राजिया रा दूहां रा रचयिता कृपारामजी खिड़िया अर उणांरी वंश परम्परा।भाग 1

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  • เผยแพร่เมื่อ 10 ก.ย. 2024

ความคิดเห็น • 24

  • @madhudan7443
    @madhudan7443 หลายเดือนก่อน

    वाह कविराज गिरधरदान सा।
    किरपारामजी खिड़िया अर संबंधित ठावकी जाणकारी सारु घणा-घणा साधुवाद सा।।

  • @surendersinghratnu447
    @surendersinghratnu447 หลายเดือนก่อน

    बहुत ही सुन्दर ऐतिहासिक जानकारी 🙏🏻💐

  • @dr.avaddangadhavi6497
    @dr.avaddangadhavi6497 หลายเดือนก่อน

    Vah sha , ap ki prastuti or abhyas tathyan par sabutike sath hoti hai. Jay mataji

  • @himmatsingh-zx6iu
    @himmatsingh-zx6iu หลายเดือนก่อน

    बहुत उम्दा संदेश और सामाजिक सरोकारों के अनुभव की श्रृंखला है सा

  • @devisinghsisodiya3779
    @devisinghsisodiya3779 หลายเดือนก่อน

    जय हो करनळ,किनीयाणी,🌺🌹🙏🤲🥭🍎🥥⛈️🦜🦚🌲🌴☘️👣🐚🐂🐇🌳🐍🔔🌞🔱🪔🙋🌙🚩🌳🌳🌳🌳🌳,

  • @DurgaDasRatnu
    @DurgaDasRatnu 23 วันที่ผ่านมา

    Ati sundar dada hkm 🌹🌹🙏

  • @bsmahecha2452
    @bsmahecha2452 หลายเดือนก่อน

    Bahut Sundar Baji Sahab

  • @shimbhudancharan2032
    @shimbhudancharan2032 หลายเดือนก่อน

    अति सुन्दर हुक्म

  • @ChaturSinghRajpurohit
    @ChaturSinghRajpurohit หลายเดือนก่อน

    बहुत उत्तम जानकारी

  • @jaipalsingh7060
    @jaipalsingh7060 หลายเดือนก่อน

    Aabhar hkm

  • @yuvrajcharan5387
    @yuvrajcharan5387 หลายเดือนก่อน

    हुकुम सिंध में भी चारणों का बहुत पुराना इतिहास हैं कृपया इस पर एक वीडियो जरूर बनाये जय माता जी री 🙏

  • @arpayatdan321
    @arpayatdan321 หลายเดือนก่อน +2

    कृपारामजी रो वँश फुसादानजी तक चलीयो अब फुसादानजी रै दतक पुत्र है फुसादानजी भी विद्ववान थे।1988,89,90 मे मै देखीया हा।

    • @madhudan7443
      @madhudan7443 หลายเดือนก่อน

      बहुत महत्वपूर्ण जानकारी के लिए धन्यवाद सा

    • @dr.seemantinipalawat554
      @dr.seemantinipalawat554 หลายเดือนก่อน

      आपकी जानकारी अधूरी है। कृपाराम जी खिड़िया के वंशजों के लगभग तीस उनके द्वारा स्थापित गांव में अभी भी निवास कर रहे हैं। उस गांव का रेवन्यू रिकार्ड में दर्ज नाम कृपाराम की ढ़ाणी है तथा चारण समाज में उसे लिछमणपुरा के नाम से भी जाना जाता है।
      उक्त गांव के प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से एक चतुर दान जी खिड़िया भी थे जो सन् 1975 ई.में वाणिज्यिक कर विभाग से वरिष्ठ लिपिक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उदयवीर जी शर्मा को कृपाराम जी खिड़िया की वंश परम्परा एवं कृतित्व के सम्बन्ध में उन्होंने ही आवश्यक जानकारियाँ उपलब्ध करवाई थीं। उनके बेटे एवं पोते अभी भी विद्यमान हैं।
      यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि उन्हीं की रैयत में से जाट जाति के परिवार के एक सदस्य गोविन्द सिंह डोटासरा वर्तमान में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं।
      माधव सिंह पालावत

    • @bhagwatisingh9087
      @bhagwatisingh9087 หลายเดือนก่อน

      कृपाराम जी के वंशज आज की कृपा राम जी की ढाणी में निवास करते हैं आपका कथन सत्य नहीं है

    • @dr.seemantinipalawat554
      @dr.seemantinipalawat554 หลายเดือนก่อน

      @@bhagwatisingh9087 आप सालासर के पास स्थित लक्ष्मणगढ़ तहसील जिला सीकर के गांव कृपाराम की ढ़ाणी में जाकर सत्यापन कर लीजिए, वहाँ कृपाराम जी खिड़िया के वंशजों के लगभग तीस परिवार आपको मिलेंगे। आपकी जानकारी के लिए यह भी उल्लेखनीय है कि राजस्थान पुलिस में IG के पद पर कार्यरत स्व. मधुसूदन सिंह जी पालावत कृपाराम की ढ़ाणी के ही भानजे थे।
      माधव सिंह पालावत

  • @HariSingh-lo1om
    @HariSingh-lo1om หลายเดือนก่อน

    ATI sundar rachna hukum 🙏

  • @dr.seemantinipalawat554
    @dr.seemantinipalawat554 หลายเดือนก่อน

    कृपाराम जी खिड़िया के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के सम्बन्ध में आपके सारगर्भित एवं प्रभावशाली वीडियो के प्रस्तुतीकरण के लिए हार्दिक अभिनन्दन एवं कोटिशः शुभकामनाएँ!
    Comments A के सुधी टिप्पणीकार को संभवतः कृपाराम जी खिड़िया के वंशजों के सम्बन्ध में पर्याप्त जानकारी का अभाव है। कृपाराम जी खिड़िया के वंशजों के लगभग तीस परिवार उनके गांव कृपाराम जी की ढ़ाणी जिसे लिछमणपुरा भी कहते हैं, वर्तमान में निवास कर रहे हैं।
    माधव सिंह पालावत

  • @ugamdanbarhath3469
    @ugamdanbarhath3469 หลายเดือนก่อน

    बहुत सुंदर जानकारी हुकम

  • @jethoodanratnu1008
    @jethoodanratnu1008 หลายเดือนก่อน

    चारणत्व की ताकत के आगे राज़ सेना भी कमजोर है।।

  • @kishanaram9433
    @kishanaram9433 หลายเดือนก่อน

    Bhagavan minkha n amar ni kar sake pan Charan kar sake

  • @shrenidan6588
    @shrenidan6588 หลายเดือนก่อน +1

    Ati sundar jankari sa