*जो व्यक्ति अपने मातृ - पितृ की सच्ची भक्ति करता है,ईश्वर भी उसके आगे नतमस्तक हो जाते हैं❤️💕* *इसलिए अपने माता पिता को निस्वार्थ प्रेम करें,उनकी आंखों में आसूं ना आने दें💐💕* *जय श्री राम..🇮🇳🚩*
श्रीकृष्ण से पक्षीराज गरुड़ ने पूछा- हे प्रभु ! पृथ्वी पर लोग अपने मृत पितरों का श्राद्ध करते हैं. उनकी रुचि का भोजन ब्राह्मणों आदि को कराते हैं. पर क्या पितृ लोक से पृथ्वी पर आकर श्राद्ध में भोजन करते पितरों को किसी ने देखा भी है भगवान श्रीकृष्ण ने कहा- हे गरुड़ ! तुम्हारी शंका का निवारण करने के लिए मैं देवी सीता के साथ हुई घटना सुनाता हूं. सीताजी ने पुष्कर तीर्थ में अपने ससुर आदि तीन पितरों को श्राद्ध में निमंत्रित ब्राह्मणों के शरीर में देखा था, वह कथा सुनो गरूड़ ! यह तो तुम्हें ज्ञात ही है कि श्री राम अपने पिता दशरथ की आज्ञा के बाद वनगमन कर गये, साथ में सीता भी थीं. बाद में श्रीराम को यह पता लग चुका था कि उनके पिता उनके वियोग में शरीर त्याग चुके हैं जंगल-जंगल घूमते सीता जी के साथ श्रीराम ने पुष्कर तीर्थ की भी यात्रा की. अब यह श्राद्ध का अवसर था ऐसे में पिता का श्राद्ध पुष्कर में हो इससे श्रेष्ठ क्या हो सकता था. तीर्थ में पहुंचकर उन्होंने श्राद्ध के तैयारियां आरंभ कीं श्रीराम ने स्वयं ही विभिन्न शाक, फल, एवं अन्य उचित खाद्य सामग्री एकत्र की. जानकी जी ने भोजन तैयार किया. उन्होंने एक पके हुए फल को सिद्ध करके श्रीराम जी के सामने उपस्थित किया श्रीराम ने ऋषियों और ब्राह्मणों को सम्मान सहित आमंत्रित किया. श्राद्ध कर्म में दीक्षित श्रीराम की आज्ञा से स्वयं दीक्षित होकर सीता जी ने उस धर्म का सम्यक और उचित पालन किया. सारी तैयारियां संपन्न हो गयीं अब श्राद्ध में आने वाले ऋषियों और ब्राह्मणों की प्रतीक्षा थी. उस समय सूर्य आकाश मण्डल के मध्य पहुंच गए और कुतुप मुहूर्त यानी दिन का आठवां मुहूर्त अथवा दोपहर हो गयी. श्री राम ने जिन ऋषियों को निमंत्रित किया था वे सभी आ गये थे श्रीराम ने सभी ऋषियों और ब्राह्मणों का स्वागत और आदर सत्कार किया तथा भोजन करने के लिये आग्रह किया. ऋषियों और ब्राह्मणों को भोजन हेतु आसन ग्रहण करने के बाद जानकी अन्न परोसने के लिए वहाँ आयीं उन्होंने कुछ भोजन बड़े ही भक्ति भाव से ऋषियों के समक्ष उनके पत्तों के बनी थाली परोसा. वे ब्राह्मणों के बीच भी गयीं. पर अचानक ही जानकी भोजन करते ब्राह्मणों और ऋषियों के बीच से निकलीं और तुरंत वहां से दूर चली गयीं सीता लताओं के मध्य छिपकर जा बैठी. यह क्रिया कलाप श्रीराम देख रहे थे. सीता के इस कृत्य से श्रीराम कुछ चकित हो गए. फिर उन्होंने विचार किया- ब्राह्मणों को बिना भोजन कराए साध्वी सीता लज्जा के कारण कहीँ चली गयी होंगी सीता जी एकान्त में जा बैठी हैं. फिर श्रीराम जी ने सोचा- अचानक इस कार्य का क्या कारण हो सकता है, अभी यह जानने का समय नहीं. जानकी से इस बात को जानने पहले मैं इन ब्राह्मणों को भोजन करा लूं, फिर उनसे बात कर कारण समझूंगा ऐसा विचार कर श्रीराम ने स्वयं उन ब्राह्मणों को भोजन कराया. भोजन के बाद ऋषियों को विदा करते समय भी श्रीराम के मस्तिष्क में यह बात रह-रहकर कौंध रही थी कि सीता ने ऐसा अप्रत्याशित व्यवहार क्यों किया उन ब्राह्मणों के चले जाने पर श्रीराम ने अपनी प्रियतमा सीताजी से पूछा- ब्राह्मणों को देखकर तुम लताओं की ओट में क्यों छिप गई थीं ? यह उचित नहीं जान पड़ा. इससे ऋषियों के भोजन में व्यवधान हो सकता था. वे कुपित भी हो सकते थे श्रीराम बोले- हे सीते ! तुम्हें तो ज्ञात है कि ऋषियों और ब्राह्मणों को पितरों के प्रतीक मान जाता है. ऐसे में तुमने ऐसा क्यों किया ? इसका कारण जानने की इच्छा है. मुझे अविलम्ब बताओ श्री राम के ऐसा कहने पर सीता जी मुँह नीचे कर सामने खड़ी हो गयीं और अपने नेत्रों से आँसू बहाती हुई बोलीं- हे नाथ ! मैंने यहां जिस प्रकार का आश्चर्य देखा है, उसे आप सुनें इस श्राद्ध में उपस्थित ब्राह्मणों की अगली पांत में मैंने दो महापुरुषों को देखा जो राजा से प्रतीत होते थे. ऋषियों, ब्राह्मणों के बीच सजे धजे राजा-महाराजा जैसे महापुरुषों को देख मैं अचरज में थी. तभी मैंने आपके पिताश्री के दर्शन भी किए वह भी सभी तरह के राजसी वस्त्रों और आभूषणों से सुशोभित थे. आपके पिता को देखकर मैं बिना बताए एकान्त में चली आय़ी थी. मुझे न केवल लज्जा का बोध हुआ वरन मेरे विचार में कुछ और भी अया तभी निर्णय लिया हे प्रभो ! पेड़ों की छाल वल्कल और मृगचर्म धारण करके मैं अपने स्वसुर के सम्मुख कैसे जा सकती थी ? मैं आपसे यह सत्य ही कह रही हूं. अपने हाथ से राजा को मैं वह भोजन कैसे दे सकती थी, जिसके दासों के भी दास कभी वैसा भोजन नहीं करते
हे श्री कृष्ण गीता में जो आपने आश्वासन दिया, के अनुसार संसार में आतंकवादियों की वृद्धि हो गई है, मानवता को बचाने के लिए आप अति शीघ्र पृथ्वी पर आए, धरती पर आपने रासलीला किया उसे बचाने के लिए हेकृष्ण जल्द से जल्द आवे, श्री राधे श्री राधे
अब भक्ति युग आएगा सत्य वचन मोदी सरकार में छोटे छोटे आने वाले बच्चों का भविष्य बनाने सत्य वचन जय श्री राम सबका भला होगा अब पूरे विश्व जन कल्याण होगा सत्य वचन सूर्य भगवान
Jai shree Krishna radhey radhey 🙏♥️
JAI shree krishna 🌿🕉️🙏
जय श्री नारायण 🙏
Radhe Krishna 🙏🌿🕉️
Jai jai shree krishna radhe radhe 🙏🙏🙏
Jai Om Shree Krisana Ji Jai Om Shree Hanuman Ji
W
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय🙏🙏
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय,, जय श्री कृष्ण 🙏🤗
kon kon 2024 me bhi dekh rahi hai...
JOY SHREE RAM🙏
जय श्रीमन नारायण भक्ति विष्णु सभी की चरणों में इस दास का कोटि कोटि चरण बंधन दास को आशीर्वाद देने का कृपा करें
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ( जय श्री कृष्ण 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩
😊😊
Hari Krishna 🙏🙏🙏
❤shree ❤Krishna ji❤pretam❤❤❤❤
Jai Shree Krishna 🙏🤗❤❤
Radhe radhe
Jai?shree?krishna ?radhe?radhe?🐄❤🌺🥀🌹 6:42
Radhe radhe 🌹🌿🌹
जो भी प्यारी आंखे अभी मेरा Comment पढ़ रही हैं ईशवर उनके माता पिता को लम्बी आयु प्रदान करें. जय श्रीकृष्णा🙏
Tu har baar yahi likhta h
HARE KRISHNA🙏🙏🙏
@@harshsoni217 बडढडढढढढ
@@harshsoni217 %
@@shyamdhrlala567 f
प्यार करने लगा तुम से....... ❤❤❤❤❤
धोखा दिया है क्यो जानम..... 💐💐💐💐
खुदा की मरजी यही था..... 🌹💯🌹💯🌹🌹🌹💯🌹🌹💯🌹🌹💯🌹🌹💯🌹🌹🌹💯🌹💯🌹🌹🌹💯🌹💯🌹💯🌹💯🌹🌹💯🌹💯🌹💯🌹💯🌹💯🌹💯
पवन, कुशवाहा
*जो भी प्यारी आंखें मेरा कॉमेंट पढ़ रही हैं ,भगवान उनके माता पिता को लंबी आयु प्रदान करे🤗😊❤️💐*
*जय श्री राम.......🚩🇮🇳🚩*
🙏🙏🏾🙏🙏🏾🙏🙏🏾jai sre krishna Baloram Laxmi Narayan Radhe krishna pranam
Jai Shree Krishna Krishna Krishna Krishna Krishna Krishna Krishna Krishna Krishna Krishna Krishna Krishna Krishna Krishna Krishna Krishna Krishna Krishna Krishna
धन्य रामानंद सागर आणि कंपनी ज्यांनी इतके चांगल आपला धर्म इतिहास सर्वस्मोर मांडला
जय हो श्री राधे कृष्ण भगवान जी की जय हो
Jai shree Krishna 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏radhe radhe radhe
*Arun Govil as Ram*
*SD Banerjee as Krishna*
#RamanandSagar 🚩
M
Mm😊mmm
Arun govil as Ram SD Banerjee as Krishna #, Ramanand Sagar 🚩
😊😊@@DukhuramSahu-kp7bd
Jai shree kirsana
Jai Ho Mere Prabhu Bhagwaan Shankar Ji.
JAI SHREE JAGDAMBA MATA BHAGWATI PARWATI JI.
🕉🙏🏼🕉🙏🏼🙏🏼🙏🏼🕉🙏🏼🙏🏼🕉🕉
Jai shree Radhe.
Jai shree krishna.
🕉🙏🏼🕉🙏🏼🕉🙏🏼🙏🏼🕉🙏🏼🕉🙏🏼🕉
*जो व्यक्ति अपने मातृ - पितृ की सच्ची भक्ति करता है,ईश्वर भी उसके आगे नतमस्तक हो जाते हैं❤️💕*
*इसलिए अपने माता पिता को निस्वार्थ प्रेम करें,उनकी आंखों में आसूं ना आने दें💐💕*
*जय श्री राम..🇮🇳🚩*
🌹♥️😘
भगवान गम मइआदा तड़प रथ
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जय श्री कृष्णा जी 🙏🙏
Jai shree sita ram g 🙏 Jai shree radhe Sham g 🙏💐🌹🥀🌺🌷🌸🏵️🌻
जय श्री कृष्णा जय रुक्मिणी माँ 👏👏👏👏👏👏
Radha Tu Badi bhagni Kaun tapisya kin 3 Lok 14 Bhuvan Sab Tere yaden
🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌿🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿
राधे राधे🌿🌹🌿🌹🌿
Hi my name mevvbnbm
@@raviahirwar537 be
ॐ भगवते वासुदेवाय नमः 🙏🙏🙏 जय श्री कृष्णा ❤❤❤
श्रीकृष्ण से पक्षीराज गरुड़ ने पूछा- हे प्रभु ! पृथ्वी पर लोग अपने मृत पितरों का श्राद्ध करते हैं. उनकी रुचि का भोजन ब्राह्मणों आदि को कराते हैं. पर क्या पितृ लोक से पृथ्वी पर आकर श्राद्ध में भोजन करते पितरों को किसी ने देखा भी है
भगवान श्रीकृष्ण ने कहा- हे गरुड़ ! तुम्हारी शंका का निवारण करने के लिए मैं देवी सीता के साथ हुई घटना सुनाता हूं. सीताजी ने पुष्कर तीर्थ में अपने ससुर आदि तीन पितरों को श्राद्ध में निमंत्रित ब्राह्मणों के शरीर में देखा था, वह कथा सुनो
गरूड़ ! यह तो तुम्हें ज्ञात ही है कि श्री राम अपने पिता दशरथ की आज्ञा के बाद वनगमन कर गये, साथ में सीता भी थीं. बाद में श्रीराम को यह पता लग चुका था कि उनके पिता उनके वियोग में शरीर त्याग चुके हैं
जंगल-जंगल घूमते सीता जी के साथ श्रीराम ने पुष्कर तीर्थ की भी यात्रा की. अब यह श्राद्ध का अवसर था ऐसे में पिता का श्राद्ध पुष्कर में हो इससे श्रेष्ठ क्या हो सकता था. तीर्थ में पहुंचकर उन्होंने श्राद्ध के तैयारियां आरंभ कीं
श्रीराम ने स्वयं ही विभिन्न शाक, फल, एवं अन्य उचित खाद्य सामग्री एकत्र की. जानकी जी ने भोजन तैयार किया. उन्होंने एक पके हुए फल को सिद्ध करके श्रीराम जी के सामने उपस्थित किया
श्रीराम ने ऋषियों और ब्राह्मणों को सम्मान सहित आमंत्रित किया. श्राद्ध कर्म में दीक्षित श्रीराम की आज्ञा से स्वयं दीक्षित होकर सीता जी ने उस धर्म का सम्यक और उचित पालन किया. सारी तैयारियां संपन्न हो गयीं
अब श्राद्ध में आने वाले ऋषियों और ब्राह्मणों की प्रतीक्षा थी. उस समय सूर्य आकाश मण्डल के मध्य पहुंच गए और कुतुप मुहूर्त यानी दिन का आठवां मुहूर्त अथवा दोपहर हो गयी. श्री राम ने जिन ऋषियों को निमंत्रित किया था वे सभी आ गये थे
श्रीराम ने सभी ऋषियों और ब्राह्मणों का स्वागत और आदर सत्कार किया तथा भोजन करने के लिये आग्रह किया. ऋषियों और ब्राह्मणों को भोजन हेतु आसन ग्रहण करने के बाद जानकी अन्न परोसने के लिए वहाँ आयीं
उन्होंने कुछ भोजन बड़े ही भक्ति भाव से ऋषियों के समक्ष उनके पत्तों के बनी थाली परोसा. वे ब्राह्मणों के बीच भी गयीं. पर अचानक ही जानकी भोजन करते ब्राह्मणों और ऋषियों के बीच से निकलीं और तुरंत वहां से दूर चली गयीं
सीता लताओं के मध्य छिपकर जा बैठी. यह क्रिया कलाप श्रीराम देख रहे थे. सीता के इस कृत्य से श्रीराम कुछ चकित हो गए. फिर उन्होंने विचार किया- ब्राह्मणों को बिना भोजन कराए साध्वी सीता लज्जा के कारण कहीँ चली गयी होंगी
सीता जी एकान्त में जा बैठी हैं. फिर श्रीराम जी ने सोचा- अचानक इस कार्य का क्या कारण हो सकता है, अभी यह जानने का समय नहीं. जानकी से इस बात को जानने पहले मैं इन ब्राह्मणों को भोजन करा लूं, फिर उनसे बात कर कारण समझूंगा
ऐसा विचार कर श्रीराम ने स्वयं उन ब्राह्मणों को भोजन कराया. भोजन के बाद ऋषियों को विदा करते समय भी श्रीराम के मस्तिष्क में यह बात रह-रहकर कौंध रही थी कि सीता ने ऐसा अप्रत्याशित व्यवहार क्यों किया
उन ब्राह्मणों के चले जाने पर श्रीराम ने अपनी प्रियतमा सीताजी से पूछा- ब्राह्मणों को देखकर तुम लताओं की ओट में क्यों छिप गई थीं ? यह उचित नहीं जान पड़ा. इससे ऋषियों के भोजन में व्यवधान हो सकता था. वे कुपित भी हो सकते थे
श्रीराम बोले- हे सीते ! तुम्हें तो ज्ञात है कि ऋषियों और ब्राह्मणों को पितरों के प्रतीक मान जाता है. ऐसे में तुमने ऐसा क्यों किया ? इसका कारण जानने की इच्छा है. मुझे अविलम्ब बताओ
श्री राम के ऐसा कहने पर सीता जी मुँह नीचे कर सामने खड़ी हो गयीं और अपने नेत्रों से आँसू बहाती हुई बोलीं- हे नाथ ! मैंने यहां जिस प्रकार का आश्चर्य देखा है, उसे आप सुनें
इस श्राद्ध में उपस्थित ब्राह्मणों की अगली पांत में मैंने दो महापुरुषों को देखा जो राजा से प्रतीत होते थे. ऋषियों, ब्राह्मणों के बीच सजे धजे राजा-महाराजा जैसे महापुरुषों को देख मैं अचरज में थी. तभी मैंने आपके पिताश्री के दर्शन भी किए
वह भी सभी तरह के राजसी वस्त्रों और आभूषणों से सुशोभित थे. आपके पिता को देखकर मैं बिना बताए एकान्त में चली आय़ी थी. मुझे न केवल लज्जा का बोध हुआ वरन मेरे विचार में कुछ और भी अया तभी निर्णय लिया
हे प्रभो ! पेड़ों की छाल वल्कल और मृगचर्म धारण करके मैं अपने स्वसुर के सम्मुख कैसे जा सकती थी ? मैं आपसे यह सत्य ही कह रही हूं. अपने हाथ से राजा को मैं वह भोजन कैसे दे सकती थी, जिसके दासों के भी दास कभी वैसा भोजन नहीं करते
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Jai shri krishna Radhey Radhey🙏🙏🙏
दैव लिला जस्काे पक्ष्यमा दैवछ उसैकाे जित उसैकाेे भलाई ।
जय जय ब्रम देव जय बिष्णुदेव जय जय माहादेव ।चितवन भिमनगर चाेक बाट ।
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❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤कंकंअअअाअअअ😊
Jai sree ridinna jai mata tani rukhmini pradhyumna janani ki jai
Jai shree Krishna Jai shree Ram
Jai shri Krishna 🙏🙏
Jai Mere Shyam 🙏
ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ ରାଧେ
Radhe Radhe ❤
Jai shree Krishna
Jai shree Krishna Jai shree Madhav Hari ji
⛳ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः🙏
इंद्र
Jai Shri Krishan Ji
Jai Shri Radha Mata Rani Ji
🙏🌹💖🙏🌹💖🙏🌹💖🙏
l
@@poonamwakalwar9902 भी ये एक एक थे और इस
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Jai shree krishna Narayan ❤🙏 Madhav ❤
Sach me bhagwan kamdev hi lg rhe he
जय श्री राधे कृष्णा 🙏🏻🙏🏻
हे श्री कृष्ण गीता में जो आपने आश्वासन दिया, के अनुसार संसार में आतंकवादियों की वृद्धि हो गई है, मानवता को बचाने के लिए आप अति शीघ्र पृथ्वी पर आए, धरती पर आपने रासलीला किया उसे बचाने के लिए हेकृष्ण जल्द से जल्द आवे, श्री राधे श्री राधे
ऊं नमः शिवाय जय सियाराम जी
@@dhalaramsen6896 33
Cyc
Xty
Xc
जय श्री कृष्ण 🙏🙏🙏 राधे-राधे राधे-राधे 🙏💐
Jay Shri man Narayan Jay Shri Krishna Jay Shri Hari Radhe Radhe 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
jay krishna radhay radhay
🕉🕉🕉🕉🕉namo shivai har har mahadev . . ... .. har har mahadev har har mahadev
AZ😍🤗
Jai Shri Krishna 🌼🙏🌼🙏🌼🙏🌼🙏🌼🙏
Lalmn
Chorus Part
.
Sabdo me badi shakti hoti hai chahe to dil. Jit le chahe dil chir de
जय श्री कृष्णा🙏🙏🚩🚩 2024 में देख रहें कोई 🙏🙏
Jay Dwarkadhish 🙏
Maa Pita 🕉
Jay Shri Krishna Jay Shri Radhe
Jai sreerukhmini madhav
Om kamdevaye viddhmaye phushpbanaye dhimahe tanno ananga prachodayat ❤❤❤❤❤
KrishnA 👍
Jai mata di🌻🏵️🌹🌷🥀🌸💐
jai shree krishna radhe radhe..🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🏵️
Jai shri krishna 🌻🌻🌻😍😍😍
जयकृष्ण
जय श्री कृष्ण भगवान की जय हो
अंतर्यामी भगवान श्री कृष्ण की जय हो ऐ घट घट के वासी तेरी जय हो
👏👏👏🙏🙏👏🙏🙏🙏🍫
Jai Jai shri Radhey Radhey krishna 🕉💛💖💙❤✨🕉💛💖💙❤✨🕉Jai shri parvati pataye Har Har mahadev 🙏💛❤💙💖😊🙏💛❤💙💖🙏💛❤💙💖Jai shri Hanuman ji 🙏❤😊🙏❤🙏❤🙏❤🙏❤🙏❤
कख14
..
जो मेरा कॉमेंट पढ़ रहा है भगवान उसके माता पिता को आयु प्रदान करें जय श्री 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹👍👍🙏
Jay Shri Krishna
Jay Shri Krishna
Jay Shri Krishna
Jai siri krishna 🙏🙏
Jai Sabhi Mata Ji 🙏
I like Shri Krishna and ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Joy srikrishno
who all listening n watching this. . lord krishna bless all those
श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा !
Pradyuman have great group of people like upapandavas and abhimanyu and others team
Praduman..prajapatey..chrawtey.bholay.nath....ram...kresd.bhakt.brah.mand..akhandm.hnu..mes.mukha.se
Jai AadiShakti Maa Jai Bholenaath Ji 🙏
♥️♥️♥️ Radhey Radhey
जय श्री राम जय श्री राधे कृष्ण हर हर महादेव जय माता दी ओम साईं राम 🙏🏻 जय बजरंगबली 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Sai isn't God.
This is like respected Dr br Ambedkar is said to be God by some !
Jay Shri radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe 🌹🌺
Jay shree Krishna🙏🙏🙏🙏🙏
अब भक्ति युग आएगा सत्य वचन मोदी सरकार में छोटे छोटे आने वाले बच्चों का भविष्य बनाने सत्य वचन जय श्री राम सबका भला होगा अब पूरे विश्व जन कल्याण होगा सत्य वचन सूर्य भगवान
Radhe Radhe Bol Re Koti Koti Pranam🙏
NYC
जय श्री राम चन्द्र जी
ओम नमः शिवाय
God morning evreryone main apse kuch achha feel kar rha hun
Har Har Mahadev jai bajarangbali
जय माँ भवानी, ओम नमः शिवाय
iilĺò
llllll
iilì
ù uucp. lm
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@@chhotemandal1827
..
Jai shri krishna
Joy Shri Krishna,Sarbamangalmoi hok.
Om Nmhan Shivay
Mahakal
👍👍👍👍
Om Brahma Vishnu Maheshay Namah 🙏