जय श्री राम। पूज्य श्री ने अच्छा विश्लेषण धर्म की आड में उत्थान की बजाय पतनकारी विषय पर चर्चा शुरू की जो कि नितान्त आवश्यक है।अब समय की धारा को विवादित बयान या चर्चा से बदलना बहुत ही कठोर व संघर्षरत है। जैसे लकड़ी में दीमक का लगना वैसे ही सनातन धर्म में इस प्रकार शास्त्रों को आधार बनाकर मनोरंजन या बिभत्सता फैलाना दीमक से कम नहीं है।दीमक वस्तु का नाश करती है और धर्म में भ्रामकता संस्कृति का विनाशकारी कार्य करती है।सभी महापुरुषों, विद्वानों एवं धर्माचार्योंको गंभीरता पूर्वक संगोष्ठियों द्वारा आवश्यक प्रतिबंधित आचार संहिता लागू कर समाजको पथप्रदर्शक भूमिका में आगे आना होगा। जरुरत पड़ने पर कानून का सहारा भी लेकर इस प्रकार धार्मिक परंपराओं को सुरक्षित करना दायित्व है। इश्वर से सद्बुद्धि की प्रार्थना करते हैं जी।सभी से निवेदन है कि ऐसी समस्या को उजागर कर संतुलित बनाने में एकजुटता का प्रदर्शन करेंगे तभी संभवतया धर्म सुरक्षित रहेगा।राम राम सह आभार
बहुत सुंदर बिष्य पर आप ने अपना बिहार रखा है जो ग्रहीय है,मैं भी धार्मिक वर्तमान स्वरूप को देखकर व्यथित हूं,इसका संवैधानिक विकल्प आवश्यक हो गया है जिसके लिए वास्तविक विद्वत समाज को आगे आना चाहिए। ए लोग इतने बिकने हो चुके हैं कि यूट्यूब पर सुंदर फोटो आए इसलिए पहले पशुउत्पाद मुह पर लेप(मेकअप) से भी परहेज नहीं करते हैं,जबकि संत परम्परा में साबुन तक लगाने में परहेज है।
धर्म और कथा ने आज एक Industry का रूप ले लिया है पहले इनके पास कुछ नही था आज करोडो के मालिक है आपने सही कहा इसके लिये समाज जिम्मेवार है उनको महीमा मंडीत करते है
आज आपने सही कहा है ये कथा वाचक अपनी कथाओं में केवल और केवल मनोरंजन परोसते है। श्रीमद्भागवतम जो कि जाएं का अद्भुत ग्रंथ है उसके वास्तविक ज्ञान को कभी भी नहीं बताया। भागवत जी का जो पहला ही श्लोक है मैने आज तक कभी भी किसी भी कथा में उसकी व्याख्या नहीं सुनी। गीता की कभी भी कथा वाचक बात नहीं करते है। सिर दसवां स्कंद ही बताते है। अब कथाओं में ज्ञान कम और मनोरंजन ज्यादा हो गया है।
English mei ek kahavat hey “ Never trust Beautiful Woman. Most of women are not trustworthy. They can speak lies very easily. Don’t try to understand women. Just love and side trek”. Yeh religious beautiful Bayi ko media mei bada platform mila aur roop dekhakar sab lotpot ho jate hey.
Organizers collect considerable amount from business cummunity. After that they lure Katha vachaks offering hefty amounts.These organizers after meeting all expenses are able to save sufficient amount for themselves. Most of audience is of house wives who applaud Katha vachaks
यह जो कथावाचक ही वह अपना धर्म नहीं कर रहे , वह क़थावाचक अपनी कथा में आप हिंदू धर्म के बारे में कुछ नहीं करते जैसे मौलवी मुसलमानों को जो मदद करते ही आप लोग क्या कर रहे ही आप लोगो को चाहिए कि जो ग़रीब आदमी ही उनको कम दिलाये या उनको सेटल करे जैसे मौलवी करते ही वहीं आपकी धर्म की सेवा hogi
आप से एक अनुरोध कर रहा हूँ, हाथ जोड़कर कर प्रार्थना कर रहा हूँ कृपया उत्तर देने की दया करेंगे।क्या शूद्र व्यास पीठ पर बैठकर कथा वाचन कर सकता है?जय श्रीराम। आपको सादर प्रणाम।
Yeh bekar ke prashn ka koi matalab nahi hey. Kshudra ko apne kitchen mei bithakar bhojan karvate raho aur apne bete betiyo ki shadi bhi sirf kshudra ke saath karva do.
महाराज जी मेरा एक प्रश्न आपसे भी है। आपके गुरु कौन है। आप तिलक तो गौडीय संप्रदाय का लगते है लेके आप किस वैष्णव। संप्रदाय से हो और आपने ज्ञान किस गुरुजी से लिया है
ये तिलक रामानंदी परम्परा का है. परमपूज्य पंचरासाचार्य स्वामी श्री रामहर्षण दास जी महाराज मेरे गुरु हैँ. अब गुरुदेव भगवान का शरीर पंचभौतिक तत्व में विलीन हो गया है.
Dharam. Antermukh abhias. Ikkagarta. ANTER ki yatra. Ka result. Peace of mind Dharam ke naam pr. Katha roopi. Manoranjan tak seemat hona. Dharam ke saath insaaf nhi ji Mann ki SAFAEE yaa. MANMANJAN. SADHNA se hoga ji Jo Katha vachak bole uska nijji. Anubhav ho Kewal. Shabdo ka jaal. Hai ABHIAS KI IKK. KANNIEE LAKHO KITABO GRANTHO KE LITERAL GIAN SE KHI ZIADA HAI JI Voh. Reality. Dharmak asthano Mai nhi. Kathaao Mai v nhi. VOH INSAAN KE SHAREER KE ANTER MAI HAI sab granth kehte hai ji. Ki BANDGI kro. ANTER Mai. Us sach ke. Saath. Judoh. Jo pehle se hi Prabhu ne sab ke ANTER Mai rakhiee hai Katha vachak. Sadhna nhi krte sirf. Shabdo ka jaal. MANIRANJAN HOTA HAI MANMANJAN NHI HOTA JI
आपके सनातन धर्म में सतयुग त्रेतायुग द्वापरयुग एवं कलयुग चार युग बताए गए हैं.. सनातन धर्म में साफ-साफ बताया गया है कि कलयुग में भवसागर पार करने का सिर्फ भक्ति ही एक रास्ता है यह बात स्वयं कलयुग ने राजा परीक्षित के समय स्पष्ट रुप से बताई है तो आप लोग मंदिरों में दुकानदारी एवं मंच पर बैठकर ज्ञान बांटने का प्राइवेट स्कूलों की तरह लाखों रुपए बटोर रहे हैं..
जो पैसे नहीं लेते उनको कोई नहीं पूछता महाराज जो लाखों लेते हैं उनका ही बोल बाला है आज कल
जय श्री राम। पूज्य श्री ने अच्छा विश्लेषण धर्म की आड में उत्थान की बजाय पतनकारी विषय पर चर्चा शुरू की जो कि नितान्त आवश्यक है।अब समय की धारा को विवादित बयान या चर्चा से बदलना बहुत ही कठोर व संघर्षरत है। जैसे लकड़ी में दीमक का लगना वैसे ही सनातन धर्म में इस प्रकार शास्त्रों को आधार बनाकर मनोरंजन या बिभत्सता फैलाना दीमक से कम नहीं है।दीमक वस्तु का नाश करती है और धर्म में भ्रामकता संस्कृति का विनाशकारी कार्य करती है।सभी महापुरुषों, विद्वानों एवं धर्माचार्योंको गंभीरता पूर्वक संगोष्ठियों द्वारा आवश्यक प्रतिबंधित आचार संहिता लागू कर समाजको पथप्रदर्शक भूमिका में आगे आना होगा। जरुरत पड़ने पर कानून का सहारा भी लेकर इस प्रकार धार्मिक परंपराओं को सुरक्षित करना दायित्व है। इश्वर से सद्बुद्धि की प्रार्थना करते हैं जी।सभी से निवेदन है कि ऐसी समस्या को उजागर कर संतुलित बनाने में एकजुटता का प्रदर्शन करेंगे तभी संभवतया धर्म सुरक्षित रहेगा।राम राम सह आभार
कई कथा वाचक तो ऐसे है जिनको व्यास पीठ पर बैठने का अधिकार होना नही चाहिए लेकिन फिर भी बैठे देखे जाते है कारण आम जनता।
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
बहुत सुंदर बिष्य पर आप ने अपना बिहार रखा है जो ग्रहीय है,मैं भी धार्मिक वर्तमान स्वरूप को देखकर व्यथित हूं,इसका संवैधानिक विकल्प आवश्यक हो गया है जिसके लिए वास्तविक विद्वत समाज को आगे आना चाहिए। ए लोग इतने बिकने हो चुके हैं कि यूट्यूब पर सुंदर फोटो आए इसलिए पहले पशुउत्पाद मुह पर लेप(मेकअप) से भी परहेज नहीं करते हैं,जबकि संत परम्परा में साबुन तक लगाने में परहेज है।
धर्म और कथा ने आज एक Industry का रूप ले लिया है पहले इनके पास कुछ नही था आज करोडो के मालिक है आपने सही कहा इसके लिये समाज जिम्मेवार है उनको महीमा मंडीत करते है
100 percent right 👍
Sahi. Kaha. Bilcul
आज आपने सही कहा है ये कथा वाचक अपनी कथाओं में केवल और केवल मनोरंजन परोसते है। श्रीमद्भागवतम जो कि जाएं का अद्भुत ग्रंथ है उसके वास्तविक ज्ञान को कभी भी नहीं बताया। भागवत जी का जो पहला ही श्लोक है मैने आज तक कभी भी किसी भी कथा में उसकी व्याख्या नहीं सुनी। गीता की कभी भी कथा वाचक बात नहीं करते है। सिर दसवां स्कंद ही बताते है।
अब कथाओं में ज्ञान कम और मनोरंजन ज्यादा हो गया है।
आज भी ऐसे कथावाचक हैं जो ज्ञान की बात करते हैं पर कोई इन्हें सुनना नहीं चाहता सब मनोरंजन ही ढूंढ रहे हैं और उन्हें ही बुला रहे हैं
Jai shree Ram Maharaj ji
जया किशोरी संन्यासी नहीं है केवल कथावाचक है इसे कथावाचक स्वीकार करे
Bilkul Sahi kaha AAP Ne
Sahi baat hai
कथावाचकों द्वारा अधकचरी जानकारी परोसने के कारण भ्रम और दम्भ फैल रहा है इनके द्वारा गुरू महिमा इस तरह से किया जाता है कि लोग तुरन्त उन्हें गुरू बना लें
English mei ek kahavat hey “ Never trust Beautiful Woman. Most of women are not trustworthy. They can speak lies very easily. Don’t try to understand women. Just love and side trek”. Yeh religious beautiful Bayi ko media mei bada platform mila aur roop dekhakar sab lotpot ho jate hey.
Organizers collect considerable amount from business cummunity. After that they lure Katha vachaks offering hefty amounts.These organizers after meeting all expenses are able to save sufficient amount for themselves. Most of audience is of house wives who applaud Katha vachaks
जय श्री राम
आज के समय मे टी.वी मे दस चैनल पर बीस कथावाचक मिलेगे. केवल पैसा कमाना इनका धंधा है बाकी कुछ नही.दुनिया को पागल बनाओ और खुद ऐश करो.
यह जो कथावाचक ही वह अपना धर्म नहीं कर रहे , वह क़थावाचक अपनी कथा में आप हिंदू धर्म के बारे में कुछ नहीं करते जैसे मौलवी मुसलमानों को जो मदद करते ही आप लोग क्या कर रहे ही आप लोगो को चाहिए कि जो ग़रीब आदमी ही उनको कम दिलाये या उनको सेटल करे जैसे मौलवी करते ही वहीं आपकी धर्म की सेवा hogi
आप से एक अनुरोध कर रहा हूँ, हाथ जोड़कर कर प्रार्थना कर रहा हूँ कृपया उत्तर देने की दया करेंगे।क्या शूद्र व्यास पीठ पर बैठकर कथा वाचन कर सकता है?जय श्रीराम। आपको सादर प्रणाम।
पहले तो शूद्र शब्द को समझना पड़ेगा। अभी हम सबके मन में शूद्र शब्द को लेकर भ्रान्ति है।। जल्द ही इस वीडियो बनाकर चर्चा करूँगा।।
Yeh bekar ke prashn ka koi matalab nahi hey. Kshudra ko apne kitchen mei bithakar bhojan karvate raho aur apne bete betiyo ki shadi bhi sirf kshudra ke saath karva do.
बैठना चाहिए, ज्ञानी hona चाहिए, जाया किशोरी की कथा में भजन ठीक है
Jo paise ki dimand khule aam karte hai to woh dharm nahi hai
महाराज जी मेरा एक प्रश्न आपसे भी है। आपके गुरु कौन है। आप तिलक तो गौडीय संप्रदाय का लगते है लेके आप किस वैष्णव। संप्रदाय से हो और आपने ज्ञान किस गुरुजी से लिया है
ये तिलक रामानंदी परम्परा का है. परमपूज्य पंचरासाचार्य स्वामी श्री रामहर्षण दास जी महाराज मेरे गुरु हैँ. अब गुरुदेव भगवान का शरीर पंचभौतिक तत्व में विलीन हो गया है.
Dharam. Antermukh abhias. Ikkagarta. ANTER ki yatra. Ka result. Peace of mind
Dharam ke naam pr. Katha roopi. Manoranjan tak seemat hona. Dharam ke saath insaaf nhi ji
Mann ki SAFAEE yaa. MANMANJAN. SADHNA se hoga ji
Jo Katha vachak bole uska nijji. Anubhav ho
Kewal. Shabdo ka jaal. Hai
ABHIAS KI IKK. KANNIEE
LAKHO KITABO GRANTHO KE LITERAL GIAN SE KHI ZIADA HAI JI
Voh. Reality. Dharmak asthano Mai nhi. Kathaao Mai v nhi. VOH INSAAN KE SHAREER KE ANTER MAI HAI
sab granth kehte hai ji. Ki BANDGI kro. ANTER Mai. Us sach ke. Saath. Judoh. Jo pehle se hi Prabhu ne sab ke ANTER Mai rakhiee hai
Katha vachak. Sadhna nhi krte sirf. Shabdo ka jaal. MANIRANJAN HOTA HAI
MANMANJAN NHI HOTA JI
आपके सनातन धर्म में सतयुग त्रेतायुग द्वापरयुग एवं कलयुग चार युग बताए गए हैं.. सनातन धर्म में साफ-साफ बताया गया है कि कलयुग में भवसागर पार करने का सिर्फ भक्ति ही एक रास्ता है यह बात स्वयं कलयुग ने राजा परीक्षित के समय स्पष्ट रुप से बताई है तो आप लोग मंदिरों में दुकानदारी एवं मंच पर बैठकर ज्ञान बांटने का प्राइवेट स्कूलों की तरह लाखों रुपए बटोर रहे हैं..
MURKH ,, MAKKAR , VIDHARMI AAIYASH ORAT ONLY
😢😢😢😢😢😢😢😢😢
Jaya Kishori Sanatani R&D hai 😂