नगमा बज्म नब्ज ग़ज़ल आरजू कशिश दर्द मुहब्बत के एहसास और टूटे खिलौने की तरह दिल को जोड़ने वाला गजाल पेश करने की कोशिश करते रहना चाहिए। तारीख एवं मीर तकी साहब जी आदाब शुक्रिया मुबारक हो साहब जी। दास कुमार LIC CBOII, वाराणसी। 💘💘💘🌹🌹🌹👈🤝🤝🤝💐💐
सच बताऊ तो ओसमान मीर साहेब,अपनी ही गाये ग़जलों को आज ठीक से नही गा सके। बड़ी मुश्किल से तारी खां साहेब जैसे हीरों का संगत मिलता है। आज अपने ही ग़ज़ल के साथ फिर से नया प्रयोग करने के चक्कर में ग़ज़ल की जो रूहानियत थी वह बिगाड़ दिए। इनका पुराना रिकॉर्ड इसी ग़ज़ल को चारचन्द लगा कर बारीकी और बेहतरीन बनाकर प्रस्तुत किये थे मीर साहेब। जबकि आज स्वर पर कमजोर पकड़ और लय के अधिक ठहराव लगा लगा कर पूरी सुंदरता खत्म कर दिए।तारी खां साहेब की उंगली आग उगलते उगलते रुकता रहा।
Kamal tari sahab
नगमा बज्म नब्ज ग़ज़ल आरजू कशिश दर्द मुहब्बत के एहसास और टूटे खिलौने की तरह दिल को जोड़ने वाला गजाल पेश करने की कोशिश करते रहना चाहिए। तारीख एवं मीर तकी साहब जी आदाब शुक्रिया मुबारक हो साहब जी। दास कुमार LIC CBOII, वाराणसी। 💘💘💘🌹🌹🌹👈🤝🤝🤝💐💐
2 anmol khan saab
Audio is poor
باخدا اب تو مجھے کوئی تمنا ہی نہیں
پھر یہ کیا بات ہے یہ دل کہیں لگتا ہی نہیں
صرف چہرے کی اداسی سے نکل آئے آنسو
دل کا عالم تو ابھی آپ نے دیکھا ہی نہیں
وہ کرم کرتے ہیں یا ہم پہ ستم کرتے ہیں
اس نظر سے انہیں ہم نے کبھی دیکھا ہی نہیں
دوست کو دوست سمجھنا تو ہے اک بات شمیم ؔ
ہم نے دشمن کو بھی دشمن کبھی سمجھا ہی نہیں
❤❤❤❤❤❤ عثمان میر صاحب و . استاد تاری خان
❤❤❤❤❤❤
Two legends together
सच बताऊ तो ओसमान मीर साहेब,अपनी ही गाये ग़जलों को आज ठीक से नही गा सके। बड़ी मुश्किल से तारी खां साहेब जैसे हीरों का संगत मिलता है। आज अपने ही ग़ज़ल के साथ फिर से नया प्रयोग करने के चक्कर में ग़ज़ल की जो रूहानियत थी वह बिगाड़ दिए।
इनका पुराना रिकॉर्ड इसी ग़ज़ल को चारचन्द लगा कर बारीकी और बेहतरीन बनाकर प्रस्तुत किये थे मीर साहेब। जबकि आज स्वर पर कमजोर पकड़ और लय के अधिक ठहराव लगा लगा कर पूरी सुंदरता खत्म कर दिए।तारी खां साहेब की उंगली आग उगलते उगलते रुकता रहा।
Sch h
Audio is really very poor. Please record and float again.
گلا صاف کراؤ، والیوم بڑھاؤ۔