जिस भोजन में बाल आ जाता है ~ वो भोजन कैसा होता है जानिए | पारिवारिक सत्य प्रवचन | Muni Pulak Sagar |
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- เผยแพร่เมื่อ 16 ก.ย. 2024
- जिस भोजन में बाल आ जाता है ~ वो भोजन कैसा होता है जानिए | पारिवारिक सत्य प्रवचन | Muni Pulak Sagar |
जिस भोजन में बाल आ जाता है ~ वो भोजन कैसा होता है जानिए | पारिवारिक सत्य प्रवचन | Muni Pulak Sagar |
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ratry me bhojan kyu nahi karna chahiye
yadi bhojan me baal aa jaye to kya kare
bhojan karte samye rakhe ye dhyan
ratry bhojan tyag ke faiyde
zindagi me jab kuch smanjh na aaiy to ise sune
budhe baap ki ye 5 baate hmesha yaad rakhna
mar jana magar in logo ki madad kabhi mat karna
maa beti ki dukh bhari kahani
ek pati or patni ki kahani
by - pulak sagar ji
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गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परमब्रह्म तत्समय श्री गुरुवे नमः
Jai jinendra
जय श्री राम
जय जिनेंद्र
Title kya hai...aur pravachan alag hai
Ati sundar bichar hai aap ka sir
Pranam Guru ji
Jai jinendra
Prnam guru Dev
ॐ
ॐ ॐ। *कोई भी मनुष्य अपने शरीर के किसी एक भी अंग को नहीं बनाया ।सभी मनुष्यो को एक वीर्य से बनाया गया मां के पेट में ।। सभी मनुष्यों का एक ही सूरज , धरती , हवा,पानी और असमान है ।। अगर हम दिमाग का सही उपयोग करके सोचे तो सबको बनाने ईश्वर अलग अलग नहीं हो सकता । सिर्फ नाम का मतभेद हो सकता है।।*
*वेद में विभिन्न मंत्रो में आया है। सब कुछ बनाने वाला सिर्फ एक अजन्मा परम तत्त्व परमेश्वर है। कुरान में भी आया है सबकुछ बनाने वाला अल्लाह है*
*अगर हम वेदों के ईश्वर को अल्लाह कहते तो भी गुण एक समान है और दोनो किताबो में भी लिखा है सब कुछ बनाने वाला एक सर्वव्यापी हर प्रकार से शुद्ध चैतन्य है उसकी सीमा अनंत और अनादि है ।*
*अल्लाह शब्द अरब देश में कुरान के आने से पहले भी बोला जाता था। इतिहास में इसका वर्णन मिलता ।*
*अल्लाह नाम के अर्थ का मतलब = अल+ इलाह से बना है । इलाह का मतलब = सब कुछ बनाने वाला , उसका सुरक्षा करने वाला, और पालन- पोषण करने और न्याय करने वाला इत्यादि।*
*कुरान में उस सर्वशक्तिमान परमेश्वर का नाम उसके गुणों के आधार पर है। ।*
*ये बिल्कुल सच बात है की कुरान की एक एक बात सत्य है ।। वेद और कुरान ये दोनो किताब उसी एक सर्वव्यापी परमेश्वर का वचन है ।। इसलिए बोला जाता है वेद और कुरान की रचना किसी मनुष्य ने नही की है । ये तो साक्षात परमेश्वर का कथन वाक्य है। अतः हमें उसका प्रतिदिन ध्यान करना चाहिए जिसने हम सभी मनुष्यों को बनाया।*
*( वेद के कुछ मंत्र )*
*ईशावास्यमिदं सर्वं यत्किंच जगत्याञ्जगत् । (यजुर्वेद अध्याय ४० मंत्र २ )*
*अर्थात् जो कुछ इस संसार में और सभी लोक में है,उस सब में व्याप्त होकर जो सृष्टि से परे है वह परमेश्वर कहलाता है ।*
*हिरण्यगर्भ: समवर्त्तताग्रे भूतस्य जात: पतिरेक आसीत् । स दाधार पृथिवीं द्यामुतेमाम् कस्मै देवाय हविषा विधेम ।। ( यजुर्वेद १३/४ )*
*अर्थात् सृष्टि से पूर्व जो सूर्य आदि तेजवाले लोकों का निर्माण किया , और जो कुछ उसने उत्पन्न किया , है और जो करेगा ,उसका स्वामी वही है और आगे भी रहेगा , वही पृथ्वी से लेकर सूर्य तथा सभी लोक तक सभी सृष्टि को बना के धारण कर रहा है ,उस सुखस्वरूप परमेश्वर ही का ध्यान हम सब लोग किया करें ।*
*पर्यगाच्छुक्रमकायमव्रणमस्नाविरंशुद्धमपापविद्धं। कवीर्मनीषी परिभू: स्वयम्भूर्याथातथ्यतोऽर्थान् व्यदधाच्छाश्वतीभ्य: समाभ्य: । ( यजुर्वेद ४०/८ )*
*अर्थात् वह ईश्वर ,सर्व शक्तिमान , न्यायकारी और शरीर से रहित,छिद्र रहित, नस - नाड़ियों के बंधन से रहित , अविद्या आदि दोषों से रहित । वह सर्वज्ञ, सभी जीवों का उत्पत्तिकर्ता और उनके मनों की वृत्तियों को जानने वाला , सभी लोक एवं संसार के निर्माणकर्ता अनादि , उत्पत्ति और विनाश रहित , वहीं परमेश्वर उपासना करने योग्य है ।*
Jai jinendra