"आचार्य प्रशांत से समझें गीता, लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00022 ✨ प्रतिमाह 20+ लाइव सत्र और नियमित परीक्षाएँ ✨ 40,000+ गीता छात्रों की कम्युनिटी ✨ पिछले 1,000+ घंटों के सत्रों की रिकॉर्डिंग - निशुल्क ✨ आचार्य प्रशांत से पूछें अपने सवाल"
Acharya prashant ji humare samaj me jo transgender he unki halat dekh kar man me prasn aate he abhi abhi ek mere ghr par jabaran pese lene aaye mene Maan kaar diya to galiya dekar chale gaye kya kahe ise
You always comment on videos of aacharya Prashant ji I am interested to know your daily routine Is something changed in your life by aacharya Prashant ji Or you only watch videos
You can only get guilt, a egoistic self n depression after hearing Aacharya prashant, I faced it n I am depressed now n after hearing these so called guru's I understood you need to walk alone n believe on yourself, how long you are attached with these kind of guru's you are caught up by their gathered knowledge n if you make them God, you will never be free , you will never get your own discovery , what he is teaching it is not " Mukti or freedom" I heard many neuroscientists according to them there are no self n this body is a programmed computer, it is mixing of biological n cultural past, there are no single thing that you can say it is mine it is" I" but after hearing Aacharya prashant I did conflict with myself n got a egoistic self, I lost myself in imaginary world, I am not blaming him n I don't know what is his motive or something else, but in this young age where tenegers just starting their life they can get comfused easily by hearing guru's n philosophers n if you disturbed your precious body computer with so many unnesary imagination then you will bring destructiveness for you , here nobody will suffer , nobody doesn't care for you, only you will suffer , I heard Osho he is the man where I understood my fault n I am little silence to my mind , you need to discover your own , sorry for my basic English, 🙏@@ScienceAmagicalWorld
Abhi kha safalta mili h bhai jb tk hum jaise normal log unke priceless gyaan,prem ki kadar na krenge 🙏🏻 sirf sune nhi apne jivn m bhi apply kre tbhi unka karz chuka paoge shi way mein👍🏻
नमस्ते आचार्य जी 1.आत्मज्ञान के बिना हम खुद को नहीं जान सकते 2.दुनिया को जानना है तो पहले खुद को जानो 3.सारे दुख में हमारा . सारा स्वार्थ ही जोड़ होता है 4.हीनभवना. अपने आप में एक ज़िद है 5.जो खुद को श्रेष्ठ मानता है वो तो भ्रमित है ही जो खुद को हीन मानता है वो और भ्रमित है 6.राम बिनु ताप न जाई। ❤ 7.अहेंकार का दूसरा नाम हीनभावना है क्यूकी इस्मे लोगो से स्वार्थ जुड़ा है 8.प्रेम प्रेम सब कोई कहे प्रेम ना जाने कोय जा मरंग साहब मिले प्रेम कहावे सोय 9.अहेनकर, कि ज़िद है डब्बूपना 10.परम से न विलग हो परम्परा बस यही है शेष विषे अतीत के नहीं जरूरी नहीं है 11.कसौटी राम होने चाहिए 12.सत्य, , आत्मज्ञान, सार्थक कर्म एक ही है 13.सबसे बड़ा मंत्र, राम नाम सत्य है 14.अहेंकार बहुत चालाक है, वो खुद को स्वार्थ से जोड़ कर रखता है खुद को हीन बना के 15.मजबूरी जैसी कोई चीज नहीं होती है, बेईमानी होती है बस 16.प्रोस्नल समय नरक है 17.कामना से प्रेम नहीं आ सकता 18.आत्मज्ञान करुणा साथ चलता है 19.अहेंकर, अशांत होता है तभी विषय को वास्तु मानता है 20.जीवन में प्रेम सीखना पड़ता है
आंसुओं में भावना है पर युद्ध में गरिमा है। तुम्हारी भावना सम्मानित है पर इस भावना-भर से कुछ नहीं होगा। "ललकार बनना होगा" घर की नाजुक लाड़ली ज़रूरी है कि क्रांति करे! ~ आचार्य प्रशांत
आचार्य जी का ज्ञान प्रशांत महासागर की तरह गहरा है l आचार्य जी वो नहीं कहते जो श्रोता सुनना चाहता है , आचार्य जी वो कहते हैं जो श्रोता के लिए सही है, हितकारी है , फिर चाहे वो श्रोता को अच्छा लगे या ना लगे l इतनी बेकफिक्री से सत्य बोलना वाला गुरु अन्यत्र दुर्लभ है l आचार्य जी सही मायनो में हमारे सच्चे हितैषी हैं l आचार्य जी को कोटि कोटि नमन 🙏🙏
आजतक. जो भी अर्थ समजाये गये है वह वर्तमान गतीशिल जीवन को अनुकूल नाही है समय बदला तो परिस्थीती के अनुसार हमारी सोच भी बदलनी चाहिए. तब जीवन में आनंद आयेगा. धन्यवाद आचार्य .
Aap mere liye itna kr rhe ho meri jimmedari hain ki aapki bat Manu agr aapki respect krti hun Me apna pura mn apni pdayi me lagayungi. Isme lalachh sirf gyan ur jitne ka hoga. Koi rest milne ke lalach se nhi. Dhanywaad aachrya ji.
जो चीज आप को बंधक बनाए उसको तोड़ दो उसको त्याग दो, जो बंधक बना हुआ है वो सिर्फ दिखावा कर रहा है जब तक कामना रहेगी तब तक बंधन में रहोंगे, कामना को छोड़ दो कोई भी आप को बंधक नहीं बना सकेगा। प्रणाम आचार्य जी ❤❤🙏🙏
और यदि किसी से गहरा प्यार भी है जिसके कारण तुम हीनता नहीं छोड़ सकते ; तो जानना की हां😢 तुम हीन/ दुर्बल/ आसक्त ही थे, जब उसे प्यार किया था! ❤ अपनी ही प्यार से आगे उठो; अब वे तुम्हारे प्यार के काबिल नहीं😢❤!!! तुम्हारा गहरा प्यार भी एक गहरी स्वार्थ का प्रतीक था, उसकी अपनी स्वlतत्वता नहीं थी😮😮😮 😮😮😮😮😮😮😮😮😮 तुम्हें अपने इस गहरे स्वार्थ से आगे बढ़ना होगा और इसी में तुम्हारा और उनका और सब का हित छुपा है😮😮😮😮😮
वो देखो गंगा के तट पर धधक रही मरघट की ज्वाला एक-एक चिंगारी में ही कितने काल अशेष भरे हैं कितनों के अरमान अधूरे यहाँ राख का वेश धरे है नित-नित नयी आहुतियां धधक रही मरघट की ज्वाला।❤❤❤❤
"आचार्य प्रशांत से समझें गीता,
लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00022
✨ प्रतिमाह 20+ लाइव सत्र और नियमित परीक्षाएँ
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आज आपके विषय से हमें असली साहस का मतलब समझने का एक तरीका मिला।
🙏🏻धन्यवाद🌟श्रीप्रशांत जी।
🌻💖
Namskar Acharya Ji😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Sar mi bhi vedant se aapni laif behetr krna chati hu yas mi parmatma ka bhut Abar krti hu ki aap ke video mila rhe hee
Acharya prashant ji humare samaj me jo transgender he unki halat dekh kar man me prasn aate he abhi abhi ek mere ghr par jabaran pese lene aaye mene Maan kaar diya to galiya dekar chale gaye kya kahe ise
कमजोरियां तुम्हारी दुश्मन है
असली लड़ाई है 🔥
अपनी कमजोरियों से लड़ना है
~आचार्य प्रशांत
आपके पसीने ही इस बात का सबूत है कि आपके जैसा निष्कामी कोई नहीं, धन्यवाद आचार्य जी ❤
❤❤❤❤❤❤
❤❤❤❤❤❤❤❤
कोई मजबूरी ,कोई हीनता नहीं होती। स्वार्थ होता है, स्वार्थ छोड़ दो कोई हीनता नहीं।।
Good bhi ❤
@@DrVishalMaheshwari 🙏🙏
Aap gita satr se jude hai?
युद्ध नहीं जिनके जीवन में वे भी बड़े अभागे होंगे। या तों प्रण को तोड़ा होगा या फिर रण से भागे होंगे। - दिनकर जी 🙏🏻❤
A aadmi mai hu😊
💥💥
यह हमारा स्वार्थ और लालच ही है जो हमें गुलाम और असहाय बनाए रखता है, इसलिए हमें ऐसे स्वार्थ लालच को त्याग देना हैं आज ही।😋🤩🚮
You always comment on videos of aacharya Prashant ji
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बंधन कटे पिघले जंजीर आत्म ज्ञान का भीषण ताप 🌟श्री आचार्य प्रशांत जी
नए के लिए पुराने को टूटना पड़ेगा जो अहंकार को मिटाए वो चोट शुभ है 🔥
~ आचार्य प्रशांत
हममें साहस नहीं है और साहस के साथ-साथ इतनी शक्ति भी नहीं है कि हम ऐसे व्यर्थ जीवन को त्याग सकें, इसीलिए हम कष्ट भोगते हैं और शोषित होते हैं।
🙏🙏🙏
आत्मज्ञान में स्वयं को खुद ही जान जाते हैं- आचार्य प्रशांत ❤
हींनभावना एक बहुत तगड़ी जिद है और उसके पीछे एक तगड़ा स्वार्थ है ।
Correct 👍
If you as a human being transform yourself, you affect the consciousness of the rest of the world ~ J krishnamurti ❤
Love u Acharya ji ❤
न कमजोर हो
न मजबूर हो
बस बंधन में हो 🔥
निराश हो निर्मम बनो, अंत तक बस युद्ध हो । 💥
🌟श्रीप्रशांत के जीवन में कई बड़ी बाधाएं आईं लेकिन श्रीप्रशांत ने हर बाधा को पार किया और बड़ी सफलता हासिल की।💯
Great 💯
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सारे बंधनों के पीछे हमारे लालच और स्वार्थ होते है
आचार्य जी
"अकेले नहीं तुम पहले नहीं
जब सच के तुम समीप हुए
तुम उनकी संगत में हो अब
इतिहास की रात जो दीप हुए"⚘
~आचार्य प्रशांत जी।।🌄🌷🌌💜
बंधन कटे पिघले जंजीरे आत्मज्ञान का भीषण ताप
भय था झूठा बंध से छुटा, मुझको कैसे पुण्य और पाप
भगवद् गीता 4.37
नमस्ते आचार्य जी
1.आत्मज्ञान के बिना हम खुद को नहीं जान सकते
2.दुनिया को जानना है तो पहले खुद को जानो
3.सारे दुख में हमारा . सारा स्वार्थ ही जोड़ होता है
4.हीनभवना. अपने आप में एक ज़िद है
5.जो खुद को श्रेष्ठ मानता है वो तो भ्रमित है ही जो खुद को हीन मानता है वो और भ्रमित है
6.राम बिनु ताप न जाई। ❤
7.अहेंकार का दूसरा नाम हीनभावना है क्यूकी इस्मे लोगो से स्वार्थ जुड़ा है
8.प्रेम प्रेम सब कोई कहे प्रेम ना जाने कोय
जा मरंग साहब मिले प्रेम कहावे सोय
9.अहेनकर, कि ज़िद है डब्बूपना
10.परम से न विलग हो परम्परा बस यही है
शेष विषे अतीत के नहीं जरूरी नहीं है
11.कसौटी राम होने चाहिए
12.सत्य, , आत्मज्ञान, सार्थक कर्म एक ही है
13.सबसे बड़ा मंत्र, राम नाम सत्य है
14.अहेंकार बहुत चालाक है, वो खुद को स्वार्थ से जोड़ कर रखता है खुद को हीन बना के
15.मजबूरी जैसी कोई चीज नहीं होती है, बेईमानी होती है बस
16.प्रोस्नल समय नरक है
17.कामना से प्रेम नहीं आ सकता
18.आत्मज्ञान करुणा साथ चलता है
19.अहेंकर, अशांत होता है तभी विषय को वास्तु मानता है
20.जीवन में प्रेम सीखना पड़ता है
जहां आपका बंधन हैं, वहा आपका किसी न किसी तरह का स्वार्थ जुड़ा होता है।
आचार्य प्रशांत ❤
मेरा आत्म विश्वास बढ़ाने में आचार्य प्रशांत सर की देन है ❤🙏🙏🙏🙏🙏
आत्मविश्वास नहीं सहजता।
You are changing million people life ,,, acharya jii 😊😊
❣️🙏कितने बढ़िया तरीके से समझाया आचार्यजी ने❤️
जैसे श्रीपरशांत जी ने आज हमें आज़ाद होने का अर्थ दिखाया वैसे ही हमें केद्ध लोगो को ये वीडियो शेयर करना होगा के वो भी आज़ाद हो सके☝🏻🪤🕊️🙏🏻
Acharya Prashant's teachings inspire individuals to question their beliefs and engage in meaningful self-exploration.❤💪🔥✍️🙏
हमारी कामना ही हमरा बंधन है सिर्फ़ आत्मज्ञान ही हमे हमारे बंधनों से मुक्त कर सकता है
~आचार्य जी🙏✨
आंसुओं में भावना है
पर युद्ध में गरिमा है। तुम्हारी भावना सम्मानित है
पर इस भावना-भर से कुछ नहीं होगा। "ललकार बनना होगा" घर की नाजुक लाड़ली
ज़रूरी है कि क्रांति करे! ~ आचार्य प्रशांत
As a muslim u deserve appreciation from all living species even if they unknown themselves somewhere they all should respect u 🫡
बेड़ी जले पिघलें जंजीरें, आत्मज्ञान का भीषण ताप ।
भय था झूठा बंध से छूटा, मुझको कैसे पुण्य औ पाप।।
🌸🌸✨
आचार्य जी का ज्ञान प्रशांत महासागर की तरह गहरा है l आचार्य जी वो नहीं कहते जो श्रोता सुनना चाहता है , आचार्य जी वो कहते हैं जो श्रोता के लिए सही है, हितकारी है , फिर चाहे वो श्रोता को अच्छा लगे या ना लगे l इतनी बेकफिक्री से सत्य बोलना वाला गुरु अन्यत्र दुर्लभ है l आचार्य जी सही मायनो में हमारे सच्चे हितैषी हैं l आचार्य जी को कोटि कोटि नमन 🙏🙏
Financialy support aur protection ki acharya ji ko bhut jruri h kripya sehyog kre🙏
ODISHA IS WAITING FOR YOU SIR..... ❤❤❤❤
Hamare yahan ajae...... Infact whole world needs you...
सुप्रभातम शत् शत् नमन आचार्य श्री🙏🙏🙏 एवं समस्त श्रोतागण
आजतक. जो भी अर्थ समजाये गये है वह वर्तमान गतीशिल जीवन को अनुकूल नाही है समय बदला तो परिस्थीती के अनुसार हमारी सोच भी बदलनी चाहिए. तब जीवन में आनंद आयेगा. धन्यवाद आचार्य .
100 percent true 💯
Zindabad Acharya jee ❤️❤️
Love you Acharya jee ❤️💖
हीनभावना एक जिद है,स्वार्थ है।
आपके हर दुख में आपकी हर कमजोरी में आपका स्वार्थ मौजूद है छोड़ दो लालच को कोई हावी नहीं हो सकता तुम पर❤❤
सभी दर्शक को विनंती है आचार्य प्रशांत जी के विङीयो मे जो सिध्दांतीक वाक्य और सुञ गुढ बाते कमेंट मे लिखा करे धन्यवाद
हम झुन्नूलाल कितना चालाक है कि अपने स्वार्थ को मजबूरी का tag लगा देते हैं😮
😂
Pasine se lathpath achraya ji, coat tak geela ho chuka hai par ruke bina bedhadak apna kam kar rhe hai❤
आचार्य जी की बातें बहुत सरल होती है
लेकिन हम डरे हुए लोग हैं जो बात को सुनना ही नहीं चाहते हैं।
तथ्य सत्य का द्वार है - श्री आचार्य प्रशांत जी ।
"मैं मजबूर थी देवदास" was epic
🙏शुभ प्रभात आचार्य जी🙏
आपके वीडियो मे ऐसी गहराई और कशिश रहती हैं,
जो देखने वालों को बांध लेती हैं ...
❤#LoveYouSir❤
हम जहां कैद है उसकी चाभी भी हमारे पास ही है बस जरूरत सिर्फ आत्मज्ञान की है 🔥
"परम से न विलग हों
परम्परा बस यही है
शेष विषय अतीत के
नहीं ज़रूरी नहीं हैं"⚘
~आचार्य प्रशांत जी।।🌄🌷🌌🤍
Good morning achrya ji pranam achrya ji charan sparsh achrya ji 🎉
Acharya Shri Ji ko Mera Sadar pranam 💐🙏
हमारा स्वार्थ ही हमारा बंधन है 🙏🙏🙏🙏
आपको सुनने के लिए मुझे भी अपने पति की बहुत बातें सुननी पड़ती हैं क्योंकि उनकी पुरानी मान्यताएं मानने से इंकार करती हूं
जो भी चीज़ आपको सता रही है उसमें आप ही का स्वार्थ है 💯✅ ~ श्री आचार्य प्रशांत जी 🙏🙏🌹
आचार्य जी मुंबई आ जाओ।।
यहां ज्यादा सुरक्षा व्यवस्था है 🙏🏼
बंधन कटे पिघले जंजीरे आत्म ज्ञान का भीषण ताप 🙏🙏💕💕
बहुत सुंदर बहुत अद्भुत बहुत बहुतधन्यवाद आपका सर जी❤❤❤❤❤❤
जो भी चीज हमें सता रही है,उसमें हमारी सहमति शामिल है।
🙏🙏🙏🙏🙏
Aap mere liye itna kr rhe ho meri jimmedari hain ki aapki bat Manu agr aapki respect krti hun
Me apna pura mn apni pdayi me lagayungi. Isme lalachh sirf gyan ur jitne ka hoga.
Koi rest milne ke lalach se nhi.
Dhanywaad aachrya ji.
Please sbhi log mil ke achrya ji k channel ko 100 million aur uske baad me 500 million Tak ki achrya ji k subscribers hone chahiye 🎉
Aur gita community se bhi judiye please
अहम की गुणवत्ता देखने के लिए ये देखना होता है कि मन किन विषयों से संबंधित है।
हीन भावना और कमजोरी, हमेशा तुलना करना इन सब के बारे में हमेसा सोचते रहना
बेड़ी जले पिघलें ज़ंजीरें, आत्मज्ञान का भीषण ताप
भय था झूठा बंध से छूटा, मुझको कैसे पुण्य ओ पाप
(आचार्य प्रशांत द्वारा काव्यात्मक अर्थ)
भगवद् गीता - 4.37
दुःख मिले परन्तु अहंकार जाता नहीं है। क्योंकि अहंकार स्वयं दुःख का कारण है। 🙏
बंधन कटे पिघले जंजीरें , आत्मज्ञान का भीषण ताप
भय था झूठा, बंध से छूटा ; मुझको कैसे पुण्य और पाप
भगवद्गीता 4.37
🙏🙏🙏🙏
जो भी चीज आपको सता रही है उसमें आपकी सहमति शामिल है 🔥
सभी लोग आचार्य जी को सुनने के बाद प्रतिबिंब लिखना ना भूले और गीता सत्र में शामिल हों जल्दी से
आज मुझे समझ आया कि हर मजबूरी का तोड़ है ज्ञान और जान से हर बंधन से आजादी मिल सकती है। धन्यवाद आचार्य जी
आपकी हर कमज़ोरी, बेबसी में आपका लालच मौज़ूद है, छोड़ दो लालच को, कोई हावी नहीं हो सकता तुम पर |
✨💪🏻
हमारे हर दुःख में हमारा स्वार्थ मौजूद है।🙏🙏
हीन भावना क्या है और कैसे दूर करे? ,, ये आसान दो एक्ट में समझाया,,❤
Prannam acharya ji 🎉🎉❤❤🎉🎉
आज के युग के साक्षात्कार हमारे आचार्य जी
जो चीज आप को बंधक बनाए उसको तोड़ दो उसको त्याग दो, जो बंधक बना हुआ है वो सिर्फ दिखावा कर रहा है जब तक कामना रहेगी तब तक बंधन में रहोंगे, कामना को छोड़ दो कोई भी आप को बंधक नहीं बना सकेगा।
प्रणाम आचार्य जी ❤❤🙏🙏
आपके हर दुख में आपके स्वार्थ मौजूद है, आपकी हर बेबसी, हर कमजोरी में लालच मौजूद है
आत्मज्ञान के प्रकाश मे अंधे कर्म सब त्याग दो😊💥
हिनता अहंकार कि कमजोरी नही है,हिनता अहंकार कि अकड है।
मैं जब तक आचार्य जी को सुनता हु तबतक ही ये बाते याद रहती है वीडियो बंद मै भी पहले की तरह ही हो जाता हु , क्या उपाय है कि हर समय बाते याद रहे 🙏🙏
चरण स्पर्श आचार्य जी🙏🙏🙏🙏❤❤❤❤
I love you Acharya ji ❤
आचार्य जी का समझाने का तरीका🔥👌🙏
यहां सच्चाई से दिल लगाने को कोई तैयार ही नहीं है.... जो लगा लिया उसे चैन से जीने भी नहीं देंगे..😢
इतने सारे अलग-अलग चेहरे, समानता सबकी एक - आत्मा
बंधन कटें पिघले जंजीरें
आत्मज्ञान का भीषण ताप
❤ धन्यवाद आचार्य जी ❤️
Aacharya ji aap sabko Gyan ke sath pawer dete h
१. हीनता, अहंकार की अकड़(जिद्द) है।
२. मुझे, मेरा स्वार्थ और लालच बांधता है। 🙏🏻🪔
Great Achary parshant jee . Guru jee zinda baad .❤ From pakistan
Sab ko mil k Acharya ji ka sath dena hi padega yadi India ko jagana hai to
ऐसा योद्धा कभी नहीं हुआ! पर हाँ; वो अपने जैसे असंख्य योद्धाओ का तैयार कर रहें हैं 🔥🔥🔥🔥
Thank you Aachaarya ji. Aaj mera birthday hai aur din ki shuruwat apke video se hui hai.
Gita session se jud jaayiye birthday ki Kushi mein agar aapne abhi tak join nahi kiya hai ❤❤❤... Birthday Mubarak
प्रणाम आचार्य जी ☺️🚀
नमस्ते आचार्य जी❤
और यदि किसी से गहरा प्यार भी है जिसके कारण तुम हीनता नहीं छोड़ सकते ;
तो जानना की हां😢 तुम हीन/ दुर्बल/ आसक्त ही थे, जब उसे प्यार किया था!
❤ अपनी ही प्यार से आगे उठो; अब वे तुम्हारे प्यार के काबिल नहीं😢❤!!!
तुम्हारा गहरा प्यार भी एक गहरी स्वार्थ का प्रतीक था, उसकी अपनी स्वlतत्वता नहीं थी😮😮😮
😮😮😮😮😮😮😮😮😮
तुम्हें अपने इस गहरे स्वार्थ से आगे बढ़ना होगा और इसी में तुम्हारा और उनका और सब का हित छुपा है😮😮😮😮😮
Aj se sare andhkarm dekhungi
वो देखो गंगा के तट पर
धधक रही मरघट की ज्वाला
एक-एक चिंगारी में ही
कितने काल अशेष भरे हैं
कितनों के अरमान अधूरे
यहाँ राख का वेश धरे है
नित-नित नयी आहुतियां
धधक रही मरघट की ज्वाला।❤❤❤❤
अदभुत व्याख्यांत है।
🙏🙏🙏🙏🙏
Acharya Prashant ko shat shat naman❤❤
आचार्य जी मेरा बड़ा भाई ख़तम हो गया😭😭😭😭 o mere sab kuch the 😭😭
Bhut dukhd 😭himmat rakho
इसी पे भाई वीडियो है एक,,, जब किसी को खोना पड़े By आचार्य प्रशांत सर्च करो youtube pe
🫂🫂🫂
Acharya ji aap Bangalore ajao
Please me Roz aunga apna college k baad ❤
Aur kaam bhi karunga ✍️🔥🔥
आचार्य प्रशांत जी जैसा मानव बनने के लिए मोहमाया को त्यागना पड़ता है और मोहमाया को त्यागना सबका बस का नहीं हो सकता।।
बहुत जरूरी वीडियो ❤ thanks 🙏 Acharya jee
न कमजोर हो,न मजबूर हो,बस बंधन में हो👍🏻
हमारा स्वार्थ ही हमको बांधे रहता है
Hat's off to the first girl for asking question ❤