rudranath temple story / panar bugyal story of rudranath dham रुद्रनाथ मंदिर रुद्रनाथ धाम उत्तराखंड
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- เผยแพร่เมื่อ 12 ก.ย. 2024
- उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल के चमोली जिले में भगवान शिव का एक मंदिर है जिसे “रुद्रनाथ” के नाम से जाना जाता है जो कि पंचकेदार में से एक है।
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पंच केदार में प्रथम केदार भगवान केदारनाथ है, जिन्हें बारह ज्योर्तिलिंग के रूप में जाना जाता है। दूसरा केदार मद्महेश्वर है। तीसरा केदार तुंगनाथ, चौथा केदार रुद्रनाथ और पांचवा केदार कल्पेश्वर है।
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समुद्रतल से इस मंदिर की ऊँचाई 2,290 मीटर है। रुद्रनाथ यात्रा गोपेश्वर के सगर गाँव से लगभग 4 किमी की चढ़ाई कर उत्तराखंड के सुंदर पुंग बुग्यालों से प्रारंभ होती है। पर्यटक एवं भक्तगण चढ़ाई पार करके पहुँचते है पित्रधार स्थान पर जहाँ भगवान शिव, पार्वती और भगवान विष्णु का मंदिर स्थित है। जहाँ भक्त अपने पितरों के नाम के पत्थर रखते है। पित्रधार से लगभग 10 किमी की दूरी तय करके पहुँचते है *रुद्रनाथ मंदिर
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Rudranath Temple, Chamoli Uttarakhand | रुद्रनाथ मंदिर
Deepak Bisht

Table of Contents
रुद्रनाथ मंदिर | Rudranath Temple
भगवान शिव का रूप है रुद्रनाथ | Rudranath is the form of Lord Shiva
पौराणिक कथा अनुसार | According to legend
रुद्रनाथ ट्रेक | Rudranath trek
कैसे पहुंचे रुद्रनाथ मंदिर | How to reach Rudranath Temple
रुद्रनाथ मंदिर | Rudranath Temple
भारत में उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल के चमोली जिले में भगवान शिव का एक मंदिर है जिसे “रुद्रनाथ” के नाम से जाना जाता है जो कि पंचकेदार में से एक है। पंच केदार में प्रथम केदार भगवान केदारनाथ है, जिन्हें बारह ज्योर्तिलिंग के रूप में जाना जाता है। दूसरा केदार मद्महेश्वर है। तीसरा केदार तुंगनाथ चौथा केदार रुद्रनाथ और पांचवा केदार कल्पेश्वर है।
समुद्रतल से इस मंदिर की ऊँचाई 2,290 मीटर है। रुद्रनाथ यात्रा गोपेश्वर के सगर गाँव से लगभग 4 किमी की चढ़ाई कर उत्तराखंड के सुंदर पुंग बुग्यालों से प्रारंभ होती है। पर्यटक एवं भक्तगण चढ़ाई पार करके पहुँचते है पित्रधार स्थान पर जहाँ भगवान शिव, पार्वती और भगवान विष्णु का मंदिर स्थित है। जहाँ भक्त अपने पितरों के नाम के पत्थर रखते है। पित्रधार से लगभग 10 किमी की दूरी तय करके पहुँचते है रुद्रनाथ मंदिर
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रुद्रनाथ मंदिर में भगवान शिव के चेहरे की पूजा की जाती है जबकि भगवान शिव के पूरे शरीर की पूजा नेपाल की राजधानी काठमांडू में पशुपतिनाथ मंदिर के रूप में की जाती है। रुद्रनाथ मंदिर प्राकृतिक पत्थरों से बना हुआ है। मंदिर में प्रवेश करने से पहले नारद कुंड है। जिसमें भक्तगण स्नान करके अपनी थकान मिटाते है और फिर दर्शन के लिए आगे बढ़ते है। इसके अलावा रुद्रनाथ मंदिर के निकट चन्द्र कुंड, मानकुंड, सूर्य कुंड, तार कुंड आदि ओर भी पवित्र कुंड स्थित है।
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मंदिर के समीप वैतरणी कुंड भी है जहाँ शक्ति के रूप में भगवान विष्णु जी की मूर्ति की पूजा की जाती है। मंदिर के दूसरी तरफ पांच पांडव सहित कुंती, द्रौपदी के साथ ही छोटे-छोटे मंदिर मौजूद है। श्रावण मास में पूर्णिमा के दिन मंदिर में वार्षिक मेला भी आयोजित किया जाता है। रुद्रनाथ मंदिर का पूरा परिवेश इतना अलौकिक है कि यहां के सौन्दर्य को शब्दों में बयान नही किया जा सकता है। यहाँ पर्यटक न केवल मंदिर में दर्शन करने आते है बल्कि ट्रैक का आनंद लेने भी आते है। मंदिर के चारों ओर हरियाली, फूल, जंगली जानवर आदि के दर्शन भी करने को मिलते है। मंदिर के आसपास भोज पत्र के वृक्षों के अलावा, ब्रह्मकमल भी यहाँ दिखाई देते है।
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