जितनी निर्दयता से FEES LDC मे ली जाती है, सायद ही और कही। 500 rs के लिए बच्चो को स्कूल से बाहर खड़ा कर देते है। जैसे स्कूल के मालिक का अंतिम लक्ष्य ही फीस प्राप्त करना है,। मुझे देवतुल्य शिक्षकों से कोई शिकायत नही है वो अपना शिक्षक धर्म बखूबी निभा रहे है। मुझे शिकायत है स्कूल के मालिक से आपका प्राथमिक लक्ष्य उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और अंतिम लक्ष्य फीस होना चाहिए, लेकिन बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है आपका अंतिम लक्ष्य FEES की उगाही करना है। ऐसे ही चलता रहा तो कुछ सालों मे स्कूल तो रहेगी लेकिन बच्चे नही रहेंगे।
Congratulations 👍👍
जितनी निर्दयता से FEES LDC मे ली जाती है, सायद ही और कही। 500 rs के लिए बच्चो को स्कूल से बाहर खड़ा कर देते है।
जैसे स्कूल के मालिक का अंतिम लक्ष्य ही फीस प्राप्त करना है,। मुझे देवतुल्य शिक्षकों से कोई शिकायत नही है वो अपना शिक्षक धर्म बखूबी निभा रहे है। मुझे शिकायत है स्कूल के मालिक से आपका प्राथमिक लक्ष्य उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और अंतिम लक्ष्य फीस होना चाहिए, लेकिन बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है आपका अंतिम लक्ष्य FEES की उगाही करना है।
ऐसे ही चलता रहा तो कुछ सालों मे स्कूल तो रहेगी लेकिन बच्चे नही रहेंगे।