nisargdatta maharaj: नींद से जागने पर संसार की प्रतीति क्यों होती है? Sleeping and awakened state

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  • เผยแพร่เมื่อ 11 ธ.ค. 2024

ความคิดเห็น • 15

  • @opdesia747
    @opdesia747 3 หลายเดือนก่อน +6

    आप फिक्र न करें मित्र बात समझ आ रही है।आपके honest प्रयास को हम सब प्रणाम करते है और always कृतज्ञ रहेंगे।

  • @dhananjaysawant1512
    @dhananjaysawant1512 หลายเดือนก่อน

    🙏 जय श्री निसर्गदत्त महाराज

  • @Learnpanda
    @Learnpanda 3 หลายเดือนก่อน +2

    Nice effort

  • @bbhaskarbhatt
    @bbhaskarbhatt 3 หลายเดือนก่อน +1

  • @vaibhavdeshmukh168
    @vaibhavdeshmukh168 3 หลายเดือนก่อน +1

    Ram ram prabhu 🙏🙏🙏👌👌

  • @opdesia747
    @opdesia747 3 หลายเดือนก่อน +3

    आप बात को विस्तार पूर्वक उदाहरण देकर समझाते है उससे स्पष्टता आती है।आप ये न सोचे कि बोरियत बड़ रही होगी नही आनंद आता है कारण आपका कंटेंट आपकी प्रेजेंस पूरी being के साथ केंद्र में truth रहता है।

  • @AdarshSingh-fi7pd
    @AdarshSingh-fi7pd 3 หลายเดือนก่อน +3

    जाग्रत स्वप्न सुषुप्ति मिथ्या है वो आती हैं और चली जाती हैं इन तीनो का साक्षी ही सत्य है जो तीनो अवस्थाओं में, तीनों कालों में, सदा जागने वाला, कभी न सोने वाला है। मेरे लिए अनाम है वो।

    • @manojvarma2575
      @manojvarma2575 3 หลายเดือนก่อน +2

      Hariom Tatsat namah Shivay ❤❤❤❤❤

    • @farmingsolution3791
      @farmingsolution3791 3 หลายเดือนก่อน +1

      उस न सोने वाले से भी परे कुछ है जिसे परा अर्थात पार ब्रह्म कहते है जहां कुछ नहीं है

  • @AdarshSingh-fi7pd
    @AdarshSingh-fi7pd 3 หลายเดือนก่อน +2

    दृष्टा दृश्य से आलग है पर दृश्य दृष्टा से अलग नहीं है क्योंकि बिना दृश्य के दृष्टा रहेगा पर बिना दृष्टा के दृश्य नहीं रहेगा।

    • @RohitSingh-ll3mi
      @RohitSingh-ll3mi 3 หลายเดือนก่อน +2

      दोनों एक ही हैं

  • @anandsaanjhi2749
    @anandsaanjhi2749 3 หลายเดือนก่อน +1

    Peacock feathers

  • @jayantipatel8005
    @jayantipatel8005 3 หลายเดือนก่อน +1

    You can not doubt that you are doubting, but who is the doubter. Investigate the doubter.

  • @sudhirduttbhardwaj3017
    @sudhirduttbhardwaj3017 2 หลายเดือนก่อน

    पहली विडीयों और विडीयों के विषय वस्तु मे विरोधाभास है ।
    पहली वीडियो किसी भी कारण को मानने से इँकार करती है । यह विडीयों किसी कार्य कारण को मानने की वकालत करती है ।।

  • @himanitomer3
    @himanitomer3 3 หลายเดือนก่อน +1

    Shittt... These were the impotent people who bought all these things to man kind .. these were the people who found it hard to cope up with their problems(root meaning something THROWN AT YOU) and beacause they were in a loop of the same thing again and again they felt stuck, some attended suicide some ran away and those who ran away realised that the things/feelings/problem is no more there which was because it was never there it was something they were creating in their head from the environment they found themselves in all along the way, and now since the environment has changed which made them create all those things and eventually everything settled down. Which was bound to happen.And those who closed their eyes in hope of running away from their situation invented soo-called "meditation of closing eyes" and what not.
    Damn it this is crazy a perfect joke played on mankind by the weak people of the mankind 🥴😂😂😂😂😂😂