80 साल के एक शख्स ने PMGKAY में मिलने वाले मुफ्त चावल पर ऐसा क्या कहा कि सब हंस पड़े| PMModi | Bihar
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- เผยแพร่เมื่อ 28 เม.ย. 2024
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While covering Supaul's parliamentary constituency, the Lallantop team, led by Sandeep Kumar Sinha and Amit Awasthi, had the opportunity to interview Rajeshwar Prasad Gupta, an 80-year-old resident. During the conversation, Gupta shared his views on various government schemes, including the free rice provided under PMGKAY. His perspective on this particular scheme was not only insightful but also quite humorous.
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Produced By: The Lallantop
Edited By: Amit Awasthi
हमें यकीन हैं आप एक समझदार मतदाता के साथ एक समझदार इंसान भी हैं और सोच समझकर लोकतंत्र को निष्पक्ष, पारदर्शी, ज़िम्मेदार और जवाबदेही बनाने के लिए मतदान करते हैं। नेता मतलब लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए दुरदर्शी सोच रखने वाले इंसान बरना भारतवर्ष में 140 करोड़ भारतीय ही नेता होते । पहले सोचे किसी भी बहुमत वाले केंद्र/राज्य सरकार द्वारा किए गए इन क़दम क्या नेताओं की दूरदर्शी सोच हो सकता हैं -
1. देश की स्थिति सोचे समझे बिना कालाधन समाप्त करने के लिए उठाया गया ऐतिहासिक क़दम नोटबंदी को क्या हम नेताओं की दूरदर्शी सोच कहें सकते हैं ?
2. जिस चुनावी बॉन्ड को सुप्रीम कोर्ट असंबिधानिक घोषित किया क्या ऐसे नीतियां लाने वाले नेताओं की सोच देश के लिए दूरदर्शी सोच हो सकता हैं?
3. साल में 2 करोड़ बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने के चुनावी वादा करके बहुमत से चुनाव जीतकर वादा नहीं निभाने वाले नेताओ की सोच देश के लिए क्या दूरदर्शी सोच हो सकता हैं?
4. बहुमत के सरकार होने के बावजूद चुनाव में 95% से उपर देशवासियों की मतदान में हिस्सा नहीं लेना साफ़ साफ़ बताते हैं लोकतंत्र और नेताओं की कार्यप्रणाली पर देशवासियों की भरोसा और उम्मीदें कम होना ऐसे में मतदान प्रतिशत बड़ाने के लिए समय रहते सही क़दम नहीं उठाने वाले नेताओं की सोच देश के लिए दूरदर्शी सोच हो सकता हैं?
5. किसी भी परीक्षा में पेपर लीक होना, परीक्षा के ज़रिए नौकरी देकर फ़िर 8 साल बाद लगभग 25700 शिक्षक के नौकरी चले जाना और इसके लिए ज़िम्मेदार नेताओं की सोच क्या देश के लिए दूरदर्शी सोच हो सकता हैं?
6. हम सभी जानते हैं किसी भी कारण पार्टी बदलने वाला नेताओं की सोच देशहित में दूरदर्शी नहीं हो सकता। ऐसे में करोड़ों में ख़ुद को बेचकर पिछले 10 सालों में बहुत सारे नेताओं पार्टी बदलकर सरकार बदल दी। ऐसे में दल बदलू नेताओं को राजनीति से अनिवार्य रूप से संन्यास देने के लिए सही कानून नहीं बनाने वाले नेताओं की सोच क्या दूरदर्शी सोच हो सकता हैं ?
7. ज़िम्मेदार और जवाबदेही सिस्टम नहीं अपनाने के चलते ही सरकार चलाने वाले नेताओं पर भ्रष्टाचार की आरोप लगते हैं l ऐसे में जिन नेताओं पर एकबार भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं और जबतक उनकी उपर लगे हुए आरोप से बरी नहीं हो जाते तबतक ऐसे नेताओं को किसी भी राजनैतिक पार्टी के सदस्य से बाहर रखना चाहिए ताकि कोई भी नेता हमेशा देश के लिए ज़िम्मेदार और जवाबदेही नीतियां अपना सकें । प्रचंड बहुमत के सरकार में होते हुए भी देशहित में ऐसे कानून नहीं बनाने वाले नेताओं की सोच क्या दूरदर्शी सोच हो सकता हैं?
8. चुनाव होने के बावजूद देश को अच्छे नेताओं नहीं मिल रहा हैं ऐसे में उन नेताओं को राजनीति से अजीबन दूर रखने के लिए नोटा (NOTA) एक बेहतर विकल्प उम्मीदवार बनाया जा सकता था अगर नोटा चुनाव जीत जाता और बाक़ी हारे हुए सभी उम्मीदवार पर अजीबन चुनाव लड़ने पर रोक लगाया जाता। जिसके चलते मतदाताओं के सामने बेहतर उम्मीदवार की ऑप्शन नहीं आ पा रहे हैं और मतदाताओं को वोही घिसा पिटा उम्मीदवार में से ही किसी न किसी के लिए मतदान करने की ऑप्शन होते हैं।
9. अगर भारतवर्ष में कोई भी नेता एक भी झूठ बोलते हुए पकड़ा जाएं और यह प्रमाण भी हो जाएं तो उनके नेतागिरी हमेशा के लिए समाप्त हो ऐसे कानून नहीं बनाने वाले नेताओं देश के लिए दूरदर्शी सोच वाले नेता नहीं हो सकता जिसके चलते लोग आजकल झूठ पर छूठ बोलने पर मजबूर हैं ।
10. पीछले 10 सालों में जो कानून देश के लिए पहले आवश्यक थी वोह नहीं बनाया गया? क्या देशवासियों को बेवकूफ बनाने के लिए झुठी चुनावी वादा करनेवाले नेताओं और उनके राजनैतिक पार्टियां पर 50 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगाने चाहिए ऐसे कानून नहीं बनाने वाले नेताओं की सोच क्या दूरदर्शी हो सकता हैं?
किसी भी राजनैतिक पार्टी देखें बिना भारतीय लोकतंत्र में हमें ऐसे नेताओं के लिए मतदान करना चाहिए जिनके उठाया हुआ नीतियां के चलते लोगों के विश्वास और भरोसा हमेशा लोकतंत्र के किसी भी प्रकार कामकाज पर संदेह से उपर रहें।
नेताओं की अपनाया हुआ नीतियां और कार्यप्रणाणी पर अगर देश के किसी मतदाताओं के मन में किसी भी प्रकार संदेह उत्पन्न हो तो ऐसे नेताओं को संन्यास लेना अनिवार्य होना चाहिए । मतदान में अनिवार्य हिस्सा लेना अपना कर्तव्य होना चाहिए। किसी भी नेता के लिए भगवान प्रभु श्री राम जी के नाम पर वोट मांगना बहुत ही आसान काम हैं लेकिन उनके आदर्श मार्ग पर चलना नेताओं के लिए उतने आसान नहीं हैं।
सोच बदलो देश बदलेगा और हमारे नेताओं की सोच भी बदलेगा।
Kya Baat Hain.
Me bjp ka voter hu magar baat loktantra ko bachane ki aagai to me congress ko vote dunga kyu ki logtantra hoga tabhi to ham sarakar badal payenge
बेरोजगारी 83%
फुकट राशन खा ओ
जगली रम्मी खेलो.
Dark reality indian young Youth
Ration k Naam pr teen kilo ghtiya genhoo aur do kilo chawal bekar wala ,,usse Ghar nhi chalta
Rasan me tel masala chini ye sab bhi add kr de modiji to 400 par ho jayega. Btw me ur category se hu mujhe rashan nhi milega or chahiye bhi nhi jrurat walo ko hi sirf milna chahiye
Kaha se Mila ye data ?
Uncle ne bilkul ❤sach bataya hai
रुपया तभी गिरता हैं जब प्रधान मंत्री गिरा हुआ होता हैं।😂
ओबीसी के बाद अब कांग्रेस एसटी एससी वर्ग में मुस्लिमों को शामिल करेगी। कर्नाटका में ओबीसी वर्ग में मुस्लिमों को शामिल किया गया है। जय भीम जय मीम 😎
कहा से पता चला।
इस बार बीजेपी का नेता जब वोट माँगने आये तो उसके पिछवाड़े में कोविशील्ड का टीका लगा के उसका स्वागत कीजिए 🙏🏻
Sahi h ek hi news ko bar bar dikhaiye😂😂😂😂😂😂
मुफ्त अनाज से गरीबों की उम्मीद रहती है
अगर मोका मीलता तो सरकार ये भी लुट लेता
लल्लन टॉप की टीम से निवेदन है मध्य प्रदेश में हो रहे अतिथि शिक्षकों पर अत्याचार पर एक वीडियो कवरेज करिए किस प्रकार छिंदवाड़ा कलेक्टर एक अतिथि शिक्षक को जेल भिजवा दिया उसकी गलती सिर्फ इतनी थी कि वह लगातार 10 महीना से बिना वेतन में काम कर रही थी उन्होंने सिर्फ वेतन की डिमांड की
Sarkari office m staff ki bhut kami hai
अस्सी करोड़ का ऊंट
ज़ीरे ने लिया लूट
मन का मारा आदमी
मगज़ से गया टूट
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संजय "दार्शनिक"
सुना है, की पूर्व में शासक राज्य में निर्माण कार्य करवाते थे, तो वर्कर को कार्य के बदले , खाना खिलाते थे , (बेगारी बोलते थे) , वर्तमान में शासन अनाज देती है,पर कार्य नहीं करवाती है, = अनाज देने के बाद, शासक अपने भाषण में उसको फोकट का अनाज , बोलते है, इसको क्या माने
बहुत बहुत बधाई भाई
Baba sahi bol rahe hn
Only India alliance 🔥🔥 पूरे भारत देश मे!!
Jahan chawal jyada hai vahan BJP chawal deti hai Jahan bajara jyada h deti hai 😂😂😂😂😂
सभी मूस्लमानो को औवेशी साहब को वोट करना चाहिए
औवेशी साहब ही मूस्लमानो को ओबीसी कोटा दिला सकते हे
Congress jindabad
Rehne de
ये हमारे महावीर चौक सुपौल का जगह है, बचपन में प्रत्येक मंगलवार को यहाँ मैं हनुमान जी का दर्शन और चरणामृत लेने जाता था ❤️सुपौल
Afcosh right
🇮🇳♥️🥰🙏🙏🥰♥️🇮🇳
Jinko taklif h ration se wo apna card surrender kar k give it up kyu nhi kar dete.
Inko ration bhi khana h, aur gariyana bhi h.
Bharat amir nahi balki 1947 se v garib ho chuka hai isliye free ration banti ja rhi hai
Please cover the students protest in BBAU University Lucknow 😢🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
140 वर्ष पुरानी कांग्रेस पार्टी अंग्रेजों से आजादी मिले 55 वर्ष कांग्रेस का शासन रहा ....? भारत से युद्ध हारने के बाद भी पीओके पाकिस्तान में कैसे चला गया उसमें भी कांग्रेस का हाथ
🎉😂
❤❤❤❤❤❤
Rahul Gandhi jindawad
Ham majdur hain sahib rojgar do mehnat ki khate hain ration unhe de do jo dum helate hain
Mumkin hai😅
ये हक़ीक़त है
Pahle ki sarkaar Anajkosadvakarfakwadatithi
Good 👌👌👌👌
Kaam to Congress hin karegi
Ara loksbha bhimpura संदेश मुलाकात kare
Agar Congress ka raj hota na to ye news reporter ka camera sub saman chori ho gya hota bomb blast bi ho sakta tha mane dekha he congress ka sasan log tren bus me nhi bathte the bomb blast ke dar se ye log dobara usi congress ko lana chahte he
5kilo mota aur second hand ration lene ke liye 3, ghante hline m khada hona pdta
Hai , aur
India don't need 5kg ration 😂😂😂in
Bihar m Tejaswi yadav ka lahar h only 😊😊😊😊
BJP sasta gas 1100😂😂😂😂😂
Prime minister -rahul Gandhi ✔️. home minister -akhilesh yadav ✔️♻️. Finance minister -lalu yadav ✔️♻️💯. Foreign minister:-mamta Banerjee ✔️♻️💯
No , Akhilesh Yadav Will Becomes Cm Of Uttar Pradesh Manta Didi Cm Of Bengal
Pm - Rahul
Home Minister- Shivsena Candidate
Educational Minister - Aap Candidate
Finance Minister - DMK Candidate
हमें यकीन हैं आप एक समझदार मतदाता के साथ एक समझदार इंसान भी हैं और सोच समझकर लोकतंत्र को निष्पक्ष, पारदर्शी, ज़िम्मेदार और जवाबदेही बनाने के लिए मतदान करते हैं। नेता मतलब लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए दुरदर्शी सोच रखने वाले इंसान बरना भारतवर्ष में 140 करोड़ भारतीय ही नेता होते । पहले सोचे किसी भी बहुमत वाले केंद्र/राज्य सरकार द्वारा किए गए इन क़दम क्या नेताओं की दूरदर्शी सोच हो सकता हैं -
1. देश की स्थिति सोचे समझे बिना कालाधन समाप्त करने के लिए उठाया गया ऐतिहासिक क़दम नोटबंदी को क्या हम नेताओं की दूरदर्शी सोच कहें सकते हैं ?
2. जिस चुनावी बॉन्ड को सुप्रीम कोर्ट असंबिधानिक घोषित किया क्या ऐसे नीतियां लाने वाले नेताओं की सोच देश के लिए दूरदर्शी सोच हो सकता हैं?
3. साल में 2 करोड़ बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने के चुनावी वादा करके बहुमत से चुनाव जीतकर वादा नहीं निभाने वाले नेताओ की सोच देश के लिए क्या दूरदर्शी सोच हो सकता हैं?
4. बहुमत के सरकार होने के बावजूद चुनाव में 95% से उपर देशवासियों की मतदान में हिस्सा नहीं लेना साफ़ साफ़ बताते हैं लोकतंत्र और नेताओं की कार्यप्रणाली पर देशवासियों की भरोसा और उम्मीदें कम होना ऐसे में मतदान प्रतिशत बड़ाने के लिए समय रहते सही क़दम नहीं उठाने वाले नेताओं की सोच देश के लिए दूरदर्शी सोच हो सकता हैं?
5. किसी भी परीक्षा में पेपर लीक होना, परीक्षा के ज़रिए नौकरी देकर फ़िर 8 साल बाद लगभग 25700 शिक्षक के नौकरी चले जाना और इसके लिए ज़िम्मेदार नेताओं की सोच क्या देश के लिए दूरदर्शी सोच हो सकता हैं?
6. हम सभी जानते हैं किसी भी कारण पार्टी बदलने वाला नेताओं की सोच देशहित में दूरदर्शी नहीं हो सकता। ऐसे में करोड़ों में ख़ुद को बेचकर पिछले 10 सालों में बहुत सारे नेताओं पार्टी बदलकर सरकार बदल दी। ऐसे में दल बदलू नेताओं को राजनीति से अनिवार्य रूप से संन्यास देने के लिए सही कानून नहीं बनाने वाले नेताओं की सोच क्या दूरदर्शी सोच हो सकता हैं ?
7. ज़िम्मेदार और जवाबदेही सिस्टम नहीं अपनाने के चलते ही सरकार चलाने वाले नेताओं पर भ्रष्टाचार की आरोप लगते हैं l ऐसे में जिन नेताओं पर एकबार भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं और जबतक उनकी उपर लगे हुए आरोप से बरी नहीं हो जाते तबतक ऐसे नेताओं को किसी भी राजनैतिक पार्टी के सदस्य से बाहर रखना चाहिए ताकि कोई भी नेता हमेशा देश के लिए ज़िम्मेदार और जवाबदेही नीतियां अपना सकें । प्रचंड बहुमत के सरकार में होते हुए भी देशहित में ऐसे कानून नहीं बनाने वाले नेताओं की सोच क्या दूरदर्शी सोच हो सकता हैं?
8. चुनाव होने के बावजूद देश को अच्छे नेताओं नहीं मिल रहा हैं ऐसे में उन नेताओं को राजनीति से अजीबन दूर रखने के लिए नोटा (NOTA) एक बेहतर विकल्प उम्मीदवार बनाया जा सकता था अगर नोटा चुनाव जीत जाता और बाक़ी हारे हुए सभी उम्मीदवार पर अजीबन चुनाव लड़ने पर रोक लगाया जाता। जिसके चलते मतदाताओं के सामने बेहतर उम्मीदवार की ऑप्शन नहीं आ पा रहे हैं और मतदाताओं को वोही घिसा पिटा उम्मीदवार में से ही किसी न किसी के लिए मतदान करने की ऑप्शन होते हैं।
9. अगर भारतवर्ष में कोई भी नेता एक भी झूठ बोलते हुए पकड़ा जाएं और यह प्रमाण भी हो जाएं तो उनके नेतागिरी हमेशा के लिए समाप्त हो ऐसे कानून नहीं बनाने वाले नेताओं देश के लिए दूरदर्शी सोच वाले नेता नहीं हो सकता जिसके चलते लोग आजकल झूठ पर छूठ बोलने पर मजबूर हैं ।
10. पीछले 10 सालों में जो कानून देश के लिए पहले आवश्यक थी वोह नहीं बनाया गया? क्या देशवासियों को बेवकूफ बनाने के लिए झुठी चुनावी वादा करनेवाले नेताओं और उनके राजनैतिक पार्टियां पर 50 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगाने चाहिए ऐसे कानून नहीं बनाने वाले नेताओं की सोच क्या दूरदर्शी हो सकता हैं?
किसी भी राजनैतिक पार्टी देखें बिना भारतीय लोकतंत्र में हमें ऐसे नेताओं के लिए मतदान करना चाहिए जिनके उठाया हुआ नीतियां के चलते लोगों के विश्वास और भरोसा हमेशा लोकतंत्र के किसी भी प्रकार कामकाज पर संदेह से उपर रहें।
नेताओं की अपनाया हुआ नीतियां और कार्यप्रणाणी पर अगर देश के किसी मतदाताओं के मन में किसी भी प्रकार संदेह उत्पन्न हो तो ऐसे नेताओं को संन्यास लेना अनिवार्य होना चाहिए । मतदान में अनिवार्य हिस्सा लेना अपना कर्तव्य होना चाहिए। किसी भी नेता के लिए भगवान प्रभु श्री राम जी के नाम पर वोट मांगना बहुत ही आसान काम हैं लेकिन उनके आदर्श मार्ग पर चलना नेताओं के लिए उतने आसान नहीं हैं।
सोच बदलो देश बदलेगा और हमारे नेताओं की सोच भी बदलेगा।