Guru g bhut bhut dhanyawad bhut Sara Gyan share karne ke liye.....uttar ki taraf ka kiya hua karm kand dikhayi nhi Diya kyuki video paschim ki taraf se banaya gya hai or karm kand karne wale aacharya g se unka kiya hua karm dikhayi nhi Diya spasht
प्रिय अनुज ज्ञानेश जी, स्थण्डिल पर कुण्डस्थ सभी देवताओं का आवाहन पूजनेत्यादि आवश्यक नही है। यह प्रक्रिया मात्र भूमि पर उत्खनन विधि से निर्मित कुण्ड पर ही करणीय है। पंचभू: संस्कार पूर्वक अग्नि स्थापन करके कुशकण्डिका पूर्ण कर सकते हैं।
वेदमुर्ती ज्ञानेश जी मै महाराष्ट्रसे हूँ । स्थंडिले केवल पंचभूसंस्कार ही कर सकते है । स्थंडिल को कहाँ पर ब्रम्हा विष्णु रुद्रावाहन करेंगे । कंठ योनि कहाँपर है । यदि यह कुछ नही है तो कैसे कर रहे हो । नवनिर्वाचित पंडीत जब यह सब शिक्षा प्राप्त करेंगे तो आप क्या शिक्षा प्रदान कर रहे है यह भी समझ लिजिये । अग्निपात्र मे लाना जरुरी है । आप दिपाग्नी ही दिखा रहे हो । दीपाग्नीका अलग अलग नाम होते है । प्रयोग करना है तो सत्य और संपूर्ण करे । प्रयोग जो पंडितजी बोल रहे है वह सत्य है लेकिन क्रीया गलत है । आप व्हिडीओ करिये ध्यान देकर करिये । आप जैसे ही सोशल मिडीयाका उपयोग कर कर गलत विधीयोंको समझा रहे है । जिस गुरु से आपने शिक्षा ले ली है उस गुरु का आप अपमान कर रहे है । अब आगेसे पुन: सहि कर कर व्हिडीओ प्रसारित किजीये ध्यान दे ।
बड़े भाई को सादर प्रणाम
Guru g bhut bhut dhanyawad bhut Sara Gyan share karne ke liye.....uttar ki taraf ka kiya hua karm kand dikhayi nhi Diya kyuki video paschim ki taraf se banaya gya hai or karm kand karne wale aacharya g se unka kiya hua karm dikhayi nhi Diya spasht
Very good Gruji
Acharya Ji kund me कुशा aasan jo diya h wo kitni kushaon ka hota h
सुंदर । शोभनीयं ।
Jaiho
Very good Gruji pdf file ho to rakhana Thanks 🙏
Bhai sahab jis kitab se Puja kara rahe hain kya is kitab ka naam bata sakte hain
प्रिय अनुज ज्ञानेश जी,
स्थण्डिल पर कुण्डस्थ सभी देवताओं का आवाहन पूजनेत्यादि आवश्यक नही है। यह प्रक्रिया मात्र भूमि पर उत्खनन विधि से निर्मित कुण्ड पर ही करणीय है। पंचभू: संस्कार पूर्वक अग्नि स्थापन करके कुशकण्डिका पूर्ण कर सकते हैं।
जी। किंतु कारणम
वेदमुर्ती ज्ञानेश जी मै महाराष्ट्रसे हूँ । स्थंडिले केवल पंचभूसंस्कार ही कर सकते है । स्थंडिल को कहाँ पर ब्रम्हा विष्णु रुद्रावाहन करेंगे । कंठ योनि कहाँपर है । यदि यह कुछ नही है तो कैसे कर रहे हो । नवनिर्वाचित पंडीत जब यह सब शिक्षा प्राप्त करेंगे तो आप क्या शिक्षा प्रदान कर रहे है यह भी समझ लिजिये । अग्निपात्र मे लाना जरुरी है । आप दिपाग्नी ही दिखा रहे हो । दीपाग्नीका अलग अलग नाम होते है । प्रयोग करना है तो सत्य और संपूर्ण करे । प्रयोग जो पंडितजी बोल रहे है वह सत्य है लेकिन क्रीया गलत है । आप व्हिडीओ करिये ध्यान देकर करिये । आप जैसे ही सोशल मिडीयाका उपयोग कर कर गलत विधीयोंको समझा रहे है । जिस गुरु से आपने शिक्षा ले ली है उस गुरु का आप अपमान कर रहे है ।
अब आगेसे पुन: सहि कर कर व्हिडीओ प्रसारित किजीये ध्यान दे ।
कुण्ड के नैऋत्य में वास्तु बलि है।
वायव्य कोण में नहीं है।
हां यह ठीक नहीं दिखा मुझे भी
तिवारी जी अपना फौन नम्बर भेजाना
7208766089