कैलाशपुरी से चाल कर शिवनन्द महर घर आयो॥ उठाव- शिव भक्ति में मगन दरश की लगन ध्यान लाग्यो धरने, विष्णु को कठे निवास, देखना हर न। देखी चारों कुंट और बैकुण्ठ देव और नर में, नारायण लियो अवतार, नन्द के घर में। ढाल- प्रभु नंद घरां अवतारी, लख मगन भये त्रिपुरारी। आखडल्यां तरस म्हारी, चलने की करो तैयारी॥ संगीत- शैली श्रृंगी कंठी माला गल विच डाली है, बाघम्बर लपेटे तन पे भस्म रमाली है, शीश ऊपर शोभा देवे जग की तारण वाली है, कैलाश स चाल पड़या बोल हर बम बम, हाथ में त्रिशुल डमरू बाज रहयों डम डम, चन्द्रमा ललाट ऊपर कर रहयों चम चम-3। टेर- चाल्यो सर्प गला में डालकर, दिन ब्रज में आय उगायों॥1॥ उठाव- गोकुल की देखी झलक जगाई अलख नन्द के द्वारे, एक दरश भीखारी खड़यो बारण थारे। अलख अलख रह्यो टेर होय रही देर जाऊं घर म्हार, मांई मांई शिव शंकर खड़यो पुकारे। ढाल- जद मात यशोदा बोली,एक संत खड़यो है पोली। भीक्षा देऊं अनमोली,जोगी की भर देऊ झोली॥ संगीत- थाली भर कर ल्याई माता रतन अनमोलां र, पुत्र की बधाई देऊं लेज्यां जोगी बोळां र, जाग्याव कन्हैयो म्हारो मत कर रोळां र, भीख नही लेऊं मे तो दर्शन करबा आयो माई, भोले नाथ द्वारे आये जाय के बात दे माई, आलणीये पालणीये सुत्यो जाए के जगा माई-3। टेर- एक दरश करा दे तेरे लाल का शिवशंकर द्वारे आयो ॥2॥ उठाव- तेरी सुन डमरू की तान सुतेड़ो कान चिमकर जाग रे, पलणा में सुत्यो कंवर कन्हीयों जाग्यो। तेरे गल बीच म शेष अजब तेरो भेष मन डर लाग र, बालक देख तेरो रूप रोय कर भाग। ढाल- युं वचन कहे कैलासी,माई कर दे महर जरासी। तेरे घर प्रकटयो अविनासी,अंखियां दर्शन की प्यासी। संगीत- मेरो इष्ट देव मैंया सुत्यो तेरे पालण, जगत को है करता धरता खेले तेरे आगण, दर्शन करबा आयो नहीं आयो भीख मागण, तातो पाणी कर द्यु जोगी बैठकर नहायल, भूख तो लगी है जोगी दही रोटी खायल, लाल न दिखाऊ कोनी चाहे भिक्षा ना ले, टेर- तु बात कर ना झाळ की चल्यो जाय झठ से आयो॥3॥ उठाव- शंकर होय निराश फेर कैलाश चालण न लाग्यो, पलणां में सुत्यो कंवर कन्हैयौ जाग्यो। चिमक मारी किलकार पैर फटकार रोवण न लाग्यो, माता कहती वो जोगीड़ों नजर लगाग्यों। ढाल- जद गोद लियो महतारी, होलर होलर कर हारी। आई दस पांच बृज की नारी,तेरो क्यो रोव बनवारी॥ संगीत- कोई बोली पेट दुख कान में है चटको, कोई बोली कीड़ो कांटो भर लियों बटकों , माता कहती बहना महार मन में हुव खटको, एक तो जोगीड़ो आयो करग्यो जादू टूनो र, जोगीड़ा जाणा क पाछे रोव दुणो दुणो र, जाण नही देऊ जोगी ढूँढू कुणो कुणो र, टेर- काम्बल थी नाहर छाल की शिव शंकर नाम बतायो॥4॥ उठाव- जशुमति दोड़ी लेरे जोगिड़ा ठहर जाण देऊ नाही, लाल को दुख: पेट तु नजर लगाई। के कर आया जादु पाखण्डी साधु बोली रही माई, शिव शंकर बोलया घरा चालुगां में देऊगां दवाई। ढाल- शंकर मन मैं मुस्काये,संग जशुमति के घर आये। पोली में श्याम बुलाये, हंसकर के कंठ लगाये॥ संगीत- नजर लगी तो तन भभूती की चूंटी देऊ, सर्दी जुकाम है तो और जड़ी बूटी देऊ, पेट में दर्द है तो जायफल की घुंटी देऊ, शीश ऊपर हाथ फेरयो आशीषां सुणाय रहयों, गद गद कंठ हो गया मन में हर्षाय रहयों, शंकर श्याम मिल्या जद मोहन गुण गाय रह्यो। टेर- ल्यायो उम्र हजारों साल की यो जसुमति मेरो जायो॥5॥ ॥समाप्त॥
जय श्री बालाजी Please ये भजन लिखित में है तो मेरे को भेजो जी प्लीज प्लीज मेरा whatsapp number 9983312703 please please please bhejo ji या डिस्क्रिप्शन में डाल दो जी प्लीज
वाह अति सरस
जय हरिहर
ॐ नमः शिवाय
बहुत बढ़िया 🙏🙏🙏
jai shree balaji, bahut sundar bhajan bahut bhaut sadhuvad, saab ka combination zabar jast ha
Jordar gayan🙏🙏
क्या बात है बहुत मस्त गा रहे हो खुद भी आनंद ले रहे हो दूसरों को भी आनंद दिलवा रहे हो
Bahut Sundar.... Jai Sri balaG ki
वाह वाह पवन मामा... 👍👍👍
कैलाशपुरी से चाल कर शिवनन्द महर घर आयो॥
उठाव- शिव भक्ति में मगन दरश की लगन ध्यान लाग्यो धरने,
विष्णु को कठे निवास, देखना हर न।
देखी चारों कुंट और बैकुण्ठ देव और नर में,
नारायण लियो अवतार, नन्द के घर में।
ढाल- प्रभु नंद घरां अवतारी, लख मगन भये त्रिपुरारी।
आखडल्यां तरस म्हारी, चलने की करो तैयारी॥
संगीत- शैली श्रृंगी कंठी माला गल विच डाली है,
बाघम्बर लपेटे तन पे भस्म रमाली है,
शीश ऊपर शोभा देवे जग की तारण वाली है,
कैलाश स चाल पड़या बोल हर बम बम,
हाथ में त्रिशुल डमरू बाज रहयों डम डम,
चन्द्रमा ललाट ऊपर कर रहयों चम चम-3।
टेर- चाल्यो सर्प गला में डालकर, दिन ब्रज में आय उगायों॥1॥
उठाव- गोकुल की देखी झलक जगाई अलख नन्द के द्वारे,
एक दरश भीखारी खड़यो बारण थारे।
अलख अलख रह्यो टेर होय रही देर जाऊं घर म्हार,
मांई मांई शिव शंकर खड़यो पुकारे।
ढाल- जद मात यशोदा बोली,एक संत खड़यो है पोली।
भीक्षा देऊं अनमोली,जोगी की भर देऊ झोली॥
संगीत- थाली भर कर ल्याई माता रतन अनमोलां र,
पुत्र की बधाई देऊं लेज्यां जोगी बोळां र,
जाग्याव कन्हैयो म्हारो मत कर रोळां र,
भीख नही लेऊं मे तो दर्शन करबा आयो माई,
भोले नाथ द्वारे आये जाय के बात दे माई,
आलणीये पालणीये सुत्यो जाए के जगा माई-3।
टेर- एक दरश करा दे तेरे लाल का शिवशंकर द्वारे आयो ॥2॥
उठाव- तेरी सुन डमरू की तान सुतेड़ो कान चिमकर जाग रे,
पलणा में सुत्यो कंवर कन्हीयों जाग्यो।
तेरे गल बीच म शेष अजब तेरो भेष मन डर लाग र,
बालक देख तेरो रूप रोय कर भाग।
ढाल- युं वचन कहे कैलासी,माई कर दे महर जरासी।
तेरे घर प्रकटयो अविनासी,अंखियां दर्शन की प्यासी।
संगीत- मेरो इष्ट देव मैंया सुत्यो तेरे पालण,
जगत को है करता धरता खेले तेरे आगण,
दर्शन करबा आयो नहीं आयो भीख मागण,
तातो पाणी कर द्यु जोगी बैठकर नहायल,
भूख तो लगी है जोगी दही रोटी खायल,
लाल न दिखाऊ कोनी चाहे भिक्षा ना ले,
टेर- तु बात कर ना झाळ की चल्यो जाय झठ से आयो॥3॥
उठाव- शंकर होय निराश फेर कैलाश चालण न लाग्यो,
पलणां में सुत्यो कंवर कन्हैयौ जाग्यो।
चिमक मारी किलकार पैर फटकार रोवण न लाग्यो,
माता कहती वो जोगीड़ों नजर लगाग्यों।
ढाल- जद गोद लियो महतारी, होलर होलर कर हारी।
आई दस पांच बृज की नारी,तेरो क्यो रोव बनवारी॥
संगीत- कोई बोली पेट दुख कान में है चटको,
कोई बोली कीड़ो कांटो भर लियों बटकों ,
माता कहती बहना महार मन में हुव खटको,
एक तो जोगीड़ो आयो करग्यो जादू टूनो र,
जोगीड़ा जाणा क पाछे रोव दुणो दुणो र,
जाण नही देऊ जोगी ढूँढू कुणो कुणो र,
टेर- काम्बल थी नाहर छाल की शिव शंकर नाम बतायो॥4॥
उठाव- जशुमति दोड़ी लेरे जोगिड़ा ठहर जाण देऊ नाही,
लाल को दुख: पेट तु नजर लगाई।
के कर आया जादु पाखण्डी साधु बोली रही माई,
शिव शंकर बोलया घरा चालुगां में देऊगां दवाई।
ढाल- शंकर मन मैं मुस्काये,संग जशुमति के घर आये।
पोली में श्याम बुलाये, हंसकर के कंठ लगाये॥
संगीत- नजर लगी तो तन भभूती की चूंटी देऊ,
सर्दी जुकाम है तो और जड़ी बूटी देऊ,
पेट में दर्द है तो जायफल की घुंटी देऊ,
शीश ऊपर हाथ फेरयो आशीषां सुणाय रहयों,
गद गद कंठ हो गया मन में हर्षाय रहयों,
शंकर श्याम मिल्या जद मोहन गुण गाय रह्यो।
टेर- ल्यायो उम्र हजारों साल की यो जसुमति मेरो जायो॥5॥
॥समाप्त॥
Jai shri Ram 🙏🏻🙏🏻
बहुत खूब अति सुंदर पवन कुमार जाजोदिया रंगिया असम
Jai ho
Nais
जय श्री बालाजी की यह भजन मेरी माताजी को बहुत प्रिय रहा है इसकी lyrics या लिखित प्रतिलिपि किस प्रकार से मिल सकतीं है कृपा करे
🎉❤
Jai shree balaji ki mharaj🙏
Jay shree balaji maharaj ki 🙏🙏
Satyam
🙏Jai shree balaji ki 🙏
जय श्री बालाजी महाराज
Nice bhajn
JAI HO ⛳️
Rohit lyrics send karo
कहां सेंड करूं?
🔱🔱🔱🔱🔱🔱
हर हर महादेव ...my favourite shiv bhajan ...🙏🙏🙏💐💐
L pl lo pl
Satyam
Satyam
Sa
Satyam
जय श्री बालाजी
Please ये भजन लिखित में है तो मेरे को भेजो जी प्लीज प्लीज मेरा whatsapp number 9983312703 please please please bhejo ji या डिस्क्रिप्शन में डाल दो जी प्लीज
बहुत जल्द लिखित में descriptionमें मिल जायेगा
@@shrisalasarbalajibhajan2661 jay shree bala ji
Thank you I am writing
मिल जाएंगे
Abhi tak aaya nahi
@@khumanaramjisutharrajastha2735 थां की मेल आईडी व्है तो बतावो, बठै सेंड कर देस्यूं