मन के सभी विक्षेप समाप्त हो जाता है तो शुद्ध मन उस आत्मा का अनुभव करता है जो मन बुद्धि चित्त अहंकार एवं सभी विचारों का साक्षी दृष्टा प्रकाशक है। यह आत्मा चेतन है सर्व व्यापी है। आत्मा कुछ भी नहीं करता है इसलिए आत्मा भोक्ता भी नहीं है और आत्मा सुख-दुख से मुक्त होता है। अज्ञानी, प्रकृति के आधीन होता है प्रकृति का तीन गुण सत रज तमस के अनुसार मन बुद्धि चित्त अहंकार के वशीभूत होकर दैनिक कार्य करता है और स्वयं को कर्ता भोक्ता समझता है और सुख-दुख का अनुभव करता है।
Jai jeev
Doodh nath man sansar ka karm hai .jai shri krishnay nmh.❤
ओ३म, सादर नमस्ते, आपका धन्यवाद
जय सियाराम 🌺🙏🙏
मन के सभी विक्षेप समाप्त हो जाता है तो शुद्ध मन उस आत्मा का अनुभव करता है जो मन बुद्धि चित्त अहंकार एवं सभी विचारों का साक्षी दृष्टा प्रकाशक है। यह आत्मा चेतन है सर्व व्यापी है। आत्मा कुछ भी नहीं करता है इसलिए आत्मा भोक्ता भी नहीं है और आत्मा सुख-दुख से मुक्त होता है।
अज्ञानी, प्रकृति के आधीन होता है प्रकृति का तीन गुण सत रज तमस के अनुसार मन बुद्धि चित्त अहंकार के वशीभूत होकर दैनिक कार्य करता है और स्वयं को कर्ता भोक्ता समझता है और सुख-दुख का अनुभव करता है।
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Jay shree ram jay ho
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ॐ नमन ।
Pls tell me the name of the background music for downloading from TH-cam
th-cam.com/video/4lmFcZf22jM/w-d-xo.htmlsi=YhkydBMEZjmvgMZF
I have requested you so many time..but you are not responding
मैने आपको पहले भी लिंक शेयर किया था..
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