bacche ko koi Sena Kyon dega. Mera to yah Manana hai bhai ki Ekta banaa ke rakho. Aapki Jankari ke liye Bata Dun ki in Logon Ne khali Hamare hi Mandir Nahi Tode balki aapke Golden temple ko bhi Ahmad Shah abdali Ne Tod Diya Tha. Bhartiya Logo me Yahi Kami hai. Jab dusro Ka Ghar toda jata Hai To baki log sirf Dekhte aur Hanste hai. Lekin unko ye Nahin dikhta. ki kal Ko Hamari bhi Bari Aane Wali Hai. Jay Shree Ram 😑🙏 Ham Logon Mein Ekta na Hona Hi 800 sal ki gulami ka Karan hai. tarain Ke dusre yuddh Mein Prithviraj Chauhan ki Har isiliye hui thi Kyunki unhone Apne Padosi Hindu rajaon se Dushmani Le Rakhi thi. Aur jab Unka Mohammed Gauri se yuddh hua to Ek bhi Hindu Raja ne Unka Sath nahin diya. Aur Unki Har Hui. Isi Ka parinaam yah Hua ki Nalanda Vishwavidyalay Toda Gaya hajaron hindu, jain, boudh ko jabardasti Muslim banaya Gaya, khanva ke yuddh mein bhi Yahi hua Maharana Sanga Ka Sath Rajasthan ke bahar ke kisi bhi Raja ne nahin diya. Iske bad Maharana Pratap aur Akhbar Mein ke bich Haldighati ka yuddh hua. Tab bhi Maharana Pratap ka sath Kuchh rajputon Ko chhodkar Kisi Rajput Raja ne nahin diya. Aur Iske bad Panipat ke teesre yuddh mein jab marathon ko Ham bhartiyon ki sabse Jyada jarurat thi tab na to Kisi Rajput ne aur na hi Kisi Jaat ne aur na hi Kisi Sikh ne Unki help ki. Jabki Samne abdali ke sath Mughal shasak aur Avadh ke navab Dharm ke naam per Ek Ho Gaye. Marathon ki Peeth per Khanjar Goph kar in Rajao ne hinduon Ka Suraj Hamesha ke liye AsT Kar Diya. Varna Maratha to vo log the jinhone pure 1000 Saal baad Multan per bhagava Jhanda fir fahraya tha. ISI Karan yah Kaha jata hai - जब हिंदुस्थान पर अब्दाली का खतरा बड़ा था, तब पानीपत के मैदान में भगवा गाढ़े अकेला मराठा खङा था. Iske bad Kya Hua Mere Bhai. Aapke Golden temple Ko Toda Gaya. Hamare hajaron Hindu aur Sikh Mata Aur bahanon Ka balatkar hua, unhen rakhel banaa liya Gaya, bech Diya Gaya. Hamare hajaron Mandir Tode. Logon Ko forcefully convert Kiya. Isiliye Jab Bhi Ham bhartiyon Ne Ekta Dikhai hai tab- tab Maurya Empire aur Gupt Empire jaise bade bade Samrajya Bane Hain Jo Afghanistan Se Lekar Myanmar or Indonesia Tak faile the. Aur jab jab Ham me Ekta Tuti hai tab Afghanistan, Pakistan aur Bangladesh Bane Hain. Isiliye bhai ek Raho Nek Raho ISI Mein Ham bhartiyon Ki bhalai Hai. Nahin to Vahi 800 sal ki gulami Wapas Aaegi. Jay Shree Ram 🙏
Sahi jankari to bus tumhare hi pass milati hai
Moolo pichwara kyo jal raha hai😊
Sir aap bahut acha samjhate hai 🙏
vipakshi dal abb phir aisa kuchh dohrana chahte hain....
Ye sab dharmik katterwad tha .sab kuch nst Bharat ker do aur sabko mazboot kerdo dharm bdalne ke liye
Science journey ar jawo devate ke liyebula raha hai
Apk uper nam ka prabhav hai,raman
Bhaiya yah log Mandir hi kyon manate the school kyon nahin banvate the
Kitne moorkh ho aap ,, jra ek baar research kijiye , mandir kyu banwaye jaate the ,, jyadatar mandir me hi gurukul hote the ,, mandir me hi vaidic anushthan,, ayurved chikitsa , jyotish , vyakran, ganit ,, sangeet ,, nritya , yog , debates aur administration ki siksha aadi di jaati thi ,,, mandir aadharit arth vyavastha hoti thi ,, poore gaav aur nagar ka dhan , sona , chandi , jewar ,etc mandir me rakha hota tha ,, mandir reserve bank ki trah aur university ki trah kaam karte the par muslim aakraman ke kaaran mandiro ki dhan sampada aur gyan parampara ko nasht kiya gya ,,,🪔
Aapko kisne kaha school nahi banwate the raja ,,, yar aap thoda toh padhai karke bola karo ,, kon nalanda,, taksh shila jaisi university banwa raha tha fir ye sab raja ke dwara daan diye paise se hi banti thi ,,
Sir Video ke Start mei Aapne Allaudin khilji ka name bola hai
Ek Zahil com ne puri duniya ka nuksan kiya hai 😡😡😡
Ya hmara ethas mitana chata ha or aj bhi ya hi kar rha ha
Sharmila angal jyada tha
Book padte padte.... Talwar chalana book gaye
Brahmani warchasw bana rahe,
Isliye toda gaya,
चचनामा, किताब, जहांगीरनामा, अकबरनामा, बाबर नामा किताब अल्बरुनी का भारत, इतिसिंग, फहियांन, हुआंसग और मेगास्थनीज की इंडिका खरीदकर सम्यक् प्रकासन डेल्ही की खरीदकर पढ़ लेना
Burning of books and building is not uncommon. Its there in barbarian tribes since ancient time specially in Euroland. The vikings used to massacre , ransack and burn things they invade..same was done by chengiz khan more profound way and who will forget the burning of Baghdad....these islamic invaders are also barbarians carried the same legacy and they burn the libraries assuming these are the source of Hindu ideology and institutions. Soort sate of affair is that independent India sould teach eleborately and do extensive research on the damages done by these invaders on your institution and culture and should try then to restore the ancient sanatan system so that the great rennaisance can happen . A society oppressed by 1000years has somehow got its roots but has got severe damage in its belif system and culture and religion. We have lost many good practises followed by the people of this land 1000years before which made them most civilized generations in the world and also successfully created and distributed wealth in the society. Atleast BJP has got this opportunity to do someting for this .lets see how the modi govt can able to capitalise or Sanatanis have to wait more for the arrival of a messiha
सवाल है,हमारा इतिहास कहते हैं कि हम बहुत बड़ी वीर थे, योद्धा थे, कई लड़ाइयां लड़ी, कहते हैं महाराणा सांगा बहुत बड़ा योद्धा थे। उन्होंने 80 लड़ाइयां लड़ी और कोई भी युद्ध नहींजीता युद्ध नहीं हारा! अतीत भी देखे तो राम कृष्ण विष्णु महाकाल परशुराम मध्यकालीन भारत से भी बहुत सारे योद्धा हुए! लेकिन आश्चर्यजनक रूप से यह बात समझ में नहीं आई जब हम इतने बड़े योद्धा थे तो आखिर हम मुट्ठी भर चंद आक्रांताओं से क्यों हारते रहे? क्या हमारा अतीत वाकई वीरता से भरा था या हम आपने मुंह अपनी बड़ाई कररहे थे? कृपया इस पर थोड़ी सी प्रकाश जरूर डालें!
भारत वीरों की भूमि जरूर रही है लेकीन यहां एकता की हमेशा कमी रही है l साथ ही अपनी क्षमा और दया भाव के कारण खुद का नुकसान किया l
सबसे बड़ी बात यह है कि यहां के लोग युद्ध में पुरानी तकनीक का ही इस्तेमाल करते रहे l तोप का मुक़ाबला तलवार या भाला कभी नहीं कर सकते थे l
एक अनुमान यह भी है कि बौद्ध काल में अहिंसा की अत्यधिक कूक से वीर भाव की धार कुंद हो गई हो। इतिहास साक्षी है कि सम्राट अशोक के पश्चात राष्ट्र की सीमाएं सुरक्षित नहीं रही।
Kuchh source ye कहते h ki bramhino pandito ne jalaya
अरे बुक्स कोई नही बस मामूली
Jai rajputana
👉🏼जब 1192 - 1200 A.D के बीच दिल्ली, पंजाब का चौहान राजवंश और उत्तर प्रदेश, बिहार के क्षेत्र मे गहडवाल राजवंश का अंत (तुर्क-अफगान) ने कर दिया तब उसी समय मे👇🏼👇🏼
उड़ीसा(कलिंग) मे गंगेय राजवंश, मालवा मे परमार, गुजरात मे चालुक्य, राजस्थान मे सोलंकी और गुहिल ये सभी मिलकर तुर्को को नष्ट कर सकते थे...मगर शायद अपने महलो मे निश्चिंत होकर आराम कर रहे होंगे, भारत और नालंदा, काशी, अयोध्या, प्रयाग, के बारे मे ना सोचकर निश्चिंत होंगे, इसलिए (तुर्को-अफगानो) को साफ करने की ना योजना बनाई ना एकजुट हुए फिर इनके कर्मो का फल मिला इनके राजवंशो का भी अंत 100 साल बाद अलाउद्दीन के समय मे हुआ....
Edit:- दक्षिण के महाराष्ट्र क्षेत्र मे यादव राजवंश भी था🫡
Ahingsa porom dhormo.so sap ko vhi dasne do.e buddho ka dorson tha?
#पुरुष_विरोधी_आरक्षण_बापस_लो
वरना आपकी सरकार का ये निर्णय आपको ले डूबे
धार्मिक कट्टरवाद था
Science journey chanel pe debate karlena aukat hai to
Sanatan samiksha chanal
Brahmano ka mool kaam sc st obc ko murkh banana h.
How to keep them intellectually timid, its a life mission.
Pata hmara kitna itihass kha gaye honge ye log
Dhikkaar h
13 year ka tha ghalat