भगतिकिजात,हेगरिब,दो, पुत्र ,,ज्ञान,वेराग जाति नूरगण और सूरगण है जयश्री कृष्ण जयश्री कृष्ण जयश्री कृष्ण जयश्री कृष्ण जयश्री कृष्ण जयश्री कृष्ण मद्भागवत गीता कहती हैं
भक्ति अणि जात की की मेरा भाई l अणि भक्ति के संत्संग माता सत् पिता मेरा भाई l अणि भक्ति रो ब्याब रछायो अने धर्म संग परनाई l अणि भक्ति के दो बेटा सुन ले मेरा भाई पेलो पुत्र ज्ञान ने कहिजे दुसरो बैराग्य मेरा भाई l
या शंका तो कोई मत लाओ देखी जो दर्शाई भगति जात भगण है भाई ईण भगति रे सत है माता सत्संग पीता बताई ईण भगति रो ब्याह रचाया धर्म संग परणाई भगति जात भगण है भाई
इस भजन के अंदर सब चरण अलग-अलग भजन के जोड़ रखे, और इसके दूसरे भजन में का,हे के भक्ति, जात भगण,मेरा भाई, यह बिल्कुल बात गलत है भक्ती,की कोई जात नहीं, बताया हे महापुरुषों ने, जात-पात का काम नहीं, व जो कोई नर नारी भक्ति भगवत ने, है, प्यारी,
जब भगवान बुद्ध को कहा गया कि ईश्वर की भक्ति में भूखा रहो जब तक ईश्वर मिल नहीं जाता। तब बुद्ध भगवान कई दिनों तक भूखे रहे। बुद्ध का शरीर हड्डियों का ढांचा मात्र रह गया, मांस सूख गया। ऐसी हालत में उठकर स्नान करने जा रहे थे तभी चक्कर खाकर गिर पड़े। वहां एक महिला खीर लेकर एक वृक्ष की पूजा करने आई थी उस महिला ने तुरंत बुद्ध को संभाला और बुद्ध को कहा कि भूखा रहकर कैसे आत्म ज्ञानी बन सकते हो, भूख से तो शरीर ही खत्म हो जाएगा, आपकी हालत मरने जैसी हो गई है तब उस महिला ने बुद्ध को खीर खिलाई। उसी रात ध्यान करते हुए बुद्ध को आत्म ज्ञान प्राप्त हुआ। उसके बाद बुद्ध लोगों को ज्ञान देना शुरू किया और गुरु बन गये। पहले गुरु बुद्ध हैं। बुद्ध ने अपने व अपने शिष्यों के लिए भगवा चादर पहनने का नियम बनाया। तब से भारत में भगवा चादर या चीवर पहनने की परंपरा शुरू हुई। बुद्ध ने जो धर्म दिया उसको बौद्ध धर्म कहते हैं। इसी बौद्ध धर्म में 84-सिद्ध हुए जिसमें नो नाथ भी सम्मिलित हैं। बौद्ध धर्म में आदिनाथ हुए जिनके शिष्य जालांधर और मछींदर नाथ हुए और मछींदर नाथ के शिष्य गोरख नाथ हुए। ये बौद्ध धर्म से नाथ पंथ निकला। अन्य बौद्ध सिद्धों में से एक सिद्ध से कामड़ साधु यानी दास साधु बने। गुसाई, वैरागी, ब्राह्मण ये सब हिन्दू धर्म के हैं जिसकी स्थापना शंकराचार्य ने नौवीं सदी ईस्वी में की। ग्यारहवीं सदी ईस्वी में रामानुजन ने वैष्णव पंथ की स्थापना की जिसमें से वैरागी, वैष्णव, गिरि, गुंसाई निकले। भारत की पूरानी संस्कृति बौद्ध संस्कृति है। भारत में जहां भी खोदो वहां जमीन से बौद्ध धर्म की मूर्तियां व वस्तुएं निकलती है।
जय हो गुरुदेव की आप के पावन चरणों में शत शत नमन हम इस भजन का अर्थ समझ नहीं पा रहे हैं कृपया आप इस भजन का अर्थ हमें समझाने का प्रयत्न करो हमें आशा है कि आप हमारी इच्छा जरूर पूरी करेंगे इस भजन का उत्तर हमें शीघ्र देने की कृपा करें आपकी अति कृपा होगी
નથુલાલ જી અને માએ કોઈ સાચા સદગુરુ મળે કોઈ હીરાના પારખું મળે કોઈ ગુરુ દેશી મળે ભજન તો સારથા પડે છે મંત્ર માં આવતું નિયત તંત્રમાં આવતું બધું કોઈ ઉપદેશ વાળા મળે કોઈ સદગુરુ મળે પુરા પડે બાકી કોઈ થાપડે દેવતા લોકો સાચા સદગુરુને જાઓ અને ગુરુ લ્યો મંત્ર દીક્ષાની કે ભક્તિ કા ચીજે જય ગુરુદેવ
सुपर भजन मेरा भाई
भगतिकिजात,हेगरिब,दो, पुत्र ,,ज्ञान,वेराग जाति नूरगण और सूरगण है जयश्री कृष्ण जयश्री कृष्ण जयश्री कृष्ण जयश्री कृष्ण जयश्री कृष्ण जयश्री कृष्ण मद्भागवत गीता कहती हैं
सत कैवल साहेब। बहुत सुंदर विचार वाला निर्गुणी भजन है।मेरा बार-बार नमन है
bahut Sundar
आदेश नाथ जी गुरु जी को आदेश
आद पुरुष को आदेश🙏🙏
भक्ति अणि जात की की मेरा भाई l अणि भक्ति के संत्संग माता सत् पिता मेरा भाई l अणि भक्ति रो ब्याब रछायो अने धर्म संग परनाई l अणि भक्ति के दो बेटा सुन ले मेरा भाई पेलो पुत्र ज्ञान ने कहिजे दुसरो बैराग्य मेरा भाई l
सर इस भजन का पूरा आर्थ लिख कर भेजी
Nice
Bojan dayari
यह भजन पुरा लीखो जी
यह भजन पूरा लिखें
जय हो
अच्छा सुंदर भजन ❤
उतर वाला भजन भी भेजो सा
Jay ho 🙏🏻🙏🏻
jai ho
जय गुरुदेव
या शंका तो कोई मत लाओ देखी जो दर्शाई भगति जात भगण है भाई
ईण भगति रे सत है माता सत्संग पीता बताई
ईण भगति रो ब्याह रचाया धर्म संग परणाई
भगति जात भगण है भाई
isse pura likh kr smjaye bda aabhar hoga
Hi
Ram Ram sa
Rait
Pura dalo
यथार्थ अर्थ मेरी समझ से परे है अनुमान से तो कुछ भी समझ कर मैं बैठ जाऊं इसलिए इस भजन का सत्य सार मुझे समझाने कि दया करें।
इस भजन के अंदर सब चरण अलग-अलग भजन के जोड़ रखे, और इसके दूसरे भजन में का,हे के भक्ति, जात भगण,मेरा भाई, यह बिल्कुल बात गलत है भक्ती,की कोई जात नहीं, बताया हे महापुरुषों ने, जात-पात का काम नहीं, व जो कोई नर नारी भक्ति भगवत ने, है, प्यारी,
@@user-ge2xx3nu8bhii. BB. Nn n.
भगत के कोई जात नहीं होती है।भगत ही भगती करता है।इस कारण अंलकारित भजन है।
गोरक्ष जगत के पिता है पुञ किसी के नाही ,
पुञ बनकर अवतरे वो गोरक्ष समान नाही ।
जय हो गुरूदेव आपकी बारम्बार 🙏🙏
जय गुरुदेव जी री सा जय गुरुमाराज
Super
जय गुरुदेव जी ने प्रणाम
Bhakti jat bhagan hai bhai
जब भगवान बुद्ध को कहा गया कि ईश्वर की भक्ति में भूखा रहो जब तक ईश्वर मिल नहीं जाता। तब बुद्ध भगवान कई दिनों तक भूखे रहे। बुद्ध का शरीर हड्डियों का ढांचा मात्र रह गया, मांस सूख गया। ऐसी हालत में उठकर स्नान करने जा रहे थे तभी चक्कर खाकर गिर पड़े। वहां एक महिला खीर लेकर एक वृक्ष की पूजा करने आई थी उस महिला ने तुरंत बुद्ध को संभाला और बुद्ध को कहा कि भूखा रहकर कैसे आत्म ज्ञानी बन सकते हो, भूख से तो शरीर ही खत्म हो जाएगा, आपकी हालत मरने जैसी हो गई है तब उस महिला ने बुद्ध को खीर खिलाई। उसी रात ध्यान करते हुए बुद्ध को आत्म ज्ञान प्राप्त हुआ। उसके बाद बुद्ध लोगों को ज्ञान देना शुरू किया और गुरु बन गये। पहले गुरु बुद्ध हैं। बुद्ध ने अपने व अपने शिष्यों के लिए भगवा चादर पहनने का नियम बनाया। तब से भारत में भगवा चादर या चीवर पहनने की परंपरा शुरू हुई। बुद्ध ने जो धर्म दिया उसको बौद्ध धर्म कहते हैं। इसी बौद्ध धर्म में 84-सिद्ध हुए जिसमें नो नाथ भी सम्मिलित हैं। बौद्ध धर्म में आदिनाथ हुए जिनके शिष्य जालांधर और मछींदर नाथ हुए और मछींदर नाथ के शिष्य गोरख नाथ हुए। ये बौद्ध धर्म से नाथ पंथ निकला।
अन्य बौद्ध सिद्धों में से एक सिद्ध से कामड़ साधु यानी दास साधु बने।
गुसाई, वैरागी, ब्राह्मण ये सब हिन्दू धर्म के हैं जिसकी स्थापना शंकराचार्य ने नौवीं सदी ईस्वी में की। ग्यारहवीं सदी ईस्वी में रामानुजन ने वैष्णव पंथ की स्थापना की जिसमें से वैरागी, वैष्णव, गिरि, गुंसाई निकले।
भारत की पूरानी संस्कृति बौद्ध संस्कृति है। भारत में जहां भी खोदो वहां जमीन से बौद्ध धर्म की मूर्तियां व वस्तुएं निकलती है।
बौद्ध भी पहले सनातनी थे
गोरख जी ओर 9 नाथ बुध धर्म से निकले हैं ऐसा कहा पढ़ा है तुमने? सब से बड़े गोरख नाथ हैं..
मारी वाणी मारा सतगुरा जाणे, गोरख जी होता वनिदान पवन न पानी।
बुध जी ने बोला भगवा चादर ओढ़े तो फिर ब्लू क्यू पहनते हो
सूरत जात है भगती सबद सगपरणाई
प्र वन ऊतर दीजीये
आदेश आदेश जय गुरु गोरख👏👏👏
🙏🙏🙏🙏🙏
भगती कुण जात है भाई प्रश्न उत्तर दोनो विडीऔ दो
सुपर
🙏🚩जय गुरुदेव की 🚩🙏
👌👌👌👌👌🙏🙏🙏🙏🙏
इस भजन का उतरार्थ भजन प्रस्तुत करे
Prince kalal don
Good
Isbhajan ka arth .batvo
❤
❤❤❤❤😇
Sahib Bandagi
ᴊᴀɪ ʜᴏ
♥️👍🌹🌹🏆🏆
👏👌👌👌👌🙏🔔
Lyrics do
शेणकहा से लाया में रेभाई
Uatr to batao sry kya he bhagti kuan jat he mera bhai 😊😊
जय हो गुरुदेव की आप के पावन चरणों में शत शत नमन हम इस भजन का अर्थ समझ नहीं पा रहे हैं कृपया आप इस भजन का अर्थ हमें समझाने का प्रयत्न करो हमें आशा है कि आप हमारी इच्छा जरूर पूरी करेंगे इस भजन का उत्तर हमें शीघ्र देने की कृपा करें आपकी अति कृपा होगी
Nice
इस वाणी का उत्तर भेजो गुरु देव 🙏
सेन कहा से आई माने बताहो भाई
Kya jaat h bhakti ki
इस भजन का उत्तर क्या है
जय हो सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो
Rampal ji maharaj nahi hai ye
Jamna nath ji he Mera Bhai hai
𝐵ℎ𝑜𝑢𝑡 𝑎𝑐ℎ𝑎
भगति अजात हे भाई जय गुरुमहराज
इस भजन उदाहरण बताओ संतो
Lyrics dijiye
यह भजन पूरा लिखें
, Iske Uttar ka bhajan Aane dijiye
इस भजन का सही अर्थ भेजो। क्या यह तुक बन्दी है।
ᴜᴛᴀʀ ʙɪ ʙᴇᴊᴏ
पूरा भजन एक एक शब्द कमेंट करे
નથુલાલ જી અને માએ કોઈ સાચા સદગુરુ મળે કોઈ હીરાના પારખું મળે કોઈ ગુરુ દેશી મળે ભજન તો સારથા પડે છે મંત્ર માં આવતું નિયત તંત્રમાં આવતું બધું કોઈ ઉપદેશ વાળા મળે કોઈ સદગુરુ મળે પુરા પડે બાકી કોઈ થાપડે દેવતા લોકો સાચા સદગુરુને જાઓ અને ગુરુ લ્યો મંત્ર દીક્ષાની કે ભક્તિ કા ચીજે જય ગુરુદેવ
भाई इसका उत्तर हो तो डालो
बिल्कुल जरूर डालेंगे सर
भक्ति क्षत्रिय जाति की भाई काम क्रोध को मार डाले जीव मिले ब्रह्मामाई
भाई एक भजन में तो बताया भागती घर भंगी के पाई
@@g.s.musicsuras6815 आप भी सही कह रहे हो
इस भजन के उत्तर वाले भजन को भेजने में आपको कितना समय लगेगा ?
या इसका भजन ही आपके पास उपलब्ध नहीं है इसलिए झूठ बोल कर टाल रहे हो ।।
यह भजन यूं ही जोड़ कर, गा दिया है गाने वाले ने, भक्ति की कोई जात नहीं होती, कुकर्म की जात बनाई है , और संत साहिब और भक्ति की कोई जात नहीं, होती है
Bilkul galat hai
🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
Iska uttr bhi gao