Imran Pratapgarhi Bengluru/Banglore Mushayra 2017 HD || Part 4
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- เผยแพร่เมื่อ 1 ส.ค. 2017
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Imran Pratpgarhi Awarded for his Contribution in Literature and Shayari by Uttar Pradesh Government by YASH BHARTI AWARD.
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भाई इमरान तुम बहुत अच्छी बोल रहे हो राष्ट्रीय एकता पर बोलने के लिए हमारी तरफ से धन्यवाद बहुत-बहुत धन्यवाद
Bhai aaj first time apko suna or Ahsas hua ki aap Allah k nek bande ho😌
Hi
Mim
🙏❤❤❤❤👌🔙
#÷146£÷/¥!>4 346 .@"&( 》5
@@maisarkhan5370 Kya likha he Bhai
आरती और अज़ान से मिलकर बना है हिंदुस्तान..
जिंदाबाद इमरान सर❤️
Bhai aap bhi prhte nbi s.a.w ki batein
हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया: प्यारे भाइयो! मैं जो कुछ कहूँ, ध्यान से सुनो। ऐ इंसानो! तुम्हारा रब एक है।
अल्लाह की किताब और उसके रसूल की सुन्नत को मजबूती से पकड़े रहना।
लोगों की जान-माल और इज़्ज़त का ख़याल रखना, ना तुम लोगो पर ज़ुल्म करो, ना क़यामत में तुम्हारे साथ ज़ुल्म किया जायगा।
कोई अमानत रखे तो उसमें ख़यानत न करना। ब्याज के क़रीब न भटकना।
किसी अरबी को किसी अजमी (ग़ैर अरबी) पर कोई बड़ाई नहीं, न किसी अजमी को किसी अरबी पर, न गोरे को काले पर, न काले को गोरे पर, प्रमुखता अगर किसी को है तो सिर्फ तक़वा(धर्मपरायणता) व परहेज़गारी से है अर्थात् रंग, जाति, नस्ल, देश, क्षेत्र किसी की श्रेष्ठता का आधार नहीं है। बड़ाई का आधार अगर कोई है तो ईमान और चरित्र है।
तुम्हारे ग़ुलाम, जो कुछ ख़ुद खाओ, वही उनको खिलाओ और जो ख़ुद पहनो, वही उनको पहनाओ।
अज्ञानता के तमाम विधान और नियम मेरे पाँव के नीचे हैं।
इस्लाम आने से पहले के तमाम ख़ून खत्म कर दिए गए। (अब किसी को किसी से पुराने ख़ून का बदला लेने का हक़ नहीं) और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान का ख़ून-रबीआ इब्न हारिस का ख़ून- ख़त्म करता हूँ (यानि उनके कातिलों को क्षमा करता हूँ)|
अज्ञानकाल के सभी ब्याज ख़त्म किए जाते हैं और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान में से अब्बास इब्न मुत्तलिब का ब्याज ख़त्म करता हूँ।
औरतों के मामले में अल्लाह से डरो। तुम्हारा औरतों पर और औरतों का तुम पर अधिकार है।
औरतों के मामले में मैं तुम्हें वसीयत करता हूँ कि उनके साथ भलाई का रवैया अपनाओ।
लोगो! याद रखो, मेरे बाद कोई नबी नहीं और तुम्हारे बाद कोई उम्मत (समुदाय) नहीं।
अत: अपने रब की इबादत करना, प्रतिदिन पाँचों वक़्त की नमाज़ पढ़ना। रमज़ान के रोज़े रखना, खुशी-खुशी अपने माल की ज़कात देना, अपने पालनहार के घर का हज करना और अपने हाकिमों का आज्ञापालन करना। ऐसा करोगे तो अपने रब की जन्नत में दाख़िल होगे।
ऐ लोगो! क्या मैंने अल्लाह का पैग़ाम तुम तक पहुँचा दिया! (लोगों की भारी भीड़ एक साथ बोल उठी-) हाँ, ऐ अल्लाह के रसूल! (तब हजरत मुहम्मद स. ने तीन बार कहा) ऐ अल्लाह, तू गवाह रहना
(उसके बाद क़ुरआन की यह आखिरी आयत उतरी)
"आज मैंने तुम्हारे लिए दीन (सत्य धर्म) को पूरा कर दिया और तुम पर अपनी नेमत (कृपा) पूरी कर दी". Quran 5:3
Reference: See Al-Bukhari, Hadith 1623, 1626, 6361
@@Itzarif1729 66qwqqqu😢
Nmskarasalamalykomsskalkisanaktazindhbadkoghraspathizindhbadokadharothitabamybizypigayhaoamyatochlyzagitanysashiabtoazchydinaygiainshalhokzyhin86
😅
Wah wah wah
@@Itzarif1729❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
अज़ान वह आवाज है जो कायनात में हर पल गूंजती रहती है।
Nice
BESHAK
Beshak bhai dil se slluut
@@imranjolha3198 - Bhai dil se thanks
Beshak 💯
Wah imran bhai wah is najm ko jitani baar bhi sunu dil nahi bharta! I salute you ❤❤❤sir!!!
इंसानियत का जीता जागता वजूद जियो हजारों साल इमरान प्रतापगढ़ी,,, आंसू निकल आए भाई जान 👌👌👌👌🇮🇳🇮🇳
Aap jesea agar hazaro log ho to pori donyan me a hindustan awwal bomber par yoga ,,,,😍😍😍😍😍😍😍,11111nomber imran sahab
Bhai aap bhi prhte nbi s.a.w ki batein
हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया: प्यारे भाइयो! मैं जो कुछ कहूँ, ध्यान से सुनो। ऐ इंसानो! तुम्हारा रब एक है।
अल्लाह की किताब और उसके रसूल की सुन्नत को मजबूती से पकड़े रहना।
लोगों की जान-माल और इज़्ज़त का ख़याल रखना, ना तुम लोगो पर ज़ुल्म करो, ना क़यामत में तुम्हारे साथ ज़ुल्म किया जायगा।
कोई अमानत रखे तो उसमें ख़यानत न करना। ब्याज के क़रीब न भटकना।
किसी अरबी को किसी अजमी (ग़ैर अरबी) पर कोई बड़ाई नहीं, न किसी अजमी को किसी अरबी पर, न गोरे को काले पर, न काले को गोरे पर, प्रमुखता अगर किसी को है तो सिर्फ तक़वा(धर्मपरायणता) व परहेज़गारी से है अर्थात् रंग, जाति, नस्ल, देश, क्षेत्र किसी की श्रेष्ठता का आधार नहीं है। बड़ाई का आधार अगर कोई है तो ईमान और चरित्र है।
तुम्हारे ग़ुलाम, जो कुछ ख़ुद खाओ, वही उनको खिलाओ और जो ख़ुद पहनो, वही उनको पहनाओ।
अज्ञानता के तमाम विधान और नियम मेरे पाँव के नीचे हैं।
इस्लाम आने से पहले के तमाम ख़ून खत्म कर दिए गए। (अब किसी को किसी से पुराने ख़ून का बदला लेने का हक़ नहीं) और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान का ख़ून-रबीआ इब्न हारिस का ख़ून- ख़त्म करता हूँ (यानि उनके कातिलों को क्षमा करता हूँ)|
अज्ञानकाल के सभी ब्याज ख़त्म किए जाते हैं और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान में से अब्बास इब्न मुत्तलिब का ब्याज ख़त्म करता हूँ।
औरतों के मामले में अल्लाह से डरो। तुम्हारा औरतों पर और औरतों का तुम पर अधिकार है।
औरतों के मामले में मैं तुम्हें वसीयत करता हूँ कि उनके साथ भलाई का रवैया अपनाओ।
लोगो! याद रखो, मेरे बाद कोई नबी नहीं और तुम्हारे बाद कोई उम्मत (समुदाय) नहीं।
अत: अपने रब की इबादत करना, प्रतिदिन पाँचों वक़्त की नमाज़ पढ़ना। रमज़ान के रोज़े रखना, खुशी-खुशी अपने माल की ज़कात देना, अपने पालनहार के घर का हज करना और अपने हाकिमों का आज्ञापालन करना। ऐसा करोगे तो अपने रब की जन्नत में दाख़िल होगे।
ऐ लोगो! क्या मैंने अल्लाह का पैग़ाम तुम तक पहुँचा दिया! (लोगों की भारी भीड़ एक साथ बोल उठी-) हाँ, ऐ अल्लाह के रसूल! (तब हजरत मुहम्मद स. ने तीन बार कहा) ऐ अल्लाह, तू गवाह रहना
(उसके बाद क़ुरआन की यह आखिरी आयत उतरी)
"आज मैंने तुम्हारे लिए दीन (सत्य धर्म) को पूरा कर दिया और तुम पर अपनी नेमत (कृपा) पूरी कर दी". Quran 5:3
Reference: See Al-Bukhari, Hadith 1623, 1626, 6361
*मरने के बाद अगर पता चला अल्लाह है तो क्या होगा*
*हरीश कुमार*
ये इंसान फिजिक्स में PHD के बाद भारत की एक महत्वपूर्ण यूनिवर्सिटी में लेक्चरर पोस्ट हुआ।
हिन्दू_धर्म से पहले से ही ये असन्तुष्ट हो गया था।
सन् 1986 में लन्दन में दौरान ए तालीम स्टीफन_हाकिन्स के लेक्चरस और किताबो से ऐसा परिचित हुआ कि खुदा का मुनकिर हो गया। और ऐसा मुनकिर हुआ कि बड़े बड़े मुस्लिम,`क्रिश्चियन॔,और यहूदी उलेमा से भरपूर बहसें करता। यहाँ तक कि *डाॅ ज़ाकिर नाइक* भी इसे प्रभावित न कर सके।
डाॅ हरीश कुमार बताते हैं कि सन् 2005 की छुट्टी के एक दिन की सुबह मुस्लिम सब्जी फरोश ने घन्टी बजाई। हम पिछले बीस सालों से सब्जी इसी से खरीद रहे थे। उस दिन मैंने उसे चाय की आॉफर की तो उसने कुबूल कर ली और आदत के मुताबिक मैने खुदा के वजूद पर बहस शुरू कर दी। आधा घंटा की बातचीत से मालूम हुआ कि वो एक सीधा साधा मुसलमान है, जो पांच टाइम नमाज़ पढ़ता है.और सौदे में साफगौ और ईमानदार था।मुनासिब दामों में सौदा बेचता था।
आखिर में जाते समय उसने एक ऐसी बात कही जिसने मेरी जिंदगी ही बदल दी थी। बोला
डाॅ जी तुम ने खुद बोला कि लगभग 6000 से 10000 साल से मानव इतिहास में पैगम्बरो की कहानियां चल रही हैं और सब के सब एक अल्लाह और जन्नत_दोज़ख की बात करते हैं
और आपकी #साइंस मरने के बाद के हालात का जवाब ही नहीं दे सकती।
तो अब 2 ही सम्भावनाएं हैं _
1_*अल्लाह का वजूद नहीं है*
2_*अल्लाह का वजूद है*
अगर तो अल्लाह का वजूद ना हुआ तो मरने के बाद हम दोनों बराबर होंगे लेकिन अगर अल्लाह मौजूद हुआ तो फिर आप तो पकड़े जायेंगे।
दोनों सूरतों में फायदे में कौन हुआ,आप खुद फैसला कर लेना।
इस लिए बेहतर ये है कि अल्लाह को मान ले।और उसके कहने पर चलें।उस का कलाम तो इनसान को सीधे रास्ते पर चलने को कहता है।
मैने सारी जिंदगी probability के लेक्चरस दिये, लेकिन उसके जाने के बाद सोचा कि इस probability की तरफ तो मेरा कभी ध्यान ही नहीं गया कि दोनों सूरतों में अल्लाह को मानने वाला ही फायदे में है।
किस्सा मुख्तसर ये कि अब इस सोच के बाद ख्याल आया कि कोनसा आसमानी मज़हब बेहतर है। धर्मो का अध्ययन तो मुझे पहले ही काफी था।डाॅ जाकिर नाइक के एक लेक्चर में 1400 साल से कुरआन मजीद का एक एक शब्द एक होने का सुना था, तो इग्लैंड में क्रिश्चियन मिशनरी इन्स्टीट्यूट से इसकी हकीकत मालूम की तो सबने इस बात की पुष्टि की।
अलहमदुलिल्लाह आज मुझे और मेरे सारे घर को मुसलमान हुए पन्द्रह साल हो गये।
मै इस्लामी शिक्षाओ के लिए केरला शिफ्ट हो गया।
अब मेरी तीन बेटियां हैं जो हाफिज़_ए_कुरआन है। और उस करीम ने मेरी जिंदगी ही बदल दी।लेकिन उस सब्जी वाले अब्दुल अहद से दोबारा मेरी मुलाकात न हो सकी, लेकिन मैंने इसलाम कुबूल करने के बाद अपना नाम भी अहद रखा क्योंकि वह सब्ज़ी वाला एक सच्चा मुसलमान था।
Islam darshan Kendra 18002000787
Theks
Abhi bhi insaniyat h bhai Desh me lag raha h sukriya pyare bhai
इमरान खान प्रतापगढ़ी ज़िंदाबाद
तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं
SAEED.KHAN.
MO.9575604769.
Bhai ISLAM ki shaan hain aap..
Sher dil hai, sahab aap.....
Allah aapko hamesha khush Rakhe..
कभी ना होगी बन्द अज़ान.👍अल्हमदुलीलाह.....
आरती और अज़ान से मिलके बना है हिंदुस्तान💪माशाअल्लाह
फिर बकवास करने से कुछ नहीं होता है वही होता है जो मंजूरे खुदा होता है फिर मुफ्त में क्यों तू प्रियंका के आगे होता है प्रियंका कोई खुदा नहीं है वह तेरे से जुदा नहीं है ना तुझसे ज्यादा कल बंद है ना ही ज्यादा हुनरमंद है क्यों पंप दे रहा है और उसे से रहा है तेरे लिए वह 72 हूरों से अधिक नहीं है और उसके लिए तू वोटों से अधिक नहीं है
💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪💪
@@laxmikantgupta9228 aap kiya bakwaas kar rahe ho aapto manota ke dushman ho aap kiya samazhte ho hamesha aap hi ki satta rahegi ,,,yah soch aapki nadaani ko darshata hai aapko maaloom hona chahiye ki . Kufr se sarkar to chal sakti hai aur chal bhi rahi hai magar zulm se sarkar kabhi nahi chal sakti hai ,,chahe wah zalim koi bhi ho
@@laxmikantgupta9228 /
Kaash ki ye baat sach hoti 😢
Aao uttarpradesh ke Noida me....aake dekho 😭😭😭😭😭😭😭😭
बहुत बहुत धन्यवाद आपका ।।।।
राष्ट्र एकता पर बोलने के लिए। ।।।।
Hii
Vare good
Hii
Vare
p
कभी ना होगी बंद अज़ान,, कभी ना होंगी बंद अज़ान,, इंशाह अल्लाह
सच्ची कंडीसन की जिक्र करने वाला एक इंसान है
Bhai aap bhi prhte nbi s.a.w ki batein
हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया: प्यारे भाइयो! मैं जो कुछ कहूँ, ध्यान से सुनो। ऐ इंसानो! तुम्हारा रब एक है।
अल्लाह की किताब और उसके रसूल की सुन्नत को मजबूती से पकड़े रहना।
लोगों की जान-माल और इज़्ज़त का ख़याल रखना, ना तुम लोगो पर ज़ुल्म करो, ना क़यामत में तुम्हारे साथ ज़ुल्म किया जायगा।
कोई अमानत रखे तो उसमें ख़यानत न करना। ब्याज के क़रीब न भटकना।
किसी अरबी को किसी अजमी (ग़ैर अरबी) पर कोई बड़ाई नहीं, न किसी अजमी को किसी अरबी पर, न गोरे को काले पर, न काले को गोरे पर, प्रमुखता अगर किसी को है तो सिर्फ तक़वा(धर्मपरायणता) व परहेज़गारी से है अर्थात् रंग, जाति, नस्ल, देश, क्षेत्र किसी की श्रेष्ठता का आधार नहीं है। बड़ाई का आधार अगर कोई है तो ईमान और चरित्र है।
तुम्हारे ग़ुलाम, जो कुछ ख़ुद खाओ, वही उनको खिलाओ और जो ख़ुद पहनो, वही उनको पहनाओ।
अज्ञानता के तमाम विधान और नियम मेरे पाँव के नीचे हैं।
इस्लाम आने से पहले के तमाम ख़ून खत्म कर दिए गए। (अब किसी को किसी से पुराने ख़ून का बदला लेने का हक़ नहीं) और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान का ख़ून-रबीआ इब्न हारिस का ख़ून- ख़त्म करता हूँ (यानि उनके कातिलों को क्षमा करता हूँ)|
अज्ञानकाल के सभी ब्याज ख़त्म किए जाते हैं और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान में से अब्बास इब्न मुत्तलिब का ब्याज ख़त्म करता हूँ।
औरतों के मामले में अल्लाह से डरो। तुम्हारा औरतों पर और औरतों का तुम पर अधिकार है।
औरतों के मामले में मैं तुम्हें वसीयत करता हूँ कि उनके साथ भलाई का रवैया अपनाओ।
लोगो! याद रखो, मेरे बाद कोई नबी नहीं और तुम्हारे बाद कोई उम्मत (समुदाय) नहीं।
अत: अपने रब की इबादत करना, प्रतिदिन पाँचों वक़्त की नमाज़ पढ़ना। रमज़ान के रोज़े रखना, खुशी-खुशी अपने माल की ज़कात देना, अपने पालनहार के घर का हज करना और अपने हाकिमों का आज्ञापालन करना। ऐसा करोगे तो अपने रब की जन्नत में दाख़िल होगे।
ऐ लोगो! क्या मैंने अल्लाह का पैग़ाम तुम तक पहुँचा दिया! (लोगों की भारी भीड़ एक साथ बोल उठी-) हाँ, ऐ अल्लाह के रसूल! (तब हजरत मुहम्मद स. ने तीन बार कहा) ऐ अल्लाह, तू गवाह रहना
(उसके बाद क़ुरआन की यह आखिरी आयत उतरी)
"आज मैंने तुम्हारे लिए दीन (सत्य धर्म) को पूरा कर दिया और तुम पर अपनी नेमत (कृपा) पूरी कर दी". Quran 5:3
Reference: See Al-Bukhari, Hadith 1623, 1626, 6361
*मरने के बाद अगर पता चला अल्लाह है तो क्या होगा*
*हरीश कुमार*
ये इंसान फिजिक्स में PHD के बाद भारत की एक महत्वपूर्ण यूनिवर्सिटी में लेक्चरर पोस्ट हुआ।
हिन्दू_धर्म से पहले से ही ये असन्तुष्ट हो गया था।
सन् 1986 में लन्दन में दौरान ए तालीम स्टीफन_हाकिन्स के लेक्चरस और किताबो से ऐसा परिचित हुआ कि खुदा का मुनकिर हो गया। और ऐसा मुनकिर हुआ कि बड़े बड़े मुस्लिम,`क्रिश्चियन॔,और यहूदी उलेमा से भरपूर बहसें करता। यहाँ तक कि *डाॅ ज़ाकिर नाइक* भी इसे प्रभावित न कर सके।
डाॅ हरीश कुमार बताते हैं कि सन् 2005 की छुट्टी के एक दिन की सुबह मुस्लिम सब्जी फरोश ने घन्टी बजाई। हम पिछले बीस सालों से सब्जी इसी से खरीद रहे थे। उस दिन मैंने उसे चाय की आॉफर की तो उसने कुबूल कर ली और आदत के मुताबिक मैने खुदा के वजूद पर बहस शुरू कर दी। आधा घंटा की बातचीत से मालूम हुआ कि वो एक सीधा साधा मुसलमान है, जो पांच टाइम नमाज़ पढ़ता है.और सौदे में साफगौ और ईमानदार था।मुनासिब दामों में सौदा बेचता था।
आखिर में जाते समय उसने एक ऐसी बात कही जिसने मेरी जिंदगी ही बदल दी थी। बोला
डाॅ जी तुम ने खुद बोला कि लगभग 6000 से 10000 साल से मानव इतिहास में पैगम्बरो की कहानियां चल रही हैं और सब के सब एक अल्लाह और जन्नत_दोज़ख की बात करते हैं
और आपकी #साइंस मरने के बाद के हालात का जवाब ही नहीं दे सकती।
तो अब 2 ही सम्भावनाएं हैं _
1_*अल्लाह का वजूद नहीं है*
2_*अल्लाह का वजूद है*
अगर तो अल्लाह का वजूद ना हुआ तो मरने के बाद हम दोनों बराबर होंगे लेकिन अगर अल्लाह मौजूद हुआ तो फिर आप तो पकड़े जायेंगे।
दोनों सूरतों में फायदे में कौन हुआ,आप खुद फैसला कर लेना।
इस लिए बेहतर ये है कि अल्लाह को मान ले।और उसके कहने पर चलें।उस का कलाम तो इनसान को सीधे रास्ते पर चलने को कहता है।
मैने सारी जिंदगी probability के लेक्चरस दिये, लेकिन उसके जाने के बाद सोचा कि इस probability की तरफ तो मेरा कभी ध्यान ही नहीं गया कि दोनों सूरतों में अल्लाह को मानने वाला ही फायदे में है।
किस्सा मुख्तसर ये कि अब इस सोच के बाद ख्याल आया कि कोनसा आसमानी मज़हब बेहतर है। धर्मो का अध्ययन तो मुझे पहले ही काफी था।डाॅ जाकिर नाइक के एक लेक्चर में 1400 साल से कुरआन मजीद का एक एक शब्द एक होने का सुना था, तो इग्लैंड में क्रिश्चियन मिशनरी इन्स्टीट्यूट से इसकी हकीकत मालूम की तो सबने इस बात की पुष्टि की।
अलहमदुलिल्लाह आज मुझे और मेरे सारे घर को मुसलमान हुए पन्द्रह साल हो गये।
मै इस्लामी शिक्षाओ के लिए केरला शिफ्ट हो गया।
अब मेरी तीन बेटियां हैं जो हाफिज़_ए_कुरआन है। और उस करीम ने मेरी जिंदगी ही बदल दी।लेकिन उस सब्जी वाले अब्दुल अहद से दोबारा मेरी मुलाकात न हो सकी, लेकिन मैंने इसलाम कुबूल करने के बाद अपना नाम भी अहद रखा क्योंकि वह सब्ज़ी वाला एक सच्चा मुसलमान था।
Islam darshan Kendra 18002000787
@@Itzarif1729 p
Allah kare app jaise, hazaroo bande de humare mulk me. Wahh.. Arti aur Azan se banna hai Hindustan
Masa Alla👌👌👌💝
Very very good
Mashallaha good thoughts
Shukriya ,Pankaj ki,Dil jit liye Apne.
Bhai aap bhi prhte nbi s.a.w ki batein
हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया: प्यारे भाइयो! मैं जो कुछ कहूँ, ध्यान से सुनो। ऐ इंसानो! तुम्हारा रब एक है।
अल्लाह की किताब और उसके रसूल की सुन्नत को मजबूती से पकड़े रहना।
लोगों की जान-माल और इज़्ज़त का ख़याल रखना, ना तुम लोगो पर ज़ुल्म करो, ना क़यामत में तुम्हारे साथ ज़ुल्म किया जायगा।
कोई अमानत रखे तो उसमें ख़यानत न करना। ब्याज के क़रीब न भटकना।
किसी अरबी को किसी अजमी (ग़ैर अरबी) पर कोई बड़ाई नहीं, न किसी अजमी को किसी अरबी पर, न गोरे को काले पर, न काले को गोरे पर, प्रमुखता अगर किसी को है तो सिर्फ तक़वा(धर्मपरायणता) व परहेज़गारी से है अर्थात् रंग, जाति, नस्ल, देश, क्षेत्र किसी की श्रेष्ठता का आधार नहीं है। बड़ाई का आधार अगर कोई है तो ईमान और चरित्र है।
तुम्हारे ग़ुलाम, जो कुछ ख़ुद खाओ, वही उनको खिलाओ और जो ख़ुद पहनो, वही उनको पहनाओ।
अज्ञानता के तमाम विधान और नियम मेरे पाँव के नीचे हैं।
इस्लाम आने से पहले के तमाम ख़ून खत्म कर दिए गए। (अब किसी को किसी से पुराने ख़ून का बदला लेने का हक़ नहीं) और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान का ख़ून-रबीआ इब्न हारिस का ख़ून- ख़त्म करता हूँ (यानि उनके कातिलों को क्षमा करता हूँ)|
अज्ञानकाल के सभी ब्याज ख़त्म किए जाते हैं और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान में से अब्बास इब्न मुत्तलिब का ब्याज ख़त्म करता हूँ।
औरतों के मामले में अल्लाह से डरो। तुम्हारा औरतों पर और औरतों का तुम पर अधिकार है।
औरतों के मामले में मैं तुम्हें वसीयत करता हूँ कि उनके साथ भलाई का रवैया अपनाओ।
लोगो! याद रखो, मेरे बाद कोई नबी नहीं और तुम्हारे बाद कोई उम्मत (समुदाय) नहीं।
अत: अपने रब की इबादत करना, प्रतिदिन पाँचों वक़्त की नमाज़ पढ़ना। रमज़ान के रोज़े रखना, खुशी-खुशी अपने माल की ज़कात देना, अपने पालनहार के घर का हज करना और अपने हाकिमों का आज्ञापालन करना। ऐसा करोगे तो अपने रब की जन्नत में दाख़िल होगे।
ऐ लोगो! क्या मैंने अल्लाह का पैग़ाम तुम तक पहुँचा दिया! (लोगों की भारी भीड़ एक साथ बोल उठी-) हाँ, ऐ अल्लाह के रसूल! (तब हजरत मुहम्मद स. ने तीन बार कहा) ऐ अल्लाह, तू गवाह रहना
(उसके बाद क़ुरआन की यह आखिरी आयत उतरी)
"आज मैंने तुम्हारे लिए दीन (सत्य धर्म) को पूरा कर दिया और तुम पर अपनी नेमत (कृपा) पूरी कर दी". Quran 5:3
Reference: See Al-Bukhari, Hadith 1623, 1626, 6361
बहोत खूब..........
इमरान भाई आपकी बात में जादू है।आपकी आवाज हमारे मुल्क को आज़ाद करा सकती है इन बेईमानो से,जो हमारे ऊपर जुल्म कर रहे है।👌👌👌👌👌👌👍👍👍👍
Aap rula dete hai..Imran bhai..Such me...
Love you bhaiya......
ਕੁਲ ",ਤ੍
प्यार सांसे है,अपनी मर्जी नहीं...
खुदा का नाम है,खुदगर्जी नहीं...
S❤️s
Surinder,, bismill,,...
🙏❤️🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Sonu Nigam ko achha jawab diya... Kashmir pr aapka nazm aaj desh ko sunnane ki bht zaroorat hai...Hope Congress comes back in power and u represent people in parliament 💙❤️
Rohan Kumar Thakur thanks sir
@@khantajjuddinkhan9105 9131006278
Lekin aaise logo ko log chunte nhi hai sir
Kyuki aaj bhi log muslim se nafrat karte hai
Jis din is duniya mei Azan ki Sada nahi aayegi, Raat hei reh jayegi subha nahi aayegi. 👌👍👌👌👌
Right✔
नमन आप की कलाकारी को🙏🙏🙏🙏
Kitni baar dekhu dil bharta hi nhi hai... Anmol ho aap sir allah apko apni hifazat me rakhe
नजर वाले को हिन्दू और मुसलमान दिखता
मैं अँधा हूँ साहब मुझे तो हर शख्स में इन्सान दिखता है।।।।।👍👍
100% Right sir
HTTP
Supr.bhi
Bahut sundar kaha hai bhai
Right sahab
बेहतरीन कलाकार, भगवान आपको लंबी आयु और हिम्मत दे ।
Nice
Nice
Nice
अबे सिसोदिये मा के लौडे,मैं सिसोदिया तू साले दोगला इस भड्वे का फैन,,,,इसने साबित कर दीया की ये देशद्रोही हैं,congres में सामिल हो के,,,,,,,
Hi
Kabhi na hogi band azan
Kabhi na hogi band azan
Aarti or azan se milkar
Bane hain hindustan
Kabhi na hogi band azan❤❤
Bohot khub imran bhai
बेशक
भाई अल्लाह ताला आपको लंबी उम्र दें और खुश रखें
इमरान भाई आपमे और कुमार विश्वास मे बहुत कुछ समानताएं है ।
काबिलेतारीफ 👌👌👌👌👌
Wah Imran bhai masha allah
Correct
कुमार साहब से इनकी बात न किया करो भाई
कुमार सबाह कुमार सबाह है
Good
Very good Imran Bhai...
Khuda aapko neki aur barakkat de...
Kawali0
.
@@afsanabegam4884 kuch likho to sahi
Wah bhai jaan
Hi
ना दैर-ओ-हरम हौते, ना नाम-ए-,खुदा हौता...
इमान हर किसी का, जो लफ्जे़-बफा हौता...
S❤️s
Surinder,, bismill,,...
🙏❤️🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Hats off to you Imaran Pratapgarhi ! Excellent, Heart Touching
Jis din duniya me azan ki awaz nahi ayegi , raat hi rah jayegi subha nahi aayegi ,.,ye Allah ka Farman hai
Band kar trail kar hi le .hm bhi dekhte Hai .1400 year phle na allah word tha na Islam .phir bhi din tha raat tha
Good gift hi Imran bhi Jo apkay dil se itna dard bhara speach daytay hi,jay hind
Imran pertabgari tumhari himmat or jurrat ko Salam Bashir Ahmed from Karachi Pakistan.
इमरान भाई सुनकर मेरे को बहुत अच्छा लगा इसी बनाते रहना कोड भाई बहुत अच्छा आपको जरूर अच्छा ही मिलेगा 10 लोगों को किया कि आपको भी मिलेगा अल्लाह आप को जन्नत
Aapko Allah Hamesha Kushi de aapko Allah hajaron umate aur logo ko acche se Yeh Mohabbatein ka najme logo ko Sunate Rahe dhanyavad
Bhai aap bhi prhte nbi s.a.w ki batein
हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया: प्यारे भाइयो! मैं जो कुछ कहूँ, ध्यान से सुनो। ऐ इंसानो! तुम्हारा रब एक है।
अल्लाह की किताब और उसके रसूल की सुन्नत को मजबूती से पकड़े रहना।
लोगों की जान-माल और इज़्ज़त का ख़याल रखना, ना तुम लोगो पर ज़ुल्म करो, ना क़यामत में तुम्हारे साथ ज़ुल्म किया जायगा।
कोई अमानत रखे तो उसमें ख़यानत न करना। ब्याज के क़रीब न भटकना।
किसी अरबी को किसी अजमी (ग़ैर अरबी) पर कोई बड़ाई नहीं, न किसी अजमी को किसी अरबी पर, न गोरे को काले पर, न काले को गोरे पर, प्रमुखता अगर किसी को है तो सिर्फ तक़वा(धर्मपरायणता) व परहेज़गारी से है अर्थात् रंग, जाति, नस्ल, देश, क्षेत्र किसी की श्रेष्ठता का आधार नहीं है। बड़ाई का आधार अगर कोई है तो ईमान और चरित्र है।
तुम्हारे ग़ुलाम, जो कुछ ख़ुद खाओ, वही उनको खिलाओ और जो ख़ुद पहनो, वही उनको पहनाओ।
अज्ञानता के तमाम विधान और नियम मेरे पाँव के नीचे हैं।
इस्लाम आने से पहले के तमाम ख़ून खत्म कर दिए गए। (अब किसी को किसी से पुराने ख़ून का बदला लेने का हक़ नहीं) और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान का ख़ून-रबीआ इब्न हारिस का ख़ून- ख़त्म करता हूँ (यानि उनके कातिलों को क्षमा करता हूँ)|
अज्ञानकाल के सभी ब्याज ख़त्म किए जाते हैं और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान में से अब्बास इब्न मुत्तलिब का ब्याज ख़त्म करता हूँ।
औरतों के मामले में अल्लाह से डरो। तुम्हारा औरतों पर और औरतों का तुम पर अधिकार है।
औरतों के मामले में मैं तुम्हें वसीयत करता हूँ कि उनके साथ भलाई का रवैया अपनाओ।
लोगो! याद रखो, मेरे बाद कोई नबी नहीं और तुम्हारे बाद कोई उम्मत (समुदाय) नहीं।
अत: अपने रब की इबादत करना, प्रतिदिन पाँचों वक़्त की नमाज़ पढ़ना। रमज़ान के रोज़े रखना, खुशी-खुशी अपने माल की ज़कात देना, अपने पालनहार के घर का हज करना और अपने हाकिमों का आज्ञापालन करना। ऐसा करोगे तो अपने रब की जन्नत में दाख़िल होगे।
ऐ लोगो! क्या मैंने अल्लाह का पैग़ाम तुम तक पहुँचा दिया! (लोगों की भारी भीड़ एक साथ बोल उठी-) हाँ, ऐ अल्लाह के रसूल! (तब हजरत मुहम्मद स. ने तीन बार कहा) ऐ अल्लाह, तू गवाह रहना
(उसके बाद क़ुरआन की यह आखिरी आयत उतरी)
"आज मैंने तुम्हारे लिए दीन (सत्य धर्म) को पूरा कर दिया और तुम पर अपनी नेमत (कृपा) पूरी कर दी". Quran 5:3
Reference: See Al-Bukhari, Hadith 1623, 1626, 6361
Aameen summa aameen
@@Itzarif1729 khj
ईमरान भाई रुलादीया आपने , आप ईस देश की ऐसेही सेवा करते रहना आपको उपरवाला लंबी उम्र दे .......
Bhai aap bhi prhte nbi s.a.w ki batein
हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया: प्यारे भाइयो! मैं जो कुछ कहूँ, ध्यान से सुनो। ऐ इंसानो! तुम्हारा रब एक है।
अल्लाह की किताब और उसके रसूल की सुन्नत को मजबूती से पकड़े रहना।
लोगों की जान-माल और इज़्ज़त का ख़याल रखना, ना तुम लोगो पर ज़ुल्म करो, ना क़यामत में तुम्हारे साथ ज़ुल्म किया जायगा।
कोई अमानत रखे तो उसमें ख़यानत न करना। ब्याज के क़रीब न भटकना।
किसी अरबी को किसी अजमी (ग़ैर अरबी) पर कोई बड़ाई नहीं, न किसी अजमी को किसी अरबी पर, न गोरे को काले पर, न काले को गोरे पर, प्रमुखता अगर किसी को है तो सिर्फ तक़वा(धर्मपरायणता) व परहेज़गारी से है अर्थात् रंग, जाति, नस्ल, देश, क्षेत्र किसी की श्रेष्ठता का आधार नहीं है। बड़ाई का आधार अगर कोई है तो ईमान और चरित्र है।
तुम्हारे ग़ुलाम, जो कुछ ख़ुद खाओ, वही उनको खिलाओ और जो ख़ुद पहनो, वही उनको पहनाओ।
अज्ञानता के तमाम विधान और नियम मेरे पाँव के नीचे हैं।
इस्लाम आने से पहले के तमाम ख़ून खत्म कर दिए गए। (अब किसी को किसी से पुराने ख़ून का बदला लेने का हक़ नहीं) और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान का ख़ून-रबीआ इब्न हारिस का ख़ून- ख़त्म करता हूँ (यानि उनके कातिलों को क्षमा करता हूँ)|
अज्ञानकाल के सभी ब्याज ख़त्म किए जाते हैं और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान में से अब्बास इब्न मुत्तलिब का ब्याज ख़त्म करता हूँ।
औरतों के मामले में अल्लाह से डरो। तुम्हारा औरतों पर और औरतों का तुम पर अधिकार है।
औरतों के मामले में मैं तुम्हें वसीयत करता हूँ कि उनके साथ भलाई का रवैया अपनाओ।
लोगो! याद रखो, मेरे बाद कोई नबी नहीं और तुम्हारे बाद कोई उम्मत (समुदाय) नहीं।
अत: अपने रब की इबादत करना, प्रतिदिन पाँचों वक़्त की नमाज़ पढ़ना। रमज़ान के रोज़े रखना, खुशी-खुशी अपने माल की ज़कात देना, अपने पालनहार के घर का हज करना और अपने हाकिमों का आज्ञापालन करना। ऐसा करोगे तो अपने रब की जन्नत में दाख़िल होगे।
ऐ लोगो! क्या मैंने अल्लाह का पैग़ाम तुम तक पहुँचा दिया! (लोगों की भारी भीड़ एक साथ बोल उठी-) हाँ, ऐ अल्लाह के रसूल! (तब हजरत मुहम्मद स. ने तीन बार कहा) ऐ अल्लाह, तू गवाह रहना
(उसके बाद क़ुरआन की यह आखिरी आयत उतरी)
"आज मैंने तुम्हारे लिए दीन (सत्य धर्म) को पूरा कर दिया और तुम पर अपनी नेमत (कृपा) पूरी कर दी". Quran 5:3
Reference: See Al-Bukhari, Hadith 1623, 1626, 6361
आप जिंदा दिल इंशान हो इमरान भाई
Super
You are right
Bhai aap bhi prhte nbi s.a.w ki batein
हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया: प्यारे भाइयो! मैं जो कुछ कहूँ, ध्यान से सुनो। ऐ इंसानो! तुम्हारा रब एक है।
अल्लाह की किताब और उसके रसूल की सुन्नत को मजबूती से पकड़े रहना।
लोगों की जान-माल और इज़्ज़त का ख़याल रखना, ना तुम लोगो पर ज़ुल्म करो, ना क़यामत में तुम्हारे साथ ज़ुल्म किया जायगा।
कोई अमानत रखे तो उसमें ख़यानत न करना। ब्याज के क़रीब न भटकना।
किसी अरबी को किसी अजमी (ग़ैर अरबी) पर कोई बड़ाई नहीं, न किसी अजमी को किसी अरबी पर, न गोरे को काले पर, न काले को गोरे पर, प्रमुखता अगर किसी को है तो सिर्फ तक़वा(धर्मपरायणता) व परहेज़गारी से है अर्थात् रंग, जाति, नस्ल, देश, क्षेत्र किसी की श्रेष्ठता का आधार नहीं है। बड़ाई का आधार अगर कोई है तो ईमान और चरित्र है।
तुम्हारे ग़ुलाम, जो कुछ ख़ुद खाओ, वही उनको खिलाओ और जो ख़ुद पहनो, वही उनको पहनाओ।
अज्ञानता के तमाम विधान और नियम मेरे पाँव के नीचे हैं।
इस्लाम आने से पहले के तमाम ख़ून खत्म कर दिए गए। (अब किसी को किसी से पुराने ख़ून का बदला लेने का हक़ नहीं) और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान का ख़ून-रबीआ इब्न हारिस का ख़ून- ख़त्म करता हूँ (यानि उनके कातिलों को क्षमा करता हूँ)|
अज्ञानकाल के सभी ब्याज ख़त्म किए जाते हैं और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान में से अब्बास इब्न मुत्तलिब का ब्याज ख़त्म करता हूँ।
औरतों के मामले में अल्लाह से डरो। तुम्हारा औरतों पर और औरतों का तुम पर अधिकार है।
औरतों के मामले में मैं तुम्हें वसीयत करता हूँ कि उनके साथ भलाई का रवैया अपनाओ।
लोगो! याद रखो, मेरे बाद कोई नबी नहीं और तुम्हारे बाद कोई उम्मत (समुदाय) नहीं।
अत: अपने रब की इबादत करना, प्रतिदिन पाँचों वक़्त की नमाज़ पढ़ना। रमज़ान के रोज़े रखना, खुशी-खुशी अपने माल की ज़कात देना, अपने पालनहार के घर का हज करना और अपने हाकिमों का आज्ञापालन करना। ऐसा करोगे तो अपने रब की जन्नत में दाख़िल होगे।
ऐ लोगो! क्या मैंने अल्लाह का पैग़ाम तुम तक पहुँचा दिया! (लोगों की भारी भीड़ एक साथ बोल उठी-) हाँ, ऐ अल्लाह के रसूल! (तब हजरत मुहम्मद स. ने तीन बार कहा) ऐ अल्लाह, तू गवाह रहना
(उसके बाद क़ुरआन की यह आखिरी आयत उतरी)
"आज मैंने तुम्हारे लिए दीन (सत्य धर्म) को पूरा कर दिया और तुम पर अपनी नेमत (कृपा) पूरी कर दी". Quran 5:3
Reference: See Al-Bukhari, Hadith 1623, 1626, 6361
*मरने के बाद अगर पता चला अल्लाह है तो क्या होगा*
*हरीश कुमार*
ये इंसान फिजिक्स में PHD के बाद भारत की एक महत्वपूर्ण यूनिवर्सिटी में लेक्चरर पोस्ट हुआ।
हिन्दू_धर्म से पहले से ही ये असन्तुष्ट हो गया था।
सन् 1986 में लन्दन में दौरान ए तालीम स्टीफन_हाकिन्स के लेक्चरस और किताबो से ऐसा परिचित हुआ कि खुदा का मुनकिर हो गया। और ऐसा मुनकिर हुआ कि बड़े बड़े मुस्लिम,`क्रिश्चियन॔,और यहूदी उलेमा से भरपूर बहसें करता। यहाँ तक कि *डाॅ ज़ाकिर नाइक* भी इसे प्रभावित न कर सके।
डाॅ हरीश कुमार बताते हैं कि सन् 2005 की छुट्टी के एक दिन की सुबह मुस्लिम सब्जी फरोश ने घन्टी बजाई। हम पिछले बीस सालों से सब्जी इसी से खरीद रहे थे। उस दिन मैंने उसे चाय की आॉफर की तो उसने कुबूल कर ली और आदत के मुताबिक मैने खुदा के वजूद पर बहस शुरू कर दी। आधा घंटा की बातचीत से मालूम हुआ कि वो एक सीधा साधा मुसलमान है, जो पांच टाइम नमाज़ पढ़ता है.और सौदे में साफगौ और ईमानदार था।मुनासिब दामों में सौदा बेचता था।
आखिर में जाते समय उसने एक ऐसी बात कही जिसने मेरी जिंदगी ही बदल दी थी। बोला
डाॅ जी तुम ने खुद बोला कि लगभग 6000 से 10000 साल से मानव इतिहास में पैगम्बरो की कहानियां चल रही हैं और सब के सब एक अल्लाह और जन्नत_दोज़ख की बात करते हैं
और आपकी #साइंस मरने के बाद के हालात का जवाब ही नहीं दे सकती।
तो अब 2 ही सम्भावनाएं हैं _
1_*अल्लाह का वजूद नहीं है*
2_*अल्लाह का वजूद है*
अगर तो अल्लाह का वजूद ना हुआ तो मरने के बाद हम दोनों बराबर होंगे लेकिन अगर अल्लाह मौजूद हुआ तो फिर आप तो पकड़े जायेंगे।
दोनों सूरतों में फायदे में कौन हुआ,आप खुद फैसला कर लेना।
इस लिए बेहतर ये है कि अल्लाह को मान ले।और उसके कहने पर चलें।उस का कलाम तो इनसान को सीधे रास्ते पर चलने को कहता है।
मैने सारी जिंदगी probability के लेक्चरस दिये, लेकिन उसके जाने के बाद सोचा कि इस probability की तरफ तो मेरा कभी ध्यान ही नहीं गया कि दोनों सूरतों में अल्लाह को मानने वाला ही फायदे में है।
किस्सा मुख्तसर ये कि अब इस सोच के बाद ख्याल आया कि कोनसा आसमानी मज़हब बेहतर है। धर्मो का अध्ययन तो मुझे पहले ही काफी था।डाॅ जाकिर नाइक के एक लेक्चर में 1400 साल से कुरआन मजीद का एक एक शब्द एक होने का सुना था, तो इग्लैंड में क्रिश्चियन मिशनरी इन्स्टीट्यूट से इसकी हकीकत मालूम की तो सबने इस बात की पुष्टि की।
अलहमदुलिल्लाह आज मुझे और मेरे सारे घर को मुसलमान हुए पन्द्रह साल हो गये।
मै इस्लामी शिक्षाओ के लिए केरला शिफ्ट हो गया।
अब मेरी तीन बेटियां हैं जो हाफिज़_ए_कुरआन है। और उस करीम ने मेरी जिंदगी ही बदल दी।लेकिन उस सब्जी वाले अब्दुल अहद से दोबारा मेरी मुलाकात न हो सकी, लेकिन मैंने इसलाम कुबूल करने के बाद अपना नाम भी अहद रखा क्योंकि वह सब्ज़ी वाला एक सच्चा मुसलमान था।
Islam darshan Kendra 18002000787
Masha Allah Aap ne Bahuthi achi moshyra padhi hai. imran bhai
Aap to Lajawab hai aapka koi jawaab nahi
जागरूक कविवर को सलाम।
उन हिंदू भाई अभी भी देश को एकता के लिए दुआ मांग रहे उन पर गर्व होना चाहिए
Nice Khan bhai
Raza Akhta
.
dil jeet lete ho pratapgarhe bhai
aap jaise logo ke zarurat h hindustan ko
Super se bhi upar h aapki abaj aur jis lahje me aap gate h bhakto ki Watt lag gayee h
Imaran partapgadi baijan aap ko salam
Ramzan Mubarak brother
बेहतरीन जानदार शानदार और प्रेरणा-दायक, इमरान भाई
Good imran bhai
Shukriya bhai
हा मै कश्मीर हूं, हा मै कश्मीर हूं ।।
❤️❤️❤️❤️❤️❤️😪😥
Love❤ From Pakistan🇵🇰🇵🇰
😂😂🤣🤣
इमरान जी आप मुस्लिमो को मुस्लिम बना लो ये तोड़ने वाले यू ही मिट जायेगे।
आपको मेरा प्यार भरा सलाम।
Amin Kumar कहने का मतलब धूल अपने चरित्र पर
Nice
amin kumar bhi meretarf se aap ko slam
Nice think
Very very nice bhai
Aarti aur aajan se milkar bna hai Hindustan 👌👌🙏🙏
Wow right
۸
@@suhelkhan4555 ۲ق
@mdtabir ahmad njkpppp
.
B
Good line
Dard bhara ek dum reality! Love from Bangalore
Jab tk dunya ha tb tk azan kbi band na ho ge
Wah ! Aarti OR Ajaan se Milkar Bana h 🇮🇳Hindusthan..... 🇮🇳🙏🙏🙏🙏
Kas ye samajh har hindustani men aajaye
Jai hind
Wah great sir Aarti aur ajaan se Bana hai Hindustan
.m
Aarti aur aajan se milke banta hai Hindustan ye line mughe achha laga super bhai aap ki tarah agar pure Hindustan ke yuvao ka shoch ho to
thanks bade bhai
👍👍👍👍👌👌👌
Aap KI Tarah Sab Ki Sonch Nahi HOTI Bhai
super
Bhai aap bhi prhte nbi s.a.w ki batein
हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया: प्यारे भाइयो! मैं जो कुछ कहूँ, ध्यान से सुनो। ऐ इंसानो! तुम्हारा रब एक है।
अल्लाह की किताब और उसके रसूल की सुन्नत को मजबूती से पकड़े रहना।
लोगों की जान-माल और इज़्ज़त का ख़याल रखना, ना तुम लोगो पर ज़ुल्म करो, ना क़यामत में तुम्हारे साथ ज़ुल्म किया जायगा।
कोई अमानत रखे तो उसमें ख़यानत न करना। ब्याज के क़रीब न भटकना।
किसी अरबी को किसी अजमी (ग़ैर अरबी) पर कोई बड़ाई नहीं, न किसी अजमी को किसी अरबी पर, न गोरे को काले पर, न काले को गोरे पर, प्रमुखता अगर किसी को है तो सिर्फ तक़वा(धर्मपरायणता) व परहेज़गारी से है अर्थात् रंग, जाति, नस्ल, देश, क्षेत्र किसी की श्रेष्ठता का आधार नहीं है। बड़ाई का आधार अगर कोई है तो ईमान और चरित्र है।
तुम्हारे ग़ुलाम, जो कुछ ख़ुद खाओ, वही उनको खिलाओ और जो ख़ुद पहनो, वही उनको पहनाओ।
अज्ञानता के तमाम विधान और नियम मेरे पाँव के नीचे हैं।
इस्लाम आने से पहले के तमाम ख़ून खत्म कर दिए गए। (अब किसी को किसी से पुराने ख़ून का बदला लेने का हक़ नहीं) और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान का ख़ून-रबीआ इब्न हारिस का ख़ून- ख़त्म करता हूँ (यानि उनके कातिलों को क्षमा करता हूँ)|
अज्ञानकाल के सभी ब्याज ख़त्म किए जाते हैं और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान में से अब्बास इब्न मुत्तलिब का ब्याज ख़त्म करता हूँ।
औरतों के मामले में अल्लाह से डरो। तुम्हारा औरतों पर और औरतों का तुम पर अधिकार है।
औरतों के मामले में मैं तुम्हें वसीयत करता हूँ कि उनके साथ भलाई का रवैया अपनाओ।
लोगो! याद रखो, मेरे बाद कोई नबी नहीं और तुम्हारे बाद कोई उम्मत (समुदाय) नहीं।
अत: अपने रब की इबादत करना, प्रतिदिन पाँचों वक़्त की नमाज़ पढ़ना। रमज़ान के रोज़े रखना, खुशी-खुशी अपने माल की ज़कात देना, अपने पालनहार के घर का हज करना और अपने हाकिमों का आज्ञापालन करना। ऐसा करोगे तो अपने रब की जन्नत में दाख़िल होगे।
ऐ लोगो! क्या मैंने अल्लाह का पैग़ाम तुम तक पहुँचा दिया! (लोगों की भारी भीड़ एक साथ बोल उठी-) हाँ, ऐ अल्लाह के रसूल! (तब हजरत मुहम्मद स. ने तीन बार कहा) ऐ अल्लाह, तू गवाह रहना
(उसके बाद क़ुरआन की यह आखिरी आयत उतरी)
"आज मैंने तुम्हारे लिए दीन (सत्य धर्म) को पूरा कर दिया और तुम पर अपनी नेमत (कृपा) पूरी कर दी". Quran 5:3
Reference: See Al-Bukhari, Hadith 1623, 1626, 6361
Mashallah great imran bhai sahab
Main tumhe salam karta hun mere chhote bhai Imran aor Allah Rabbul Izzat se dua karta hun k tumhari hifazat farmaye,Aameen
jitni भी तारीफ की जाये आप की कम है इमरान भाई
Subhanallah
Hi
Chand baba Baba ्
वाह। आरती और अजान से मिलकर बने है हिंदुस्तान। जय हो।
maurya puru Kiran ok
maurya puru Kiran 786 सामीम
Love you Imrangi
Pakistan bhi Bana tha azaan se hi
Masaha Allah bhai Nice
इमरान प्रतापगढि जिन्दा बाद ❤❤❤❤
Masha Allah ...
REVOLUTIONARY thinking ...
You've nicely nailed the ISSUES, have been going on for few years in bjp raaj ...
May Allah BLESS you so that you can be SUCCESSFUL in this LIFE and HEREAFTER ...
Mm
I am from Nepal.. I am a hindu..but religious a way of heaven..whatever whoever I believe..just believe...just being human everyone...all gods are saying same....we love each other & respect as well....God ye duniya ko santi banaye rakhe...hum sab vai vai...banke rahe..yahi meri puja..aur koi nahi duja😥😥😥
इमरान भाई तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं
जो लोग इस कमेंट को पढ़ रहे हैं अल्लाह उनकी मेहनत को सफलता दे। हिम्मत रखिए एक दिन आप जरूर कामयाब होगे।।❤️❤️🙏🙏
Bahut achi awaz mere bhai aapi mohbbato ko salaam
Imran ji aapk hr lafz dil me utar gai aankhe nam h aapki voise masha-allha
Thanks
Ha Yar miya Bhai hai n Jo bolenge oo dil se bolenge
You are the greatest secular hindu
Very nice such hi
😭
हम तो बस इस देश में शान्ति चाहते हैं जो सभी मजहब बालो को मिलकर करना हैं ये देश हमारा हैं ये समझना होगा ।
kaushal pandit sharma Agree
Ji blkul shi bat h sir
Thank u sir
Imran Bhai aap ki nazam Han main Kashmir I like it
Well done "kabhi na hogi band Azan inshaallah ,"
चाक है जिगर फिर भी आए हैं रफ़ू करके ,
जाएँगे हक़ीक़त से तुमको रु बरु करके ,
प्यार की बड़ी इससे ओर मिसाल क्या होगी ,
हम नमाज़ पढ़ते हैं गंगा में वुज़ू करके ।
इमरान प्रतापगढ़ी
❤
Nice
Khan Mubarak
💓💓
Good
Bhai jan bhagwan aap ko bahut lambi umar de taki aap esi trah public ko jagruk karte rhe
Bhai aap bhi prhte nbi s.a.w ki batein
हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया: प्यारे भाइयो! मैं जो कुछ कहूँ, ध्यान से सुनो। ऐ इंसानो! तुम्हारा रब एक है।
अल्लाह की किताब और उसके रसूल की सुन्नत को मजबूती से पकड़े रहना।
लोगों की जान-माल और इज़्ज़त का ख़याल रखना, ना तुम लोगो पर ज़ुल्म करो, ना क़यामत में तुम्हारे साथ ज़ुल्म किया जायगा।
कोई अमानत रखे तो उसमें ख़यानत न करना। ब्याज के क़रीब न भटकना।
किसी अरबी को किसी अजमी (ग़ैर अरबी) पर कोई बड़ाई नहीं, न किसी अजमी को किसी अरबी पर, न गोरे को काले पर, न काले को गोरे पर, प्रमुखता अगर किसी को है तो सिर्फ तक़वा(धर्मपरायणता) व परहेज़गारी से है अर्थात् रंग, जाति, नस्ल, देश, क्षेत्र किसी की श्रेष्ठता का आधार नहीं है। बड़ाई का आधार अगर कोई है तो ईमान और चरित्र है।
तुम्हारे ग़ुलाम, जो कुछ ख़ुद खाओ, वही उनको खिलाओ और जो ख़ुद पहनो, वही उनको पहनाओ।
अज्ञानता के तमाम विधान और नियम मेरे पाँव के नीचे हैं।
इस्लाम आने से पहले के तमाम ख़ून खत्म कर दिए गए। (अब किसी को किसी से पुराने ख़ून का बदला लेने का हक़ नहीं) और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान का ख़ून-रबीआ इब्न हारिस का ख़ून- ख़त्म करता हूँ (यानि उनके कातिलों को क्षमा करता हूँ)|
अज्ञानकाल के सभी ब्याज ख़त्म किए जाते हैं और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान में से अब्बास इब्न मुत्तलिब का ब्याज ख़त्म करता हूँ।
औरतों के मामले में अल्लाह से डरो। तुम्हारा औरतों पर और औरतों का तुम पर अधिकार है।
औरतों के मामले में मैं तुम्हें वसीयत करता हूँ कि उनके साथ भलाई का रवैया अपनाओ।
लोगो! याद रखो, मेरे बाद कोई नबी नहीं और तुम्हारे बाद कोई उम्मत (समुदाय) नहीं।
अत: अपने रब की इबादत करना, प्रतिदिन पाँचों वक़्त की नमाज़ पढ़ना। रमज़ान के रोज़े रखना, खुशी-खुशी अपने माल की ज़कात देना, अपने पालनहार के घर का हज करना और अपने हाकिमों का आज्ञापालन करना। ऐसा करोगे तो अपने रब की जन्नत में दाख़िल होगे।
ऐ लोगो! क्या मैंने अल्लाह का पैग़ाम तुम तक पहुँचा दिया! (लोगों की भारी भीड़ एक साथ बोल उठी-) हाँ, ऐ अल्लाह के रसूल! (तब हजरत मुहम्मद स. ने तीन बार कहा) ऐ अल्लाह, तू गवाह रहना
(उसके बाद क़ुरआन की यह आखिरी आयत उतरी)
"आज मैंने तुम्हारे लिए दीन (सत्य धर्म) को पूरा कर दिया और तुम पर अपनी नेमत (कृपा) पूरी कर दी". Quran 5:3
Reference: See Al-Bukhari, Hadith 1623, 1626, 6361
Very nice👍
@@Itzarif1729 on
Suhanalla bahut acche Allah chodo Ko Duniya Mein aap ki jarurat hai bhai jaan Imran Pratapgarhi Asalam Walekum
@@Itzarif1729 .
اے اللہ عمران بہائ کی ہر طرح حفاظت فرما
Great bhai
Aap k naam bhi history m zaroor aayga insha'Allah
Allahhuakber 🌹 SubhaanAllah Allahhuakber 🌹 SubhaanAllah Allahhuakber 🌹 SubhaanAllah Allahhuakber 🌹 SubhaanAllah Allahhuakber 🌹 SubhaanAllah Allahhuakber 🌹 SubhaanAllah Allahhuakber 🥀 SubhaanAllah SubhaanAllah 🌼 SubhaanAllah 🥀
जिस दिन इस दुनिया मे अजां की, सदा नही आयेगी ।
रात ही रह जायेगी उस दिन, सुबह नही आयेगी।
Beshak
🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣
Behsak
Beshaq
Sidh
Wahhh wahhh Imran bhai Dil chu liya aapke sayer ne Mashallah 🤲 apne pratapgarh ka naam buland ho gye
Allah app ko marte dam tak din ki khidmat karne ki toufik de
Ameen
#ehsaspoetrytube
भाई. जान.आप.की..तकरीर. का. मजा. आगया.... हिंदूशतान. जिदाबाद..
Very few
इमरान प्रतापगढी जय हो विजयी हो
567
इमब रान भाई काबिलेतारीफ है
Nice
@@masiullahalam754
Ok
Sonu nigam Randi ki aulad tayri maa ko ...
Inshallah I will full fill your wish. Onday I will become an IAS. Officer.
In sha Allah ....
Last few minutes will tear apart your hearts...Proud Muslims...
mashallah imran bhai allh aapko humesha aise hi himat de i love imran bhai
I love you lmran bhai
Shandar bhae jindabad
A beautiful voice which is show our condition in own country. May you live long IMRAN bhai.
We are proud of you❤️👍
Imran bhai jaan aapko ore aapki himmat ko mere taraf se salam solute 👌👌👌👌
sahi kaha hai bhai
imran bhai maja a gaya
Gjb
Bhai Muslim kisi ka bura nhi chahte Jo hameri madat karte hai hmesha ham unko apna san mante hai
Bhai aap bhi prhte nbi s.a.w ki batein
हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया: प्यारे भाइयो! मैं जो कुछ कहूँ, ध्यान से सुनो। ऐ इंसानो! तुम्हारा रब एक है।
अल्लाह की किताब और उसके रसूल की सुन्नत को मजबूती से पकड़े रहना।
लोगों की जान-माल और इज़्ज़त का ख़याल रखना, ना तुम लोगो पर ज़ुल्म करो, ना क़यामत में तुम्हारे साथ ज़ुल्म किया जायगा।
कोई अमानत रखे तो उसमें ख़यानत न करना। ब्याज के क़रीब न भटकना।
किसी अरबी को किसी अजमी (ग़ैर अरबी) पर कोई बड़ाई नहीं, न किसी अजमी को किसी अरबी पर, न गोरे को काले पर, न काले को गोरे पर, प्रमुखता अगर किसी को है तो सिर्फ तक़वा(धर्मपरायणता) व परहेज़गारी से है अर्थात् रंग, जाति, नस्ल, देश, क्षेत्र किसी की श्रेष्ठता का आधार नहीं है। बड़ाई का आधार अगर कोई है तो ईमान और चरित्र है।
तुम्हारे ग़ुलाम, जो कुछ ख़ुद खाओ, वही उनको खिलाओ और जो ख़ुद पहनो, वही उनको पहनाओ।
अज्ञानता के तमाम विधान और नियम मेरे पाँव के नीचे हैं।
इस्लाम आने से पहले के तमाम ख़ून खत्म कर दिए गए। (अब किसी को किसी से पुराने ख़ून का बदला लेने का हक़ नहीं) और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान का ख़ून-रबीआ इब्न हारिस का ख़ून- ख़त्म करता हूँ (यानि उनके कातिलों को क्षमा करता हूँ)|
अज्ञानकाल के सभी ब्याज ख़त्म किए जाते हैं और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान में से अब्बास इब्न मुत्तलिब का ब्याज ख़त्म करता हूँ।
औरतों के मामले में अल्लाह से डरो। तुम्हारा औरतों पर और औरतों का तुम पर अधिकार है।
औरतों के मामले में मैं तुम्हें वसीयत करता हूँ कि उनके साथ भलाई का रवैया अपनाओ।
लोगो! याद रखो, मेरे बाद कोई नबी नहीं और तुम्हारे बाद कोई उम्मत (समुदाय) नहीं।
अत: अपने रब की इबादत करना, प्रतिदिन पाँचों वक़्त की नमाज़ पढ़ना। रमज़ान के रोज़े रखना, खुशी-खुशी अपने माल की ज़कात देना, अपने पालनहार के घर का हज करना और अपने हाकिमों का आज्ञापालन करना। ऐसा करोगे तो अपने रब की जन्नत में दाख़िल होगे।
ऐ लोगो! क्या मैंने अल्लाह का पैग़ाम तुम तक पहुँचा दिया! (लोगों की भारी भीड़ एक साथ बोल उठी-) हाँ, ऐ अल्लाह के रसूल! (तब हजरत मुहम्मद स. ने तीन बार कहा) ऐ अल्लाह, तू गवाह रहना
(उसके बाद क़ुरआन की यह आखिरी आयत उतरी)
"आज मैंने तुम्हारे लिए दीन (सत्य धर्म) को पूरा कर दिया और तुम पर अपनी नेमत (कृपा) पूरी कर दी". Quran 5:3
Reference: See Al-Bukhari, Hadith 1623, 1626, 6361
एकात्मवाद मे हिन्दु - मुस्लिम जैसा द्वन्द्व नही होता ! भारत माता के सब सन्तान समान है ! जब चोट मुस्लिम को लगती है तो दर्द हिन्दु को होता है ! हिन्दु को चोट लगती है तो पीडा मुस्लिम को होती है !अंततोगत्वा समगच्छध्वं सं वदध्वम् ...........
imranprtapgdspich
Bhai aap jese logo ko dil se Salam h jo itna acha sochte h
Good bro
Bhaijohn apki soch ko kardo bar naman salute hai❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤may you help god sirji. ❤
"Apni sanso me Aabad rakhna "
Very inspiring lines
वाह इमरान भाई आपको मेरी भी उम्र लग जाए इस हिंदुस्तान को एक करने के लिए इंशा अल्लाह आपको अल्लाह ऐसी बरकत अदा फरमाए
Imran bhai ko kon kon pasand karte hai like kare
8h 8
@@zainkathawala9011 n#nn;:@b;
Khao khud par bharosa khatam ho gaya politics me koi sahi nahi aur ek baat nrc me sabse phele asad saheb ne bola warna kuch pata bhi calta gaand phaar ke rakh dega Ye modi aur congres
IMRAN BRAVE YOUR OPENION SHOULD BE EXPENDED.
Bhai aap bhi prhte nbi s.a.w ki batein
हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया: प्यारे भाइयो! मैं जो कुछ कहूँ, ध्यान से सुनो। ऐ इंसानो! तुम्हारा रब एक है।
अल्लाह की किताब और उसके रसूल की सुन्नत को मजबूती से पकड़े रहना।
लोगों की जान-माल और इज़्ज़त का ख़याल रखना, ना तुम लोगो पर ज़ुल्म करो, ना क़यामत में तुम्हारे साथ ज़ुल्म किया जायगा।
कोई अमानत रखे तो उसमें ख़यानत न करना। ब्याज के क़रीब न भटकना।
किसी अरबी को किसी अजमी (ग़ैर अरबी) पर कोई बड़ाई नहीं, न किसी अजमी को किसी अरबी पर, न गोरे को काले पर, न काले को गोरे पर, प्रमुखता अगर किसी को है तो सिर्फ तक़वा(धर्मपरायणता) व परहेज़गारी से है अर्थात् रंग, जाति, नस्ल, देश, क्षेत्र किसी की श्रेष्ठता का आधार नहीं है। बड़ाई का आधार अगर कोई है तो ईमान और चरित्र है।
तुम्हारे ग़ुलाम, जो कुछ ख़ुद खाओ, वही उनको खिलाओ और जो ख़ुद पहनो, वही उनको पहनाओ।
अज्ञानता के तमाम विधान और नियम मेरे पाँव के नीचे हैं।
इस्लाम आने से पहले के तमाम ख़ून खत्म कर दिए गए। (अब किसी को किसी से पुराने ख़ून का बदला लेने का हक़ नहीं) और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान का ख़ून-रबीआ इब्न हारिस का ख़ून- ख़त्म करता हूँ (यानि उनके कातिलों को क्षमा करता हूँ)|
अज्ञानकाल के सभी ब्याज ख़त्म किए जाते हैं और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान में से अब्बास इब्न मुत्तलिब का ब्याज ख़त्म करता हूँ।
औरतों के मामले में अल्लाह से डरो। तुम्हारा औरतों पर और औरतों का तुम पर अधिकार है।
औरतों के मामले में मैं तुम्हें वसीयत करता हूँ कि उनके साथ भलाई का रवैया अपनाओ।
लोगो! याद रखो, मेरे बाद कोई नबी नहीं और तुम्हारे बाद कोई उम्मत (समुदाय) नहीं।
अत: अपने रब की इबादत करना, प्रतिदिन पाँचों वक़्त की नमाज़ पढ़ना। रमज़ान के रोज़े रखना, खुशी-खुशी अपने माल की ज़कात देना, अपने पालनहार के घर का हज करना और अपने हाकिमों का आज्ञापालन करना। ऐसा करोगे तो अपने रब की जन्नत में दाख़िल होगे।
ऐ लोगो! क्या मैंने अल्लाह का पैग़ाम तुम तक पहुँचा दिया! (लोगों की भारी भीड़ एक साथ बोल उठी-) हाँ, ऐ अल्लाह के रसूल! (तब हजरत मुहम्मद स. ने तीन बार कहा) ऐ अल्लाह, तू गवाह रहना
(उसके बाद क़ुरआन की यह आखिरी आयत उतरी)
"आज मैंने तुम्हारे लिए दीन (सत्य धर्म) को पूरा कर दिया और तुम पर अपनी नेमत (कृपा) पूरी कर दी". Quran 5:3
Reference: See Al-Bukhari, Hadith 1623, 1626, 6361
Kya baat hai.bhot khoob imran bhai...wa wa wa...allah aap ko salamat rkhe...or hamare mulk mein aman peace rahe..aameen
What a greatfool Mushyara Imraan bhai The power of UP
Thank you bhai
Super
Aysi-aawaz-aur'aysa-dard-bahut-kam-sunai-deti-hai-salamat-raho-amin
Thanks again for the first place and the rest is history tomorrow and will be able and willing I have been working
Quran s.9 a.119 A imam walon Allah se daro aur sachon ka sath do.
mai jmu kadhmir se hu sach mai rula diya aapne
Sonali Sharma tujhe jb Kashmir me Mara tha tb aasu nhi aaye the
Sonali Sharma I love kashmeer
@@devesh-ss2iu vai me bajarang
Dal se ho is Randi musalman se shadi Kiya hoga
Sonali Sharma .g.by
Sarkar.bekar.hai.apnee.ijatt.aap.bacahwo.sonali.g
Aarti aur azan se milkar bana hai Hindustan..
Love you bhai
Mein Imran pratapgarh ko salaam katrta hoon, very good protesters working very hard Allah aap ki hifazat kare aameen ban evm machine NRC NPR and CAA save democracy save country inqalab zindabaad
ایسے ماں باپ کو لاکھوں سلام جس نے تم جیسے بیٹے کو پیدا کیا اللہ تعالی اپ کی عمر لمبی کر ے
कभी बिहार मे आएगा आप आरा जिला मे
Real man who spoke about
Dirty politics
Bhai aap bhi prhte nbi s.a.w ki batein
हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया: प्यारे भाइयो! मैं जो कुछ कहूँ, ध्यान से सुनो। ऐ इंसानो! तुम्हारा रब एक है।
अल्लाह की किताब और उसके रसूल की सुन्नत को मजबूती से पकड़े रहना।
लोगों की जान-माल और इज़्ज़त का ख़याल रखना, ना तुम लोगो पर ज़ुल्म करो, ना क़यामत में तुम्हारे साथ ज़ुल्म किया जायगा।
कोई अमानत रखे तो उसमें ख़यानत न करना। ब्याज के क़रीब न भटकना।
किसी अरबी को किसी अजमी (ग़ैर अरबी) पर कोई बड़ाई नहीं, न किसी अजमी को किसी अरबी पर, न गोरे को काले पर, न काले को गोरे पर, प्रमुखता अगर किसी को है तो सिर्फ तक़वा(धर्मपरायणता) व परहेज़गारी से है अर्थात् रंग, जाति, नस्ल, देश, क्षेत्र किसी की श्रेष्ठता का आधार नहीं है। बड़ाई का आधार अगर कोई है तो ईमान और चरित्र है।
तुम्हारे ग़ुलाम, जो कुछ ख़ुद खाओ, वही उनको खिलाओ और जो ख़ुद पहनो, वही उनको पहनाओ।
अज्ञानता के तमाम विधान और नियम मेरे पाँव के नीचे हैं।
इस्लाम आने से पहले के तमाम ख़ून खत्म कर दिए गए। (अब किसी को किसी से पुराने ख़ून का बदला लेने का हक़ नहीं) और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान का ख़ून-रबीआ इब्न हारिस का ख़ून- ख़त्म करता हूँ (यानि उनके कातिलों को क्षमा करता हूँ)|
अज्ञानकाल के सभी ब्याज ख़त्म किए जाते हैं और सबसे पहले मैं अपने ख़ानदान में से अब्बास इब्न मुत्तलिब का ब्याज ख़त्म करता हूँ।
औरतों के मामले में अल्लाह से डरो। तुम्हारा औरतों पर और औरतों का तुम पर अधिकार है।
औरतों के मामले में मैं तुम्हें वसीयत करता हूँ कि उनके साथ भलाई का रवैया अपनाओ।
लोगो! याद रखो, मेरे बाद कोई नबी नहीं और तुम्हारे बाद कोई उम्मत (समुदाय) नहीं।
अत: अपने रब की इबादत करना, प्रतिदिन पाँचों वक़्त की नमाज़ पढ़ना। रमज़ान के रोज़े रखना, खुशी-खुशी अपने माल की ज़कात देना, अपने पालनहार के घर का हज करना और अपने हाकिमों का आज्ञापालन करना। ऐसा करोगे तो अपने रब की जन्नत में दाख़िल होगे।
ऐ लोगो! क्या मैंने अल्लाह का पैग़ाम तुम तक पहुँचा दिया! (लोगों की भारी भीड़ एक साथ बोल उठी-) हाँ, ऐ अल्लाह के रसूल! (तब हजरत मुहम्मद स. ने तीन बार कहा) ऐ अल्लाह, तू गवाह रहना
(उसके बाद क़ुरआन की यह आखिरी आयत उतरी)
"आज मैंने तुम्हारे लिए दीन (सत्य धर्म) को पूरा कर दिया और तुम पर अपनी नेमत (कृपा) पूरी कर दी". Quran 5:3
Reference: See Al-Bukhari, Hadith 1623, 1626, 6361
Beautiful poem ❤
Allah paak apny Hafiz-O-Aman mein rakhy..aameen
Bhai aj imran bhaijan ka dua qabool hua innshallah
Hindustan ke char sepahi ...... Hindu+Muslim+Sikh+isai = HINDUSTAN
Aap Ki Sonch Ko Salam Hai bhai
Gred your think .i selut your think.
Nice
Ap bahut achay insan h jo aisa sochtay h salam apko
AAO milKar ek sundar bharat ka nirman kre jai hind