कलयुग में गौ को क्यों दिया गया माँ का स्थान ? | Har Har Mahadev Serial | Latest Episode

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  • เผยแพร่เมื่อ 20 ธ.ค. 2024
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    कलयुग में गौ को क्यों दिया गया माँ का स्थान ? | Har Har Mahadev Serial | Latest Episode
    Episode No. 211 to 212
    इस भाग में देखे कैसे मनुष्य द्वारा प्रलय से व्यथित माता पृथ्वी और उसमे ब्रह्मदेव का अहंकार"
    About SHREE GANESH
    Shree Ganesh is an Indian mythological television series Directed by Dheeraj Kumar, it follows the story of Hindu God Ganesha portrayed by Jagesh Mukati.
    It is the narration of the story of Lord Shiva and Parvati's son Ganesha who is considered as remover of any obstacles.
    STARRING
    Jagesh Mukati as Ganesh
    Sunil Sharma as Shiva
    Priyanka as Parvati
    Sandeep Mohan as Vishnu
    Arup Pal as Brahma
    Surbhi Tiwari as Sati
    Sunil Nagar as Daksh
    Sameer Dharmadhikari as Indra
    Shilpa Kataria Singh as Shachi
    Sanjay Swaraj as Narada
    Radha Krishna Dutt as Kashyapa
    Shweta Rastogi as Aditi
    Created by: Vikas Kapoor
    Written by : Vikas Kapoor/Lt. Darshan Laad
    Directed by: Dheeraj Kumar
    Producer: Zuby Kochhar
    Production company: Creative Eye Limited
    आप महादेव है थो क्या हुआ भीतर नहीं जाने दूंगा | Har Har Mahadev | श्री गणेश सीरियल | New Episode
    सिद्ध शैव और शैव सिद्धांत परंपरा जो शैव संप्रदाय का हिस्सा है,
    उनमें नमः शिवाय को भगवान शिव के पंच तत्त्व बोध ,
    उनकी पाँच तत्वों पर सार्वभौमिक एकता को दर्शाता मानते हैं,
    "न" ध्वनि पृथ्वी का प्रतिनिधित्व करता है
    "मः" ध्वनि पानी का प्रतिनिधित्व करता है
    "शि" ध्वनि आग का प्रतिनिधित्व करता है
    "वा" ध्वनि प्राणिक हवा का प्रतिनिधित्व करता है
    "य" ध्वनि आकाश का प्रतिनिधित्व करता है
    इसका कुल अर्थ है कि "सार्वभौमिक चेतना एक है"
    शैव सिद्धांत परंपरा में यह पाँच अक्षर इन निम्नलिखित का भी प्रतिनिधित्व करते हैं :
    "न" ईश्वर की गुप्त रखने की शक्ति (तिरोधान शक्ति) का प्रतिनिधित्व करता है
    "मः" दुनिया का प्रतिनिधित्व करता है
    "शि" शिव का प्रतिनिधित्व करता है
    "वा" उसका खुलासा करने वाली शक्ति (अनुग्रह शक्ति) का प्रतिनिधित्व करता है
    "य" आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है
    यह मंत्र "न", "मः", "शि", "वा" और "य" के रूप में श्री रुद्रम् चमकम्, जो कृष्ण यजुर्वेद का हिस्सा है, उसमे प्रकट हुआ है।
    यह मंत्र रुद्राष्टाध्यायी जो शुक्ल यजुर्वेद का हिस्सा है उसमे भी प्रकट हुआ है.
    पूरा श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्र इस मंत्र के अर्थ हेतु समर्पित है ।
    तिरुमंतिरम, तमिल भाषा में लिखित शास्त्र, इस मंत्र का अर्थ बताता है ।
    शिव पुराण के विद्येश्वर संहिता के अध्याय 1.2.10 और वायवीय संहिता के अध्याय 13 में 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र लिखा हुआ है
    तमिल शैव शास्त्र, तिरुवाकाकम, "न", "मः", "शि", "वा" और "य" अक्षरों से शुरू हुआ है
    महामृत्युञ्जय मंत्र
    श्री रुद्रम् चमकम्
    शिव
    विभूति
    यजुर्वेद
    रुद्राष्टाध्यायी

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