भारत की तीनो सेनाओ को संशाधनो, कौशल से सशक्त करो शरीरिक, मानसिक रूप से भी उनको सुदृण करो भारत के आंतरिक सुरक्षा मजबूत करने के लिए पुलिस फोर्स को संशाधनो, कौशल से सशक्त करो और शरीरिक और मानसिक रूप से भी सुदृण करो रही बात भारत मे इतनी असमानता की तो भेद भाव मिटाने के लिए जागरूकता अभियान चलाओ शिक्षा (अविद्या+ अध्यात्मविद्या) , रोजगार के अवसर पैदा करो, गीत संगीत नाटक नृत्य कविता बोध साहित्य library वाध्य यंत्र, मल्टी sport stadium ये सबके अवसर पैदा करो जब मन के पास सम्यक कार्य करने के लिए अवसर ही नही उपलब्ध रहेंगे तो मन स्वभाविक रूप से बाहर की तरफ भागेगा जो चल रहा है आजकल हिंदू मुस्लिम समुदाय भेद, लिंग् भेद, जाती भेद, रंग भेद, नस्ल भेद, fake न्यूज़ चैनल ये सब चल रहा है इससे क्या पैदा होंगे वैर, इशर्या, तुलना, गरीब अमीर की खाई, खिन्नता, दूरियाँ ये सब मन या अहंकार को अस्तितव् प्रदान करता है
मैं १९९० से लेकर २०१८ तक परीक्षक, प्रधान परीक्षक ,प्राश्निक , मोडरेटर रहा। इसके अतिरिक्त वहां पर १९९० से २००६ तक इंटरव्यू बोर्ड का एक्सपर्ट था । मुलायम सिंह यादव के समय में अनिल यादव चेयरमैन थे । उन्होंने खुलकर जातिवाद किया । हाईकोर्ट ने उस समय की सारी परीक्षाओं और रिजल्ट को अवैध घोषित कर दिया। भाजपा के राज्य में आज वही हो रहा है ।
हम तीन है एक सच्चा, एक झूठा, और एक वो जो सच-झूठ में चुनाव करता है सच्चा आवाज देता है और झूठा भी मेरी सारी शिक्षा इतनी ही है कि तुम सच्चे की सुनना जब तक जिस्म है तब तक संस्कार और वृतियां बोलेंगे ही भय-लोभ शोर मचाएंगे ही बस तुम उनके पक्ष में मत खड़े होना - आचार्य जी
“पृथ्वी पर जीवन भयानक खतरे में है। मानवता अब एक अप्रत्याशित त्रासदी के बीचोंबीच खड़ी है। कई दशकों से, हमने लगातार, एक ऐसे भविष्य की चेतावनी दी है जिसमें तापमान, बारिश, तूफान, बाढ़ सभी मौसमी बदलाव अपने चरम पर होंगे। कारण? मानवीय गतिविधियों की वजह से वातावरण में हानिकारक ग्रीनहाउस गैसों बढ़ रही हैं और उससे पृथ्वी का औसत तापमान बढ़ रहा है! दुर्भाग्य से, अब समय ख़त्म हो चुका है। अब आप हमारी चेतावनियों को एक खतरनाक और अभूतपूर्व क्रम में प्रकट होता देख रहे हैं। हम क्लाइमेट चेंज के संबंध में एक अपरिचित क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं, एक ऐसी स्थिति जिसे मानवता के इतिहास में अब तक किसी ने नहीं देखा।” ~ ये हम नहीं कह रहे। ये शब्द हैं विश्व के शीर्ष 15,000 वैज्ञानिकों के। ये एक रिसर्च पेपर से हैं, जो 24 अक्तूबर 2023 को प्रसिद्ध वैज्ञानिक पत्रिका “BioScience” में प्रकाशित हुआ। वैज्ञानिकों ने ये भी बताया कि वे पृथ्वी के स्वास्थ्य की नब्ज़ पकड़ने के लिए 35 तरह के मानकों का रिकॉर्ड रखते हैं। जिनमें से 20 मानक भयानक स्तर तक गिर चुके हैं। पिछले 1,00,000 वर्षों में ऐसी परिस्थितियाँ कभी नहीं देखी गयीं। इस रिसर्च पेपर को प्रकाशित हुए आज लगभग 1 साल बीत चुका हैं। और इस 1 साल में आपको कई फूहड़ विषयों की घुट्टी पिलाई गई: वर्ल्ड कप के फाइनल से लेकर फ़िल्मों के कलेक्शन की; किसी सेलिब्रिटी के माँ-बाप बनने से लेकर किसी सेलिब्रिटी की शादी के मेहमानों की; यूट्यूब की मसालेदार कंट्रोवर्सी से लेकर नेताओं के चुनावी वादों की; सब विषयों पर आपको मिनट-दर-मिनट ‘ब्रेकिंग न्यूज़’ दी गई। लेकिन… जो आपके जीवन-मरण के मुद्दे हैं वो आपसे नासमझी में, या कहें साज़िशन छिपाए जाते हैं। तथ्य अब साफ हैं! वर्ष 2023 पिछले 1 लाख सालों में सबसे गर्म था। आज ज़रूरत है अधिक-से-अधिक लोगों को जगाने की। लेकिन जो लोग 25-50 करोड़ लोगों तक अपनी बात 1 सेकंड में पहुँचा सकते हैं, वो अपने ही निजी और छोटे स्वार्थों में डूबे हुए हैं। समय की माँग है कि आचार्य प्रशांत का संदेश हर व्यक्ति तक पहुँचे। हम और देर नहीं कर सकते… हम नहीं जानते कि आज कितने लोग इस काम का महत्व समझ पा रहे हैं। पर हम अपनी ओर से हर संभव प्रयास करते आए हैं, कर रहे हैं, और आगे भी करेंगे! आचार्य श्री
आंदोलन प्रदर्शन की ज़रूरत नहीं है बल्कि अपने वोट के सही इस्तेमाल करने की ज़रूरत है 👈
Satyamev Jayate
अगर बांग्लादेश में हो तो ठीक है लेकिन अगर यही भारत में हो तो..?? तब क्या कहेंगे इस्लामिस्ट और वामपंथी?
Kuch andhbhaqt Bangladesh me aur kuch andhbhaqt bharat me.. jinki soch kahi Muslim raashtr banane ki aur kahi Hindu raashtr banane ki
भारत की तीनो सेनाओ को संशाधनो, कौशल से सशक्त करो शरीरिक, मानसिक रूप से भी उनको सुदृण करो भारत के आंतरिक सुरक्षा मजबूत करने के लिए पुलिस फोर्स को संशाधनो, कौशल से सशक्त करो और शरीरिक और मानसिक रूप से भी सुदृण करो रही बात भारत मे इतनी असमानता की तो भेद भाव मिटाने के लिए जागरूकता अभियान चलाओ शिक्षा (अविद्या+ अध्यात्मविद्या) , रोजगार के अवसर पैदा करो, गीत संगीत नाटक नृत्य कविता बोध साहित्य library वाध्य यंत्र, मल्टी sport stadium ये सबके अवसर पैदा करो जब मन के पास सम्यक कार्य करने के लिए अवसर ही नही उपलब्ध रहेंगे तो मन स्वभाविक रूप से बाहर की तरफ भागेगा जो चल रहा है आजकल हिंदू मुस्लिम समुदाय भेद, लिंग् भेद, जाती भेद, रंग भेद, नस्ल भेद, fake न्यूज़ चैनल ये सब चल रहा है इससे क्या पैदा होंगे वैर, इशर्या, तुलना, गरीब अमीर की खाई, खिन्नता, दूरियाँ ये सब मन या अहंकार को अस्तितव् प्रदान करता है
मैं १९९० से लेकर २०१८ तक परीक्षक, प्रधान परीक्षक ,प्राश्निक , मोडरेटर रहा। इसके अतिरिक्त वहां पर १९९० से २००६ तक इंटरव्यू बोर्ड का एक्सपर्ट था । मुलायम सिंह यादव के समय में अनिल यादव चेयरमैन थे । उन्होंने खुलकर जातिवाद किया । हाईकोर्ट ने उस समय की सारी परीक्षाओं और रिजल्ट को अवैध घोषित कर दिया। भाजपा के राज्य में आज वही हो रहा है ।
किसी भी धर्म की भावनाओं को आहत करने की बात है तो इस आधार पर हेमंत विस्वा सरमा को सैकड़ों नोटिस चुनाव आयोग दे चुका होता 😐
हम तीन है एक सच्चा, एक झूठा, और एक वो
जो सच-झूठ में चुनाव करता है सच्चा आवाज देता है
और झूठा भी मेरी सारी शिक्षा इतनी ही है
कि तुम सच्चे की सुनना जब तक जिस्म है
तब तक संस्कार और वृतियां बोलेंगे ही
भय-लोभ शोर मचाएंगे ही बस तुम उनके पक्ष में मत खड़े होना - आचार्य जी
अनिल यादव ने पूरा चार्ट ही बदल दिया था । वही कार्य आज भी हो रहा है ।
और बजाओ ताली, थाली।
रोगी चालीस भी पढ़ सकते हो।
Yeh Bangladesh Ka Aantrik Mamla Hai
Election Commission office to Awaisi Brothers ka Susral Hai ❤🎉🎉😂
Bato ge to pite go
Up student
Esa ha sheikh haseena ko kyo guest bana rakha ha???
Tujjhe kya bna hai bc tum log ko itna convert kar diya hai dimaag lagana hi chod diya ha
Yogi ....datonge to piteinge UP m Berojgar yuwakon keliye liye ..
❤😂😂😂😂🎉🎉🎉🎉🎉
सब से गंभीर मुद्दा परियवरण का मुद्दा है, दोषित हवा जान लेवा होगई है, मगर इस मुद्दे पर कोई बात क्यों नहीं कर रहा
Sab Allah.. Ram... Karte hai ..ab wahi bachayenge.....😊😊
“पृथ्वी पर जीवन भयानक खतरे में है।
मानवता अब एक अप्रत्याशित त्रासदी
के बीचोंबीच खड़ी है।
कई दशकों से, हमने लगातार,
एक ऐसे भविष्य की चेतावनी दी है
जिसमें तापमान, बारिश, तूफान, बाढ़
सभी मौसमी बदलाव अपने चरम पर होंगे।
कारण?
मानवीय गतिविधियों की वजह से
वातावरण में हानिकारक ग्रीनहाउस गैसों बढ़ रही हैं
और उससे पृथ्वी का औसत तापमान बढ़ रहा है!
दुर्भाग्य से, अब समय ख़त्म हो चुका है।
अब आप हमारी चेतावनियों को
एक खतरनाक और अभूतपूर्व क्रम में
प्रकट होता देख रहे हैं।
हम क्लाइमेट चेंज के संबंध में
एक अपरिचित क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं,
एक ऐसी स्थिति जिसे मानवता के इतिहास में
अब तक किसी ने नहीं देखा।”
~ ये हम नहीं कह रहे। ये शब्द हैं विश्व के शीर्ष 15,000 वैज्ञानिकों के। ये एक रिसर्च पेपर से हैं, जो 24 अक्तूबर 2023 को प्रसिद्ध वैज्ञानिक पत्रिका “BioScience” में प्रकाशित हुआ।
वैज्ञानिकों ने ये भी बताया कि वे पृथ्वी के स्वास्थ्य की नब्ज़ पकड़ने के लिए 35 तरह के मानकों का रिकॉर्ड रखते हैं। जिनमें से 20 मानक भयानक स्तर तक गिर चुके हैं। पिछले 1,00,000 वर्षों में ऐसी परिस्थितियाँ कभी नहीं देखी गयीं।
इस रिसर्च पेपर को प्रकाशित हुए
आज लगभग 1 साल बीत चुका हैं।
और इस 1 साल में आपको कई
फूहड़ विषयों की घुट्टी पिलाई गई:
वर्ल्ड कप के फाइनल से लेकर
फ़िल्मों के कलेक्शन की;
किसी सेलिब्रिटी के माँ-बाप बनने से लेकर
किसी सेलिब्रिटी की शादी के मेहमानों की;
यूट्यूब की मसालेदार कंट्रोवर्सी से लेकर
नेताओं के चुनावी वादों की;
सब विषयों पर आपको
मिनट-दर-मिनट ‘ब्रेकिंग न्यूज़’ दी गई।
लेकिन…
जो आपके जीवन-मरण के मुद्दे हैं
वो आपसे नासमझी में,
या कहें साज़िशन
छिपाए जाते हैं।
तथ्य अब साफ हैं! वर्ष 2023 पिछले 1 लाख सालों में सबसे गर्म था। आज ज़रूरत है अधिक-से-अधिक लोगों को जगाने की। लेकिन जो लोग 25-50 करोड़ लोगों तक अपनी बात 1 सेकंड में पहुँचा सकते हैं, वो अपने ही निजी और छोटे स्वार्थों में डूबे हुए हैं।
समय की माँग है कि आचार्य प्रशांत का संदेश हर व्यक्ति तक पहुँचे। हम और देर नहीं कर सकते…
हम नहीं जानते कि आज कितने लोग
इस काम का महत्व समझ पा रहे हैं।
पर हम अपनी ओर से हर संभव प्रयास
करते आए हैं, कर रहे हैं, और आगे भी करेंगे!
आचार्य श्री
Kuch nahi karna sirf BJP ko vote Karo ye satya Hindi family ke taraf se janta se newedan hai