सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः ; सूत्रपात नवयुग बेला का, संवाहक हम सभी बनें सूत्रपात नवयुग बेला का, संवाहक हम सभी बनें। कठिन परिश्रम और लगन से, नवयुग की पहचान बनें-2 राष्ट्र प्रथम जीवन में अपने, हर मन का उद्देश्य रहे। गौरव बढ़े देश का जिससे, यह जन - मानस लक्ष्य रहे। नवयुग की इस नव गंगा के, जल-कण पावन सभी बनें।। कठिन परिश्रम....... उत्सुक सज्जन सुप्त शक्ति का, लाना होगा नवल प्रवाह। संचित शक्ति अथाह हिन्दु की, प्रगटे यह जन-जन की चाह । सुदृढ़ हो विस्तार कार्य सब , गति देकर उत्थान करें ।। कठिन परिश्रम और .... जागृति श्रद्धा बढ़े धर्म में, शीलवान परिवार सभी। पर्यावरण प्रफुल्लित करके, समरसता की राह गही । शिष्टाचार स्वदेशी अपने, अधिष्ठान की आन बनें।। कठिन परिश्रम और .... पश्चिम के चिंतन से थककर, विश्व विवश भारत की ओर। बढ़ी राष्ट्र की शक्ति सनातन, उठा गगन में स्वर घनघोर। चलो बढ़ें अब कर्म क्षेत्र में, गुरुता के प्रतिमान बनें।। कठिन परिश्रम... सूत्रपात नवयुग बेला का, संवाहक हम सभी बनें। कठिन परिश्रम और लगन से, नवयुग की पहचान बनें-2
बहोत ही अच्छा गाया है,अगर एक बहोत ही पुराना गीत आप शोध सके तो प्रयास किजीये गीत के बोल कुछ इस तरह थे, टल गया सरसे व्यथा का भार, कैसे मान ले हम ,हो गये स्वप्न सभी साकार, कैसे मान ले हम, आज के परिस्थिति मे यह गीत आवश्यक लग रहा है, प्रयास किजिए, धन्यवाद
मेरा संघ शिक्षा वर्ग गीत 2024 धामनोद धार ❤❤
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सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः
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सूत्रपात नवयुग बेला का, संवाहक हम सभी बनें
सूत्रपात नवयुग बेला का,
संवाहक हम सभी बनें।
कठिन परिश्रम और लगन से,
नवयुग की पहचान बनें-2
राष्ट्र प्रथम जीवन में अपने,
हर मन का उद्देश्य रहे।
गौरव बढ़े देश का जिससे,
यह जन - मानस लक्ष्य रहे।
नवयुग की इस नव गंगा के,
जल-कण पावन सभी बनें।।
कठिन परिश्रम.......
उत्सुक सज्जन सुप्त शक्ति का,
लाना होगा नवल प्रवाह।
संचित शक्ति अथाह हिन्दु की,
प्रगटे यह जन-जन की चाह ।
सुदृढ़ हो विस्तार कार्य सब ,
गति देकर उत्थान करें ।।
कठिन परिश्रम और ....
जागृति श्रद्धा बढ़े धर्म में,
शीलवान परिवार सभी।
पर्यावरण प्रफुल्लित करके,
समरसता की राह गही ।
शिष्टाचार स्वदेशी अपने,
अधिष्ठान की आन बनें।।
कठिन परिश्रम और ....
पश्चिम के चिंतन से थककर,
विश्व विवश भारत की ओर।
बढ़ी राष्ट्र की शक्ति सनातन,
उठा गगन में स्वर घनघोर।
चलो बढ़ें अब कर्म क्षेत्र में,
गुरुता के प्रतिमान बनें।।
कठिन परिश्रम...
सूत्रपात नवयुग बेला का,
संवाहक हम सभी बनें।
कठिन परिश्रम और लगन से,
नवयुग की पहचान बनें-2
मैं भी स्वयंसेवक हूँ द्वितीय वर्ष शिक्षित हरियाणा से
वंदे मातरम् 🚩
जय सियाराम
खुप छान 🎉
व्वा खूप सुंदर
में ने भी संघ शिक्षा वर्ग किया श्री डुगरगढ राजस्थान से 😊❤
नवयुग की पहचान बने🙏
Partham warsh RSS ❤
उत्तम प्रस्तुति
nyc... 🚩
वन्देमातरम
खूप छान ❤
उत्तम स्वर 🚩
👌👌👌
बहोत ही अच्छा गाया है,अगर एक बहोत ही पुराना गीत आप शोध सके तो प्रयास किजीये गीत के बोल कुछ इस तरह थे, टल गया सरसे व्यथा का भार, कैसे मान ले हम ,हो गये स्वप्न सभी साकार, कैसे मान ले हम, आज के परिस्थिति मे यह गीत आवश्यक लग रहा है, प्रयास किजिए, धन्यवाद
🙏 वंदे मातरम् 🚩
❤
Bhai वो ४ stanza मे विवश विश्व हैं विश्व विवश नही छोटा करेक्शन
@@p.v.rvaibhav8090 🙏