चौकिये नहीं राशिद इंजीनियर को न्यायलय से शपथ के लिए नए प्रकार की पेरोल
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- เผยแพร่เมื่อ 2 ก.ค. 2024
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संसद से कानून बनाकर जमानत पर बाहर, जेल में बंद आरोपियो और सजायाफ्ता अपराधियों के चुनाव लड़ने और वोट डालने पर रोक लगाया जाना चाहिए।
मैं आपके इस विचार का समर्थन करता हूँ विचाराधीन कैदियों और सजायाफ्ता लोगों को राजनीति से दूर कर देना चाहिए इनके वोटिंग अधिकार एंड चुनाव लड़ने से वंचित कर देना चाहिए
मोदी सरकार को नेहरू और कांग्रेस द्वारा बनाए गए कानून जो आतंकवादियों भ्रष्टाचार लूट-खसोट करने वाले सदस्यों को जेल से चुनाव लडने का छुट प्रदान किया है सख्त कानून बनाकर ऐसे देशद्रोहियों को चुनाव लडने का अयोग्य घोषित किया जाए
Supreme Court me inke Aaka bethe hai, Adhikar Dene ke liye😮
100% agreed
ऐसे आदमी को संसद का देश का नागरिक भी नहीं होना चाहिए, मत का अधिकार खत्म हो
इनको फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई करवाएं और हमेशा के लिए संसद से दुर रखें
काॅलेजियम खत्म कर न्यायिक सुधार जरूरी है।
जो अपराधी हैं, अपराध के आरोप में सजायाफ्ता हैं अथवा सजा भोग रहे हैं व जेल में हैं, ऐसे लोगों को वोट देने और चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए, लगता है हमारा संविधान ही विकृत है!!
निःसंदेह
राशिद इंजीनियर हो या अब्दुल्ला परिवार,, सभी अलगाववादी विचार धारा के समूह है,,,,, क्या फर्क कौन जीता,,,,
अलगाववादी विचार धारा ही जीती,,,,,,
हार तो राष्ट्रीय विचार धारा की ही होती आयी है ।।
अंधा कानून
अंधी न्याय व्यवस्था
देश द्रोही
AANTAKWADI के खिलाफ
राष्ट्रपति से अध्यादेश लाकर कानून जल्दी पास हो
कानून अंधा नहीं है कुछ लोग वोकिज्म और हार्वर्ड का लाल रंग का चश्मा पहने हुए है
Agr ordinance laya jata hai toh kya wo savidhan ki hatya nhi mani jayegi,, bilkul hataya mani jayegi tab savidhan sar par utha kar har gali me gumma jayega, hr maa behen ko lal savidhan dikhaya jayega dekho modi ne savidhan ki hatya kar di,tab hr bajuarg maa, behen ko bahut dukh hoga kitne mushkil se bacha kar rakha tha ab bacho ko kha se padaenge savidhan
राशिद इंजीनियर और अमृतपाल की बात नहीं है। इनकी मानसिकता के लोगों ने इनको जीता कर वहां भेजा गया है। यानी भारत में यह सोच आज भी जिंदा है और भारत का लोकतंत्र खतरे में है 😮😮😮
ऐसे देश द्रोही व्यक्तियों को जेल जाते ही चुनाव लड़ने से रोकणा जरुरी है. जय हिंद
SC को इस पर तुरंत संज्ञान लेकर ऐसे लोगो को लोकसभा में जाने नही देना चाहिए
मोदी जी समय चूक गये,जब ३०३ मिलने पर कुछ नहीं किया तो अब क्या करेंगे। हिंदुओं के लिए कुछ नहीं हुआ।
Bilkul sahi
Bilkul sahi aur sarvottam baat hai aapki 💯☑️👍👍
542 भी दे दोगे न तो भी ये कुछ नहीं होने वाला था इस से अब तो बहाना मिल गया इसको बच कर भागने का 😮
मोदी को वो हाल है कि चौबे जी छब्बे जी बनने निकले थे दुबे जी बनकर लौटे 👿
very True
ऐसे लोगों को चुनाव लड़ने व मतदान करने पर रोक होनी चाहिए। ऐसे प्रावधान होना जरूरी है।
देशद्रोही भी चुनाव लड़ सकते हैं
ये कैसी हास्यास्पद व्यवस्था है ।
NIA को शपथ के लिए जमानत देने का विरोध करना चाहिए था ....
दुबे जी कानून बनने चाहिए सख्त कानून बनने चाहिए वह कैसे इलेक्शन लड़ जाते हैं जब उसके ऊपर मुकदमे दायर हैं जल्दी जल्दी मोदी जी को कानू बदलने चाहिए और इनको सबको सजा होनी चाहिए इलेक्शन नहीं लड़ने चाहिए थे
वाह भाई वाह यह है हमारा संविधान और हमारी न्याय प्रणाली।
Bilkul ji
कानून व्यवस्था लचर है , अब इनके शपथ ग्रहण करने के बाद आजीवन पेंशन का भी हकदार भी बन जायेगा, हम आम जनता ही सबसे बडे़ मूर्ख साबित हो गई है ... अत्यंत शर्मनाक 😢😢
Bahut hi Satya aur sarvottam vichar hai aapka 💯☑️👍👍 main bhi sahmat hun aapki baat se 🙏🙏
जिसका साथ
उसका विकास
ढीले ढाले लचर
शताब्दी पुराने कानून
बदलाव आवश्यक है।
🚩🚩🚩🇮🇳🚩🚩🚩
यह भारतीय संविधान में ही संभव है जहां अपराधी प्रवृति के लोग देश की शरीफ़ जनता के लिए कानून बनायेंगे, सरकार को चुनाव आयोग में सुधार अति आवश्यक है,जब चपरासी के पद के लिए चरित्र सत्यापन होता है फिर संसद सदस्यों के लिए क्यों नहीं।
राशिद इंजीनियर पूरे भारत में किसी भी मुस्लिम सीट से चुनाव जीत जायेगा
Hindus will vote for him. and NOTA for Annamalai. This is Democracy
Jai ho Democracy, and Parliamentary system. Now modi and terriorists will sit next to each other. Wah wah.
Gaddaron kee ek hee sazaa?
खुलम खुला गुंडा राज बनाने की कोर्ट की अनुमति है। जो जितना शक्तिशाली गुंडा उतना मानीनय इससे बड़ी शर्म की बात क्या हो सकती है।
दस साल बिजेपी सरकार ऐसा कोई काम नहीं किया जो इस प्रकार के आतंकवादी को सजा दी जाती और इस बार आर एस एस वाले साथ नहीं दिया
I AGREE WITH YOU
अगर घोषित आतंकवादी चुनाव लड़ सकता है तो चुनाव आयोग को अपना विवेक नही है ????😡😡😡
Nahi hai
चुनाव आयोग भी आतंकबाद का समर्थक माना जाना चहिये!!
क्या न्याय है, जेल से मुख्यमंत्री का काम, चुनाव प्रचार के लिए विशेष बैल, जेल से चुनाव लडो, बेल में शपथ लो।
अब जेल से न्याय पालिका चलाओ, शायद चीफ जस्टिस भी तिहार
जेल से फैसला सुनाते।
जो जो आचरण राजकीय गजट में प्रकाशित होने वाले पदों पर नियुक्त लोकसेवक के लिए निर्धारित किया गया है वही सभी माननीयों के लिए भी होना चाहिए।
समझ में नहीं आता अपराधी को चुनाव में क्यों खड़ा किया जाता ये जीत कर देश का कौनसा भला करेंगे... क्यों टिकिट मिलता इनको.. चुनाव आयोग इनको रोकता क्यों नहीं...
Is sabka karan court hai
कोर्ट ने एक बार पुनः आतंकवादियों के हित सर्वोपरि हैं यह स्पष्ट संदेश दिया है. मुमकिन है उसको दोषमुक्त घोषित करके पद्मविभूषण दिया जाना भी अनिवार्य कर दे.
क्या देश के advocate और जनप्रतिनिधियों का यह कर्तव्य नहीं बनता की वे सुप्रीम कोर्ट या संसद में इसके खिलाफ़ आवाज उठाए या कोई कानून बनवाए, क्या अभी तत्काल में कोई प्रक्रिया नही है जिससे इन लोगो पीआर रोक लगे?
दुबे जी,वो दिन दूर नही जब भारत के कानून देखते रह जायेंगे राहुल और इसके जैसे विचारो वाले लोगो का समूह एक दिन इस देश की सत्ता पर काबिज हो जाएंगे।
SC ko sumoto lekar sarkar ko advisary jari karni chahiye ki aise apradhi deshdrohi log chunav na lad saken aisa kanuun turant bina kisi deri ke vishesh satra bulakar banaye
जब तक आरोप सिध्द नही होता, आरोपी गुन्हाहगार नही है... हो सकता है, वो अगला चुनाव INDI गठबंधन से लडे और प्रधानमंत्री बने...देश न्यायालय का भी है , दिनरात एक करके ऐसे "माननीय" यों के मामले निपटाने चाहिए...
विशाल देश में, ऐसे लोग हो सकते है, और भारी मतों से जीत हासिल भी कर सकते है, यह उनकी गलती नही, इसके लिए कठोर और प्रभावी कानून होने चाहिए, अन्यथा यह लोकतंत्र का विडंबन है , अभी तो इसे रोकना चाहिए _____है___
इसके खिलाफ कानून बनना चाहिए दुबे जी की ताकि यह लोग जो है कभी चुनाव ना लड़ सके जय हिंद जय भारत🙏🙏🌹🌹
ऐसा कानून बनना चाहिए जिससे एक बार FIR होने पर चुनाव ही न लाड़ सके....
कुल मिलाकर संसद, कानून, संविधान सभी का थोक में मजाक, क्या तमाशा बना दिया है न्याय व्यवस्था का!!?ये कैसे पर्चा दाखिल कर लेते हैं!!?
संसद ने क़ानून कयों नहीं बनाया। ? ये काम संसंद का है। पहले भी ऐसे लोग संसंद में जाते रहे है। । संसद देश के सामने चुनौतियों के प्रति जागरूक नहीं है । राजनीति हावी है। कल हाई कोर्ट ने बढ़ते धर्मांतरण के बारे में आगाह किया है। पर विधायिका के लिए ये वोट बैंक की की राजनीति का अवसर है।
कानून को सख्त करने की जरूरत है। की ऐसे लोग चुनाव ही न लड़ सके।
संसद को मन्दिर कहा गया है। यह मन्दिर को अपवित्र करने का इससे बड़ा रास्ता और नहीं हो सकता। सरकार और कानून के जानकार लोगों से आग्रह है कि इस प्रक्रिया को तुरंत रोका जाए। नहीं तो आने वाले समय में नयी संसद भी आतंकियों के निशाने पर होंगे। "जय हिंद,,
सुप्रीम कोर्ट अथवा राष्ट्रपति जी को तुरंत स्वता संज्ञान लेकर उपयुक्त कार्रवाई करनी चाहिए।
चुनाव आयोग को पहले ही जांच करके इनको चुनाव नही लडना चाहिए इस पर रोक लगानी चाहिए
हमें अब कुछ नहीं सोचना है न सुनना है यही गुंडे मावली राज करेंगे मनमानी रहेगी ही देश में भुगते जनता ।
Hyper democracy is detrimental to the democracy itself.
1. Charge frame होने के बाद चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगना चाहिए।
2. Justice delivery fast होना चाहिए।
निर्वाचन कानूनों में संशोधन कर; फौजदारी तथा दीवानी के,गम्भीर अपराध के आरोपियों को; जब तक वे दोष मुक्त न हो जायें;चुनाव लड़ने से रोकने हेतु,क़ानूनों में संशोधन किया जाना चाहिए। ये अभियुक्त, राष्ट्र के लिए व सामान्यजन के लिये खतरा हैं, अतः न्यायालयों को उनके आवेदनों पर इन बातों को ध्यान में रख कर ही विचार करना चाहिए।
अपराधियों को चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।
कानून संशोधन किया जाना आवश्यक है , प्यूपिल रिप्रजेंटेटिव एक्ट में ।
अब जाकिर नाइक भी चुनाव लड़ेगा 😭😭😭
भारत सरकार को चाहिए कि ऐसा क़ानून बनाये कि कुछ कठोर अपराध धाराओं में बन्द आरोपियो पर चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए अन्य ये अपराधी देश में ग़लत सन्देश देते है
अंधे कानून के नए कारनामे
Aur andhi janta ka kya?
ये सब क्या तमाशा है?? एन आई ए ने अनुमति क्यों दी ? सब कुछ होगा, एनआईए निगरानी करेगा ???
सरकार को इस बारे ने अपने पहले कार्यकाल में ही कठोर नियम बनाने चाहिए थे ?
दूबे जी, विश्लेषण अच्छा लगा। लेकिन विडंबना ये हैं कि वास्तविक आतंकवादी कौन हैं, वह जिसे हम जान जाते हैं ता वे जिन्हे हम जान हीं नहीं पाते और वे सभी माननीय सांसद बने बैठे हैं। इन बातों का भी विश्लेषण अति आवश्यक हैं। सादर धन्यवाद 🙏
सर जी राजनीति में जाने के लिए कम से कम योग्यता, और समाज में उसका चाल चलन,पुलिस वेरिफिकेशन , अवश्य होना चहिए।
दूरदर्शी प्रधानमंत्री द्वारा 10 साल की धर्मनिरपेक्ष सरकार चलाने और सबका साथ सबका विश्वास सबका प्रयास का नारा सिद्ध होते हुए देखना क्या कम सुखद है। और जब कृपा शंकर सिंह को tkt दे सकते हैं मोदीजी तो अमृतपाल और राशिद इंजीनियर की भी सेवा ले सकते हैं और उनके नोबल पुरस्कार जीतने की भूख को शांत करने में काफी बड़ी मदद भी कर सकते हैं। जय हो भारत के संविधान की क्या शानदार संविधान है।🖕🖕🖕
प्रणाम् गुरुवर,
ऐसी आतंकवादी राष्ट्र-विरोधी ताकतों को कब तक संविधान और कानून का सहारा मिलता रहेगा और राष्ट्रीय देशभक्त शक्तियों का मनोबल टूटता रहेगा ?
🤔👹🤔
जयहिन्द …..
वन्देमातरम् …..
जब मोदी जी की 10 साल की मजबूत सरकार कुछ नहीं कर सकी... तो अब यह लचर सरकार से क्या उम्मीद की जाए...... 10 साल की मोदी सरकार ने देश के लिए कोई भी रचनात्मक कार्य नहीं किया सिर्फ तुष्टिकरणका कार्य किया
Absolutely correct analysis. There should must be such a law in this regard which can probit the election fighting to terrorists and anti-national elements. Modi je should must be serious in this regard.
न्यायिक सुधारों की सबसे पहले सबसे ज्यादा जरूरी है।
सिद्ध हो चुका है कि वोकिष्ट और विदेशी एजेंट भारत के जड़ों तक हर विभाग में घुस चुके हैं।
आरोपीको चुनाव लडनेको देनाही गलत है।
क्या ये लोग बाहर आकर क्राइम करते है तो न्यायलय जिमेदार रहेगी? अगर हा है तो न्यायालय को कोन सजा देगा 😡
बी जे पी सरकार इस मामले ओर इस तरह कानून बनाने मै असफल रही है अब समय आ गया तुरंत कानून बनाना शुरू कर दो सरकार न्यायिक मामलों खुच नहीं कर पाई सी जे आई जो बड़ी बड़ी बात करते है इस मामले सुप्रीम कोर्ट की भी जिम्मेदारी बनती है न्यापालिका की गरीमा गिराने में सुप्रीम कोर्ट जज भी जिम्मेदार हैं
ऐसे समय के लिए तो योगी को होना बहुत जरूरी था वह होते तो आज यह दिन ना देखने पड़ते
आदरणीय आप भी विधि वक्ता हैं । क्यों ना आप जैसे और लोग भी इकट्ठा होकर इस तरह का क़ानून बनवाने का कार्य करें🙏🙏
कानून कौन बनायेगा? दो बार पूर्ण बहुमतकी सरकार आके गई, अब वो नहीं बनायेगी तो कैसे बनेगा कानून!
नए कानून में देशद्रोह के स्थान पर राष्ट्रद्रोह शब्द का प्रयोग हो और राष्ट्रद्रोही के सभी अधिकार समाप्त किए जाएं। एक बात और, अमेरिका, यूरोप और मुस्लिम देशों मे ऐसे अपराधियों की क्या सजा है यह भी ध्यान में रखा जाए।
दुबे जी राम राम, कोर्ट ने एक बार आपराधि घोसित किया तो फिर इनको कोनसे कानून से चुनाव लड़ने की मत डालने की अनुमती देते है? ये सारे कानून कोन्ग्रेस ने खुद की बचाव करने के लिये बनाये है इस की कोई जरुरत अभी इस देश को नही है कानून के गिरफ्त से ये ये लोग बचना नही चहिये।जय हिंद जय भारत अखण्ड हिन्दू स्थान।
जब UAPA में केस दर्ज है फिर भी चुनाव लड़ने का अधिकार क्यो है l ये तो संविधान की कमी है l ऐसे कानून को खत्म करना चाहिए l और ये सरकार के हाथ में है l
या तो चुनाव लड़ने से रोकिए नहीं तो भारत राज्य के प्रति वफादारी की शपथ ले. और अगर फिर कोई राष्ट्रविरोधी काम करने पर सदस्यता खत्म कर दे.
लेकीन जेलमे रेहनेवाले आदमी को चुनाव लढनेका हक कैसे प्राप्त हो सकता है? कैसी घटीया न्यायव्यवस्था है?
सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों पर केजरीवाल और संजय सिंह को ज़मानत दी थी दोनों ने सारे काम शर्तों के खिलाफ किए क्या उखाड़ लिया सुप्रीम कोर्ट ने
सरजी, एक सदस्य जो पहले से ही संसद का सदस्य है,अगर उस पर ऐसे आरोप लगाया जाता है और प्रथम द्रष्टा दोषी मान उन्हें (चाहे जमानत मिल ही जाय) उनके मतदान का और सदन में प्रतिनिधित्व का अधिकार लंबित कर दिया जाना चाहिए। धन्यवाद जयहिंद।
अपराधियों को चुनाव लड़ने पर पाबंदी क्यों नहीं ???
क्या स्वयंभू •••• सोमोटो वाले सो रहे हैं तो सरकार कोई कदम क्यों नहीं उठाती |
बाह री भारत और भारत का संविधान , शर्म आती है इस देश पर , ऐसे लोग चुनाव कैसे लड़ रहे हैं
Bharat hai to mumkin hai😮
भारत में इतने बड़े बड़े नेता,वकील, जज,पत्रकार,
बुद्धिमान, होनेके बावजूद भारत में
ऐसा ड्रामा चल रहा है यह भारत का दुर्भाग्य😡
जुडिशरी के कार्यवाही से कलेजा फट जाता है लेकिन अब तो मोदी सरकार से भी समझ में नहीं आ रही कि यह ऐसे ऐसे ताकतों से क्यों नहीं लड़ पा रहे 10 साल हो गए पूर्ण बहुमत की सरकार थी लेकिन अभी तक सबका साथ सबका विकास बस और कुछ नहीं
प्रजातंत्र के नाम पर ये सारा तमाशा हो रहा है
दुबे जी पूरा नेहरू गॉधी ,लालू परिवार ज़मानत पर रह कर चुनाव भी लड़ रहे है और प्रधानमंत्री और हिन्दुओं को खुल कर गालियाँ देते है
सिस्टम ही हास्यपद है
वेस्ट बंगाल की यह हालत है दिल्ली की यह हालत थी और अब टेररिस्ट संसद में आकर के शपथ लेंगे तो इसे क्या कहेंगे मोदी सरकार की नाकामी कर सकते हैं और क्या कर सकते हैं अबकी बार 240 मिले थे कहीं ऐसा ना हो की 40 पर ही अटक जाए
Dube adrniya ap great h hum sab apki respect krte h ap ap aise h video banate Jo apko acche lagte h Jai siya ram
Is PMO OFFICE and HOME OFFICE follow D K Dubey JI, Jai Hind 💪🇮🇳💪
ऐसी unfortunate स्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए कि ये लोग MP MLA बन के सदन मे दाखिल होने मे सफल हो जाए
महोदय, अपने देश मे संविधान और न्यायपालिका कि प्रशंसा करने की प्रतिस्पर्धा लगी रहती है। क्या भारतीय संविधान के इसी विषेशता की प्रशंसा होती रहती है कि इस संविधान के संरक्षण मे आतंकवादी देशद्रोही देश के संसद बैठे ??
ऐसे मे इस संविधान का क्या किया जाय?
एक राष्ट्रवादी इस संविधान पे रोये या खुशियां मनाये??
थू थू थू क्या सविधान की ख़ूबसूरती हे भारत के क्या प्यारे क़ानून हे। २ आतंकी चुनकर माननीय सांसद हे आज
कल इनकी तादाद सांसद में बड़ेग़ी
कल ये आतंकी भारत की आम जन के लिए क़ानून भी बनाएँगे वाह धन्य मेरे भारत देश 🙏🙏🙏
जब हमारे देश की व्यवस्था आतंकवादी या राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत गिरफ्तार लोगो को भी चुनाव लड़ने पर भी अंकुश नही लगा सकती तो, फिर आंतक को कैसे कम किय जा सकता है।
अब ये माननीय, देश की संसद मे खड़े होकर खालिस्तान और आजाद कश्मीर की मांग करेंगे, तो सरकार क्या करेगी?
सरकारी कर्मचारियों को तो तुरंत सस्पेंड कर दिया जाता है। जिनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो गई है उनको ससंद की शपथ दिलाई जाएगी,जो देशद्रोही हैं। वाह रे हिन्दुस्तान!!?
❤❤❤❤❤❤
इस लिए ही सविधान में बदलाव जरूरी है।
अजब गजब संविधान बनाया है बाबा ने। और रिव्यू करने वालों को ऐसे कानून को बदलने की फुरसत ही नही है। कल को ये धर्म के आधार पर संसद भवन में किरपान ले जाने की अनुमति भी मांगेगा। ओर जब हथियार हाथ में हो और सांसद भवन के अंदर वो क्या नही कर सकता???? हंसे या रोएं ऐसे कानूनों पर समझ से परे है????
नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे।
राशिद और राहुल में अधिक ख़तरनाक कौन?
यदि राहुल जैसे लोग खुलेआम घूम सकते हैं तो,,,,, ये लोग भी संसद में बैठ जायें क्या दिक्कत है
जब कितने लोगो को चुनाव लड़ने से वचित रखा जाता है तो इनका चुनाव इन्दोर की तरह नही लडा़ जा सकता था।
This will be must! After charge sheet nobody allowed for such anti national charges ( this can be deliberated by leagal expert define them ) . One more thing to add " जिस राष्ट्र की जनता में राष्ट्र हित का अभाव और खुद का इस्तेमाल होने के लिए अपने ब्यक्ति/जाति गत कारण ज्यादा हो और नेता विदेशी हितों के लिए भी तेय्यार हो वहाँ मुश्किल है।
सरकार को सुप्रीम कोर्ट को चाहिए कि ऐसे अपराधियों को चुनाव लड़ने कैसे दिए जाते हैं अपराधियों के चुनाव लड़ने दिया जाता है उग्रवादियों को चुनाव लड़ने दिया जाता है सुप्रीम कोर्ट जवाहरलाल गवर्नमेंट कितना खर्च करती है देश में कितनी गुंडागर्दी हो रही है कोई हिसाब ही नहीं है
Jai Bharat... Only NaMo
Aise vyaktiyon ke chunav ladne per hi rok lagani chahie
Agar court ne apana judgment ek saal ke baad aagya hota to ye culprits kabhi bhi Manniya na hote.
1947 ki bimari
ऐसा नहीं होना चाहिए नया. कानून बनाया जाय
Dubey ji thanks for the analysis. Amritpal Singh was doing a job of driver in Dubai and suddenly he come to Punjab in 2021 and appointed as head of Deep Sidhu's organization "Warris Punjab De". After all his stand for Khalistan and his arrest now Rajdev Singh Khalsa, advocate (who joined RSS two times) supervised his election and release.
आदरणीय दुबे जीको प्रणाम Mother of democracy तथा दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र नाम से जाने जाने वाले हमारे लोकतंत्र का एक यह भी वीभत्स रूप है क्या हुआ लोकतंत्र इतना लाचार है एक आतंकवादी और सैकड़ो अपराधियों को हमारे समाज के नेतृत्व के लिए तथा कानून निर्माता बनाकर संसद में भेज देता है क्या यह दुर्भाग्य नहीं है हमारा इस प्रवृत्ति को ऐसे कानूनों को हटाकर नए कानून बनाने की जरूरत है वरना देश के टुकड़े करने वाले हमारे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जैसे पदों पर भी ऐसे आतंकियों और अपराधियों का कब्जा हो सकता है
नमस्ते सदा वत्सलेमातृभूमि
जब ये सपथ ले लेगा, फिर कोई न कोई कानून के तहत को संसद में भाग लेने एवं कानून बनाने का अधिकार भी हमारे मिलोर्ड दे ही देंगे। हमारे देश का कानून एवं तंत्र इतना सरा गला है कि कोई भी इसका इस्तेमाल अपने लाभ के लिए कर ही सकता है। जितना जल्द हो इस तरह के कानून से देश को छुटकारा मिलना चाहिए।
Des droh ka case me koi kisi prakar ke chunao nahi ladna chahiye. Yesa ek kanoon hona chahiye.
ईमानदार क़ानून की सख़्त ज़रूरत है ,,,,,यदि Prima Facie Case से किसी व्यक्ति को आरोपी पाया जाता है तो उसे चुनाव लड़ने प्रतिबंध होना चाहिए और 6 Month के अंदर special procedure के तहत तीव्र गति से एसे मामले में सजा सुनायी जानी चाहिए