CHAL RAHE HAI CHARAN AGANITचल रहे हैं चरण अगणित ध्येय के पथ पर निरन्तर।जीवन की धरोहर पूर्वजों से
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- เผยแพร่เมื่อ 1 ต.ค. 2024
- चल रहे हैं चरण अगणित ध्येय के पथ पर निरन्तर।
श्रेष्ठ जीवन की धरोहर पूर्वजों से जो मिली है
विश्व को सुख-शान्ति दात्री जो यहाँ संस्कृति पली है
है उसे रखना चिरन्तन मृत्यु का भी सिर कुचल कर
चल रहे हैं चरण अगणित ॥1॥
हूण शक बर्बर यवन की मौत इस भू पर हुई है
आंग्ल-मुगल विदेशियों की जीत हार बनी यहीं है
अन्त में विजयी हमी हैं आदि का अभिमान लेकर
चल रहे हैं चरण अगणित ॥2॥
भ्रान्ति जन-मन की मिटाते क्रांति का संगीत गाते
एक से दस लक्ष्य होकर कोटियों को हैं बुलाते
मातृ-भू की अर्चना में विजय का विश्वास रखकर
चल रहे हैं चरण अगणित ॥3॥
साध्य करना है हमें गीता प्रदर्शित ध्येय -सपना
बस उसी की पूर्ति के हित हो समर्पित जन्म अपना
तुष्ट माँ होगी तभी तो विश्व में सम्मान पाकर
बढ़ रहे हैं चरण अगणित बस इसी धुन में निरन्तर
चल रहे हैं चरण अगणित ॥4॥
सुंदर सुंदर सुंदर भाई
उत्तम उत्तम उत्तम भाई 🙏
Jay Shri Ram
बहुत अच्छे सुर है
वंदे मातरम्🙏🚩🚩🚩
bharat bhagya vidhata production official
अपने त्रती य वर्ष की याद आ गई