❤❤❤ रात आंखो मे ढली,,,,,,पलको पे जुगनू ,,,,,,,आए,,,,,,,2,,,,अब हवाओ की तरह,,,,,,,,वाह ,,,,,,,,बस गयी हैं मेरे अहसास मे यह केसी खुशबू,,,,,,,कोई खुशबू मे लगाऊं ,,,,,तेरी खुशबू आए,,,,,,,वाह कया बात हे ,,,,, उसकी आंखे,,,,,,मुझें,,,,मीरा का भजन लगती हैं,,,,,,कमल का कमल लगती है,,,,,पलके झपकाएंतो गुलाब की खुशबू आए,,,,लोभान से नशा चढता है ओर भूत आते है,,,, समझें,,,,,❤❤❤❤❤❤
रात आंखो मे ढली,, पलको पे जुगनू आए,,,,,,, हम हवाओ की तरह,, उसे छू,,, आए,,,, यह पीयून मत बजाओ,, बस गयी हे मेरे अहसास में,, ये केसी खुशबू,,,, कोई खुशबू मेन लगाऊ,,,, तेरी खुशबू आए,,, रात आंखो में,,,, उसकी आंखे मुझे मीरा का भजन लगती हें,,,, कया बात हें,,,, पलकें छलकाए तो लोंडा की खुशबू आए,,, रात आंखो में कटी,,,,, उसने छूकर मुझे पतथर से फिर इंसान किया,,,, कया बात हे,,,, वाह,, छूकर पतथर से इंसान किया,,, मुददत बाद मेरी आंखो में आंसू आए,,,,,, ऐसा मत कहो,, तारीफे काबिल हो आप,,, गम की टीयून,,,,, मत बजाओ,,, दिल फट जाएगा,,,, आतमा रो देंगी,,,, उन फकीरो को गजल अपनी सुनाते रही तो,,,,, इन फकीरो को गजल अपनी सुनाते रहीयो,, जिनकी आवाज मे,,,, दर्दो की खुशबू आए,,,,,,,, हम हवाओ की तराह,,,,
हर रात आंखो में ढली,,, पलको पे जुगनू आये,,,, ऐसे ही आखो को तकलीफ मत दो,,,,,, बस गयी हे मेरे अहसास में केसी खुशबू,,, कोई खुशबू मे लगाऊ तेरी खुशबू आए,, , अब हवाओ की तराह,, ,,,, रात,आंखो,,,,,, उ, की आंखे मुझे मीरा का भजन लगती हे,,,,,,, पिंक भेजे कया,,,, पलके झपकाए तो लोहान की खुशबू आए,,,, जय हो गुरू जी की,,,, रात आंखो मे ढली,,,,, उसने छूकर मुझे पतथर से इंसान किया,,, कया बात हे,,, बुरा मत मानना हम जयादा बोलता हे,,, ,,, मुददत बाद मेरी आंखो मे आंसू आए,,, रात आंखो मे ढली पलको पे जुगनू आए,,,,, नीला आकाश ढला,,, नीलम से नगमें गाए,,,,, इन फकीरो को गजल अपनी सुनाते रहीयो,,, इन नवीन को गजल अपनी सुनाते रहीयो,, जिनगी आवाज में दरबार की खुशबू आए,,, हम हवाओ की तराह जागे,,,,, वाह वाह
Everytime i listen him i get goosebumps , amazing singer, whether it's ghazal , bhajan , kawali or any other song it gets a new dimension with osman mir's magical voice.
रात आंखो में ढली,,, पलको पे जुगनू,,, आए,,, बस गयी हें,,, मेरे अहसास में ये केसी खुशबू,,,, वाह कया बात,, ,, कोई खुशबू में लगाउ तेरी खुशबू आए,,, अब हवाओ की तरह उसे छू,,, आए,,, रात आंखो में,,,,,, उसकी आंखे मुझे,,,, मीरा की गजल लगती हें,,,,, नई,,, n ,, की आंखे तो मुझे,,, पलके झपकाए तो लोहान की खुशबू आए,,,, रात आंखो में कटी,,,, उसने छूकर मुझे पतथर से फिर इंसान किया,,,, वाकयी,,,, उसने छूकर मुझे पतथर से फिर इंसान किया,, वर्ना दो बार मेरी आंखो में आंसू आए,,,, रात आंखो में कटी,,,कया बात हे,,, टूटे तार की तरह शेम धनी नही बजाओ,,,, इन फकीरो को गजल अपनी सुनाते रही तो,,,???,,, n,,,,इन फकीरो को गजल अपनी सुनाते रही तो,,, जिनकी आवाज में,,, डर नाकी खूशबू आए,,, हम हवाओ की तराह उसे जाकर छू,,,,, आए,,,, रात आंखो,,,
Insha Allah aapka programe live panipat city me rakhne ki koshish karenge,,,itni meethi or sureeli aavaaz bahut kam logon ke gale me hoti h,,,Allah ne aap per bahut khas meharbaani ki h
Osman bhai aap alag type ka kalakar ho mere bhai ❤❤❤
वाह क्या बात है! ओसमान साहब गजल के बादशाह को मेरा नमन।
Vah. Vah. Ooman mir ki aawaaj is a gift from God. Who are the other players.
❤❤❤ रात आंखो मे ढली,,,,,,पलको पे जुगनू ,,,,,,,आए,,,,,,,2,,,,अब हवाओ की तरह,,,,,,,,वाह ,,,,,,,,बस गयी हैं मेरे अहसास मे यह केसी खुशबू,,,,,,,कोई खुशबू मे लगाऊं ,,,,,तेरी खुशबू आए,,,,,,,वाह कया बात हे ,,,,, उसकी आंखे,,,,,,मुझें,,,,मीरा का भजन लगती हैं,,,,,,कमल का कमल लगती है,,,,,पलके झपकाएंतो गुलाब की खुशबू आए,,,,लोभान से नशा चढता है ओर भूत आते है,,,, समझें,,,,,❤❤❤❤❤❤
Waah kya bat hai like the rag and composition..
વાહ ઓસમાણભાઈ ! ધ્રોલ થી સોએબભાઈનો મિત્ર, હવે એક વાર મેહંદી હસન સાહેબની " કૈસે છુપાઉ સોજે ગમ દિદા એ તર કો ક્યા કરું " આપના સ્વરમાં સાંભળવી છે.
Bas gayi he mere ahesas me teri khushboo
Koi khushboo me lagavu teri khushboo aaye........waah kya baat he. Jite rahiye osman sahab
Raag Jog
no one can sing like you. hats off Osman ji.
love a lot from Pachore District Rajgarh M.P.
Wah Ustad ji
Aap ne to Ustad ji Ghulam Ali saab ki yaad dila di
Aflatoon......!!!
Superb Osmanbhai 🎉
Osman sir your voice mai bhi jadu hai
Aap jaise umda kalakaar ki wajah se gazal abhi bhi sanse le paa rahi hai...💐💐💐
Ustad ji apki gayaki mera sakoon hai. Bhagwan apko salamti bakshe.
उसने छूकर मुझे पत्थर सै फिर इंसान किया
😊👌🏻 इसे महसूस किया जा सकता है
नमन मरहूम वशीर बद्र साहब की सोच को 🙏🏻
रात आंखो मे ढली,, पलको पे जुगनू आए,,,,,,, हम हवाओ की तरह,, उसे छू,,, आए,,,, यह पीयून मत बजाओ,, बस गयी हे मेरे अहसास में,, ये केसी खुशबू,,,, कोई खुशबू मेन लगाऊ,,,, तेरी खुशबू आए,,, रात आंखो में,,,, उसकी आंखे मुझे मीरा का भजन लगती हें,,,, कया बात हें,,,, पलकें छलकाए तो लोंडा की खुशबू आए,,, रात आंखो में कटी,,,,, उसने छूकर मुझे पतथर से फिर इंसान किया,,,, कया बात हे,,,, वाह,, छूकर पतथर से इंसान किया,,, मुददत बाद मेरी आंखो में आंसू आए,,,,,, ऐसा मत कहो,, तारीफे काबिल हो आप,,, गम की टीयून,,,,, मत बजाओ,,, दिल फट जाएगा,,,, आतमा रो देंगी,,,, उन फकीरो को गजल अपनी सुनाते रही तो,,,,, इन फकीरो को गजल अपनी सुनाते रहीयो,, जिनकी आवाज मे,,,, दर्दो की खुशबू आए,,,,,,,, हम हवाओ की तराह,,,,
Asadharan. Eto sundar.saradin dhare sunchhi. Tobuo mane hochhe jeno man bhorche na.
धन्य हो भाई वाह क्या बात है
Fantastic. Beautiful
Wah Mir Saheb pakad tamari mahan
हर रात आंखो में ढली,,, पलको पे जुगनू आये,,,, ऐसे ही आखो को तकलीफ मत दो,,,,,, बस गयी हे मेरे अहसास में केसी खुशबू,,, कोई खुशबू मे लगाऊ तेरी खुशबू आए,, , अब हवाओ की तराह,, ,,,, रात,आंखो,,,,,, उ, की आंखे मुझे मीरा का भजन लगती हे,,,,,,, पिंक भेजे कया,,,, पलके झपकाए तो लोहान की खुशबू आए,,,, जय हो गुरू जी की,,,, रात आंखो मे ढली,,,,, उसने छूकर मुझे पतथर से इंसान किया,,, कया बात हे,,, बुरा मत मानना हम जयादा बोलता हे,,, ,,, मुददत बाद मेरी आंखो मे आंसू आए,,, रात आंखो मे ढली पलको पे जुगनू आए,,,,, नीला आकाश ढला,,, नीलम से नगमें गाए,,,,, इन फकीरो को गजल अपनी सुनाते रहीयो,,, इन नवीन को गजल अपनी सुनाते रहीयो,, जिनगी आवाज में दरबार की खुशबू आए,,, हम हवाओ की तराह जागे,,,,, वाह वाह
Wah bahut sundar
शुकून शांति से सुने आनंद प्रतीत होगा ❤️
The great Osman Saheb.Mahadev Na man.
माशा अल्लाह क्या बात है भाई जी
👌👌👌👌👏👏👏So..... talented singer 🤗👍🌹🌹🌹🌹🌹🌹
बस गईं है मेरे अहसास मे ये केसी खुशबु
😊कोई खुशबु मे लगाऊ तेरी खुशबु आये
वाह सर नमन 😊🙏🏻
Bahut acchha. 👌🙏
Mai aapka bahut bada fan hu you are great man
Keya kahu? just spellbound. jayguru 🙏🙏❤️
Everytime i listen him i get goosebumps , amazing singer, whether it's ghazal , bhajan , kawali or any other song it gets a new dimension with osman mir's magical voice.
Wahhhh Ustaad G...
Mind blowing performance with indian cllasicalusic.
Aapka kya kehna mir saheb
Waaaaaaaaahh meri sarkaaar
kiya bat he greet singing oshman shab
Behtreen
I'm big fan of you guruji
हितेश विप्रा हो क्या आप
रात आंखो में ढली,,, पलको पे जुगनू,,, आए,,, बस गयी हें,,, मेरे अहसास में ये केसी खुशबू,,,, वाह कया बात,, ,, कोई खुशबू में लगाउ तेरी खुशबू आए,,, अब हवाओ की तरह उसे छू,,, आए,,, रात आंखो में,,,,,, उसकी आंखे मुझे,,,, मीरा की गजल लगती हें,,,,, नई,,, n ,, की आंखे तो मुझे,,, पलके झपकाए तो लोहान की खुशबू आए,,,, रात आंखो में कटी,,,, उसने छूकर मुझे पतथर से फिर इंसान किया,,,, वाकयी,,,, उसने छूकर मुझे पतथर से फिर इंसान किया,, वर्ना दो बार मेरी आंखो में आंसू आए,,,, रात आंखो में कटी,,,कया बात हे,,, टूटे तार की तरह शेम धनी नही बजाओ,,,, इन फकीरो को गजल अपनी सुनाते रही तो,,,???,,, n,,,,इन फकीरो को गजल अपनी सुनाते रही तो,,, जिनकी आवाज में,,, डर नाकी खूशबू आए,,, हम हवाओ की तराह उसे जाकर छू,,,,, आए,,,, रात आंखो,,,
Prmatma ne bahut pyar se hunarvaz kiye apko
Kya kashish he apki Awaz me shahb.
Jagjit Singh ❤❤
How sweet melody
Insha Allah aapka programe live panipat city me rakhne ki koshish karenge,,,itni meethi or sureeli aavaaz bahut kam logon ke gale me hoti h,,,Allah ne aap per bahut khas meharbaani ki h
Nice video
Rag jog me aap ne achhi banndish ki hai
Is the name of the violin player is Happu khan Saheb am I correct. Please reply
🙏💖
आपको देखा तो अल्लाह की khusboo आये
राग जोग
Is this Ghazal based on Raag Jog? Please inform. Regards.
Aafrin......
वायलिन कलाकार का नाम क्या है
On which raaga is this ghazal based on?
Who is the violinist please
Kay bad
V
अच्छा,अम्बेडकर पर लिखी कव्वाली गाओ
Mere channel se aapko gana hai
Who is this EVIL who has disliked
Sir. Superb rendition. Please inform your contact number