सत साहेब बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी भगवान की जय हो जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नहीं कोई न्यारा सत्य साहिब जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी भगवान की जय हो
🔅सतभक्ति करने से उजड़ा परिवार भी बस जाता है और पूरा परिवार सुख का जीवन जीता है। जीवन का सफर आसानी से तय हो जाता है क्योंकि जीवन का मार्ग साफ हो जाता है।❤❤ 🔅सत भक्ति करने से मनुष्यों को दैविक शक्तियां पूर्ण लाभ देती हैं और साधक परमेश्वर पर आश्रित रहने से बगैर किसी चिंता के जीवन जीता है। 🔅सतभक्ति न करने वाले या शास्त्रविरूद्ध भक्ति करने वाले को यम के दूत भुजा पकड़कर ले जाते हैं जबकि सतभक्ति करने वाला व्यक्ति परमात्मा के साथ विमान में बैठकर अविनाशी स्थान यानी सतलोक चला जाता है।
द्वापर युग में कबीर परमेश्वर की दया से ही पांडवों का अश्वमेध यज्ञ संपन्न हुआ था। पांडवों के अश्वमेघ यज्ञ में अनेक ऋषि महर्षि मंडलेश्वर उपस्थित थे। यहां तक की भगवान कृष्ण भी उपस्थित थे। फिर भी उनका शंख नहीं बजा। कबीर परमेश्वर ने सुपच सुदर्शन वाल्मीकि के रुप में शंख बजाया और पांडवों का यज्ञ संपन्न किया था।
सत साहेब बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी भगवान की जय हो जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नहीं कोई न्यारा सत्य साहिब जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी भगवान की जय हो
🔅सतभक्ति करने से उजड़ा परिवार भी बस जाता है और पूरा परिवार सुख का जीवन जीता है। जीवन का सफर आसानी से तय हो जाता है क्योंकि जीवन का मार्ग साफ हो जाता है।❤❤
🔅सत भक्ति करने से मनुष्यों को दैविक शक्तियां पूर्ण लाभ देती हैं और साधक परमेश्वर पर आश्रित रहने से बगैर किसी चिंता के जीवन जीता है।
🔅सतभक्ति न करने वाले या शास्त्रविरूद्ध भक्ति करने वाले को यम के दूत भुजा पकड़कर ले जाते हैं जबकि सतभक्ति करने वाला व्यक्ति परमात्मा के साथ विमान में बैठकर अविनाशी स्थान यानी सतलोक चला जाता है।
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कबीर,चार मुक्ति जहां चम्पी करती, माया हो रही दासी।
दास गरीब अभये पद पर्से, वो मिले राम अविनाशी।।
हे परमात्मा अपने चरणों में रखना दाता 🙏🙏नीच हूँ मैं, भूलनहार हूँ, मेहर रखियो दाता🙏🙏
द्वापर युग में कबीर परमेश्वर की दया से ही पांडवों का अश्वमेध यज्ञ संपन्न हुआ था। पांडवों के अश्वमेघ यज्ञ में अनेक ऋषि महर्षि मंडलेश्वर उपस्थित थे। यहां तक की भगवान कृष्ण भी उपस्थित थे। फिर भी उनका शंख नहीं बजा। कबीर परमेश्वर ने सुपच सुदर्शन वाल्मीकि के रुप में शंख बजाया और पांडवों का यज्ञ संपन्न किया था।
Koti koti pranam Guruji ji Sat saheb ji 🙏🙏🙏
सतगुरु देव के चरणों में कोटि कोटि तनोट नाम
Koti koti pranam Guruji
Bandi chhod satguru Rampal ji bhagwan ki jai ho 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Sat guru dev rampal ji maharaj ji ki jai ho 🙏🙏🙏
Sat Saheb ji 🙏
कोटि कोटि दंडवत प्रणाम सतगुरु देव भगवान।