रफ़ी साहब की दर्द भरी आवाज़ को आपने अपना स्वर दिया है .... तुम्हें हम ढूंढ़ते हैं, हमें दिल ढूंढ़ता है। न अब मंज़िल है कोई, न कोई रास्ता है। ..... ये तन्हाई का आलम और उस पर आपका ग़म, न जीते हैं न मरते, बताओ क्या करें हम ....। काफ़ी कठिन गीत है जिसमें विरह और वियोग की प्रतिध्वनि हमारे हृदय की गहराई में भी उतर गई। विवेक किशोर और विवेक रफ़ी, दोनों अंदाज निभाना आसान नहीं है। इस अद्भुत गायन के लिए और निरंतर सक्रिय रहने के लिए शुभेच्छा।
Excellent performance Vivek 💯💯 very difficult song of Mohd Rafi. The true spirit of song perfectly moulded in your voice. Keep your fans entertained 👍👍
सदा की तरह मनमोहक आवाज । अति सुन्दर गायन 🎉🎉
Thanks bro
रफ़ी साहब की दर्द भरी आवाज़ को आपने अपना स्वर दिया है .... तुम्हें हम ढूंढ़ते हैं, हमें दिल ढूंढ़ता है। न अब मंज़िल है कोई, न कोई रास्ता है। ..... ये तन्हाई का आलम और उस पर आपका ग़म, न जीते हैं न मरते, बताओ क्या करें हम ....। काफ़ी कठिन गीत है जिसमें विरह और वियोग की प्रतिध्वनि हमारे हृदय की गहराई में भी उतर गई। विवेक किशोर और विवेक रफ़ी, दोनों अंदाज निभाना आसान नहीं है। इस अद्भुत गायन के लिए और निरंतर सक्रिय रहने के लिए शुभेच्छा।
ध्न्यवाद सर
❤pleasant one❤
So good ❤
Thank you
वाह भई वाह! मज़ा आ गया ❤
Thank you mam
Superb bro
Thanks
Very beautiful 👍
Thank you very much
Super
Thanks
Excellent performance Vivek 💯💯 very difficult song of Mohd Rafi. The true spirit of song perfectly moulded in your voice. Keep your fans entertained 👍👍
Thanks bro