09 मई, 2021 को देशभर में महान स्वतंत्रता सेनानी और समाजसेवी गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale) की 155वीं जयंती मनाई गई।। गोपाल कृष्ण गोखले एक महान समाज सुधारक और शिक्षाविद् थे जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को अनुकरणीय नेतृत्व प्रदान किया। प्रमुख बिंदु जन्म: 9 मई, 1866 को वर्तमान महाराष्ट्र (तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा) के कोटलुक गाँव में।  विचारधारा: गोखले ने सामाजिक सशक्तीकरण, शिक्षा के विस्तार और तीन दशकों तक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की दिशा में कार्य किया तथा प्रतिक्रियावादी या क्रांतिकारी तरीकों के इस्तेमाल को खारिज किया। औपनिवेशिक विधानमंडलों में भूमिका: वर्ष 1899 से 1902 के बीच वह बॉम्बे लेजिस्लेटिव काउंसिल के सदस्य रहे और वर्ष 1902 से 1915 तक उन्होंने इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल में काम किया। इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल में काम करने के दौरान गोखले ने वर्ष 1909 के मॉर्ले-मिंटो सुधारों को तैयार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस में भूमिका: वह भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस (INC) के नरम दल से जुड़े थे (वर्ष1889 में शामिल)। बनारस अधिवेशन 1905 में वह INC के अध्यक्ष बने। यह वह समय था जब ‘नरम दल’ औरलाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलकतथा अन्य के नेतृत्त्व वाले ‘गरम दल’ के बीच व्यापक मतभेद पैदा हो गए थे। वर्ष 1907 के सूरत अधिवेशन में ये दोनों गुट अलग हो गए। वैचारिक मतभेद के बावजूद वर्ष 1907 मेंउन्होंने लाला लाजपत राय की रिहाई के लिये अभियान चलाया, जिन्हें अंग्रेज़ों द्वारा म्याँमार की मांडले जेल में कैद किया गया था। संबंधित सोसाइटी तथा अन्य कार्य: भारतीय शिक्षा के विस्तार के लिये वर्ष 1905 में उन्होंने सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी (Servants of India Society) की स्थापना की। वह महादेव गोविंद रानाडे द्वारा शुरू की गई'सार्वजनिक सभा पत्रिका' से भी जुड़े थे। वर्ष 1908 में गोखले ने रानाडे इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक्स की स्थापना की। उन्होंने अंग्रेज़ी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘द हितवाद’ की शुरुआत की। गांधी के लिये गुरु के रूप में: एक उदार राष्ट्रवादी के रूप में महात्मा गांधी ने उन्हें राजनीतिक गुरु माना था। महात्मा गांधी ने गुजराती भाषा में गोपाल कृष्ण गोखले को समर्पित एक पुस्तक 'धर्मात्मा गोखले' लिखी। मॉर्ले-मिंटो सुधार 1909: इसके द्वारा भारत सचिव की परिषद, वायसराय की कार्यकारी परिषद तथा बंबई और मद्रास की कार्यकारी परिषदों में भारतीयों को शामिल गया। विधान परिषदों में मुस्लिमों हेतु अलग निर्वाचक मंडल की बात की गई। भारतीय राष्ट्रवादियों इन सुधारों को अत्यधिक एहतियाती माना गया तथा मुसलमानों हेतु प्रथक निर्वाचक मंडल के प्रावधान से हिंदू नाराज़ थे। केंद्रीय और प्रांतीय विधान परिषदों के आकार में वृद्धि की गई। इस अधिनियम ने इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल में सदस्यों की संख्या 16 से बढ़ाकर 60 कर दी। केंद्र और प्रांतों में विधान परिषदों के सदस्यों की चार श्रेणियाँ थी जो इस प्रकार है: पदेन सदस्य: गवर्नर-जनरल और कार्यकारी परिषद के सदस्य। मनोनीत सरकारी सदस्य: सरकारी अधिकारी जिन्हें गवर्नर-जनरल द्वारा नामित किया गया था। मनोनीत गैर-सरकारी सदस्य: ये गवर्नर-जनरल द्वारा नामित थे लेकिन सरकारी अधिकारी नहीं थे। निर्वाचित सदस्य: विभिन्न वर्गों से चुने हुए भारतीय। निर्वाचित सदस्यों को अप्रत्यक्ष रूप से चुना जाना था। भारतीयों को पहली बार इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल (Imperial Legislative Council) की सदस्यता प्रदान की गई। मुसलमानों हेतु पृथक निर्वाचक मंडल की बात की गई। कुछ निर्वाचन क्षेत्र मुस्लिमों हेतु निश्चित किये गये जहाँ केवल मुस्लिम समुदाय के लोग ही अपने प्रतिनिधियों के लिये मतदान कर सकते थे। सत्येंद्र पी. सिन्हा वायसराय की कार्यकारी परिषद में नियुक्त होने वाले पहले भारतीय सदस्य थे।
जिनकी वजह से हमें स्वतंत्रता मिली आज उन्हीं को हम भारतीय बुला रहे हैं । वह क्रांतिकारी सपने में भी कभी नहीं सोचे होंगे कि भारत के लोगों की नजरिया इतना बदल जाएगा
ये वे महान व्यक्तित्व थे जिन्होंने नाम, शोहरत, वाही वाही पाने के लिये काम नही किया था. बल्कि इन्होने देश और देश की जनता को सशक्त बनाने के लिये अपना अपना जीवन समर्पित कर दिया. ये हकीकत मे महान है.
Thanks. लेकिन मै केवल इतना ही कहना चाहती हूँ. कि हमारा देश विकसित दिशो मे नही है. लेकिन विदेशी देश मे सबसे ऊपर है. क्योंकि ये विकसित्ता इंसानों के लिये की है. अगर इंसानों को पीछे रखकर अपनी महवकांछाओं को महत्त्व दिया जाये तो ये सब किस काम का.
महात्मा गांधी के राजनैतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले जी को शत शत नमन!! भारत हमेशा इनके अद्वितीय और अविश्वसनीय योगदानो को याद करता रहेगा!!ये बेहद ही सवेदनशील और विचारशील शख्शियत थे!!
अँकर मार्फत दाखवलेला कार्यक्रम खुप छान माहिती देतो. कुठे आहेत वैभव सर, हा कार्यक्रम खुप छान वाटला. स्वातंत्र आंदोलन काळात समाजातील कुप्रथेस कडक विरोध करून, समाजात सर्व वर्गातील मुलांना प्राथमिक शिक्षण मिळावे म्हणून लढणार्या महापुरुषास विनम्र अभिवादन. धन्यवाद राज्यसभा टिव्ही
Aaj ki pidhi ko kacha badaam or dusre sexual trends dekhne se fursat hi nhi hmare neta ye upr se dekhte honge to kya sochte honge isliye hmne itna balidaan diya
क्या गोपाल कृष्ण गोखले अंग्रेजो के पक्ष में थे क्या गोखले ने ये बोला था की अंग्रेजो को भारत से नही जाना चाहिए? अगर नही तो फिर तिलक जी क्यों इनके विचारो का विरोध करते थे?
09 मई, 2021 को देशभर में महान स्वतंत्रता सेनानी और समाजसेवी गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale) की 155वीं जयंती मनाई गई।।
गोपाल कृष्ण गोखले एक महान समाज सुधारक और शिक्षाविद् थे जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को अनुकरणीय नेतृत्व प्रदान किया।
प्रमुख बिंदु
जन्म: 9 मई, 1866 को वर्तमान महाराष्ट्र (तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा) के कोटलुक गाँव में।

विचारधारा:
गोखले ने सामाजिक सशक्तीकरण, शिक्षा के विस्तार और तीन दशकों तक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की दिशा में कार्य किया तथा प्रतिक्रियावादी या क्रांतिकारी तरीकों के इस्तेमाल को खारिज किया।
औपनिवेशिक विधानमंडलों में भूमिका:
वर्ष 1899 से 1902 के बीच वह बॉम्बे लेजिस्लेटिव काउंसिल के सदस्य रहे और वर्ष 1902 से 1915 तक उन्होंने इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल में काम किया।
इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल में काम करने के दौरान गोखले ने वर्ष 1909 के मॉर्ले-मिंटो सुधारों को तैयार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस में भूमिका:
वह भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस (INC) के नरम दल से जुड़े थे (वर्ष1889 में शामिल)।
बनारस अधिवेशन 1905 में वह INC के अध्यक्ष बने।
यह वह समय था जब ‘नरम दल’ औरलाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलकतथा अन्य के नेतृत्त्व वाले ‘गरम दल’ के बीच व्यापक मतभेद पैदा हो गए थे। वर्ष 1907 के सूरत अधिवेशन में ये दोनों गुट अलग हो गए।
वैचारिक मतभेद के बावजूद वर्ष 1907 मेंउन्होंने लाला लाजपत राय की रिहाई के लिये अभियान चलाया, जिन्हें अंग्रेज़ों द्वारा म्याँमार की मांडले जेल में कैद किया गया था।
संबंधित सोसाइटी तथा अन्य कार्य:
भारतीय शिक्षा के विस्तार के लिये वर्ष 1905 में उन्होंने सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी (Servants of India Society) की स्थापना की।
वह महादेव गोविंद रानाडे द्वारा शुरू की गई'सार्वजनिक सभा पत्रिका' से भी जुड़े थे।
वर्ष 1908 में गोखले ने रानाडे इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक्स की स्थापना की।
उन्होंने अंग्रेज़ी साप्ताहिक समाचार पत्र ‘द हितवाद’ की शुरुआत की।
गांधी के लिये गुरु के रूप में:
एक उदार राष्ट्रवादी के रूप में महात्मा गांधी ने उन्हें राजनीतिक गुरु माना था।
महात्मा गांधी ने गुजराती भाषा में गोपाल कृष्ण गोखले को समर्पित एक पुस्तक 'धर्मात्मा गोखले' लिखी।
मॉर्ले-मिंटो सुधार 1909:
इसके द्वारा भारत सचिव की परिषद, वायसराय की कार्यकारी परिषद तथा बंबई और मद्रास की कार्यकारी परिषदों में भारतीयों को शामिल गया। विधान परिषदों में मुस्लिमों हेतु अलग निर्वाचक मंडल की बात की गई।
भारतीय राष्ट्रवादियों इन सुधारों को अत्यधिक एहतियाती माना गया तथा मुसलमानों हेतु प्रथक निर्वाचक मंडल के प्रावधान से हिंदू नाराज़ थे।
केंद्रीय और प्रांतीय विधान परिषदों के आकार में वृद्धि की गई।
इस अधिनियम ने इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल में सदस्यों की संख्या 16 से बढ़ाकर 60 कर दी।
केंद्र और प्रांतों में विधान परिषदों के सदस्यों की चार श्रेणियाँ थी जो इस प्रकार है:
पदेन सदस्य: गवर्नर-जनरल और कार्यकारी परिषद के सदस्य।
मनोनीत सरकारी सदस्य: सरकारी अधिकारी जिन्हें गवर्नर-जनरल द्वारा नामित किया गया था।
मनोनीत गैर-सरकारी सदस्य: ये गवर्नर-जनरल द्वारा नामित थे लेकिन सरकारी अधिकारी नहीं थे।
निर्वाचित सदस्य: विभिन्न वर्गों से चुने हुए भारतीय।
निर्वाचित सदस्यों को अप्रत्यक्ष रूप से चुना जाना था।
भारतीयों को पहली बार इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल (Imperial Legislative Council) की सदस्यता प्रदान की गई।
मुसलमानों हेतु पृथक निर्वाचक मंडल की बात की गई।
कुछ निर्वाचन क्षेत्र मुस्लिमों हेतु निश्चित किये गये जहाँ केवल मुस्लिम समुदाय के लोग ही अपने प्रतिनिधियों के लिये मतदान कर सकते थे।
सत्येंद्र पी. सिन्हा वायसराय की कार्यकारी परिषद में नियुक्त होने वाले पहले भारतीय सदस्य थे।
जिनकी वजह से हमें स्वतंत्रता मिली आज उन्हीं को हम भारतीय बुला रहे हैं । वह क्रांतिकारी सपने में भी कभी नहीं सोचे होंगे कि भारत के लोगों की नजरिया इतना बदल जाएगा
Aisa nhi hoga sir,
गोपाल कृष्ण गोखले एक महान विचारक थे
ये वे महान व्यक्तित्व थे जिन्होंने नाम, शोहरत, वाही वाही पाने के लिये काम नही किया था. बल्कि इन्होने देश और देश की जनता को सशक्त बनाने के लिये अपना अपना जीवन समर्पित कर दिया. ये हकीकत मे महान है.
Thanks. लेकिन मै केवल इतना ही कहना चाहती हूँ. कि हमारा देश विकसित दिशो मे नही है. लेकिन विदेशी देश मे सबसे ऊपर है. क्योंकि ये विकसित्ता इंसानों के लिये की है. अगर इंसानों को पीछे रखकर अपनी महवकांछाओं को महत्त्व दिया जाये तो ये सब किस काम का.
"गोपाल कृष्ण गोखले"
1.जन्म 9 मई 1866
2. स्थान रत्नागिरी ( महाराष्ट्र)
3. कांग्रेश के नरम दल के नेता
4. महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु 🙏
Thanks 🙏
निधन 19 फेब्रुअरी 1915 ।
गोपाल कृष्ण गोखले जी उनके योगदान के प्रति हार्दिक कृतज्ञता 🙏🙏
True legend of India, salute to you......
Jai Hind, Jai Bharat......
महात्मा गांधी के राजनैतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले जी को शत शत नमन!! भारत हमेशा इनके अद्वितीय और अविश्वसनीय योगदानो को याद करता रहेगा!!ये बेहद ही सवेदनशील और विचारशील शख्शियत थे!!
😍
@@sufisoul3780 aaaààaaaaaaaaaààaaLL
@@bmyadav5624 itna b ni tha ,😅
सत सत नमन महान पुरुष गोपाल कृष्ण गोखले जी को🙏🙏🙏🙏
👍👍🙏🙏👌🤝🤝💐💐
Nice janu
Thank you very much rstv team.
Rajya Sabha TV video prastuti ke liye bahut bahut dhanyavad
mahan swatantrata senani Shri Gopal Krushna Gokhleji ko shat shat naman
||vande mataram||
गोपाल कृष्ण गोखले जी 🙏🙏
बढ़िया प्रस्तुति
Thank You 🙏 Rajya Sabha Team
Which are those mental people who dislike such a great video with sucha great personality?
We salute to the great gopal krishna gokhale.
so nice for india and indian
Koti koti Naman 🙏🙏
अँकर मार्फत दाखवलेला कार्यक्रम खुप छान माहिती देतो. कुठे आहेत वैभव सर,
हा कार्यक्रम खुप छान वाटला. स्वातंत्र आंदोलन काळात समाजातील कुप्रथेस कडक विरोध करून, समाजात सर्व वर्गातील मुलांना प्राथमिक शिक्षण मिळावे म्हणून लढणार्या महापुरुषास विनम्र अभिवादन.
धन्यवाद राज्यसभा टिव्ही
👌👌
Thank you sir.
great man. thank you soooooo much. aapne itni achhi tarahse jankari di.
Salutu to Gopal Ganesh Gokhale
Sat, sat naman
Radhe Radhe all of you
Jay hind
The most of my interesting topic.....
Ty, rstv
Mee too
Excellent 👌👌🙏 Very important & knowledgeable video
Please🙏 aise program laye sansad TV
Why no show on Chhatrapati Shivaji Maharaj?
Very nice
Now country needs reassessment in every field. Luckily government is strong enough to contribute in this direction.
Raja ram mohan Roy and maha dev Govind Ranade per plz video bnaiye
Thank you rajya sabha TV 👌💐💐🙏🙏💐🌸
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
We also have to follow his path 👍👍❤️👍❤️
यक़ीन हो तो कोई रास्ता निकलता है
हवा की ओट भी ले कर चराग़ जलता है
Very nice your think 👍👍
I like you ⚘⚘👫
Upsc IAS pcs mains ke liye important hai. 👨💻👨💻
Tq
Aap mahadev Govind Ranade aur raja mohana Roy per plz video bnaiye Aap bahut acha video bnate ha
Thanks Rstv all members and love you rstv channel.
Gopal Krishna Gokhale is the great freedom fighter. 🙏🌹
bharat : sambhavanayon ka dusra naam
Thankyou for this information 🙏
Sat Naman aapko
Thanks RSTV
Thanks Rstv 😍
🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Thanks rstv
Thanks rajya sabha tv
Thanks for rstv 🌹🌹🌹
1889:-मुंबई अधिवेशन
Upsc aspirants have 👍👍👍⚘
Pls provide english subtitle
Thanks sir
Thanks rs tv
Great work
Tq
Good information..
👌🙏.. To be continue..
😘
Who disliked this video... n why..?
🙏🙏🙏❤️
lic -> 1979
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
🙏
Aaj ki pidhi ko kacha badaam or dusre sexual trends dekhne se fursat hi nhi hmare neta ye upr se dekhte honge to kya sochte honge isliye hmne itna balidaan diya
क्या गोपाल कृष्ण गोखले अंग्रेजो के पक्ष में थे क्या गोखले ने ये बोला था की अंग्रेजो को भारत से नही जाना चाहिए? अगर नही तो फिर तिलक जी क्यों इनके विचारो का विरोध करते थे?
Ugravadi or Mawal marwadi pakhsh ko Wrriting se Nyayalaya me Apani1 Panth ko British council ke samkhsh Rakh sakte the
He was Britisher's chamcha, even Gandhi🙂
🇮🇪🇮🇪
Suryaveer sa aehsaas
दूरदर्शी सोच वाले नरम दल के क्रांतिकारी नेता
UN MUST CLOSE PARMANENT . NOW THIS IS MOUTH OF ISLAM AND CHIENA