Jai Ho Mahrishi दयानंद जी, जय जय आर्य समाज। वैदिक प्रचार, जन जागर्ति का संसार, वेदों का सार सत्यार्थ का प्रकाश और प्रचार करता जन जन और देश का उद्धार। जय भारत की।
कुछ लोग भगवान् का अवतार होना मानते हैं अवतार तो दुष्ट और भ्रष्टाचारियों का भी होता है।। अतः सृष्टि कर्ता ईश्वर सच्चिदानंद स्वरूप निराकार सर्व व्यापक सर्वान्तर्यामी अजर अमर अभय नित्य पवित्र और सृष्टि कर्ता है।
🎉 वेद पुकार पुकार के कह रहे हैं। परमात्मा पांच तत्व तीन गुण प्रकृति जड़ संसार से अलग है उसे ही जानो उसे ही मानो उसे ही ग्रहण करो उसकी जगह दूसरे को नहीं। यह वेदों की मंजिल है। इसके आगे चारों वेदों का सर भागवत प्रमाण के बिना कोई पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद को नहीं जान सकता। 🎉 पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद अल्लाह वाहेगुरु गॉड कौन है इस का किसी को पता नहीं। 🎉 28वे कलि बुध शाखा में परम धाम का जागृत ज्ञान प्रगट हुआ है इस लिए कलि चारों युगों में श्रेष्ठ है जिसका सतयुगादि से इंतजार था उसे जाने।🎉🎉
परमात्मा सर्व व्यापक सर्वान्तर्यामी अजर अमर अभय नित्य पवित्र अजन्मा अनन्त निर्विकार अनादि अनुपम सर्वाधार सर्वे श्वर सर्व ब्रह्माण्डो का सृष्टि कर्ता ईश्वर सच्चिदानंद स्वरूप है। और सर्व देशीय है जीवात्मा अनेक है एक देशीय है अभय नित्य पवित्र और शरीर धारी है प्रकृति जड़ है जिसमें पाच तत्व है तीन गुण सत रज तम है पांच प्राण पाच उप प्राण ग्यारह वा जीवात्मा है आठ वसु बारह आदित्य एक इन्द्र एक प्रजापति ये तेतीस देव है इनमें जीवात्मा चेतन है।। ओम् शान्ति शान्ति शान्ति।।
@@HaridevSharma-rc1jv अपने चावल और दाल दोनों को मिलाकर खिचड़ी बना दी। इसे ब्रह्म ज्ञान नहीं कहते। परमात्मा अजन्मा है लेकिन अपनी आवेश शक्ति के द्वारा प्रकट होते हैं। जैसे श्री कृष्णा जी के शरीर में 11 वर्ष 52 दिन ब्रज में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद ने लीला करी। विशेष सृष्टि के मालिक ब्रह्मा भी नहीं समझ सके। नारद जी के बार बार कहने पर भी ब्रह्मा जी को विश्वास नहींआया। लेकिन नारद जी के कहने पर ब्रह्मा जी विवश होकर देखने के लिए चले गए। पूर्ण ब्रह्म ने देखा कि सृष्टि के मालिक आ रहे हैं। तो जो मक्खन का हाथ ग्वालों के मुख में डाल रहे थे। वही हाथ श्री कृष्णा जी ने अपने मुख में डाल दिया। ऐसा देखकर सृष्टि के ब्रह्म नारद को फटकार में लगे। कि मैं पहले ही कहा था। हिमेश सृष्टि कामालिक हूं। जब पूर्ण ब्रह्म लीला करेंगे क्या मुझे पता नहींचलेगा? फिर नारद जी ने कहा कि लीला बराबरकायम है। तब ब्रह्मा जी ने कहा लीला किसके द्वारा कर रहे हैं ग्वाल बाल और बछड़ों के द्वारा। ब्रह्मा जीने ग्वाल बाल बच्चों को चुरा लिया। तब पूर्ण ब्रह्म ने ग्वाल बाल बछड़े पैदा कर दिए। तब ब्रह्मा की दृष्टि खुली। अपने सर्व व्यापक की बातकहीं। संसार में परमात्मा सर्व व्यापक होता तो कोई भी मृत्यु को प्राप्त नहींहोता। और कोई भी मूर्खनहीं होता। कण कण में परमात्मा सर्व व्यापक नहीं है। उसकी सत्ता अर्थात हुकुम से संसार चल रहा है।
जय हो जय हिन्द 👌🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹
Om Om Arya samaj Amar rahe
जय हो, भारत माँ की जय हो I 👌👌👌🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹जय हो आपकी जय हो l
Bike Kitna Sundar Awaaz aur Kitna badhiya bhajan hai dhanyvad aapko
ATI Uttam
सादर अभिवादन, बहुत बहुत सुन्दर भजन-कीर्तन सन्ध्या के साथ
सभी देशवासियों और aryon को सादर प्रणाम,
Bahut bahut bahut hi sunder Mazza aa gaya......saader naman
सन 1984 की यादें ताजा हो गई जब स्वामी सत्यपति जी द्वारा लगवाए गए योग शिविर में भाग लिया था।❤❤
ओ३म्
ओ३म्
सादर नमस्ते जी
Great guru 👌
बहुत सुन्दर बहुत पयारा भजन, जी, नमस्ते जी,
सत्य म् वद धर्म चर अर्थात सत्य बोले और धर्म का आचरण करैं। धन्यवाद।। आचार्य जी को सादर नमस्ते।।
Jai Ho Mahrishi दयानंद जी, जय जय आर्य समाज। वैदिक प्रचार, जन जागर्ति का संसार, वेदों का सार सत्यार्थ का प्रकाश और प्रचार करता जन जन और देश का उद्धार। जय भारत की।
सभी आर्य बंधुओं को सादर प्रणाम,
ईश्वर और देश से बढ़ कर कुछ भी नही।
कुछ लोग भगवान् का अवतार होना मानते हैं अवतार तो दुष्ट और भ्रष्टाचारियों का भी होता है।। अतः सृष्टि कर्ता ईश्वर सच्चिदानंद स्वरूप निराकार सर्व व्यापक सर्वान्तर्यामी अजर अमर अभय नित्य पवित्र और सृष्टि कर्ता है।
🎉 वेद पुकार पुकार के कह रहे हैं। परमात्मा पांच तत्व तीन गुण प्रकृति जड़ संसार से अलग है उसे ही जानो उसे ही मानो उसे ही ग्रहण करो उसकी जगह दूसरे को नहीं। यह वेदों की मंजिल है। इसके आगे चारों वेदों का सर भागवत प्रमाण के बिना कोई पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद को नहीं जान सकता।
🎉 पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद अल्लाह वाहेगुरु गॉड कौन है इस का किसी को पता नहीं।
🎉 28वे कलि बुध शाखा में परम धाम का जागृत ज्ञान प्रगट हुआ है इस लिए कलि चारों युगों में श्रेष्ठ है जिसका सतयुगादि से इंतजार था उसे जाने।🎉🎉
परमात्मा सर्व व्यापक सर्वान्तर्यामी अजर अमर अभय नित्य पवित्र अजन्मा अनन्त निर्विकार अनादि अनुपम सर्वाधार सर्वे श्वर सर्व ब्रह्माण्डो का सृष्टि कर्ता ईश्वर सच्चिदानंद स्वरूप है। और सर्व देशीय है जीवात्मा अनेक है एक देशीय है अभय नित्य पवित्र और शरीर धारी है प्रकृति जड़ है जिसमें पाच तत्व है तीन गुण सत रज तम है पांच प्राण पाच उप प्राण ग्यारह वा जीवात्मा है आठ वसु बारह आदित्य एक इन्द्र एक प्रजापति ये तेतीस देव है इनमें जीवात्मा चेतन है।। ओम् शान्ति शान्ति शान्ति।।
@@HaridevSharma-rc1jv अपने चावल और दाल दोनों को मिलाकर खिचड़ी बना दी। इसे ब्रह्म ज्ञान नहीं कहते।
परमात्मा अजन्मा है लेकिन अपनी आवेश शक्ति के द्वारा प्रकट होते हैं। जैसे श्री कृष्णा जी के शरीर में 11 वर्ष 52 दिन ब्रज में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद ने लीला करी। विशेष सृष्टि के मालिक ब्रह्मा भी नहीं समझ सके। नारद जी के बार बार कहने पर भी ब्रह्मा जी को विश्वास नहींआया। लेकिन नारद जी के कहने पर ब्रह्मा जी विवश होकर देखने के लिए चले गए। पूर्ण ब्रह्म ने देखा कि सृष्टि के मालिक आ रहे हैं। तो जो मक्खन का हाथ ग्वालों के मुख में डाल रहे थे। वही हाथ श्री कृष्णा जी ने अपने मुख में डाल दिया। ऐसा देखकर सृष्टि के ब्रह्म नारद को फटकार में लगे। कि मैं पहले ही कहा था। हिमेश सृष्टि कामालिक हूं। जब पूर्ण ब्रह्म लीला करेंगे क्या मुझे पता नहींचलेगा? फिर नारद जी ने कहा कि लीला बराबरकायम है। तब ब्रह्मा जी ने कहा लीला किसके द्वारा कर रहे हैं ग्वाल बाल और बछड़ों के द्वारा। ब्रह्मा जीने ग्वाल बाल बच्चों को चुरा लिया। तब पूर्ण ब्रह्म ने ग्वाल बाल बछड़े पैदा कर दिए। तब ब्रह्मा की दृष्टि खुली।
अपने सर्व व्यापक की बातकहीं। संसार में परमात्मा सर्व व्यापक होता तो कोई भी मृत्यु को प्राप्त नहींहोता। और कोई भी मूर्खनहीं होता। कण कण में परमात्मा सर्व व्यापक नहीं है। उसकी सत्ता अर्थात हुकुम से संसार चल रहा है।
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Ati.uttam