Pali Vs Sanskrit | Professor Niraj Bodhi |Rahul Dongre show | RDS
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- เผยแพร่เมื่อ 14 มิ.ย. 2024
- Oldest Language of India.
In this Podcast Professor & HOD of pali Department Mr. Niraj Bodhi has share the detail analysis of Pali Language, its origin & route. must watch video and share with maximum .
#sanskrit #pali #language #buddha #buddhastory #oldestlanguage #ambedkar
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About
Rahul Dongre एक Self Improvement और Self Help Channel है।
हमने Channel की शुरुआत Inspiration Interview से की थी। फिर धीरे-धीरे हमने Buddhism, Politics, Religion, Meditation, Mental Health, Communication Skills और Entrepreneurship जैसे Topics पर Videos बनाए।
एक ऐसा Show जहाँ हम आपके साथ Share करते हैं ढ़ेर सारे Success Stories और हर Success के पीछे छुपे Success Secrets. #theRahuldongreshow का हर Conversation होता है Intellectual, Deep और Informational. Entrepreneurs हो या Bollywood Stars, Social Media Star से लेकर Athletes, Politics, Religion Guru तक हर कोई हमारे Podcast का हिस्सा रह चुका है। - บันเทิง
मैं भदंत प्रज्ञाशील महाथेरो पूर्व भिक्खु प्रभारी अधीक्षक और प्रथम बौद्ध सदस्य सचिव बीटीएमसी July 1998-2001 BodhGaya Temple Management Committee, July 1995-2001
बहुत अच्छी जानकारी के लिए बहुत बहुत साधुवाद।
vanda mi bhante
भन्दामि भन्ते सब्बदा
आपसे विनय है अपना मोबाइल नम्बर शेयर करें।
प्रायमरी है
Bhante ji kripya bataye
What is the
Theoretical and practical
Spiritual science and philosophy
of
Nav Yaan Buddhism
for
Self realisation , iternal spiritual awareness , peaceful life .
❤
आप दोनों लोगों का हार्दिक धन्यवाद।
जय भीम। जय तथागत बुद्ध।
अतिशय सुन्दर सर् आपन पालीचे महत्व सांगितले । जयभीम नमोबुद्धाय् ❤🎉❤
सर आपको सायन्स जरणी देखणा होगा आपको सत्य समजमे आयेगा
साइंस जर्नी पागल है उसको वैदिक भाषा संस्कृत का पाली प्राकृत कोई भी भाषा नहीं आती यहां तक वह शुद्ध हिंदी ना तो बोल पाता है और ना पढ़ पाता है
@@shaileshdwivedi7171 toh debate krle science journey se.yha kyun ro rha h
@@y1.5अरे पागल कहीं के उसकी क्या औकात है लेकिन डिबेट करने से पहले मैं संस्कृत और पाली में उसकी परीक्षा लूंगा क्योंकि प्राचीन शिलालेख में उल्लेखित चार शब्दों का अर्थ जिनका गूगल में नहीं प्राप्त हो रहा उन चार शब्दों का अर्थ तुमको या तुम्हारे जर्नी को संस्कृत या पाली में बतलाना होगा मैंने उसको चुनौती दिया था और हमारा अतीत को भी चुनौती दिया था किसी की इतनी औकात नहीं हुई कि हमारे प्रश्न का पहले लिखित उत्तर दे सके हम जानते हैं कि वह सब चोर दंड पाखंड करने वाले उन मूर्खों को प्राचीन वैदिक भाषा संस्कृति और पाली तो छोड़िए शुद्ध हिंदी लिखना पढ़ना और उच्चारण करना नहीं आता है
यह सब चोर दंड पाखंड करने वाले मूर्खों को मूर्ख बनाने वाले हैं हम लोगों के कमेंट तक काट देते हैं इनको हमारे कमेंट से भी डर लगता है
😂buddha journy hai science ke sirf naam
इतने बेशर्म और बेहूदे हैं वह लोग उन लोगों को एक भी संस्कृत और वैदिक भाषा का शब्द नहीं आता परंतु प्राचीन भाषा वैज्ञानिक बनाकर के संसार में अपनी फजीहत करा रहे हैं
बहुत सही व सरल तरीके से समझाया गया है। Thanks
मी योगीक परंपरेतून आहे पण व्हिडिओ छान आणि unbiased आहे. इतिहासकार म्हणून छान मांडणी आहे .
🙏
We expect your Parampara may be Shaktipat
Unbelievable mysterious powerful Spiritual Path , experiences and unexpected
Physical -mental-spiritual changes in human body.
Kundalini Yoga
Nath Parampara
Praan tattwa ke sahare se chalne wali Sadhan Padhati
Ramlal ji Siyag siddhayoga
Aatmanubhuti hi
shradha , vishwas , Bhakti ka mul aadhar hai aur sarvashreshta praman hai
TH-cam
Our experiences with Guru Siyag Yoga
:
🧘
आप बौद्धों के बारे मे तो कुछ-कुछ ठिक इतिहास बता रहे है। लेकीन हम आपको बता रहे है, की सातवी शताब्दी तक बौद्धों के अलावा किसी का भी पुरतात्वीक सबुत नही मिला है । बौद्धों के पहले सिंधु घाटी सभ्यता थी , जो बौद्ध सभ्यता ही थी और उसके पुरातात्वीक सबुत मिले है, बाकी सब गप है। इतिहास मान्यता के आधार पर नही लिखा जाता है , वह पुरातात्वीक सबुत पर लिखा जाता है, और बौद्ध इतिहास तो पुरातात्विक सबुतो से भरा पड़ा है। इसलिए हम आपके विचारो से पुरी तरह से सहमत नही है। 21:31
अरे खबूचड़ पागलों
बुद्ध की पहली मूर्ति कनिष्क के काल में महाकवि अश्वघोष ने बनवाई थी और महाकवि अश्वघोष नेही बुद्ध चरितम ग्रंथ लिख करके महायान संप्रदाय की स्थापना की थी इसलिए प्रथम शताब्दी के पहले बुद्ध की कोई भी मूर्ति नहीं प्राप्त होती है प्राचीन कल के स्थान की खुदाई में प्राप्त हो रही मूर्तियां और वस्तुओं से बुद्ध का कोई भी संबंध नहीं है बुद्ध से पहले की सभी मूर्तियां सनातन की है।
बुद्ध की मूर्ति की औकात पहली शताब्दी से पहले नहीं है जबकि इस समय संसार में हो रहे पुरातात्विक खुदाईयों में 5000 वर्ष तक के जो प्रमाण प्राप्त हो रहे हैं वह सब सनातन के हैं
तू कनिष्क के काल के पहले की बुद्ध की कोई मूर्ति दिखा या बता
यह नव बुद्धिस्ट पागल हो चुके हैं
@@shaileshdwivedi7171 If you had told me like an intelligent person how I am wrong, I would have considered you a good expert on history, but this comment of yours told me everything about you.
@@arunmohite3074 गूगल में सर्च कर ले लंबा कमेंट कट रहा है और सनातन समीक्षा चैनल पर आए
इन लोगों की वाणी से प्रमाणित होता है कि यह लोग ब्राह्मण नहीं हैं
Gurukul kaha kaha te O bhi bata do (Old Gurukul)
Gurukul, Ved etc, I think he considered all today ved Braminism claim as archeological evidences. RIP 😢😢😢
Namo buddhaayae
❤
मैं प्राचीन शिलालेख में उल्लेखित उन चार शब्दों का अर्थ संस्कृत अथवा पाली में पूछना चाहता हूं जिनका अर्थ गूगल में नहीं प्राप्त हो रहा है जो उत्तर देने की क्षमता रखता हो वह कमेंट से ही उत्तर देने के लिए कहे तो मैं प्रश्न भेजूं
क्यों भाईयों वैसे तो तुम लोग संस्कृत और पाली पर बड़ा व्याख्यान देते हो
#rationalworld #sciencejourney exposé needed.🤝
Audio quality is not good
पूर्व बुद्ध से पहले छांदस किस पर लिखा था? Shame on you !
4 min.
😂😂😂 बुद्ध से पहिले वेदोंकेलिये
@@explorewithparshu question not for you.
Kaha likha do..praman do...kisi se kahane sabit nahi hota, usaka praman hota hai, jo apake pass nahi, isaliye ye pida
बुद्ध के पहले वैदिक भाषा थी और बुद्ध के पहले पाली भाषा भी थी बुद्ध कोई भाषा लेकर नहीं पैदा हुआ था सारस्वत ब्राह्मणों की पालीवाल शाखा के लोग जिस स्थानीय क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग करते थे उसी को पाली भाषा कहा गया था इसके अतिरिक्त पाली भाषा का कोई दूसरा इतिहास नहीं है
@@MrShukra2000khud apna proof khud ka baap dunno fir hinduoo pe bolo
जय भीम जय मूलनिवासी
आप लोग देख तो रहे ही हैं कि हमारे कमेंट काटे जा रहे हैं लगता है हमारे कमेंट से ही यह लोग भयभीत हो चुके हैं
पाली को ही संस्कारित कर के संस्कृत बनाई गई है
Savi prashno ke hal science journey channel pr mil jayenge
बिल्कुल सही कहा आप ने किसी भी समस्याओ का हल sj सर के पास है👍🏻
😂aare buddhism journy hai science ke bhais mai bhedia😂
@@sunandaraipure1160
Saath me
Sanatan Samiksha
Rajeev Ranjan Prasad
bhi dekh Lena !
😅
Nice information ❤ please add time stamp in video
Bodhi sir very inteligent ❤
Khub chaan mahiti ahe sir🙏🏻🙏🏻🙏🏻 sadhu sadhu sadhu
🙏
#संघ
#संसद #संघं_नमामि #समणोंकाभारत🇮🇳
#संघशासनहेतुसंघसंसद
#17 #JUN #2024 No. #7
#समण=समता समानता #संविधान को मानने वाले लोग।
#मैंसमणहूँ #iamsaman
#हमसबसमणहैं
#हम_भारत_के_लोग #wethepeopleofindia
#VishwavidyalaySatyashodhakSamaj #Bharat #विश्वविद्यालयसत्यशोधकसमाज #भारत #UniversityTruthSeekersSociety #India
#महासमण #बुद्ध
#21 #Jun #2024 no #11
#मैंसमणहूँ का मतलब है कि जिनके पास वितरित करने और एकजुट होने की भावनाएँ हैं। उनमें समता में विचरण करने समता में रमण करने की भावनाएं हैं, जैसे #योग से जुड़ी नाभि-नाल के रूप में पूरे शरीर में प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से ऊर्जा संचार कार्य को करता हैं।
😅
Har jiv NISERGTAHA
ak dusre se
Man , Praan , Deh , Chitta , Buddhi , Ahankar
star par bhinna hai .
Uske anusar hi uski
Aakalan aur Karyakshamata
ak dusre se bhinna hoti hai .
To kaisi SAMANTA aur kaisa NYAY
🥹
@@University_Satyashodhak_Samaj
Kis granth me aaya hai ?
Sandarbha do .
Pashchat Buddhi to nahi ?
Ya
Copy pest ?
जिनको वैदिक भाषा संस्कृत अपनी प्रकृत कोई भी प्राचीन भाषा नहीं आती वह लोग आज भाषा वैज्ञानिक बनी हुई है
ब्राह्मण आज तक तय ही नहीं कर पाया कि उसकी भाषा हा कौन सी ? छंदस, वैदिक, संस्कृत? बस गप्प छान लो। पर सबूत है कोई ब्राह्मण की भाषा का? संस्कृत के भी सारे सबूत तो बौद्ध के ही हैं।
@@PankajDohareyतुझको अपना इतिहास पता नहीं तू अपने बाप को भी पहचानता नहीं होगा चला आया उपदेश करने उल्लू के पट्ठे चमगादड़ कहीं के तुझको इतना तक पता नहीं की समाज की भाषा एक होती वह चाहे देश का समाज हो चाहे विदेश का समाज हो एक समाज के सभी लोग एक ही समय में एक ही भाषा का प्रयोग करते हैं जैसे इस समय हमारे क्षेत्र के सभी हिंदू मुसलमान आस्तिक नास्तिक हिंदी अवधी का प्रयोग करते हैं। तेरे जैसे पागल केवल अपनी पैदाइश बताने आते हैं अगर पागलों की बात सही होती तो दुनिया का इतिहास और सिद्धांत बदल चुके होते
@@PankajDoharey छन्दष और वैदिक भाषा अलग-अलग नहीं है एक ही है। प्राचीन काल के समस्त विश्व में वैदिक भाषा परिवार की भाषाओं का प्रयोग होता था इस भाषा के प्रमाण ऋग्वेद और अवस्था ग्रंथ तथा अरबी फारसी लैटिन फिनिश्ई हिब्रू भाषाओं में प्राप्त होते हैं इसीलिए इस भाषा भाषी क्षेत्र को भारोपीय भाषाई क्षेत्र तथा इन सभी भाषाओं को एक ही भाषा परिवार भारोपीय भाषा परिवार के अंतर्गत विश्व वैज्ञानिक और इतिहासकार अध्ययन और अनुसंधान करते हैं।
पाली और प्रकृत मध्यकालीन अपभ्रंश भाषाएं हैं पाली भाषा का नामकरण मध्यकाल में सारस्वत ब्राह्मणों की एक शाखा पालीवाल लोगों द्वारा प्रयोग की गई भाषा को पाली भाषा कहा गया था।
Pagal aadmi he tu.. Vedic bhasha buddha se pehele koi thi hi nhi.. ho to sabut do
तबसे इतना ज्ञान दे रहे हो भाई कोई एक पुरातात्विक या प्रामाणिक साहित्यिक साक्ष्य दे दो की संस्कृत पाली से पुरानी भाषा है
कमेंट से पूछना चाहते हैं लेकिन कमेंट कट रहे हैं मैंने तो सनातन समीक्षा चैनल से सीखा है
सनातन समीक्षा को कुछ लोग संडास समीक्षा भी कहते हैं।
@@nareshganwre6603 हां हां वही समीक्षा
@@nareshganwre6603
Symbol of knowledge
Kya ?
😅
Jai bhim namo dhamma ..
Ye insaan 100% Brahman system wala Hai or Buddhism me aake Ghuspet Kar rahaa Hai or logoko galat history padaa rahaa Hai...
😂
Tumhe jo sunna hai o thodi bolega jo hai wahi bolega tum apni duniya se bahar aaooo
Sanatan Samiksha
Rajeev Ranjan Prasad
dekho ve aap ke man ki baate hi bolega
😅
दीपक भाई थोड़ा साउंड इको हो रहा है।पॉड कास्ट सुनने में मजा नहीं आ रहा है
इसमें थोड़ा सुधार करिए ।
I will improve
वैदिक भाषा सबसे प्राचीन भाषा हाय हाय
😂
आज कुछ और कह रहे हैं कल कुछ और कहेंगे यह वही लोग हैं जिनको अपना इतिहास और अपना बाप नहीं पता है परंतु ब्राह्मणों का इतिहास बताने चले हैं
भारत के मूलनिवासियों को तो पता है कि वे किनके वंशज है। पर ब्राह्मणों का वह झूठ की संस्कृत सबसे प्राचीन भाषा है। ना तो संस्कृत पुरानी है और ना ही ब्राह्मण भारत के मूलनिवासी। यह भ्रमवंशी यूरेशिया वासियों का भ्रम है।
Brahmino ne sab chori kia, brahmin videshi hai, brahmino ke baap ka aaj tk nahi pta
Brahmno ko aaj tak ye pta ni chala k saala Brahman Janam se hota hai ya karam se😄😄😄😄😄😄😄😄😄
Jay mulnivasi Brahmin videho
Sanskrit is known to be a language strictly confined by Manusmriti, to the parochial vedic community.
Sanskrit was not accessible to the common man who spoke prakrit and used the Dhamma/Brahmi script.
Therefore, Sanskrit cannot be compared to Pali or prakrit.
It appears that sanskritisation of prakrit is Sanskrit, as it has no script of its own
Pali and prakrit are the spoken language of Buddhist times.
The male biased non vedic nomadic Steppe pastoralist who arrived in 1500bc had mixed with and merged into the native AASI hunter gatherers (HG) to create the free mixing 'caste no bar' population of North India.
The practise of endogamy by enforcing Varna Jati Caste system confirms the arrival of west Eurasians (aryan Vedic culture) in 100AD. Refer Harvard population genetics and Google 'caste no bar' by anupriya.
Mic quality bekar hai 😊
Jai bhim jai bharat
मैं इनकी सारी बातों से सहमत नही हो
इनकी बातों में कोई डर नजर आ रहा है
ये तथागत बुद्ध के समय में ब्राह्मण की चीज डाल रहे है
वेद तब थे ही नहीं ना ही भगवान जैसी कोई चीज, अगर होती भी ना तो बुद्ध उनको वही देख लेते आगे ये सब होता ही ना
TH-cam shayad Satya batane ko darate hai , Nav Buddhists ko !
Satya to ...
Sanatan Samiksha
Rajeev Ranjan Prasad
😊
नेपालीमे?
Pali/prakrit appears to be the common ANI populations language.
Sanskrit appears as language spoken by the Aryans and derived from Pali/prakrit.
Aaryan and dravid sab engrozone failaya hai nothing or sourh ek na ho aur tum usi ko sach mannate ho...aur o sirf ek theory hai koi proof nahi kr paya 100%
Improve the audio sir
There were more 25 budhhas before Tathagata Buddha.Sukhpraptri is not the ultimate goal and it is not equal to Nirvana
Rahul dongre aapne Niraj sir ko achha expose kiya
Who is Naraj sir?
Sanatan Samiksha
ko bhi expose karana chahiye .
कहां से पकड़ लिया
पुरी तैयारी से नहीं आया
I would never agree to this thing that prakrit comes before sanskrit. NEVER.
Lets say, about current prakrit Marathi. Original prakrit marathi dilacts into many accents, kolhapuri, solapuri, vidarbhi. It will never mean that, prakrit Marathi comes after its own DILECTS.
Pure language comes first and after that it degrades into its dilects. Sanskrit always came first which is historically proven by its archeological proofs as rigvedas proofs.
If you're saying something that Pali is ancient than sanskrit, back it with proofs.
Pali was ONE of the MANY dialects of Sanskrit and NOT the origin of Sanskrit.
ORIGIN OF TAMIL LANGUAGE PLEASE. THANKS
पाली भाषा का उद्भव बुद्ध के पहले हो चुका था सारस्वत ब्राह्मणों की पालीवाल शाखा के लोग जी वैदिक अपभ्रंश भाषा का प्रयोग करते थे उसी को पाली भाषा कहा गया था।
कोई भी भाषा देशकाल की होती है जैसे इस समय एक क्षेत्र के सभी लोग हिंदू मुसलमान आस्तिक नास्तिक हिंदी अवधि का प्रयोग करते हैं यह भाषाएं किसी एक जाति वर्ग की नहीं है इस प्रकार प्राचीन काल में भी एक क्षेत्र के लोग एक विशेष क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग करते थे पाली और प्रकृत मध्यकालीन क्षेत्रीय भाषाएं हैं इन सभी भाषाओं का उद्भव वैदिक भाषा से ही हुआ है वेदों में शब्द रूप और धातु रूपों का अत्यंत विस्तार है जब के पाली और प्रकृति में उन शब्द रूप और धातु रूपों का अपभ्रंश प्राप्त होता है अब यह कहना की पाली और प्रकृत के अपभ्रंश से वैदिक भाषा का विकास हुआ यह इसलिए प्रमाणित नहीं हो सकता क्योंकि भारोपीय भाषाओं का मेल वैदिक भाषा से प्राप्त होता है पाली और प्रकृत से नहीं इसके अतिरिक्त वैदिक देवताओं और यज्ञ अनुष्ठानों का समकालीन प्रमाण ऋग्वेद और अवस्था ग्रंथ में प्राप्त होता है इसलिए ऋग्वेद और आवेषता ग्रंथ समकालीन प्रमाणित होते जो कि बुद्ध से हजारों वर्ष प्राचीन है
तुम जबरन बुध के समय अपना वैदिक वैदिक बकवास कर रहे हो।
@@nareshganwre6603 तू कितने क्लास तक पढ़ा है। चमगादड़ कहीं के तू विश्व के प्राचीन इतिहास को झूठा बता रहा है और अपनी मनगढ़ंत हांक रहा है मतलब दुनिया के इतिहासकार वैज्ञानिक सब झूठे और यह चमगादड़ सही
@@nareshganwre6603 पढ़ना लिखना सीख। विश्व का प्राचीन इतिहास पढ़ ले बेकार में अपनी असलियत बताता है कुछ कह दूंगा तो रोते फिरोगे
Tathagat budh 28th budh
भारत का प्राचीन इतिहास घर की मुर्गी नहीं है भारत का प्राचीन इतिहास प्राचीन विश्व इतिहास से भी संबंधित है इसलिए भारत के प्राचीन इतिहास पर विश्व वैज्ञानिक और इतिहासकार अनुसंधान और शोध करते रहते हैं वैदिक भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषाओं में से एक है वैदिक भाषा के समकालीन भाषाओं में आवेषता हिब्रू फिनीसी आई और अरबी फारसी लैटन भाषाओं की शब्द संरचनाएं तुल्य होने के कारण इन सभी भाषाओं को एक ही भाषा परिवार के अंतर्गत शोध और अनुसंधान किए जा रहे हैं इसीलिए इन सभी भाषाओं को एक ही भाषा परिवार भारोपीय भाषा परिवार के अंतर्गत रखा गया पाली और प्राकृत मध्यकालीन अपभ्रंश भाषा
तबसे इतना ज्ञान दे रहे हो भाई कोई एक पुरातात्विक या प्रामाणिक साहित्यिक साक्ष्य दे दो की संस्कृत पाली से पुरानी भाषा है
@@speechlesssystem गूगल में सर्च कर लीजिए लंबा कमेंट कट रहा है
वैदिक काल सिंधुघाटी सभ्यता से पहले हुआ या बाद में? उनकी भाषा और लिपी का नाम?????
@@nareshganwre6603 वैदिक काल संसार की प्रथम मानव व्यवस्था थी परंतु उस काल के लोगों ने अपने समय का कोई भी नाम करण नहीं किया अपने धर्म का कोई नामकरण नहीं किया उतने प्राचीन काल में मजहब और संप्रदाय होने का प्रश्न ही नहीं उठता इसलिए उस काल के पारंपरिक ज्ञान और साहित्य मे कोई सांप्रदायिक दुर्भावनाएं नहीं है
@@shaileshdwivedi7171🤣🤣कितनी बकवास करेगा एक सबूत नही तेरे पास
अगर बुद्ध के समैमे सस्कृत थे तो लिपि
कोन्सा स्तमाल होते थे
मुल मुद्दा तो या है ना
बुद्धने बमन का मतलप
बिदुवनबर्ग को कहगय है
अजका ब्राह्मण को नहि
Pali and Sanskrit cannot be compared because Pali is a buddist language in fifth century bc.
Sanskrit appears after the ashokan empire, in 100AD with the appearance, of Endogamy Varna jati caste system confirming arrival and active presence of the west Eurasian aryan and the Vedic culture implemented to prevent the free mixing ANI population from associating with the Vedic society. Further, to divide and oppress the ANI population in the first century AD. Google'caste no bar' by anupriya population genetics. Sanskrit is a script less Oral language.
Rajeev Ranjan Prasad
Sanatan Samiksha
se discussion karane se satya prakat ho sakata hai
❤
Sanskrit bhasha purani hai ,lekin jo lipi hai vo brahmi se aayi hai.
मैं आपको बताऊं बौद्ध ग्रंथ ललित विस्तार में जिन 64 प्राचीन लिपियों का नाम उल्लेख किया गया है उसमें ब्राह्मी लिपि सर्वप्रथम है रही बात उस धम्म लिपि की जिसका प्रोपेगेंडा यह नव बुद्धिस्ट मचाए हुए हैं उस धम्म लिपि का प्राचीन ग्रंथो में कोई अता-पता नहीं है।
धम लिपि कोई प्रमाण देना चाहे तो आ जाए
@@shaileshdwivedi7171Brahmi lipi nahi Bahmi lipi hain
सनातन समीक्षा चैनल पर आकर प्रमाणित करें बहुत बढ़िया रहेगा ❤️
आप अपने गालीबाज को बुलाए SJ और realist azad के पास 🥰❤
@@atuljotsingh अगर आप को और आपके साइंस हगनी को प्राचीन वैदिक भाषा और आर्ष भाषा और संस्कृत पाली भाषाओं पर डिबेट करना है तो संस्कृत और पालि भाषा का परीक्षण देना होगा मैं उन सब लोगों को चुनौती दे चुका हूं किसी की औकात नहीं हुई अगर तुम्हारी औकात हो तो तुम आओ सामने ऐसे हम जिस किसी से भी बेकार में मूहा चाही नहीं करते हैं
@@shaileshdwivedi7171 मगर यहा तो आप ही मुह मार रहे हो अपने टनाटन ड्रम टमीक्टा को बोलो या आप खुद उसकी लाइव डिबेट में जा सकते हैं परीक्षण क्या सब कुछ निकाल के रख देगा आपका 🥰
Sanatan Samiksha baccha hai SJ k pass bula usy
Ye jo v h inko thik se ni pata h budh k purvaj v boudh ko hi maante the qki total 28 budh hue h
Proofs
Total 29 hai
Aap ne
Nav Yaan Buddha ko chod diya hai .
Ve to
Essence of 28 Buddha hai ,
Jo Nirvan se Nark ka marg batate hai !
😅
@@jaybhavani8416 kab the ye hinduo ke churate sabhi hindu kshtriya ya bramhan the
Buddha k time likhit bhasha ni thi to Chhandas k liye mna krna kya ho skta he।
साक्ष्य बिना बकवास ना की जाए तो बेहतर
साक्ष्य प्रस्तुत कीजिए की सांस्कृत सुगत देव के समय उपस्थित थी
Nirj bodhi sir is repeating just what is written in history nothing new and nothing scientific. He did not talk about ( Buddhist hybrid sanskrit) and it's not scientific to talk about Vedic period older than Buddha. Professor sir is under pressure or doesn't want to get into controversy.
😂😂😂
सच हजम नही होगा तुम्हे
buddist hybrid Sanskrit bhi Jain ki prakrit aur vedic ki sanskrit ko mix krke copy krke bani thi
@@ASFACT2805 evidence?
@@y1.5 😂😂 avidence hai dhamm pad ki 400 sadi ki pandulipi to sanskrit prakrit dono use krke likhi gayi thi prakrit bhahsa ke bare me Jain scriptures me likha milta jo buddist se phle se dharam tha buddist dharma Ashok period me suuru hua tha ashvgosh ne sanskrit bhi kushan period me buddh chritra likha tha aur cahiye evidence 😂
Budh ke samay brahmin tha hi nahi
Baman tha,
Aur brahmin har baat mey aapna baap dhond lete hai
Brahmin videshi hai Uressia, Iran-egypt se aaye
बुद्ध के पूर्व वेद की रचना हुई थी? साक्ष, प्रमाण देवें..
तुझको अपने बाप का प्रमाण पता है चलाया प्रमाण लेने आता नजाता चुनाव चिन्ह छाता
पहले तो गूगल में सर्च कर ले
@@shaileshdwivedi7171 गुगल प्रमाण थोडी ही न हैं? सम्राट असोक के शिलालेख मिल चुके हैं.तो उससे भी पहले अगर वेद पुराण थें तो लिखा तो होगा ही कहीं पर? और किस भाषा में यह भीं पता चलेगा जी!
@@shrutimeshram9106 सब प्रमाण हैं विश्व वैज्ञानिक और इतिहासकारों ने ऋग्वेद को ऐसे ही सबसे प्राचीन ग्रंथ स्वीकार नहीं कर लिया आप सनातन समीक्षा चैनल आ जाएं और आर्कियोलॉजिकल प्रमाण देखिए वैसे अगर आपको प्राचीन वैदिक भाषा संस्कृत और पाली का ज्ञान नहीं है तो आप इस पचड़े में ना पड़े यह सब आपके ज्ञान के बाहर की बात है हम लोगों की तो परंपरा है अगर आप सामने हो तो पूरी बात समझा देंगे
@@shrutimeshram9106 अगर आप गूगल को प्रमाण नहीं मानते हो तो क्या बौद्ध ग्रंथों को प्रमाण मानते हो।
तो फिर लीजिए त्रिपिटक के खुद्दक निकाय में बुद्ध कहते हैं कि 1 लाख कल्प वर्ष पहले मैं दीपांकर बुद्ध के समय में मैं सुमेध नाम का त्रिवेद पाठी ब्राह्मण हुआ था।
बुद्ध के प्रमाणितु केवल अशोक के शिलालेखों से और बुद्ध की मूर्तियां पहली शताब्दी कनिष्क के समय के बाद की ही प्राप्त होती है इसके पहले के शिलालेख मूर्तियां सब सनातन वैदिक धर्म के साक्षात प्रमाण भारत से लेकर यूरोप तक हजारों हजार प्रमाण प्राप्त हो चुके हैं
पाली भाषा केवल अशोक की भाषा थी बुद्ध की नहीं ये साबित होता है
Du - nni - gahast- Lahuno - yattha - kaamnipatino. Dhmmapad , Paali.
बौद्ध ग्रंथों के अनुसार ब्राह्मण और क्षत्रिय ही बोधिसत्व हो सकते हैं ब्राह्मण और क्षत्रियों के अतिरिक्त किसी अन्य को बोधिसत्व बनने का अधिकार नहीं है बुद्ध के सभी 28 अवतार ब्राह्मण और क्षत्रियों के ही हैं बुद्ध पर व्याख्यान देने वाले तो लामा भी नहीं बन सकते हैं
मित्र , बोधिसत्व किसी भी कुल में उत्पन्न होते है अपने कर्मो के मुताबिक , और तो और निरय ( नर्क ) में भी उत्पन्न होते है ।
सिर्फ last birth में बोधिसत्व choose करते है की कहा उत्पन्न होना है । क्युकी तब तक उनके पास एबिलिटी आ चुकी होती है । अपना जन्म तय करने की ।
बहुत सी जातक है जिसमे बोधिसत्व रथ कार और चांडाल कुल के भी उत्पन्न हुए है ।
@@krunalchauhan1783 रथकार और चाण्डाल पहले जन्म में रहे थे रथकार और चांडाल शूद्र कभी भी बोधिसत्व नहीं बन पाए आप लोगों को बहलाने का प्रयास न करें आप सीधे बताएं कि इस जन्म में कौन सा रथकार चांडाल और शूद्र बोधिसत्व बन पाया।
@@krunalchauhan1783 कोई ऐसा बोधिसत्त बताइए जो जन्म से शूद्र हो और बोधी सत्व हो गया हो
@@shaileshdwivedi7171 जाओ पहले जाकर बोधिसत्व की व्याख्या समझ के आइए फिर बात करेंगे ।😊
@@krunalchauhan1783 हमको नहीं समझना है आप समझिए आप किसी ऐसे बोधिसत्व सत्व को बताइए जो जन्म से शूद्र हो
1. आपकी और इन भाई साहब की आवाज गूंज रही हैं
2. ये भाई साहब जल्दी जल्दी बोल रहे हैं वो गलत हैं वो समझ नही आ रहा हैं
3. पीछे से मोटर बाइक का शोर ज्यादा आ रहा हैं
क्यां बुध्द के समय ऋग्वेद था ??
बुद्ध के समय ऋ ही नही था तो ऋग्वेद कहा से होगा
@@zojozojo-ox6wj tujhe kaise pata nahi tha tu tha us time pr 😂😂😂
@@ASFACT2805 mujhe aise pata h ki Jo Asoka script h usme ऋ ka koi स्वर या अक्षर नही था
@@mahamanav7540 गवार तू दिखा दे असोक की लिखी शिलालेख वाली लिपि में कोई ऋ का कोई शब्द
@@zojozojo-ox6wj गधे कहीं के रिग वैदिक काल में लिखा ही नहीं जाता था लिए अक्षरों का ज्ञान घूमता है चमगादड़ कहीं का
जिनको अपना इतिहास नहीं पता होता है वह लोग ही ब्राह्मणों का सच्चा इतिहास बताते हैं
😂😂 pali baba sap se start hotha he
बोधिसर प्रोफेसर नही है
This prof don't even have a PhD in pali or prakrit. Neither his education is mentioned anywhere.. not even at his linked profile.. I am also concerned about his pre-surname before (bodhi) cuz brmahinical people have habit of distorting facts for their temple business and oppressive ideology. I hope he is not doing thing to serve his master's.
Wrong information : No where their is gurukul found !!
कुछ भी बकवास मत करो । गुरुकुल कही नही मिला । एक भी सबुत नही गुरुकुल का । ☸️🙏☸️ ☸️ जय भीम ☸️
तुमको कम ज्ञान है वेद बुद्ध से पहले नही थी वेद बहुत ही बाद में लिखा गया है।
कभी स्कूल गया है कभी इतिहास पड़ा है चलो स्कूल नहीं गया पढ़ा नहीं है तो कम से काम बौद्ध ग्रंथों को ही पढ़ ले क्यों अपनी फजीहत कराता है
Pali ko hi badme Pali prakrut , sanskrit Kiya gaya
पहलेही प्राकृत है
छान्द याने वेद संस्कृत नही
मगध की मागधि वही पालि है
तिपिटक के पहले ९अंग थे उसको नमूद नही किया
बोधिसर प्रोफेसर नही प्राध्यापक है अॕसिटंट प्रोफेसर हैउसके लिये थिसिस करना पडता है
What a dumb interview,
Where did he find today Vedic Braminism, Gurukul, and Vedic literature in ancient times.
It seems, he believed, claim made by today Braminism as a archeological evidence. 😅😅😅.
This is the level of our Bhuddhist scholarship. RIP
महोदय आपका अध्ययन अधूरा है या आप की समझ पूर्ण नहीं है. आप पूरी तरह समझे बिना प्रस्तुत कर रहे हैं.
अगर आप संस्कृत और पाली भाषा के ज्ञानी हो तो प्राचीन शिलालेख में उल्लेखित एक शब्द का व्याकरण आपसे पूछ लूं उत्तर दीजिए
Kon si degree hai tere pass?? Jin linguistics in Pali padhi, unhone hi Sanskrit ko prahin bola hai , fraud fake propaganda
th-cam.com/video/9S7ZojhtDl4/w-d-xo.htmlsi=SjgJ9wCw3lj_PM_o
प्राकृत या संस्कृत
th-cam.com/video/j8TNPlE5omA/w-d-xo.htmlsi=wP073YzEKqX3S60T
प्राकृत या संस्कृत भारत की पुराणी भाषा
#FatherofIndianconstitution
“Cultivation of mind should be the ultimate aim of human existence.”
Political Power is the Master Key."
Go! Write on the walls of your house, we are the rulers of this country.
-#Saman Baba Saheb Ambedkar #मैंसमणहूँ #iamsaman : 16 Jun 24 No. #6