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Acharya ji jo aapko sunne wale hai, wo 1 bacha kar rahe hai, kuch nahi kar rahe h Lekin Jo Abhi bhi 4-6 kar rahe aap un tak pahuchne ka madhayam dhundhe
जंगल में जब तक पशु बच्चा पैदा कर रहा था तो कोई समस्या नहीं थी कोई बात नहीं थी क्योंकि पशु का समर्थ और बल सिमित होता है अब मनुष्य नें ये करना शुरू किया तो हमें विनाश ही मिलेगा
आचार्य जी मेरा प्रश्न ये है कि अगर एक टाइम पे बहुत सारे बच्चे जन्म लेते इस दुनिया में किसी का परिवार अमीर होता है तो किसी का गरीब जिससे गरीब वाले बच्चे ज्यादा मेहनत करनी पड़ती अपना लक्ष्य हासिल करने में कई बार वो कर भी नहीं पाता तो क्या अन्याय नहीं बच्चे के साथ जो उसने नहीं किया उसे भी उसे झेलना पड़ रहा है
जवाब यह है कि हमारे पास जब इतना साधन नहीं है तो बच्चे पैदा ही क्यों किया गया एक बच्चा काफी होना चाहिए , 6 बच्चे पैदा कर रखे है और खामियाजा और सब भुगत रहे है ये उन बच्चों के साथ माता-पिता ने अन्याय किया है पैदा करके,,,, मैं एक गाँव से हूं घर के पास एक मजदूर रहता है जिसकी 4 बेटी है और बेटे की चाहत में ये बेटियाँ हुयी अब 2 जुड़वां बेटे हुए है , इन 6 बच्चों के साथ अन्याय है मजदूर बनाने के लिए पैदा किया गया है बेटियों को स्कूल नहीं भेज रहे छोटे भाइयों की देखभाल करती है माता-पिता मजदूरी करते है अन्याय नहीं है ये पाप है ये
नमस्ते आचार्य जी मेरे मन में प्रकृति को बचाने का सवाल आता है क्योंकि मुझे ऐसा लगता है कि हम जानवरों के साथ अन्याय कर कर रहे हैं उनका घर बर्बाद कर के और इसमें मेरा भी कुछ स्वार्थ हो सकता है क्योंकि मुझे प्रकृति अच्छी लगती वो जितनी साफ हो और वो हमें खाने पीने की चीजें देती है पर मेरे मन में एक सवाल आता है कि जैसे आप कहते हैं कि प्रकृति माया है बाहर की भी और हमारे अंदर भी तो हमें उसे बचाने का प्रयास क्यों करना चाहिए मैं अगर इसे बचाने का प्रयास करती हु तो मुझे कैसे पता चलेगा कि ये मै अपने लिए कर रही हु या दूसरों के लिए
Maya tb h.....jb Aap samjh nhi pate....maut ka karan bhi prakriti bn jati hai.....Agr samjh gye to.....Maa h Prakriti jo hme Shiv hone ki sambhavna deti hai
हर व्यक्ति विवाह कर संतान ही चाहता हैं. भोग हमारे जीवन मे नसों मे खून की तरह हैं इससे छुटकारा नहीँ. अब त् पेड़ उगाने जंगल बचाने के भी ज्यादातर फायदे नहीँ बहुत बिगड चुका सबकुछ आप कहते हैं पर सब अब मुमकिन नही . 🙏🏾🙏🏾🙏🏾
Saare load soil aur tree pe aagaya...for huge demand and production load, and pollution generation. Soil microbial structures alter ho raha hai, jo soil ki quality damage kar raha hai.
Same here, I don't want to do so. But my husband is also against me. He is running a coaching Institute. Itna educated hone k baad bhi, he wants baby boy, very much influenced by his mother.
आचार्य प्रशांत से समझें गीता,
लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00022
✨ प्रतिमाह 20+ लाइव सत्र और नियमित परीक्षाएँ
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अपने वैवाहिक सुखों और यौन संबंधों के कारण हमने इस धरती को बीमारियों का घर बना दिया है
धरती में सदा हि दुख है। बुद्ध भि दुख से मुक्ति कि बात कर रहेथे। बुद्ध के समय जन्संख्या कम रहि होगि
मैं निजी तौर पर आचार्य प्रशांत.....जी से सहमत हूं..।
सभी तथ्य सही साबित होते जारहे है प्रणाम आचार्य जी
Acharya ji jo aapko sunne wale hai, wo 1 bacha kar rahe hai, kuch nahi kar rahe h
Lekin Jo Abhi bhi 4-6 kar rahe aap un tak pahuchne ka madhayam dhundhe
सरकार अगर कानून लाये कि जिसके पास बच्चा नही होगा नौकरी सिर्फ उसे ही मिलेगी, एक वर्ष में जनसंख्या कन्टोल।
Suchmuch bahut chizo se mukti mil jaygi..jinda rehte😂😂
😂🤣
😂😂
Arey ye India hai sir, agli पंचवर्षी us sarkar ko कुर्सी nhi milegi
@@nagendridevi4495yahi likhne aya tha 😂😂😂
I agree with him...I am an environmental engineer...I understand depth of his talk.
एक बच्चा अपने पूरे जीवन में 58टन CO2 उत्सर्जित करता है। ये खुशी की बात नहीं है, बल्कि विनाश का सूचक है।
Ek saal mein
True, Acharya ji 🙏
One of the greatest person who talk about environmental disaster
Consumption Destroy our Life
हमारी खुशिया खा गयी पृथ्वी को😢😢
I agree with Acharya Prashant sir.
जंगल में जब तक पशु बच्चा पैदा कर रहा था तो कोई समस्या नहीं थी कोई बात नहीं थी क्योंकि पशु का समर्थ और बल सिमित होता है अब मनुष्य नें ये करना शुरू किया तो हमें विनाश ही मिलेगा
मुझे यही समझ आया कि हम मनुष्य धरती पर बोझ से ज्यादा कुछ नहीं है। अपनी इच्छा वासना को तृप्त करने के लिए हमने पूरे धरती आसमान को बर्बाद कर दिया।
जब हम अपनी अपूर्ण वृति के पीछे भागते हैं तो हम अपनी कामना को पूरा करने के लिए ही करते हैं
Parnam Acharye ji🙏❤
Ek dam shahi 101/ right
🙏✨🙏✨🙏
ना कर्म में प्रवृत्ति से,
ना कर्म के परित्याग से,
आत्मज्ञान मिलता नही है,
अंधे कर्म की राह से।
🪔 श्रीमद्भगवद्गीता 3.4 🪔
✨🙏✨🙏✨🙏✨
हमारी खुशियाँ पृथ्वी को दुःखी बना रही हैं
Naman sir ❤❤❤
Acarayaji parnam
Khush khabari nahin bhayanak baat hai 😞😞
He's right
आचार्य जी मेरा प्रश्न ये है कि अगर एक टाइम पे बहुत सारे बच्चे जन्म लेते इस दुनिया में किसी का परिवार अमीर होता है तो किसी का गरीब
जिससे गरीब वाले बच्चे ज्यादा मेहनत करनी पड़ती अपना लक्ष्य हासिल करने में कई बार वो कर भी नहीं पाता तो क्या अन्याय नहीं बच्चे के साथ जो उसने नहीं किया उसे भी उसे झेलना पड़ रहा है
जवाब यह है कि हमारे पास जब इतना साधन नहीं है तो बच्चे पैदा ही क्यों किया गया
एक बच्चा काफी होना चाहिए , 6 बच्चे पैदा कर रखे है और खामियाजा और सब भुगत रहे है
ये उन बच्चों के साथ माता-पिता ने अन्याय किया है पैदा करके,,,,
मैं एक गाँव से हूं घर के पास एक मजदूर रहता है जिसकी 4 बेटी है और बेटे की चाहत में ये बेटियाँ हुयी अब 2 जुड़वां बेटे हुए है ,
इन 6 बच्चों के साथ अन्याय है मजदूर बनाने के लिए पैदा किया गया है
बेटियों को स्कूल नहीं भेज रहे छोटे भाइयों की देखभाल करती है माता-पिता मजदूरी करते है
अन्याय नहीं है ये पाप है ये
Respect for thenos.
नमस्ते आचार्य जी
मेरे मन में प्रकृति को बचाने का सवाल आता है क्योंकि मुझे ऐसा लगता है कि हम जानवरों के साथ अन्याय कर कर रहे हैं उनका घर बर्बाद कर के और इसमें मेरा भी कुछ स्वार्थ हो सकता है क्योंकि मुझे प्रकृति अच्छी लगती वो जितनी साफ हो और वो हमें खाने पीने की चीजें देती है
पर मेरे मन में एक सवाल आता है कि जैसे आप कहते हैं कि प्रकृति माया है बाहर की भी और हमारे अंदर भी तो हमें उसे बचाने का प्रयास क्यों करना चाहिए
मैं अगर इसे बचाने का प्रयास करती हु तो मुझे कैसे पता चलेगा कि ये मै अपने लिए कर रही हु या दूसरों के लिए
Maya tb h.....jb Aap samjh nhi pate....maut ka karan bhi prakriti bn jati hai.....Agr samjh gye to.....Maa h Prakriti jo hme Shiv hone ki sambhavna deti hai
Kbhi kbhi mujhe ab jo k ek paida ho chuka h vyask insan aisa lgta h k mujhe kyu paida kiya gya after siblings😢😢
One life one chance jeevan jine ke liye ......
Aapki baat naa ke barabar log follow krenge pr aapki baat bht deep h
हर व्यक्ति विवाह कर संतान ही चाहता हैं. भोग हमारे जीवन मे नसों मे खून की तरह हैं
इससे छुटकारा नहीँ. अब त् पेड़ उगाने जंगल बचाने के भी ज्यादातर फायदे नहीँ
बहुत बिगड चुका सबकुछ आप कहते हैं पर सब अब मुमकिन नही . 🙏🏾🙏🏾🙏🏾
Ek ek paida kr lo. 3_4 toh mat kro
Sahi hai
Bhartiyo ko ye kab pata chalega bharat me itni aabadi hai aadmi ka bhavishya kitna bhayawah hai phir bhi shadi baccho ko utna hi samman hai
❤❤❤
Ek bat puchni h agr husband wife me ek ko dusra bccha ni chahiye aur ek ko do bcche chahiye to aisi condition me ky kre?
😩😩😩😩meri office ki ek colleague maternity leave pr ja rahi hai ab uska kaam june tak humko krna hai
धन्यवाद आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏
मैं तो ब्याह ही ना कर रही नुन्नू का झंझट ख़तम 😂
😂😂😂
😂😂😂
Maine ki ni 40 age ho gae ab to Jane ka time ho gya😂😂
Aur naasamjh log bachha paida karte karte nahi thakte 🤷......
Ek hi krunga 😊
@@__farmerab to karo hi mat
Saare load soil aur tree pe aagaya...for huge demand and production load, and pollution generation. Soil microbial structures alter ho raha hai, jo soil ki quality damage kar raha hai.
🙏🙏🙏🙏💕💕💕💕💕🇳🇵
🙏
Saadi karo lekin bacha paida mat karo
Kon kon shadi nahi koroge like koro❤
Kr li h, or ek beti b h 11 month ki
Now my in laws are forcing me to produce more babies till they get a baby boy.
@@sharmilajakhar1360same, but m toh nhi krunga dusra baby. Chahe kli kitna bhi kahe
Same here, I don't want to do so. But my husband is also against me. He is running a coaching Institute. Itna educated hone k baad bhi, he wants baby boy, very much influenced by his mother.
धन्यवाद आचार्य जी
❤❤❤❤
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