सतनाम जाना नहीं ? सतनाम वो अवस्था है , जहां हमारा सेल्फ सबसे अलग होकर , अपने आप में ठहर जाता है ।
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- เผยแพร่เมื่อ 28 ก.ย. 2024
- राधास्वामी सत्संग ; - ( 14/06/1981 )
सतनाम जाना नहीं ?
सतनाम वो अवस्था है , जहां हमारा सेल्फ सबसे अलग होकर , अपने आप में ठहर जाता है ।
वहीं हमारी जात सतनाम है और जो यह सतनाम नहीं जानता है , वो संसार में डूब जाता है ।
राधास्वामी सत्संग परम पूज्य संत बाबा परम दयाल पंडित फकीर चन्द जी महाराज मानवता मंदिर होशियारपुर पंजाब ।
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Radha sawsmi g😊
राधा स्वामी जी🙏
हमारे अन्दर एक धुन है जो सुरत के कानों से सुनाई देती है रात दिन सुनाई देती है।मरते समय बहुत तकलीफ होती है सुरत जाये तो जाय कहा।जिसको सब्द धुन सुनाई देती है वह सुरत सब्द धुन को पकड़ कर हमारे सिर कि चोटी के जिन्हें द्वार से सब्द में समा जाती है।जसे बुन्द समुन्दर में समा जाती है अपना आपा खो देती है। फिर जन्म मरण नहीं होता है। राधास्वामी जी।🙏🙏🙏🙏🎉
🙏😊radha sawami g
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Jai Radha Swami 👃🌹🥀💐🍎🍍🍓