बिल्कुल सही कहा आपने। संसार मे कोई भी महापुरुष ऐसा नही हुआ जिसने आडंबरो को मानते हुए ईश्वर से तादात्म्य स्थापित किया हो। केवल केवल और केवल ध्यान। बुद्ध, महावतार बाबा जी, गुरुनानक देव जी, कबीर दास, सूरदास, संत रैदास, संत तुकाराम, स्वामी रामकृष्ण परमहंस, तैलंग स्वामी, श्यामा चरण लहरी महाशय, गुरु युकतेशवर जी, विवेकानंद, परमहंस योगानंद, इत्यादि इत्यादि ने किसी तीर्थस्थल या अन्य आडंबर को अपनाते हुए ज्ञान प्राप्त नही किया। बल्कि केवल ध्यान के बल पर।
Guru ji me muslim hu par me ishwar ki khoj jo gotam budh ne kaha bus usi ki talash me sukun ki talash me raha par Aaj aapke vdo se bhot sukun mila kiyoke jo ishwar se payar krta hai wo dharam se nhi wo to pyasa hota hai me apko wachan deta hu aadah ghanta Roz bethunga aap mere liye dua Krna Allah aapke martabe me bulandi de apka bachcha bus Mera dhiyan rakhna
महाराज आपके प्रेरणादाई विचारों से लाखों लोगों को फायदा मिले इस भागदौड़ की जिंदगी मैं शांति मिले वह परमानंद की प्राप्ति हो बाबा को शत-शत प्रणाम है आपकी कृपा बनी रहे
गुरुदेव जी के चरणों में सादर नमन. मैं शरीर नहीं हूँ, मैं आत्मा हूँ, शरीर दिखता है. आत्मा सीमित है, शरीर के अन्दर व परमात्मा पूरे ब्रम्हाण्ड में व्याप्त है असीमित रूप में, जो कि विराट है. हमारे चारो ओर कोहरे की तरह से घेरे हुए है. इसीमें सभी जीव, जन्तु व प्रकृति मौजूद है. सब कुछ दिखता है, परमात्मा नहीं दिखता. जो नहीं दिखता वह परमात्मा वह है, इसीको निराकार व अगोचर कहते हैँ. हमारे मन को इसका बोध हो जाये, तो हमें शरीर व आत्मा का अनुभव हो जाये. फिर हर समय यही ध्यान में रहना आ जाये. जो बाहर व्याप्त है, वही शरीर के अन्दर है. दोनों एक ही हैँ. जब आत्म बोध हो जाता है तो हमें पता चलता है कि मेरा शरीर इसी में ऱहता, चलता फिरता है. जैसे मछली के चारो ओर जल ही जल है. मछली पूंछे कि जल कहाँ है? जिसमें वह रहती है, वही तो जल है. जिसमें हम सब रहते हैँ, वही तो परमात्मा है. जो भीतर, सो बाहर अनन्त. घट घट व्याप रहा भगवन्त. यह सुन सुन मोहे आवे हाँसी. जल में रहकर मीन पियासी. जल में कुम्भ, कुम्भ में जल है, बाहर भीतर पानी. फूटा कुम्भ जल जलहि समाना, बूझो अकथ कहानी. (संत कबीर ) जो दिखे, सो सकल विनासी. जो नहीं दिखे, वो अविनाशी. धन्यवाद. प्रणाम आपके अन्दर विराजमान परमात्मा को.
महाराज जी आपने जो कहा है वही सच है,मन शांत हो जाये तो विचार उठने बन्द हो जाते हैं, बाद जो तरंगे उत्पन्न होती हैं वही हमे शांति और आत्मा का अहसास कराती है
तस्मै श्री गुरुवै नम:🙏🙏⚘ पूज्य सद्गुरुभगवान के श्री चरणों में सर्वस्व समर्पण 🌹🙏🙏🌹 पूज्य गुरुदेव पूरे पूरे भरोसे के साथ आपका हाथ पकड़ने का संकल्प लेता हूॅ, दृष्टि बनाए रखना।। गुरु करे सो होय 🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹
Your method of explanation is remarkable and, attached to the sanadhi like. Subject... one can be motivated in no time.. Sanskrit words are appropriate to the mystical.knowledge...
विचार के प्रति साक्षी भाव होना मतलब हम दुआलिटी क्रिएट कर रहे हैं हम विचार को अपने से अलग कर के देख रहे हैं ,,,विचार हम से अलग नही है ,,, वह विचार हम ही हैं,,,जैसे जब हम आनंदित अवस्था ने होते हैं तो हम ही वह आनंद होते हैं वह आनंद हमसे अलग नही है यह बस चेतना के आयाम हैं कभी क्रोधित कभी दुखदायी कभी आनंदित तो कभी शून्य,,,🙏🏻
जी सही कहा कभी कभी कुछ चीजे समझने के लिए लीग से हठ कर जाना पड़ता है । अब एक नया साधक क्या जाने कि विचार शूनयता क्या है तो उसकी अनुभूति कराने के लिए गुरुजनों ने यह तरकीब अपनाई कि साक्षी होकर देखो अपने विचारो को । बस यही है ।
बिल्कुल सही कहा आपने। संसार मे कोई भी महापुरुष ऐसा नही हुआ जिसने आडंबरो को मानते हुए ईश्वर से तादात्म्य स्थापित किया हो। केवल केवल और केवल ध्यान। बुद्ध, महावतार बाबा जी, गुरुनानक देव जी, कबीर दास, सूरदास, संत रैदास, संत तुकाराम, स्वामी रामकृष्ण परमहंस, तैलंग स्वामी, श्यामा चरण लहरी महाशय, गुरु युकतेशवर जी, विवेकानंद, परमहंस योगानंद, इत्यादि इत्यादि ने किसी तीर्थस्थल या अन्य आडंबर को अपनाते हुए ज्ञान प्राप्त नही किया। बल्कि केवल ध्यान के बल पर।
😂
Guru ji me muslim hu par me ishwar ki khoj jo gotam budh ne kaha bus usi ki talash me sukun ki talash me raha par Aaj aapke vdo se bhot sukun mila kiyoke jo ishwar se payar krta hai wo dharam se nhi wo to pyasa hota hai me apko wachan deta hu aadah ghanta Roz bethunga aap mere liye dua Krna Allah aapke martabe me bulandi de apka bachcha bus Mera dhiyan rakhna
Parnam guruji ❤ dhanyawad dhanyawad dhanyawad dhanyawad dhanyawad dhanyawad dhanyawad dhanyawad ❤
Sadguru Guru ji ko sat sat Naman 💐💐🙏
Achhi baate batayi aapne .... Sabka kalyaan ho ... Jai shree Krishna
Thanks
❤❤dhanyavad guruji dhanyavad dhanyavad dhanyavad ❤❤
Thanks guru dev aapko prnam
ओशोका कहना और गुरुदेव जी का कहना बिल्कुल एक है। जय हो गुरु जी!🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤🎉❤
Bharat ke log bahut sidhe aur bhole h....Jay osho
बहुत सरल तरीके से समझाया आपने।
भाषा शैली।काबिले तारीफ है।
आत्म गुरवे नमः
Pranam Guru Ji
Bahut aacha umda Gyan
Jay hos guru ji
महाराज आपके प्रेरणादाई विचारों से लाखों लोगों को फायदा मिले इस भागदौड़ की जिंदगी मैं शांति मिले वह परमानंद की प्राप्ति हो बाबा को शत-शत प्रणाम है आपकी कृपा बनी रहे
😂😮😢़धद़़
😢@@AjayPrasad-ie7jj😢
अति सुन्दर साधक को इससे बहुत लाभ होगा धन्यवाद
@@AjayPrasad-ie7jj11years old ❤❤❤
ओशो नमन
Thank prbhu Ji aapko charn vandna
🙏इस ब्रह्माण्ड की सबसे शक्तिशाली ध्वनि 🕉 Self Experence 🕉🧘♂️kalki🧘♂️🕉
dhanyawad guru ji 🙏🏻🙏🏻😊😊
Jai guru dev ji ❤❤
Thank for your information regarding to Sakshi and progress in spritual approach.
आत्मदर्शन का अद्भुत मंत्र 🙏
Guruji Namskaar 🙏 Dhanywaad
गुरुदेव जी के चरणों में सादर नमन. मैं शरीर नहीं हूँ, मैं आत्मा हूँ, शरीर दिखता है. आत्मा सीमित है, शरीर के अन्दर व परमात्मा पूरे ब्रम्हाण्ड में व्याप्त है असीमित रूप में, जो कि विराट है. हमारे चारो ओर कोहरे की तरह से घेरे हुए है. इसीमें सभी जीव, जन्तु व प्रकृति मौजूद है. सब कुछ दिखता है, परमात्मा नहीं दिखता. जो नहीं दिखता वह परमात्मा वह है, इसीको निराकार व अगोचर कहते हैँ. हमारे मन को इसका बोध हो जाये, तो हमें शरीर व आत्मा का अनुभव हो जाये. फिर हर समय यही ध्यान में रहना आ जाये. जो बाहर व्याप्त है, वही शरीर के अन्दर है. दोनों एक ही हैँ. जब आत्म बोध हो जाता है तो हमें पता चलता है कि मेरा शरीर इसी में ऱहता, चलता फिरता है. जैसे मछली के चारो ओर जल ही जल है. मछली पूंछे कि जल कहाँ है? जिसमें वह रहती है, वही तो जल है. जिसमें हम सब रहते हैँ, वही तो परमात्मा है. जो भीतर, सो बाहर अनन्त. घट घट व्याप रहा भगवन्त. यह सुन सुन मोहे आवे हाँसी. जल में रहकर मीन पियासी. जल में कुम्भ, कुम्भ में जल है, बाहर भीतर पानी. फूटा कुम्भ जल जलहि समाना, बूझो अकथ कहानी. (संत कबीर ) जो दिखे, सो सकल विनासी. जो नहीं दिखे, वो अविनाशी. धन्यवाद. प्रणाम आपके अन्दर विराजमान परमात्मा को.
ज्ञान योग से भी मुक्ति हो सकती है -- दुई ( duality ) द्वैत न रहे और उसके बाद द्वैत और अद्वैत भी नही अर्थात् शून्य भी नही l
जीवो ब्रह्म ऐव न परह
जो चेतना प्रकट हो जाती है और तिरोहित हो जाती है बह चेतना मैं नहीं हूँ
Thanku you gurudev bhagban ku kati kati hudayaru sata sata pranam
बिल्कुल सही कहा आपने ❤
परम पूज्य गुरुदेव साक्षी श्री के पावन चरणों में सादर प्रणाम 🙏🙏 आप सबको भी मेरा प्रणाम 🙏🙏 धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद 💐💐💐
ओशो अमृत वचनों को नमन 🙏🙏🙏
Jai SatGuru Jio
Jai gurudev ji 🙏
Dhanyavad shakshi ji maharaj
महाराज जी आपने जो कहा है वही सच है,मन शांत हो जाये तो विचार उठने बन्द हो जाते हैं, बाद जो तरंगे उत्पन्न होती हैं वही हमे शांति और आत्मा का अहसास कराती है
Pppp😊😊😅😊
Om
परम पूज्यनीय साक्षी श्री अन्तर्यामी गुरु जी को चरण स्पर्श ♥️♥️🙏🙏♥️♥️🕉️🕉️🌄🌄💐💐🌹🌹 धन्यवाद धन्यवाद गुरु जी
Prabhu ji aape charno me koti koti naman
Pranam Gurudev 🙏 thanks Prabhuji 🙏🌹♥️
Excellent🙏🙏🙏 video Sir
जय श्री सोहम
Pranaam Gurudev.. Dhanyawad Dhanyawad Dhanyawad guruji... blessings prabhuji 🌹🙏🌹🙏🌹
Osho ki bat he
प्रणाम
Bohat sahi
Gurudev pranam 🙏🙏🙏 dhanywad dhanywad dhanywad dhanywad dhanywad
Jay Gurudev mauli 🌹🙏🌹 dhanyawad
Param pujya Gurudev ji ke charno me koti koti naman vandan thank you Gurudev dhanyvad dhanyvad dhanyvad...
Om Shanti mere Baba🙏🇲🇰
Fantastic and beautiful
Thank you Guru ji
Pranam gurudev shakxi uma singh thank u thank u thank u gurudev ❤❤❤,,👃👃👃👃
Beautiful explanation. Thank you 🙏
Dhanayvad Dhanayvad Dhanayvad Gurubhagavan ji
Pranam and gratitude sakshi Sri, 🙏🙏💐💐
ध्यान मूलम गुरुर मूर्ति, पूजा मूलम गुरु पदम्। मंत्र मूलम गुरुर वाक्यं, मोक्ष मूलम गुरु कृपा।। श्रीगुरू चरणों में पूर्ण समर्पण...
💗 Love 💗 from ❤️ india ❤️ jharkhand ❤️ jamshedpur ❤️ jugsalai 💗 chaprahiya ❤️ mohallah ❤️❤️❤️❤️
सादर प्रणाम व धन्यवाद साक्षी श्री जी।
GURU JI KE CHARNO ME PRANAM
आलोक ॐ तत् सत्
Pranam sadguru dev bhagwan ji
Pranam gurudev
जयगुरूदेव शत् शत् नमन 🙏🙏
Jai Guru Dev jii aapke charanon mein koti koti pranam 🙏🙏 dhanyavad dhanyavad dhanyavad guru dev 🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹
Guru dev koti koti naman my Hyderabad se 🙏🙏🙏
Jai gurudev aap ki kripa bani rahe
Bahut achhi baat,gahari baat ! Thank u prabhu, thank u.thank u from core of heart !
😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😮😅😅😮😅😅😅😅😅😅😅😅😅😮😅😅😅😮😮 2:50 😮😮😮😮😮😮😮😮
Thank you
Thank you guruji 💓💓💓
Jay Jay guru Bhagwan ji 💐🙏💐
Thank you Gurudev dev 🌻🙏🌻🌺🌺🙏🌺🌺
Jai gurudev ji
Thanks thanks thanks gurudev koti koti naman prabhu aap ki kripa bani rahe
Jai Guruji Pranam Pranam Pranam Thank you thank you thank you Guruji 👏🏼👏🏼👏🏼
Likes always
धन्यवाद गुरुदेव 🙏🙏🌹🌹
Jai gurudev 🌹🙏👍
तस्मै श्री गुरुवै नम:🙏🙏⚘
पूज्य सद्गुरुभगवान के श्री चरणों में सर्वस्व समर्पण 🌹🙏🙏🌹
पूज्य गुरुदेव पूरे पूरे भरोसे के साथ आपका हाथ पकड़ने का संकल्प लेता हूॅ, दृष्टि बनाए रखना।। गुरु करे सो होय 🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹
🙏🙏
🙏🙏🙏जय गुरु भगवान शत् शत् नमन
Ye abhyas jivan badal dega....
Your method of explanation is remarkable and, attached to the sanadhi like. Subject...
one can be motivated in no time.. Sanskrit words are appropriate to the mystical.knowledge...
Thanks and welcome
निरंतर विचार कार्य के साथ जीवन में कनेक्ट होने की आवाज बुलंद करते हुये ध्यान में होने का प्रमाण है !
बहुत अनुभवी. 👍🙏🙏🚩
Gurudav aap ko shat shat pranaam
Jay gurudev shakxi uma singh ❤❤❤
🌺🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌺
Very nice
विचार के प्रति साक्षी भाव होना मतलब हम दुआलिटी क्रिएट कर रहे हैं हम विचार को अपने से अलग कर के देख रहे हैं ,,,विचार हम से अलग नही है ,,, वह विचार हम ही हैं,,,जैसे जब हम आनंदित अवस्था ने होते हैं तो हम ही वह आनंद होते हैं वह आनंद हमसे अलग नही है यह बस चेतना के आयाम हैं कभी क्रोधित कभी दुखदायी कभी आनंदित तो कभी शून्य,,,🙏🏻
Ati Sundar!
जी सही कहा कभी कभी कुछ चीजे समझने के लिए लीग से हठ कर जाना पड़ता है । अब एक नया साधक क्या जाने कि विचार शूनयता क्या है तो उसकी अनुभूति कराने के लिए गुरुजनों ने यह तरकीब अपनाई कि साक्षी होकर देखो अपने विचारो को । बस यही है ।
🎉🎉
Well explained 👏
👍👌
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❣️Osho lover❣️
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🙏🙏🙏
👏👏👏👏
Ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Namah
🙏
પ્રણામ સાહેબ 🙏
🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾
💯%.... True
ओशो के कथित चेले।