Maa Vaishno Devi🙏|| Meerut to Katra via New Delhi || Jammu Kashmir Train Journey

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  • เผยแพร่เมื่อ 10 ก.พ. 2025
  • माता वैष्णो देवी कैसे हुईं प्रकट-
    पौराणिक कथा के अनुसार, वैष्णो माता का जन्म दक्षिणी भारत में रत्नाकर के घर हुआ था। माता के जन्म से पहले उनके माता-पिता निसंतान रहे। कहा जाता है कि माता का जन्म होने से एक रात पहले उनके माता ने वचन लिया था कि बालिका जो भी चाहे वे उसके रास्ते में नहीं आएंगी। बचपन में माता का नाम त्रिकुटा था। बाद में उनका जन्म भगवान विष्णु के वंश में हुआ, जिसके कारण उनका नाम वैष्णवी कहलाया।
    वैष्णो माता का इतिहास-
    मान्यता है कि माता वैष्णो देवी ने त्रेता युग में माता पार्वती, सरस्वती और लक्ष्मी के रूप में मानव जाति के कल्याण के लिए एक सुंदर राजकुमारी का अवतार लिया था। उन्होंने त्रिकुटा पर्वत पर तपस्या की थी। बाद में उनका शरीर तीन दिव्य ऊर्जाओं महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती के सूक्ष्म रूप में विलीन हो गया।
    माता वैष्णो की महिमा-
    मां वैष्णोदेवी मंदिर की कहानी और महिमा के बारे में माना जाता है कि करीब 700 साल पहले मंदिर का निर्माण पंडित श्रीधर ने किया था। श्रीधर एक ब्राह्मण पुजारी थे। श्रीधर व उनकी पत्नी माता रानी के परम भक्त थे। एक बार श्रीधर को सपने में दिव्य के जरिए भंडारा करने का आदेश मिला। लेकिन श्रीधर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। जिसके कारण वह आयोजन की चिंता करने लगे और चिंता में पूरी रात जागे। फिर उन्होंने सब किस्मत पर छोड़ दिया। सुबह होने पर लोग वहां प्रसाद ग्रहण करने के लिए आने लगे। जिसके बाद उन्होंने देखा कि वैष्णो देवी के रूप में एक छोटी कन्या उनकी कुटिया में पधारी और उनके साथ भंडारा तैयार किया।
    गांव वालों ने इस प्रसाद को ग्रहण किया। इस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद लोगों को संतुष्टि मिली लेकिन वहां मौजूद भैरवनाथ को नहीं। उसने अपने जानवरों के लिए और खाने की मांग की। लेकिन वहां वैष्णो देवी के रूप में एक छोटी कन्या ने श्रीधर की ओर से ऐसा करने से इनकार कर दिया। जिसके बाद भैरवनाथ ये अपमान सह नहीं पाया और उसने दिव्य लड़की को पकड़ने की कोशिश की। लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहा। लड़की गायब हो गई। इस घटना से श्रीधर को बहुत दुख हुआ।
    श्रीधर ने अपनी माता रानी के दर्शन करने की लालसा जताई। जिसके बाद एक रात वैष्णो माता ने श्रीधर को सपने में दर्शन दिए और उन्हें त्रिकुटा पर्वत पर एक गुफा का रास्ता दिखाया, जिसमें उनका प्राचीन मंदिर है। बाद में ये मंदिर दुनियाभर में माता वैष्णो देवी के नाम से जाना जाने लगा।

ความคิดเห็น • 5

  • @kamaldeep6210
    @kamaldeep6210 2 วันที่ผ่านมา

    Good job 👍👏👏👏

    • @halffilter
      @halffilter  2 วันที่ผ่านมา

      @@kamaldeep6210 thank you bhai

  • @Farming0414
    @Farming0414 2 วันที่ผ่านมา

    Nice🎉🎉

  • @AkashM-nl1ys
    @AkashM-nl1ys 21 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    😂😂