Correct discussion....in my view.. every things is in nothing... every things is energy in dual forms in nature & univers(black & white)...1. energy particles (material) that we observed (see) through light(photon) energy reflection.2.energy waves (non material)that we can't observe (can't see) like air, sound,light,idias,our internal chemical reactions,time & Microsystems etc...but they are going on, moving & floating...so every things depends on your self experience & feeling... that's why tathagata bhudha said..."appa deepo bhav"...in nature & univers every things is moving, floating, spinning from 0 to 6 dimensions in various forms of energies...
🙏🏻दंडवत प्रणाम महाराज जी🙏🏻 महाराज जी आपके सत्संग ने हमारी आंखें खोल दी यह प्रश्न लगभग लगभग हर व्यक्ति के मन में चलता रहता है जो कि आज आपने सरल शब्दों में स्पष्ट कर दिया आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपके चरणों में कोटि कोटि नमन
प्रणाम महाराज जी 🙏| मन में यह प्रश्न मेरे मन में बहुत दिनों से चल रहा था आत्मा क्या है और आपने इतनी सरलता से हल कर दिया आपको कोटि-कोटि प्रणाम महाराज जी🙏
Aapki ek chhoti si jivan ki ghatna ne hamare jivan ka bahut bada prashn ka Samadhan kar diya aapka dhanyvad dandvat pranam Maharaj ji aapka bahut bahut dhanyvad
प्रणाम महाराज जी, कोटि कोटि धन्यवाद! आपने मेरे जैसे अनगिनत लोगों के इतने जटिल सवाल का जवाब दिया। आपने अपने जीवन के अनुभवों को वेदांत और शास्त्रों के ज्ञान के साथ मिलाकर हमें यह शिक्षा दी कि "खोजने वाला वही है जिसे वह खोज रहा है" और "आत्मा को विषय के रूप में नहीं जाना जा सकता" और "हर एक अनुभव मिथ्या है!" हम सभी बहुत भाग्यशाली हैं कि हमें ऐसे समय में ज्ञान का यह अमृत प्राप्त हो सका है, जब चारों तरफ बहुत से तथाकथित आध्यात्मिक गुरु हैं जो हमें वास्तविक अर्थ से दूर ले जाते हैं।
महाराज जी प्रणाम, उनको भी प्रणाम 🙏 जिन्होंने इतना अच्छा प्रश्न महाराज जी से किया... उनको भी प्रणाम 🙏 जिन्होंने सत्संग सुना और ठीक से समझा भी। ....और उनको भी प्रणाम 🙏 जिन्होंने सत्संग सुना तो पर समझा ही नहीं!
दंडवत प्रणाम महाराज जी! अद्भुत सत्संग मेरे मन में जो आत्मा को लेकर भ्रम था वह पूरी तरीके से आपके सत्संग ने दूर कर दिया है आपका कोटि कोटि धन्यवाद महाराज जी मेरे पास कोई शब्द नहीं है आप के बारे में कुछ कहने के लिए अद्भुत है आप
प्रणाम प्रभु 🙏🙏🙏 आप शतप्रतिशत सत्य है आपका अनुभव अद्भुत है आपकों नमन और वंदन I और जो भट्टका रहें हैं उनको लिखा क्यों और भ्रमित कर रहे हों आत्म ज्ञान कोई विषय वस्तु नही जिसको पाया जा सके उसको उपलब्ध हुआ जाता है औऱ वो पहले से ही उपलब्ध है I शब्दों से निःशब्द को नहीं पाया जा सकता है I आत्मा और परमात्मा एक ही अस्तित्व है I कुछ भी अलग नहीं है I दो नहीं है I अभी तक द्वंद्ववाद मैं हो और ज्ञानी बन कर किस को ज्ञान दे रहें है प्रभु I जानने वालों को अभी तक नहीं जाना यही है प्राप्ति की प्राप्ति और कुछ प्राप्त नहीं करना I पहले से उपलब्ध है I ये कोन बोल और सुन रहा हैं वो एक ही तो है I साधक साधना और साध्य एक ही तो है I दर्शन दृष्टि और दर्शक एक ही तो है I अस्तित्व या समग्र या एकत्व एक ही तो है I माया (illusion or separation or matrix) एक ही तो है और माया या माया पति एक ही तो है I फिर दूसरा कुछ है नहीं I pure Oneness or choice less awareness or effortless knowing अब कुछ कहा ना जाय I एक 🕉🙏🙏🙏🕉परम अज्ञानी जो यही जानता है कि कुछ भी नहीं जानता है I
In the light of our beaningness everything appears and disappeared Prakash Means light means in that light in that knowingness Mind body And world can seen 🙏🕉️🙏
Pranam guruji aapka yah kahana bilkul anuchit hai atma ke darshan kiye ja sakte hain agar aap ke bhitar bhakti hai pavitrata hai to aap Dhyan vidhi dwara uske Darshan kar sakte hain yah main isliye kah rahi hun kyunki Maine sakshat Parmatma Ko dekha yani swayam Ko dekha aur Maine dekha Srishti mein sirf ek hi atma Hai sampurn Srishti usi ke bhitar ❤
अवघेची आत्मा जरी सांगू झाले नरोत्तम तरी तुझीया चित्ता उमजेल ना ही ओवी संत ज्ञानेश्वर महाराज ज्ञानेश्वरी आत्मा नाम की कोई चीज नही है मै मै हू और इसके बाद मौन होना माय कुछ भी जानता नहीं ऊस परम सत्ता में नित्य रहना हो ना विश्व म्हणजे स्वभावे जे विश्वाकार संभवे हे सम्यक आधी जाणावे ये थ संत ज्ञानेश्वर महाराज ज्ञानेश्वरी यह जगत और कर्म यह तो अपने आप चलते है यहा कोई भी करता नही है जब तक जीवन है तब तक चिन्मय सत्ता में ही रहना सद्गुर ने कृपा की है वही सद्गुरु चिंतन अखंड करते रहना गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरा गुरुर साक्षात परब्रम्ह सद्गुरू ही कृष्ण है सद्गुरू ही शिव है सद्गुरू ही जगत आहे सद्गुरु ही जगदंबा है सद्गुरू ही जगदीश आहे या बोध होता है यही पूर्णता है इती संत ज्ञानेश्वर दासू
प्रणाम। जैसा की आपने कहा की आपको आपके होने का प्रमाण क्यों चाहिए? जबकि आप स्वयं मौजूद हो। इस बारे में मै तो यही कहूंगा की में जिसको अपना मानता हूं ये तो मेरा शरीर है और अगर मै आत्मा के बारे मे कुछ भी जनता तो कहेता की मै आत्मा हूं। अगर मुझे आत्मा का बोध होता तो मृत्यु के बाद भी मैं मेरी मौजूदगी को बयान करता। कई बार हम ऐसे किस्से भी सुनते हे की किसीको आत्मा किसके शरीर में प्रवेश करके कुछ बताती है, या फिर किसी की मृत्यु के बाद उस के पुनर्जन्म का किस्सा भी सुनते हे। तो मेरा इतना ही कहना है की बहुत कुछ अभी बाकी है जो की अभी जानना है। प्रणाम।
प्रणाम आध्यात्मिक प्रवचन में वीडियो लंबा हो जायेगा सोचे ही नहीं । ज़िंदगी की पिच्चर को लगातार देखते रहें और कुछ चाह न हो मोक्ष की भी नहीं । यह काम आयेगा मार्गदर्शन करियेगा । धन्यवाद 🙏
Pandit Ji drashta aur drishya donon ko ek sath p Darshan kiye Hain drashta Maine ham main swayam Maine dekha Mera Swaroop Prakash ke saman se jo main hai aur vah atma hi thi Jo mere Swarup mein thi aur vahi Braham Hai vahi Parmatma Hai vahi Ishwar hai ise kabhi bhi nahin jhooth laya ja sakta kisi bhi janm mein yah bilkul Satya hai
आपने कहा कि जिस भी चीज का अनुभव होता है वह हमसे दूर होती है या विषय होती है,,,, लेकिन मुझे अपने होने का भी एहसास है उसका भी अनुभव है तो क्या वह भी विषय ही है कृपया स्पष्ट करें
तो साधना करने से क्या लाभ होता है घंटो बैठ कर चिंतन करना बेकार की बाते हैं। देहांत के बाद भी आत्मा शरीर में मौजूद रहती हैं और जीव शरीर का त्याग करता है। आत्मा या परमात्मा हर जगह एकरस विद्यमान हैं। प्रणाम।😢
प्रणाम ही प्रमाण है आत्म सत्ता के बिना न बोल सकते हो, न सुन सकते हो, न देख सकते हो न प्रणाम कर सकते हो । विद्युत शक्ति ( बिजली ) की सत्ता है तो पंखा, बल्ब, हिटर, कूल😮र चलती है। मैं से मेरा भिन्न अलग है
Kya sbhi insano ke maan budhi sanskar alg alg ho te h isi tarah atma bhi sbki alg alg hoti h lekin snhi atmao ka sarup ek jesa hi hota h , kya ap is bat se sehmat h?
प्रणाम! वीडियो देखने के लिए धन्यवाद। कृपया अपने प्रश्न और सुझाव हमें नीचे दिए गए ईमेल पते पर भेजें ताकि हम महाराज जी द्वारा आपको विस्तृत समुचित उत्तर उपलब्ध करवा सके: ईमेल आईडी: satya_ki_aur@yahoo.com
Abhi satik jaankari nahi hai aatma ya main hoon parantu ye duniya ye aana jaana ye dunya ka sistam chalna chalana ye koun hai ye parsn hai aur is taraf jayen to pura jawab jo aye ga woh kiwal quraan hi de sakta hai jaanne me koyee burayee nahin hai satte ko jaanne hi to aaye hain😊
how can understanding human thinking internal dream how can understanding everybody human internal feelings recording list voice difference of soil types of soil natural internet sunlight what is this Soil magnetic power Baba Harbhajan Singh soil Indian Army fishing Inquiry Under Indian Army National Defence security
शब्द तो केवल इशारा कर सकते है l शब्द तो कुल्फी की डंडी है l कुल्फी का स्वाद लो l कुल्फी खाने के बाद डंडी का क्या काम ?शब्दो से जीस चीज की ओर ईशारा किया जा रहा है ऊस चीज को जानना है l जाणनेवाला कोई दुसरा नहीं है l जाणनेवाला खुद ही खुद को जानता है l
Aapki bat mana jaye to fir mara hua pratatma kaise insan ki sarira me aajata he baha fir apna purab janam ki byakha karta he to fir baha karam kand or tantra ki prayag kia jata to baha pratatma bahar jata he aapka mane to mimansa or karam kand ye sab galat he kaise or gaharai se manan chintan karo
Correct discussion....in my view.. every things is in nothing... every things is energy in dual forms in nature & univers(black & white)...1. energy particles (material) that we observed (see) through light(photon) energy reflection.2.energy waves (non material)that we can't observe (can't see) like air, sound,light,idias,our internal chemical reactions,time & Microsystems etc...but they are going on, moving & floating...so every things depends on your self experience & feeling... that's why tathagata bhudha said..."appa deepo bhav"...in nature & univers every things is moving, floating, spinning from 0 to 6 dimensions in various forms of energies...
🙏🏻दंडवत प्रणाम महाराज जी🙏🏻
महाराज जी आपके सत्संग ने हमारी आंखें खोल दी यह प्रश्न लगभग लगभग हर व्यक्ति के मन में चलता रहता है जो कि आज आपने सरल शब्दों में स्पष्ट कर दिया आपका बहुत बहुत
धन्यवाद
आपके चरणों में कोटि कोटि नमन
प्रणाम महराज जी 🙏। गंगा हम तक खुद चलकर आइ मन के मेल को साफ करने । आपका आभार महाराज जी 🙏
🙏प्रणाम महाराज जी🙏
महाराज जी आपका सत्संग हमको सही समय पर मिला है नहीं तो हम भी कहीं अंधेरे में भटकते।
प्रणाम महाराज जी
मन करता है कि आपका सत्संग कभी खत्म ही न हो बस सुनते ही रहे आपका सत्संग अति सुंदर है
आपके चरणों मे कोटि कोटि नमन
🙏🙏🙏
बहुत अच्छा लगा संसार विषय क्योंकि आध्यात्म = आत्मा + अध्ययन
आत्मा( मैं ) + अध्ययन ( मेरा विषय)
प्रणाम महाराज जी 🙏| मन में यह प्रश्न मेरे मन में बहुत दिनों से चल रहा था आत्मा क्या है और आपने इतनी सरलता से हल कर दिया आपको कोटि-कोटि प्रणाम महाराज जी🙏
Aapki ek chhoti si jivan ki ghatna ne hamare jivan ka bahut bada prashn ka Samadhan kar diya aapka dhanyvad
dandvat pranam Maharaj ji aapka bahut bahut dhanyvad
प्रणाम महाराज जी,
कोटि कोटि धन्यवाद! आपने मेरे जैसे अनगिनत लोगों के इतने जटिल सवाल का जवाब दिया। आपने अपने जीवन के अनुभवों को वेदांत और शास्त्रों के ज्ञान के साथ मिलाकर हमें यह शिक्षा दी कि "खोजने वाला वही है जिसे वह खोज रहा है" और "आत्मा को विषय के रूप में नहीं जाना जा सकता" और "हर एक अनुभव मिथ्या है!" हम सभी बहुत भाग्यशाली हैं कि हमें ऐसे समय में ज्ञान का यह अमृत प्राप्त हो सका है, जब चारों तरफ बहुत से तथाकथित आध्यात्मिक गुरु हैं जो हमें वास्तविक अर्थ से दूर ले जाते हैं।
महाराज जी प्रणाम,
उनको भी प्रणाम 🙏 जिन्होंने इतना अच्छा प्रश्न महाराज जी से किया...
उनको भी प्रणाम 🙏 जिन्होंने सत्संग सुना और ठीक से समझा भी।
....और उनको भी प्रणाम 🙏 जिन्होंने सत्संग सुना तो पर समझा ही नहीं!
Ati ssunder
Very deep thoughts.very very thanks.
He,Mahatma,koti,koti,naman,,adhabhut,satsang
Very nice information thank you very much
Pranaam Maharaj ji. Adbhut gyan hai aap ka 🙏🙏
Pranaam maharaj ji🙏🙏 gratefuĺ to hear you..bhot hi sunder vyakhya kahi nahi suna.🙏🙏
Ati sunder
दंडवत प्रणाम महाराज जी! अद्भुत सत्संग मेरे मन में जो आत्मा को लेकर भ्रम था वह पूरी तरीके से आपके सत्संग ने दूर कर दिया है आपका कोटि कोटि धन्यवाद महाराज जी मेरे पास कोई शब्द नहीं है आप के बारे में कुछ कहने के लिए अद्भुत है आप
Great respect osho and j Krishnamurti sir love you all time
Pranam Gurudev bahut Sundar bhajan sunane ko mile 🌹🙏
धन्यवाद जी, गुरु जी को सतत् नमन🙏🙏🙏🙏 🌹🌹🌹🌹
स्वामी जी के श्री चरणों में कोटि कोटि नमन 🙏🏻
Veri good satsang
मै आपका ये व्हिडिओ सून रहा हूं यह मेरे सद्गुरु की कृपा है उन्होंने मुझे नवविधा भक्ती की कृपा की है
Satyhaiyegyan
अति सुंदर
प्रणाम प्रभु 🙏🙏🙏
आप शतप्रतिशत सत्य है आपका अनुभव अद्भुत है आपकों नमन और वंदन I
और जो भट्टका रहें हैं उनको लिखा क्यों और भ्रमित कर रहे हों
आत्म ज्ञान कोई विषय वस्तु नही जिसको पाया जा सके उसको उपलब्ध हुआ जाता है औऱ वो पहले से ही उपलब्ध है I शब्दों से निःशब्द को नहीं पाया जा सकता है I
आत्मा और परमात्मा एक ही अस्तित्व है I कुछ भी अलग नहीं है I दो नहीं है I अभी तक द्वंद्ववाद मैं हो और ज्ञानी बन कर किस को ज्ञान दे रहें है प्रभु I जानने वालों को अभी तक नहीं जाना यही है प्राप्ति की प्राप्ति और कुछ प्राप्त नहीं करना I पहले से उपलब्ध है I
ये कोन बोल और सुन रहा हैं वो एक ही तो है I साधक साधना और साध्य एक ही तो है I दर्शन दृष्टि और दर्शक एक ही तो है I अस्तित्व या समग्र या एकत्व एक ही तो है I माया (illusion or separation or matrix) एक ही तो है और माया या माया पति एक ही तो है I फिर दूसरा कुछ है नहीं I pure Oneness or choice less awareness or effortless knowing
अब कुछ कहा ना जाय I
एक 🕉🙏🙏🙏🕉परम अज्ञानी
जो यही जानता है कि कुछ भी नहीं जानता है I
In the light of our beaningness everything appears and disappeared
Prakash Means light means in that light in that knowingness Mind body And world can seen 🙏🕉️🙏
Your voice and music is MANTRA MUKDHAA lovely love from Lalitpur, Nepal.
Great philosophy sir love you
Thanks 👍
Pranam guruji aapka yah kahana bilkul anuchit hai atma ke darshan kiye ja sakte hain agar aap ke bhitar bhakti hai pavitrata hai to aap Dhyan vidhi dwara uske Darshan kar sakte hain yah main isliye kah rahi hun kyunki Maine sakshat Parmatma Ko dekha yani swayam Ko dekha aur Maine dekha Srishti mein sirf ek hi atma Hai sampurn Srishti usi ke bhitar ❤
मेरे होने का प्रमाण मैं खुद ही हो
True❤❤
Great
Excellent zelebi.....
ओम तत् सत्
सत्य है
ईश्वर के लिए एक बात आई है अनुपम जिसे किसी उपमा के द्वारा उदाहरण नहीं दिया जा सकता।
Pranaam Prabhu
Hariom. Guruji❤
Jay gurudev
अवघेची आत्मा जरी सांगू झाले नरोत्तम तरी तुझीया चित्ता उमजेल ना ही ओवी संत ज्ञानेश्वर महाराज ज्ञानेश्वरी आत्मा नाम की कोई चीज नही है मै मै हू और इसके बाद मौन होना माय कुछ भी जानता नहीं ऊस परम सत्ता में नित्य रहना हो ना विश्व म्हणजे स्वभावे जे विश्वाकार संभवे हे सम्यक आधी जाणावे ये थ संत ज्ञानेश्वर महाराज ज्ञानेश्वरी यह जगत और कर्म यह तो अपने आप चलते है यहा कोई भी करता नही है जब तक जीवन है तब तक चिन्मय सत्ता में ही रहना सद्गुर ने कृपा की है वही सद्गुरु चिंतन अखंड करते रहना गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरा गुरुर साक्षात परब्रम्ह सद्गुरू ही कृष्ण है सद्गुरू ही शिव है सद्गुरू ही जगत आहे सद्गुरु ही जगदंबा है सद्गुरू ही जगदीश आहे या बोध होता है यही पूर्णता है इती संत ज्ञानेश्वर दासू
राम मरे तो मैं मरूं, नहीं तो मरे बलाय।
अविनाशी का बालका,मरे न मारा जाय।।
Guru g aapki tarh kedal aur kedal saty aaphi se suna hai
Param kripalu guru dev 🙏anantaay namo namah🙏♥️🙏
।।श्रीआत्मा राम पूरणकाम,सब जीवों में वास करे।जो कोई ध्यावे शरण में आवे, उनके संकट नाश करे।।
हर हर महादेव।।
Thanks
ईश्वर ही ईश्वर के होने का प्रमाण है l ईश्वर ही है और कोई है ही नहीं l ईश्वर ही है तुम हो की नहीं पता करो पक्का करो ll
सीधी सी बात है कि बुद्ध बुड्ढा हुआ और एक दिन वह मर गया, उसे भगवान कहने की कोई आवश्यकता नहीं है.......
Maharaj,ji kya bhut sharir me parvesh karte h kya
All right❤
🙏🙏🙏🙏
Good
🙏🙏
Atta bole kichu nei❤❤❤❤❤
🙏🕉️🙏
🎉🎉🎉🎉🎉🎉
प्रणाम। जैसा की आपने कहा की आपको आपके होने का प्रमाण क्यों चाहिए? जबकि आप स्वयं मौजूद हो। इस बारे में मै तो यही कहूंगा की में जिसको अपना मानता हूं ये तो मेरा शरीर है और अगर मै आत्मा के बारे मे कुछ भी जनता तो कहेता की मै आत्मा हूं। अगर मुझे आत्मा का बोध होता तो मृत्यु के बाद भी मैं मेरी मौजूदगी को बयान करता। कई बार हम ऐसे किस्से भी सुनते हे की किसीको आत्मा किसके शरीर में प्रवेश करके कुछ बताती है, या फिर किसी की मृत्यु के बाद उस के पुनर्जन्म का किस्सा भी सुनते हे। तो मेरा इतना ही कहना है की बहुत कुछ अभी बाकी है जो की अभी जानना है। प्रणाम।
Atma jyoti he mostishk me nibash korta he.
प्रणाम आध्यात्मिक प्रवचन में वीडियो लंबा हो जायेगा सोचे ही नहीं । ज़िंदगी की पिच्चर को लगातार देखते रहें और कुछ चाह न हो मोक्ष की भी नहीं । यह काम आयेगा मार्गदर्शन करियेगा । धन्यवाद 🙏
Pandit Ji drashta aur drishya donon ko ek sath p Darshan kiye Hain drashta Maine ham main swayam Maine dekha Mera Swaroop Prakash ke saman se jo main hai aur vah atma hi thi Jo mere Swarup mein thi aur vahi Braham Hai vahi Parmatma Hai vahi Ishwar hai ise kabhi bhi nahin jhooth laya ja sakta kisi bhi janm mein yah bilkul Satya hai
Atma jyoti he mostishk me nibash korta he.
आपने कहा कि जिस भी चीज का अनुभव होता है वह हमसे दूर होती है या विषय होती है,,,,
लेकिन मुझे अपने होने का भी एहसास है उसका भी अनुभव है तो क्या वह भी विषय ही है कृपया स्पष्ट करें
,🙏🙏
तो साधना करने से क्या लाभ होता है घंटो बैठ कर चिंतन करना बेकार की बाते हैं। देहांत के बाद भी आत्मा शरीर में मौजूद रहती हैं और जीव शरीर का त्याग करता है। आत्मा या परमात्मा हर जगह एकरस विद्यमान हैं। प्रणाम।😢
Your take on Sahaj yoga vibrations pl follow and comment 👮🏼♂️🙏
🌷🌷🙏🙏🌷🌷
प्रणाम ही प्रमाण है
आत्म सत्ता के बिना न बोल सकते हो, न सुन सकते हो, न देख सकते हो न प्रणाम कर सकते हो ।
विद्युत शक्ति ( बिजली ) की सत्ता है तो पंखा, बल्ब, हिटर, कूल😮र चलती है।
मैं से मेरा भिन्न अलग है
💯🌹🌹👏
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Kya sbhi insano ke maan budhi sanskar alg alg ho te h isi tarah atma bhi sbki alg alg hoti h lekin snhi atmao ka sarup ek jesa hi hota h , kya ap is bat se sehmat h?
Maharaj ji aap ek s:e Anek ho rahe ho
हरी ॐ
Your take on Sahaj yoga vibrations pl follow and comment Matter?Energy exchange soul solar power all a play enjoy👮🏼♂️🙏Texas
प्रणाम गुरुजी
अष्टावक्र गीता पर सत्संग लिजीये
प्रणाम!
वीडियो देखने के लिए धन्यवाद। कृपया अपने प्रश्न और सुझाव हमें नीचे दिए गए ईमेल पते पर भेजें ताकि हम महाराज जी द्वारा आपको विस्तृत समुचित उत्तर उपलब्ध करवा सके:
ईमेल आईडी: satya_ki_aur@yahoo.com
@@satya_ki_aur sidhi bat bolo atma hota he ki nehi ?
Abhi satik jaankari nahi hai aatma ya main hoon parantu ye duniya ye aana jaana ye dunya ka sistam chalna chalana ye koun hai ye parsn hai aur is taraf jayen to pura jawab jo aye ga woh kiwal quraan hi de sakta hai jaanne me koyee burayee nahin hai satte ko jaanne hi to aaye hain😊
how can understanding human thinking internal dream how can understanding everybody human internal feelings recording list voice difference of soil types of soil natural internet sunlight what is this Soil magnetic power Baba Harbhajan Singh soil Indian Army fishing Inquiry Under Indian Army National Defence security
शब्द तो केवल इशारा कर सकते है l शब्द तो कुल्फी की डंडी है l कुल्फी का स्वाद लो l कुल्फी खाने के बाद डंडी का क्या काम ?शब्दो से जीस चीज की ओर ईशारा किया जा रहा है ऊस चीज को जानना है l जाणनेवाला कोई दुसरा नहीं है l जाणनेवाला खुद ही खुद को जानता है l
Ami mone kori
amie bhogoban🤣🤣🤣🤣🤣 konona take kono dinto khuje pabona
Conssasnas
आत्मा नही मरेगी इसका क्या प्रमाण है ,
रट्टा मारने से कोई फायदा नही , जब आत्मा ऐसी है तो मरेली शरीर छोड़ क्यूनही देते
सबको नही दीखती
Aapki bat mana jaye to fir mara hua pratatma kaise insan ki sarira me aajata he baha fir apna purab janam ki byakha karta he to fir baha karam kand or tantra ki prayag kia jata to baha pratatma bahar jata he aapka mane to mimansa or karam kand ye sab galat he kaise or gaharai se manan chintan karo
आपके हिसाब से रामायण गीता सब झूठेऔर आपको अध्यात्म के बारे में अभी सही से पता नहीं है
आतमा ने ओणखया वीना रे लख 84 सी नहितो मटेरे जी भंजन मिराका
आत्मा नहीं होती
🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
🙏🙏