ary 23, 2017 घट में बसे रे भगवान, मंदिर में काँई ढूंढ़ती फिरे म्हारी सुरता ॥टेर॥ मुरती कोर मंदिर में मेली, बा सुख से नहीं बोलै। दरवाजे दरबान खड्या है, बिना हुकम नहीं खोलै ॥1॥ गगन मण्डल से गंगा उतरी, पाँचू कपड़ा धोले । बिण साबण तेरा मैल कटेगा, हरभज निर्मल होले ॥2॥ सौदागर से सौदा करले, जचता मोल करालै । जे तेरे मन में फर्क आवेतो, घाल तराजू में तोले ॥3॥ नाथ गुलाब मिल्या गुरु पूरा, दिल का परदा खोले । भानीनाथ शरण सतगुरु की, राई कै पर्वत ओलै ॥4॥
ary 23, 2017
घट में बसे रे भगवान,
मंदिर में काँई ढूंढ़ती फिरे म्हारी सुरता ॥टेर॥
मुरती कोर मंदिर में मेली, बा सुख से नहीं बोलै।
दरवाजे दरबान खड्या है, बिना हुकम नहीं खोलै ॥1॥
गगन मण्डल से गंगा उतरी, पाँचू कपड़ा धोले ।
बिण साबण तेरा मैल कटेगा, हरभज निर्मल होले ॥2॥
सौदागर से सौदा करले, जचता मोल करालै ।
जे तेरे मन में फर्क आवेतो, घाल तराजू में तोले ॥3॥
नाथ गुलाब मिल्या गुरु पूरा, दिल का परदा खोले ।
भानीनाथ शरण सतगुरु की, राई कै पर्वत ओलै ॥4॥
Je ho naath ji
Jai shree nathji
जय श्री नाथ जी महाराज
Jai nath ji ki
Jai shri nath ji maharaj ki
Mhraj nice bhjan
जय श्री नाथजी की सा ।
धन्यवाद जी नाथ जी। तिल के ओटे राम है ।सगुण से प्रेम करते करते निर्गुण का भजन गाया है ।तरह तरह का मिश्रण किया है ।
Jay Shri Ram Jay Shri nath Ji Maharaj ki
Jai shree nath Ji mharaj ki
जय हो
22 ko vikash nathji ka program kha pe h
जय श्री नाथजी महाराज की🙏🙏
Jai shree Ram