(1) हज़रत अबू हुरैरा رضي الله عنه से रिवायत है कि रसूलुल्लाह ﷺ ने फरमाया क़ब्रो की ज़ियारत करो क्योंकि ये तुम्हें आख़िरत की याद दिलाता है।(सही मुस्लिम जिल्द 3 हदीस 5114)
@@mu9585acha madina m gummad e khizra bana h kya wo to saudi hukumat ka bas nhi chla nhi to saudi usko bhi tod deta smjhe majar kachhi hi hoti h tu mulla ki suna pr shi nhi smjha kabar andar ka hissa khelata h upar ka hissa kabr nhi khelata smjha
इमाम इब्ने हजर असकलानी अल मुतवफ्फा 852 हिजरी फतहुल बारी शरह सही बुखारी के मुकद्दमे में लिखते है कि जब इमाम बुखारी को कब्र में दफन किया गया तो उनकी कब्र से मुश्क और अम्बर की खुशबू आने लगी तो लोग इमाम बुखारी की कब्र पर आ कर उनकी कब्र की मिट्ठी से बरकत लेते फिर उनकी क़ब्र को चारो तरफ से इमारत (बिल्डिंग) बना दी गई। . रिफ्रेंस फतुल बारी शरह सही बुखारी देवबंद पाकिस्तान द्वारा प्रकाशित पृष्ठ संख्या 99
(3)सैय्यदना इब्ने उमर رضی ﷲتعالی عنہ बयान करते हैं के रसूल अल्लाहﷺ ने फरमाया: जिस ने मेरी क़ब्र की ज़ियारत की- उसके लिए मेरी शफ़त वाजिब हो गई।(सुनन दारकुतनी/जिल्द 2/हदीस-2695)
@@HaiderNaqvi-or5yp ना सऊदी में शराब की दुकान खुलना चाहिए थी ,ना जन्नतुल बकी म्यसमार होना चाहिए थी और ना ही बाबरी मस्जिद शाहिद होनी चाहिए थी यह सब करने वाले दज्जाल की औलादें हैं
(11)हज़रत बिलाल رضي الله عنه जब शाम से मदीन शरीफ आए तो हुज़ूर ﷺ की बारगाह में सलाम के लिए हाज़िर हुवे और रोने लगे और अपने चेहरे को हुज़ूर की मजार-ए-अक़दस पर रख्कर उसे मलना और चुमना शुरू कर दिया। संदर्भ: तारीख मदीनतुल दमिश्क खंड 7 पृष्ठ 137 और वफ़ा उल वफ़ा पृष्ठ 217
عن أبي الهياج الأسدي قال: قال لي علي رضي الله عنه : «ألا أَبْعَثُك على ما بَعَثَني عليه رسول الله صلى الله عليه وسلم ؟ أن لا تَدْعَ صُورَةً إلا طَمَسْتَها، ولا قَبْرًا مُشْرِفًا إلا سَوَّيْتَه». [صحيح] - [رواه مسلم] المزيــد ... ابوالھیاج اسدی سے روات ہے وہ بیان کرتے ہیں کہ علی رضی اللہ عنہ نے مجھ سے کہا: کیا میں تمہیں اس کام کے لیے نہ بھیجوں جس کام کے لیے مجھے رسول اللہﷺ نے بھیجا تھا؟ (وہ یہ ہے کہ) کوئی بھی مجسمہ نہ جھوڑنا مگر اسے مٹا دینا، اور نہ کوئی اونچی قبر چھوڑنا مگر اسے زمین کے برابر کر دینا۔ صحیح - اسے امام مسلم نے روایت کیا ہے Deen Islam me yh hukum h baqi aap apne mazhab ka manoranjan musalmano ke qabrastano pr kyu Krna chahte ho?
अल्लाह रब्बूल इज्जत से दुआ है की मेरे आका मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहु तआला अलैही व सल्लम इनके सदके तुफैल सल्तनत एक उस्मानिया का दौर फिर से आये और नाजायज आले यहुद की हुकूमत खत्म हो जाये. आमीन.
(2)सैय्यदना इब्ने उमर رضی ﷲتعالی عنہ बयान करते हैं के रसूलअल्लाहﷺ ने फरमाया: जिस शक्स ने मेरी वफ़ात के बाद मेरी क़ब्र की ज़ियारत की तो उसने गोया मेरी ज़िंदगी में मेरी ज़ियारत की।(सुनन दारकुतनी/जिल्द 2/हदीस-2693)
(7)बिलाल बिन हारिस رضي الله عنه रसूलुल्लाह ﷺ की क़ब्र ए अक़दस पर गए और रसूलुल्लाह ﷺ से बारिश की दरख्वास की ख्वाब में जवाब मिला और ख़ूब बारिश हुई।संदर्भ: फतुल बारी शरह साहिह अल बुखारी अल हाफिज इब्न हजर अल असकलानी हदीस 1010
Inko Saf Sutra islam nhi chahiye jo har khule chhipe shirk se pak ho ....khalis Allah ki ibadat karne me mushrik e makka ki tarah pareshani hoti hai .... ❤Allah pak farmate hai vo log guzar Gaye unse unki puchh hogi aur tum se.tumhari ..❤ apne amaal achhey karne ke bajaye faltu jizo me pade huye hai ...age Jake kaba ke ander jitne boot the vo ye log bolenge rakh do ...fir nange tawaf bhi karne ko kahenge ....😢 Abhi wakt hai apne amaal ki fikr karo jispe jannat dozakh faishla hone wala hai in sab kamo se nuksan ke alawa kuchh bhi hasil nhi hoga😞😞😞🤲🤲🙏🙏🕋🕋🕋🕋🕋
Yahoodi ka bachcha hai tu munafik ,Arab me sharab bech rha hai Tera bap wahabi najdi nach gana cenema khol diya butkhana bana rha hai bhishri ke wo galat nahi hai Dubai ka shekh mandir me Pooja kar rha hai wo shirk nahi hai ,ye sab wahabi munafik firka me jaiz hai
(12)हज़रत उमर फ़ारूक़ رضي الله عنه के ज़माने मे केहत पारा एक सहाबी बिलाल बिन हारिस رضی اللہ عنہ ने रसुलुल्लाहीﷺ कि मज़ार शरीफ़ पर हाज़िर हो कर अर्ज़ की, या रसूलुल्लाह ﷺ अपनी उम्मत के लिए बार इस की दुआ फरमाये वो हलक हो रही है। अल-मुसन्नफ इब्न अबी शायबा जिल्द 011, पृष्ठ संख्या 118, हदीस संख्या 32538
Jannaut Baqi was a Mausoleum of Hazarat Fatima Zehra ( s. a) Daughter of prophet Mohammed peace be upon him. And Hazrat Imam Hasan Son of Imam Ali. Which was Demolished by Saudi king. Millions of people Demand of Rebiuld of Jannutal Baqi😢
(5)हज़रत उरवाह رضي الله عنه फ़रमाते हैं कि ‘ वलीद इब्ने अब्दुल मालिक के ज़माने में रोजा़-ए-रसूल अल्लाह ﷺ की एक दीवार गिर गई "फाखाजू फि बेनाईही"हज़रत वलीद ने हुकम दिया के तामीर करो सब उसे बनाने में मशगुल हुए। "फबादत लाहुम कादामुन फफाजौ वा जननू अन्नहा "
अगर कबरों पर इसी तरह मजार बनते रहे तो हिंदुस्तान पाकिस्तान की तरह सऊदी में लोग हज करने नहीं कब की जियारत करने ही जाएंगे और वहां पर नजरो Niyaz करने लगेंगे
@@NaqiAbbas-vs1zg जब आपके उलेमा आपको कहते हैं ढोल मत बजाओ मजारों पर तवाफ मत करो तो आप बंद कर देते हैं दूसरों से क्यों उम्मीद करते हो दुनिया में सब अपनी मर्जी कर रहे हैं जिसे हिदायत मिलेगी वह सीधे रास्ते पर चलेगा और वही कामयाब होगा और जो नहीं चलेगा उसका हिसाब किताब अल्लाह ताला करेगा जबरदस्ती उसे रोकना चाहिए जो दूसरों के लिए परेशानी बन रहा हो
@@mhommadahmad1060 Konsi hidayt ki baat kr rhe tum Arab aur hind tum ek me Mila rahe ho yah loktantar hai pr Arab me Islamik desh hai tum galat bole ho waha par najar jyada rakkhi jayegi Agar Ahlehadiso me aur devobandi me dmm hai to madeena Sharif ko dhaah de hai gaad me dm madeena Sharif ko Q nhi Tod rahe hai Abe munfaiq jis din madeena Sharif ek hathaoda lagega Qashm hai us Rabbe juljulal ki Ruwaye jameen pr ek bhi Ahle hadis aur devobandi nhi Rahega
(9)हज़रत इमाम इब्ने ए शैबाह् رحمتہ اللہ علیہ अल मुतवफ़्फा 262 हिजरी लिखते हैं:हज़रत सईद बिन ज़ुबैर बिन मुत्तिम رضي الله عنه रिवायत करते हैं मैने सहाबी ए रसूल हज़रत उस्मान बिन मज़ून رضي الله عنه की क़ब्र मुबारक को, हज़रत मुहम्मद बिन अली इब्ने अल हनफ़िया के घर में देखा। (तारीख मदीनतुल मुनव्वरा, खण्ड 1, पृष्ठ 101)
(13)हुजूर नबी करीम ﷺ कि क़ब्र की ज़ियारत करने वाले के लिए मुस्तहब है कि जब उसकी नज़र मदीना तय्यबा के मुआहिद हरम, खजुरोन और मकान पार पड़े से दरूद-ओ-सलाम पढ़े। मदीना मुनव्वरा के मैदानों की ताज़ीम, मदीना तैय्यबा की मंज़िल और घास वाली ज़मीन की इज़्ज़त ज़ेहन में रखे। क्योंकि ये वो जगहें हैं जो वही और नुज़ूल-ए-कुरान से आबाद हुई अबुल फ़ुतुह जिब्रील और अबुल घनैम कसरत से यहां आते थे। इस ज़मीन पर सैयदुल बशर तशरीफ़ फ़ार्मा हैं। अल्लाह ﷻ का दीन और रसूलल्लाह ﷺ की सुन्नत यहां से फैली है। ये जगहें ही फजीलतन और खैरात की मुशाहिद हैं, बरहीन वा मोजिजात की मुशाहिद हैं। ये अज़मत इस्लिए ज़ेहेन मी रक्खे ताकी आप की हैबत, तज़ीम, इजलाल और मोहब्बत से लबरेज़ हो जाए तरह आप की तज़ीम वा इजलाल रखे जैसे आप ﷺ को सामने देख रहा है। ये यकीन रखे की आपका सलाम सुन रहे हैं। और तकलीफ़ में आप इसके मददगार हैं। (अल-क़ौल बदी पीजी.402)
(6)कदमुन्नबी अलैहिस्सलाम एक कदम ज़ाहिर हो गया तो लोग घबरा गए और समझ गए कि ये हुजूर ﷺ का कदम-ए-पाक है हजरत उरावा رضي الله عنه ने कहा की अल्लाह की कसम ये हुजूर ﷺ का क़दम नहीं है ये हज़रत उमर-ए -फ़ारूक़ رضي الله عنه का कदम हैं पूछा कितने साल बाद निकला कहा के कई साल बाद निकला फरमाते है पैर ऐसा था जैसा ज़िंदो का होता है।सही बुखारी, खंड 2 हदीस:1390
अबे बरेलवी तुम मुसलमानों के नाम पर धब्बा हो। नमाज, रोजा , जकात, हज को करते नहीं हो। शिर्क और बिद्अत का रास्ता पर चलते हो । आल्लाह तुझे हिदायत दे इस्लाम के सही रास्ते पर चलने की। बाकी इन्शाल्लाह सऊदी में कोई कब्र पक्की नही बनेगी।
इल्म की कमी की वज़ह से आपके हर दिल अज़ीज़ शियाओं की बहादुरी के क़िस्से सुनाऊँ! 1. नबी (ﷺ) के दीन को ठुकरा कर और सहाबाओ के ख़िलाफ़ जाकर, इस्लाम को ठुकरा कर सबसे पहले इस्लाम से अलग होकर ख़वारिज बने! 2. इस्लाम के दूसरे ख़लीफ़ा और जन्नत की बशारत वाले सिहाबा हज़रत उमर बिन अल-ख़त्ताब (رَضِيَ اللهُ عَنْهُ) को शहीद किया! 3. इस्लाम के तीसरे ख़लीफ़ा और जन्नत की बशारत वाले सिहाबा हज़रत उस्मान बिन अफ़फ़ान (رَضِيَ اللهُ عَنْهُ) को शहीद किया! 4. रसूल (ﷺ) के सिहाबी ज़ुबैर बिन अल-अववाम् (رَضِيَ اللهُ عَنْهُ) को शहीद किया! 5. रसूल (ﷺ) के सिहाबी अम्मार बिन यासिर (رَضِيَ اللهُ عَنْهُ) को शहीद किया! 6. रसूल (ﷺ) के सिहाबी तल्हा बिन उबैदुल्लाह (رَضِيَ اللهُ عَنْهُ) को शहीद किया! 7. रसूल (ﷺ) के सिहाबी साद बिन अबी वक़ास (رَضِيَ اللهُ عَنْهُ) को शहीद किया! 8. रसूल (ﷺ) के सिहाबी अब्दुर रहमान इब्न ओफ़ (رَضِيَ اللهُ عَنْهُ) को शहीद किया! 9. रसूल (ﷺ) के सिहाबी अबू ज़र अल गिफ़ारी (رَضِيَ اللهُ عَنْهُ) को शहीद किया! 10. रसूल (ﷺ) के सिहाबी हुज्र इब्न अदी अल-किन्दी (رَضِيَ اللهُ عَنْهُ) को शहीद किया! 11. आप रसूल (ﷺ) प्यारे हर मुस्लिम के प्यारे जन्नत के फूल, शहज़ादे हज़रत हुसैन (رَضِيَ اللهُ عَنْهُ) को शहीद किया! क्या और भी बहादुरी के क़िस्से सुनोगे? आपके चहिते, हर दिल अज़ीज़, आपके सनम के? ग़ैरत आती है, आप जैसे नाम निहाद मुस्लिमों पर, जो जिस तरफ़ चाहे मुँह उठा कर चल पड़ते हैं, ना इल्म हासिल करने की जुस्तुजू ना नबी (ﷺ) के दीन से कोई नाता! बस नाम मुस्लिम वाला बाक़ी मुस्लिम होता कौन है कोई खबर नहीं! अरे भाई इल्म हासिल करो! हक़ को चुनो क्यों अंधेरे में चले जा रहे हो! दिन-बा-दिन उम्मत ज़िल्लत की सीढ़ी चढ़ते जा रही है! अल्लाह उम्मत की हिफ़ाज़त फ़रमाए!
@@bhartiy6168 Maviya Bhi ese hi Jhuth phelata tha Ali a.s. ke khilaf aur aakhir me bughz e Ali me itna Haasid ho gaya ke usne aur uske pure khandan ne nabi s.a.w. ke khandan se Jung e ladi, aur unhe shaheed kiya.
(5)सैय्यदा आइशा رضي الله عنها फरमाते हैं के एक रात मैं हुजूर ﷺ को ना पाया तो मै आपकी तलाश में निकली या क्या देखती हूं हुजूर ﷺ जन्नत उल बकी (कब्रिस्तान) में है...... फिर हुजूर ﷺ ने फरमाया अल्लाह ताला 15वी शाबान की रात को आसमान ए दुनिया पर तजल्ली फरमाता है और बनु क़ल्ब के बकरियों के बालों से ज़्यादा लोगों की मगफिरत फरमाता है। (हसन हदीस)मुसनद अहमद इब्न हनबल हदीस 25896
(10) तो मालूम हुआ कि अल्लाह के खास बंदों की अज़मत के लिए उनकी कब्रों को महफूज और पहचान के लिए किसी इमारत (बिल्डिंग) के अंदर बनाना जाईज़ है, हजरत उस्मान बिन मज्जून رضي الله عنه पहले सहाबी हैं जिनका विसाल मदीना शरीफ में सबसे पहले हुआ.हज़रत सुलेमान علیہ السلام ने वही ए इलाही के मुताबिक हज़रत आदम علیہ السلام हज़रत इब्राहीम علیہ السلام हज़रत इसहाक़ علیہ السلام हज़रत याक़ूब علیہ السلام हज़रत यूसुफ़ علیہ السلام की क़ब्रो पर क़ुब्बा नूमा छत बनादी - संदर्भ( अटलस उल कुरान -[प्रकाशित सऊदी नज्द रियाद / पृष्ठ-85).
Sab hijre bhade pade hue hain Saudi hijra UAE hijra Oman hijra Qatar hijra Kuwait hijra Jordan hijra Turkey hijra। Bas ak hi mard Iran hai ye saabit ho gaya
Yahi Aale Rasul sw ke chahane wale hi philistin Ka Sath de rahe hain dost Aur rasule Khuda sw Ki iklauti Beti janabe Fatima sw Roza Tod Diya Saudi Arab jo America ki Chahte Hain
(11)हज़रत सैय्यदा आमीना رضي الله عنها की क़ब्र ए अकदस.हज़रत इमाम इब्ने शैबाह رحمتہ اللہ علیہ अल मुतवफ्फ़ा (262) सनद के साथ लिखते हैं.हज़रत अम्र बिन आस رضي الله عنه से रिवायत है जब रसूल अल्लाह ﷺ की उम्र मुबारक 6 साल थी तब मक्का मुकृरमा और मदीना मुनव्वरा के बीच में वादी अल अबवाह में रसूल अल्लाह ﷺ की वालिदा सैय्यदा अमीना رضي الله عنها का विसाल हो गया, “मक्का से दूर होने की वजह से रसूल अल्लाह ﷺ के ननीहाल क़बीला ए आदि बिन नज़र ने सैय्यदा आमीना رضي الله عنها की कब्रे अक्दस को तामीर करवाया जिस से के उनकी ज़ियारत हो सके.(तारीख ए मदीनतुल मुनव्वरा, खंड:1, पृष्ठ:117
Aam insan aur wali me farq samjho nhi to gustakhi kar baitho ge ALLAH ke dost hote hai Waliullah ALLAH unse razi hota hai aur wo ALLAH se razi hai ,aur wali bujurgane Deen log kabhi marte nahi balke parda karte hai wo jinda hai apne kabro pe lakin hmlog nahi dekh sakte ,hmlog aam insan gunaho ke putla hai lakin wo log to ALLAH ke khash hai
Khud masjidul haram me kabe ke pas hijre ismaril me bibi hajera awr hazrate ismarl ki qabr hai mager jahilon ko jo suna diya jae wo tote ki tarah ratte rahenge .kiya masjedul haram ibadatkhana nahi hai
Yaha Sayeeda Fatima Zahra Bint ea Mohammad Rasool Allah s.a.w ki Qabar Mubarak hai koye waha nahi ja sakta na pak bandha koye Aam nahi hai Sayeeda Fatima Zahra 💕💕
Pooja Patha Nahi Mohammad Mustufa Sallallahu Alaihi Wasallam Ki Chaheti Beti Aur Khatoon'e Jannat (sa) Ka Roza Banakar Palestine Mei Jaise Apne Haqeeqi Sunni Bhaiyo'n Aur Ummat'e Muslima Par Agar Zulm Ho To Mazloomo Ki Himayat Kaise Ki Jati Hei Ye Sikhana Hei Aap Jaise Aur Arab Jaise Aiyyash Huqmrano Ko ....
شیخ محمد بن عبدالوہاب کا یادگار کارنامہ خلیفہ دوم حضرت عمر بن خطاب ؓکے بھائی زید بن خطابؓ (جو جنگ یمامہ میں شہید ہوئے تھے) کے نام سے مقام جلبلیہ (وادی حنیفہ) میں ایک قبر تھی اس کا خاتمہ کیا، جو اس وقت کے لحاظ سے کوئی آسان کام نہیں تھا۔ ابن بشر اس قبہ کے انہدام کا واقعہ اس طرح بیان کرتا ہے۔ ’’شیخ نے عثمان سے کہا : ’’آؤ اب اس قبہ کو مہندم کردیں جس کی بنیاد باطل پر رکھی گئی ہے اور جس کی وجہ سے لوگ راہ ہدایت سے بھٹک گئے ہیں عثمان نے کہا آپ ہی اسے ہدم کردیں۔‘‘ شیخ نے فرمایا کہ ہمیں اہل جلبلیہ سے خطرہ ہے، کہیں وہ ہمارے درپے آزار نہ ہوجائیں، آپ کی موجودگی کے بغیر میں ہدم نہیں کرسکتا۔‘‘ اس پر عثمان چھ سو آدمیوں کے ساتھ چلا، قریب پہنچنے پر اہل جلبلیہ نے بزورروکنے کا ارادہ کیا، لیکن جب انہوں نے عثمان کی طرف سے بھی پوری تیاری دیکھی، تو ہٹ گئے۔ اس پر عثمان نے شیخ سے کہا کہ ’’ہم قبہ کو چھو نہیں سکتے‘‘۔ اس پر شیخ نے ہتھوڑا (فاس) لیا اور اپنے ہاتھ سے قبہ کو گراکر زمین کے برابر کردیا اور کامیاب واپسی ہوئی۔ اس رات کو اطراف و نواح کے جاہل بے چینی کے ساتھ انتظار کررہے تھے کہ دیکھیں اس ناروا اقدام سے شیخ پر کیا مصیبت آتی ہے لیکن جسے اللہ رکھے اسے کون چکھے، جب صبح ہو ئی تو لوگ بہت مایوس ہوئے اور اہل حق کی ہمت بندھی۔ نیز کمزوروں کے ایمان میں تازگی آئی۔‘‘ (ماخذ کتاب : محمد بن عبدالوہاب … از مسعود عالم ندوی، صفحہ ۳۷)
شیخ محمد بن عبدالوہاب کا یادگار کارنامہ خلیفہ دوم حضرت عمر بن خطاب ؓکے بھائی زید بن خطابؓ (جو جنگ یمامہ میں شہید ہوئے تھے) کے نام سے مقام جلبلیہ (وادی حنیفہ) میں ایک قبر تھی اس کا خاتمہ کیا، جو اس وقت کے لحاظ سے کوئی آسان کام نہیں تھا۔ ابن بشر اس قبہ کے انہدام کا واقعہ اس طرح بیان کرتا ہے۔ ’’شیخ نے عثمان سے کہا : ’’آؤ اب اس قبہ کو مہندم کردیں جس کی بنیاد باطل پر رکھی گئی ہے اور جس کی وجہ سے لوگ راہ ہدایت سے بھٹک گئے ہیں عثمان نے کہا آپ ہی اسے ہدم کردیں۔‘‘ شیخ نے فرمایا کہ ہمیں اہل جلبلیہ سے خطرہ ہے، کہیں وہ ہمارے درپے آزار نہ ہوجائیں، آپ کی موجودگی کے بغیر میں ہدم نہیں کرسکتا۔‘‘ اس پر عثمان چھ سو آدمیوں کے ساتھ چلا، قریب پہنچنے پر اہل جلبلیہ نے بزورروکنے کا ارادہ کیا، لیکن جب انہوں نے عثمان کی طرف سے بھی پوری تیاری دیکھی، تو ہٹ گئے۔ اس پر عثمان نے شیخ سے کہا کہ ’’ہم قبہ کو چھو نہیں سکتے‘‘۔ اس پر شیخ نے ہتھوڑا (فاس) لیا اور اپنے ہاتھ سے قبہ کو گراکر زمین کے برابر کردیا اور کامیاب واپسی ہوئی۔ اس رات کو اطراف و نواح کے جاہل بے چینی کے ساتھ انتظار کررہے تھے کہ دیکھیں اس ناروا اقدام سے شیخ پر کیا مصیبت آتی ہے لیکن جسے اللہ رکھے اسے کون چکھے، جب صبح ہو ئی تو لوگ بہت مایوس ہوئے اور اہل حق کی ہمت بندھی۔ نیز کمزوروں کے ایمان میں تازگی آئی۔‘‘ (ماخذ کتاب : محمد بن عبدالوہاب … از مسعود عالم ندوی، صفحہ ۳۷)
Allah Es Fitne se Ummate Muslim ko hifazat farmaye...Aur en logon ko Chahiye Pehle Uttarakhand me Jo majharain girayee gayee hai usko banwa lo fir jannahtul baqi ki bat Karo...💯🌸🌸🌸
(8) हज़रत इमाम इब्न ए जौज़ी फ़रमाते हैं:-जब मेरी बीमारी बहुत ज्यादा खराब हो गई और मैं अपनी बीमारी से आ गया, तो मैं सालिहें की कब्र पर जाता और उन औलिया के वसीले से अल्लाह से दुआ करता तो मुझे मौला के करम से आराम मिल जाता।सईद अल-ख़ातिर [प्रकाशित दार अल-क़लम दमिश्क सीरिया खंड 1 पृष्ठ 93
@@Abdulazizuddin786 seriously 😂😂😂😂.. Neem hakeem khatre mai jaan . Pahli baar toh ye gumbad banane ka culture church se aaya hai aur ye Islamic aur arbs culture nahi hai ye banwaya gya Ottomans ne ..aur ek aur baat islam main aap kabar ko ucha nahi kr sakte na hi uspe kuch bana sakte hai... Toh ye mazar pe gumbad banane ki shuruwat badut baad main aayi aur laya bhi un logo ne jo islam mai aaye lakin apne wo purana culture bhi apne saath le kr aaye ..sahab ke time Tak yaha pe diwaar thi
(15) हज़रत इमाम ज़हबी अलिहिरेहमा 748 हिजरी लिखते हैं:अंबिया और औलिया की क़ब्र शरीफ़ के नाज़दिक दुआ क़ुबूल होती है और इसी तरह तमाम मज़ारत के नाज़दिक भी दुआ क़ुबूल होती है [सियार अलमुल नुबाला खंड 17 पृष्ठ 77]
(10)इब्न कसीर इब्न तैमियाह का शागिर्द लिखते हैं:लोग हज़रत उम्मे हरम की क़ब्र मुबारक की ताज़ीम करते और उनकी क़ब्र पर जाकर उनके वसीले से बारिश की दुआ करते और कहते हैं कि ये एक मुत्तक़ी औरत की क़ब्र हैसंदर्भ: अल बिदाया वान-निहाया प्रकाशित दार हजर ओमान खंड 10 पृष्ठ संख्या 229
Q ki Islam me pakki kaber banane ki ijzat nahi hai. Pakki kaber jahan jahan hai wahan log kaber per SAJDA karne lagte hai Allah ke alava kisi ka bhi sajda karna haram hai .chahe woh waqt ka nabi hi Q na ho.
Vo logo ka Amal he log to Chode Molvi Hazrat to Ajkal Madarso me ladko ke rape kar rhe he to Madarse bhi Band kardo..? Qubur ki Ziyarat ko islam ne Jayaz banaya he..
Pyare Aaka Mohmmad Sallallaho Alyhe w Aalhi wssallam ne frmaya ki kbro ki jiyart kro jo tumhe Aakhirt ki yad dilati hay..... ... Mzaro ki safar krna es Hdees se hargij sabit nhi hota...... Aam kbristan me jane par tuti futi kbre dekhne se aakhirt yad aata hay..... .n ki Mzar???....mzar pe to jo aakhirh yad hay wo vi bhul jate hay.... trah trah ki sjawt... trah trah ki layting...khi kumkume jal rhi hay to khi 9man ka deg pak rha hay.... khi biryani khi tikka kbab....khi kwwali...khi dholak..khi binju...rwnk hi rwnk jo aakhirh yad hay wo vi bhul jate hay... jbki 👇en👀 Hadeeso me Pyare Aaka ne kbar Ki jiyart ka maksad Aakhirt ki yad dilana btaye hay... ☪Sunnan e Abu Dawood Hadees # 3234 حَدَّثَنَا مُحَمَّدُ بْنُ سُلَيْمَانَ الْأَنْبَارِيُّ، حَدَّثَنَا مُحَمَّدُ بْنُ عُبَيْدٍ، عَنْ يَزِيدَ بْنِ كَيَسَانَ، عَنْ أَبِي حَازِمٍ، عَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ، قَالَ: أَتَى رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ قَبْرَ أُمِّهِ، فَبَكَى وَأَبْكَى مَنْ حَوْلَهُ، فَقَالَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ: اسْتَأْذَنْتُ رَبِّي تَعَالَى عَلَى أَنْ أَسْتَغْفِرَ لَهَا، فَلَمْ يُؤْذَنْ لِي، فَاسْتَأْذَنْتُ أَنْ أَزُورَ قَبْرَهَا، فَأَذِنَ لِي، فَزُورُوا الْقُبُورَ، فَإِنَّهَا تُذَكِّرُ بِالْمَوْتِ . رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم اپنی والدہ کی قبر پر آئے تو رو پڑے اور اپنے آس پاس کے لوگوں کو ( بھی ) رلا دیا، پھر آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: میں نے اپنے رب سے اپنی ماں کی مغفرت طلب کرنے کی اجازت مانگی تو مجھے اجازت نہیں دی گئی، پھر میں نے ان کی قبر کی زیارت کرنے کی اجازت چاہی تو مجھے اس کی اجازت دے دی گئی، تو تم بھی قبروں کی زیارت کیا کرو کیونکہ وہ موت کو یاد دلاتی ہے ۔ Sahih Hadees ☪Sunnan e Nisai Hadees # 2036 أَخْبَرَنَا قُتَيْبَةُ، قَالَ: حَدَّثَنَا مُحَمَّدُ بْنُ عُبَيْدٍ، عَنْ يَزِيدَ بْنِ كَيْسَانَ، عَنْ أَبِي حَازِمٍ، عَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ، قَالَ: زَارَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ قَبْرَ أُمِّهِ، فَبَكَى وَأَبْكَى مَنْ حَوْلَهُ وَقَالَ: اسْتَأْذَنْتُ رَبِّي عَزَّ وَجَلَّ فِي أَنْ أَسْتَغْفِرَ لَهَا فَلَمْ يُؤْذَنْ لِي، وَاسْتَأْذَنْتُ فِي أَنْ أَزُورَ قَبْرَهَا فَأَذِنَ لِي، فَزُورُوا الْقُبُورَ، فَإِنَّهَا تُذَكِّرُكُمُ الْمَوْتَ . رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے اپنی ماں کی قبر کی زیارت کی، تو آپ خود رو پڑے اور جو آپ کے اردگرد تھے انہیں بھی رلا دیا، اور فرمایا: ”میں نے اپنے رب سے اجازت چاہی کہ میں ان کے لیے مغفرت طلب کروں تو مجھے اجازت نہیں ملی، ( تو پھر ) میں نے ان کی قبر کی زیارت کرنے کی اجازت مانگی تو مجھے اجازت دے دی گئی، تم لوگ قبروں کی زیارت کیا کرو کیونکہ یہ تمہیں موت کی یاد دلاتی ہے“۔ Sahih Hadees
Jannatul baqi qabristaan buhut khubsurat hai ase hi qabristaan india Pakistan mai hone chahiye or ajmer ho ya koi or qabar usko sirf or sirf jannatul baqi ki tarh Hona
(2) सबसे पहले ये जान लेना चाहिए कि औलिया ए किराम हो या अम्बिया अलैहिस्सलाम हो सबकी क़ब्र अंदर से कच्ची ही होती है और ये जो क़ब्र पक्की होती है ये उपर से होती है और उसके ऊपर मज़ार बनाया जाता है।
Fitna mat felao bhai, ittehad ke sath raho. Kisi sahaba ne huzur ki mazhaar banai hai to batao wo to khud huzur ki wafaat se kareeb 650 saal baad bani hai
(1) हज़रत अबू हुरैरा رضي الله عنه से रिवायत है कि रसूलुल्लाह ﷺ ने फरमाया क़ब्रो की ज़ियारत करो क्योंकि ये तुम्हें आख़िरत की याद दिलाता है।(सही मुस्लिम जिल्द 3 हदीस 5114)
Kachi kabre Akhirat yad dilati h. Pakki qabre taj majah maqbare ki yad dilati h
नबी s.a.w. ने पक्की क़ब्र बनाने उसपे इमारत बनाने और उसपर मुजाविर बैठाने से मना फरमाया
Mishkat 1697 sahih हदीस
@@mu9585acha madina m gummad e khizra bana h kya wo to saudi hukumat ka bas nhi chla nhi to saudi usko bhi tod deta smjhe majar kachhi hi hoti h tu mulla ki suna pr shi nhi smjha kabar andar ka hissa khelata h upar ka hissa kabr nhi khelata smjha
Molanao ko to saudi hukumat yhe sb felaane k liye hi paisa de rhi thi aaj tk pr ab jb uska cahera mhu sb khul gaya pure islami duniya m
इमाम इब्ने हजर असकलानी अल मुतवफ्फा 852 हिजरी फतहुल बारी शरह सही बुखारी के मुकद्दमे में लिखते है कि जब इमाम बुखारी को कब्र में दफन किया गया तो उनकी कब्र से मुश्क और अम्बर की खुशबू आने लगी तो लोग इमाम बुखारी की कब्र पर आ कर उनकी कब्र की मिट्ठी से बरकत लेते फिर उनकी क़ब्र को चारो तरफ से इमारत (बिल्डिंग) बना दी गई।
.
रिफ्रेंस फतुल बारी शरह सही बुखारी देवबंद पाकिस्तान द्वारा प्रकाशित पृष्ठ संख्या 99
(3)सैय्यदना इब्ने उमर رضی ﷲتعالی عنہ बयान करते हैं के रसूल अल्लाहﷺ ने फरमाया: जिस ने मेरी क़ब्र की ज़ियारत की- उसके लिए मेरी शफ़त वाजिब हो गई।(सुनन दारकुतनी/जिल्द 2/हदीस-2695)
सवामी जी बाबरी मस्जिद जी जगह मंदिर बनाई गई उस वत कहाँ थे
वहाबी है क्या बे ईमान चोर
Jab soudi me sharaab ke dukaan khul rhi thi to kha the tum log
Tab India me the😅
@@HaiderNaqvi-or5yp ना सऊदी में शराब की दुकान खुलना चाहिए थी ,ना जन्नतुल बकी म्यसमार होना चाहिए थी और ना ही बाबरी मस्जिद शाहिद होनी चाहिए थी
यह सब करने वाले दज्जाल की औलादें हैं
Kisne kaha babar dabaur masjid?? Temple todkar masjid banaya ho
Abhi aur bhi hai jo jo Hamra hai usa hum fir se lenge
Koi protest masjid e Aqsa k liye bhi kar le... Gaza mei 200 din se masoom bachhe Shaheed ho rahe hai 😢
Sahi kaha Jo log Qabar me hai unhe koi farq nahi padta,
Aur jo Falasteen Gazza me rozana hazaro log maare Jaa rahe hai unki koi fikar nahi.
Durood o salaam ho Ya janabe Syeda Fatima Zehra Alhslm par👑👑⭐⭐🌛🌛💫💫✨🌟
Aap S.A.W ne Qabro ko pakka banane se mana farmaya hai. Labbaik ya Rasoolallah.
(11)हज़रत बिलाल رضي الله عنه जब शाम से मदीन शरीफ आए तो हुज़ूर ﷺ की बारगाह में सलाम के लिए हाज़िर हुवे और रोने लगे और अपने चेहरे को हुज़ूर की मजार-ए-अक़दस पर रख्कर उसे मलना और चुमना शुरू कर दिया।
संदर्भ: तारीख मदीनतुल दमिश्क खंड 7 पृष्ठ 137 और वफ़ा उल वफ़ा पृष्ठ 217
Mashallah❤
लब्बैक या रसूलुल्लाह
हिन्दू भाई कितने समझदार हैं
इन वहाबी देवबंदी तबलीगी शैतान के सींग से
Tab tu bhi Hindu ban ja teri bhan to ban hi gai h tu bhi ban ja koude😂😂😂
عن أبي الهياج الأسدي قال: قال لي علي رضي الله عنه : «ألا أَبْعَثُك على ما بَعَثَني عليه رسول الله صلى الله عليه وسلم ؟ أن لا تَدْعَ صُورَةً إلا طَمَسْتَها، ولا قَبْرًا مُشْرِفًا إلا سَوَّيْتَه».
[صحيح] - [رواه مسلم]
المزيــد ...
ابوالھیاج اسدی سے روات ہے وہ بیان کرتے ہیں کہ علی رضی اللہ عنہ نے مجھ سے کہا: کیا میں تمہیں اس کام کے لیے نہ بھیجوں جس کام کے لیے مجھے رسول اللہﷺ نے بھیجا تھا؟ (وہ یہ ہے کہ) کوئی بھی مجسمہ نہ جھوڑنا مگر اسے مٹا دینا، اور نہ کوئی اونچی قبر چھوڑنا مگر اسے زمین کے برابر کر دینا۔
صحیح - اسے امام مسلم نے روایت کیا ہے
Deen Islam me yh hukum h baqi aap apne mazhab ka manoranjan musalmano ke qabrastano pr kyu Krna chahte ho?
Thanks NDTV for this info..
अल्लाह रब्बूल इज्जत से दुआ है की मेरे आका मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहु तआला अलैही व सल्लम इनके सदके तुफैल सल्तनत एक उस्मानिया का दौर फिर से आये और नाजायज आले यहुद की हुकूमत खत्म हो जाये. आमीन.
Labbaik ya Imam
labbaik ya zehra ❤❤❤😢😢😢
(2)सैय्यदना इब्ने उमर رضی ﷲتعالی عنہ बयान करते हैं के रसूलअल्लाहﷺ ने फरमाया: जिस शक्स ने मेरी वफ़ात के बाद मेरी क़ब्र की ज़ियारत की तो उसने गोया मेरी ज़िंदगी में मेरी ज़ियारत की।(सुनन दारकुतनी/जिल्द 2/हदीस-2693)
(7)बिलाल बिन हारिस رضي الله عنه रसूलुल्लाह ﷺ की क़ब्र ए अक़दस पर गए और रसूलुल्लाह ﷺ से बारिश की दरख्वास की ख्वाब में जवाब मिला और ख़ूब बारिश हुई।संदर्भ: फतुल बारी शरह साहिह अल बुखारी अल हाफिज इब्न हजर अल असकलानी हदीस 1010
Labbek ya MAA FATEMA ZAHRA.
Aale saud par lanat bhejne ko Allah Allah hidayat de or tuhid ki samajh de aameen ya rabbal alameen
Kya tumnay wahan jaker dekha ya WhatsApp University se knowledge lene lage,
लगता है ब्रिटिश यहूदी पैदावार हिजड़ा आले सऊद नस्ले यहूद वहाबी देवबंदी शैतान इसका बाप है
Subhan Allah beshak e Ali rasul ka Roja hona chahie
Inko Saf Sutra islam nhi chahiye jo har khule chhipe shirk se pak ho ....khalis Allah ki ibadat karne me mushrik e makka ki tarah pareshani hoti hai .... ❤Allah pak farmate hai vo log guzar Gaye unse unki puchh hogi aur tum se.tumhari ..❤ apne amaal achhey karne ke bajaye faltu jizo me pade huye hai ...age Jake kaba ke ander jitne boot the vo ye log bolenge rakh do ...fir nange tawaf bhi karne ko kahenge ....😢 Abhi wakt hai apne amaal ki fikr karo jispe jannat dozakh faishla hone wala hai in sab kamo se nuksan ke alawa kuchh bhi hasil nhi hoga😞😞😞🤲🤲🙏🙏🕋🕋🕋🕋🕋
Yahoodi ka bachcha hai tu munafik ,Arab me sharab bech rha hai Tera bap wahabi najdi nach gana cenema khol diya butkhana bana rha hai bhishri ke wo galat nahi hai Dubai ka shekh mandir me Pooja kar rha hai wo shirk nahi hai ,ye sab wahabi munafik firka me jaiz hai
Isme shirk kya h
Tmuhare baap ne Dubai me Jo mandir banaya h WO kya tumhari amma ki h
Kya re saitan dajjal
Acha beta g 1925 se pahle sab shrik mein mubtila the 1925 k bad he deen Aya aqal k andhe allah sab ko deen ki samjh nahi aata karta
Inshallah zarur tameer hoga اَلسَّلامُ عَلَيْكِ يا بِنْتَ رَسُولِ اللهِ،
SAPNE Mein
😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
Inshallah zarur bnega or tm bhi dekhoge fikar mt karo
Beshak
(12)हज़रत उमर फ़ारूक़ رضي الله عنه के ज़माने मे केहत पारा एक सहाबी बिलाल बिन हारिस رضی اللہ عنہ ने रसुलुल्लाहीﷺ कि मज़ार शरीफ़ पर हाज़िर हो कर अर्ज़ की, या रसूलुल्लाह ﷺ अपनी उम्मत के लिए बार इस की दुआ फरमाये वो हलक हो रही है।
अल-मुसन्नफ इब्न अबी शायबा जिल्द 011, पृष्ठ संख्या 118, हदीस संख्या 32538
Insha allah zarur banega
Jannaut Baqi was a Mausoleum of Hazarat Fatima Zehra ( s. a) Daughter of prophet Mohammed peace be upon him. And Hazrat Imam Hasan Son of Imam Ali. Which was Demolished by Saudi king.
Millions of people Demand of Rebiuld of Jannutal Baqi😢
Ali sheb thanku love u from kashmir raising this issuue
❤❤❤❤❤❤
(5)हज़रत उरवाह رضي الله عنه फ़रमाते हैं कि ‘ वलीद इब्ने अब्दुल मालिक के ज़माने में रोजा़-ए-रसूल अल्लाह ﷺ की एक दीवार गिर गई "फाखाजू फि बेनाईही"हज़रत वलीद ने हुकम दिया के तामीर करो सब उसे बनाने में मशगुल हुए। "फबादत लाहुम कादामुन फफाजौ वा जननू अन्नहा "
Ya Allah Fatima zahra s.a ka roza jald se jald tameer ho Elaahi aameen ❤❤❤😢🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Allah Pak Qayamat ke din mujhe jannatul baqi se uthaye
अगर कबरों पर इसी तरह मजार बनते रहे तो हिंदुस्तान पाकिस्तान की तरह सऊदी में लोग हज करने नहीं कब की जियारत करने ही जाएंगे और वहां पर नजरो Niyaz करने लगेंगे
Kya saudi mein sharab jayez hai kya waha nachna gana jayez hai band karwao
@@NaqiAbbas-vs1zg जब आपके उलेमा आपको कहते हैं ढोल मत बजाओ मजारों पर तवाफ मत करो तो आप बंद कर देते हैं दूसरों से क्यों उम्मीद करते हो दुनिया में सब अपनी मर्जी कर रहे हैं जिसे हिदायत मिलेगी वह सीधे रास्ते पर चलेगा और वही कामयाब होगा और जो नहीं चलेगा उसका हिसाब किताब अल्लाह ताला करेगा जबरदस्ती उसे रोकना चाहिए जो दूसरों के लिए परेशानी बन रहा हो
Kya re saitan dajjal iblis
@@mhommadahmad1060 Konsi hidayt ki baat kr rhe tum Arab aur hind tum ek me Mila rahe ho yah loktantar hai pr Arab me Islamik desh hai tum galat bole ho waha par najar jyada rakkhi jayegi Agar Ahlehadiso me aur devobandi me dmm hai to madeena Sharif ko dhaah de hai gaad me dm madeena Sharif ko Q nhi Tod rahe hai Abe munfaiq jis din madeena Sharif ek hathaoda lagega Qashm hai us Rabbe juljulal ki Ruwaye jameen pr ek bhi Ahle hadis aur devobandi nhi Rahega
@@zabiullahakhan7883 वहां पर खूब मजरे थे इसीलिए तोड गई क्योंकि तुम जैसे लोग जाकर वहां नजरों नेआज करने लगे थे
Allahu Akbar
Ahlebait as se bughz Allah ke azaabo me se ek azaab hai
@RebuildJannatulBaqi
Khubsurat qabron se qabr pratishat hoti hai log is traf ragib hote hai
(9)हज़रत इमाम इब्ने ए शैबाह् رحمتہ اللہ علیہ अल मुतवफ़्फा 262 हिजरी लिखते हैं:हज़रत सईद बिन ज़ुबैर बिन मुत्तिम رضي الله عنه रिवायत करते हैं मैने सहाबी ए रसूल हज़रत उस्मान बिन मज़ून رضي الله عنه की क़ब्र मुबारक को, हज़रत मुहम्मद बिन अली इब्ने अल हनफ़िया के घर में देखा। (तारीख मदीनतुल मुनव्वरा, खण्ड 1, पृष्ठ 101)
(13)हुजूर नबी करीम ﷺ कि क़ब्र की ज़ियारत करने वाले के लिए मुस्तहब है कि जब उसकी नज़र मदीना तय्यबा के मुआहिद हरम, खजुरोन और मकान पार पड़े से दरूद-ओ-सलाम पढ़े। मदीना मुनव्वरा के मैदानों की ताज़ीम, मदीना तैय्यबा की मंज़िल और घास वाली ज़मीन की इज़्ज़त ज़ेहन में रखे। क्योंकि ये वो जगहें हैं जो वही और नुज़ूल-ए-कुरान से आबाद हुई अबुल फ़ुतुह जिब्रील और अबुल घनैम कसरत से यहां आते थे। इस ज़मीन पर सैयदुल बशर तशरीफ़ फ़ार्मा हैं। अल्लाह ﷻ का दीन और रसूलल्लाह ﷺ की सुन्नत यहां से फैली है। ये जगहें ही फजीलतन और खैरात की मुशाहिद हैं, बरहीन वा मोजिजात की मुशाहिद हैं। ये अज़मत इस्लिए ज़ेहेन मी रक्खे ताकी आप की हैबत, तज़ीम, इजलाल और मोहब्बत से लबरेज़ हो जाए तरह आप की तज़ीम वा इजलाल रखे जैसे आप ﷺ को सामने देख रहा है। ये यकीन रखे की आपका सलाम सुन रहे हैं। और तकलीफ़ में आप इसके मददगार हैं।
(अल-क़ौल बदी पीजी.402)
Mashaallah
Allah hu Akbar❤❤❤❤❤
(6)कदमुन्नबी अलैहिस्सलाम एक कदम ज़ाहिर हो गया तो लोग घबरा गए और समझ गए कि ये हुजूर ﷺ का कदम-ए-पाक है हजरत उरावा رضي الله عنه ने कहा की अल्लाह की कसम ये हुजूर ﷺ का क़दम नहीं है ये हज़रत उमर-ए -फ़ारूक़ رضي الله عنه का कदम हैं पूछा कितने साल बाद निकला कहा के कई साल बाद निकला फरमाते है पैर ऐसा था जैसा ज़िंदो का होता है।सही बुखारी, खंड 2 हदीस:1390
Labbaik ya hussain labbaik ya hussain ❤❤❤❤
वहाबी का ही देन है की इस्लाम दुश्मन के साथ मिले हुवे है
अबे बरेलवी तुम मुसलमानों के नाम पर धब्बा हो। नमाज, रोजा , जकात, हज को करते नहीं हो। शिर्क और बिद्अत का रास्ता पर चलते हो । आल्लाह तुझे हिदायत दे इस्लाम के सही रास्ते पर चलने की। बाकी इन्शाल्लाह सऊदी में कोई कब्र पक्की नही बनेगी।
Aor tum log bjp se Kyunki siyaah log bjp ko vote dete hai Lucknow me pata kar lo
@@yasirsyed9893lado me faltu me
@@yasirsyed9893 logic koi tum pink rumaal walon se seekhay...
Kabro ke business ala hazrat 🤣
Inshallah Aamin ❤️❤️💝❤️❤️
Dubai Mandir banaa sakta hai to Saudi kya Mazar BB Fatima ka Nahin banaega
इल्म की कमी की वज़ह से आपके हर दिल अज़ीज़ शियाओं की बहादुरी के क़िस्से सुनाऊँ!
1. नबी (ﷺ) के दीन को ठुकरा कर और सहाबाओ के ख़िलाफ़ जाकर, इस्लाम को ठुकरा कर सबसे पहले इस्लाम से अलग होकर ख़वारिज बने!
2. इस्लाम के दूसरे ख़लीफ़ा और जन्नत की बशारत वाले सिहाबा हज़रत उमर बिन अल-ख़त्ताब (رَضِيَ اللهُ عَنْهُ) को शहीद किया!
3. इस्लाम के तीसरे ख़लीफ़ा और जन्नत की बशारत वाले सिहाबा हज़रत उस्मान बिन अफ़फ़ान (رَضِيَ اللهُ عَنْهُ) को शहीद किया!
4. रसूल (ﷺ) के सिहाबी ज़ुबैर बिन अल-अववाम् (رَضِيَ اللهُ عَنْهُ) को शहीद किया!
5. रसूल (ﷺ) के सिहाबी अम्मार बिन यासिर (رَضِيَ اللهُ عَنْهُ) को शहीद किया!
6. रसूल (ﷺ) के सिहाबी तल्हा बिन उबैदुल्लाह (رَضِيَ اللهُ عَنْهُ) को शहीद किया!
7. रसूल (ﷺ) के सिहाबी साद बिन अबी वक़ास (رَضِيَ اللهُ عَنْهُ) को शहीद किया!
8. रसूल (ﷺ) के सिहाबी अब्दुर रहमान इब्न ओफ़ (رَضِيَ اللهُ عَنْهُ) को शहीद किया!
9. रसूल (ﷺ) के सिहाबी अबू ज़र अल गिफ़ारी (رَضِيَ اللهُ عَنْهُ) को शहीद किया!
10. रसूल (ﷺ) के सिहाबी हुज्र इब्न अदी अल-किन्दी (رَضِيَ اللهُ عَنْهُ) को शहीद किया!
11. आप रसूल (ﷺ) प्यारे हर मुस्लिम के प्यारे जन्नत के फूल, शहज़ादे हज़रत हुसैन (رَضِيَ اللهُ عَنْهُ) को शहीद किया!
क्या और भी बहादुरी के क़िस्से सुनोगे? आपके चहिते, हर दिल अज़ीज़, आपके सनम के? ग़ैरत आती है, आप जैसे नाम निहाद मुस्लिमों पर, जो जिस तरफ़ चाहे मुँह उठा कर चल पड़ते हैं, ना इल्म हासिल करने की जुस्तुजू ना नबी (ﷺ) के दीन से कोई नाता! बस नाम मुस्लिम वाला बाक़ी मुस्लिम होता कौन है कोई खबर नहीं!
अरे भाई इल्म हासिल करो! हक़ को चुनो क्यों अंधेरे में चले जा रहे हो! दिन-बा-दिन उम्मत ज़िल्लत की सीढ़ी चढ़ते जा रही है! अल्लाह उम्मत की हिफ़ाज़त फ़रमाए!
@@bhartiy6168 Maviya Bhi ese hi Jhuth phelata tha Ali a.s. ke khilaf aur aakhir me bughz e Ali me itna Haasid ho gaya ke usne aur uske pure khandan ne nabi s.a.w. ke khandan se Jung e ladi, aur unhe shaheed kiya.
(5)सैय्यदा आइशा رضي الله عنها फरमाते हैं के एक रात मैं हुजूर ﷺ को ना पाया तो मै आपकी तलाश में निकली या क्या देखती हूं हुजूर ﷺ जन्नत उल बकी (कब्रिस्तान) में है...... फिर हुजूर ﷺ ने फरमाया अल्लाह ताला 15वी शाबान की रात को आसमान ए दुनिया पर तजल्ली फरमाता है और बनु क़ल्ब के बकरियों के बालों से ज़्यादा लोगों की मगफिरत फरमाता है। (हसन हदीस)मुसनद अहमद इब्न हनबल हदीस 25896
🤲
Rebuild jannatulbaqi
(10) तो मालूम हुआ कि अल्लाह के खास बंदों की अज़मत के लिए उनकी कब्रों को महफूज और पहचान के लिए किसी इमारत (बिल्डिंग) के अंदर बनाना जाईज़ है, हजरत उस्मान बिन मज्जून رضي الله عنه पहले सहाबी हैं जिनका विसाल मदीना शरीफ में सबसे पहले हुआ.हज़रत सुलेमान علیہ السلام ने वही ए इलाही के मुताबिक हज़रत आदम علیہ السلام हज़रत इब्राहीम علیہ السلام हज़रत इसहाक़ علیہ السلام हज़रत याक़ूब علیہ السلام हज़रत यूसुफ़ علیہ السلام की क़ब्रो पर क़ुब्बा नूमा छत बनादी - संदर्भ( अटलस उल कुरान -[प्रकाशित सऊदी नज्द रियाद / पृष्ठ-85).
Inshallah bnegi ek n ek din
Allah pak Sub loguin ko neek rah per chal ne ki toufique aata kare Amin
Zinda insaan ki qadar Karo palastin ke hazaro Masoom bacho ko shahid kar ra hai
Ji han philisteen ka sath wahi de rahe hai jo aale rasool ki qabron ka eteram kerte hai
56 behano ka hai ak bhai. .Iran zindabad
Sab hijre bhade pade hue hain Saudi hijra UAE hijra Oman hijra Qatar hijra Kuwait hijra Jordan hijra Turkey hijra।
Bas ak hi mard Iran hai ye saabit ho gaya
Yahi Aale Rasul sw ke chahane wale hi philistin Ka Sath de rahe hain dost
Aur rasule Khuda sw Ki iklauti Beti janabe Fatima sw
Roza Tod Diya Saudi Arab jo America ki Chahte Hain
Sahabo k daur m mazar nhi tha Qabar thi
(11)हज़रत सैय्यदा आमीना رضي الله عنها की क़ब्र ए अकदस.हज़रत इमाम इब्ने शैबाह رحمتہ اللہ علیہ अल मुतवफ्फ़ा (262) सनद के साथ लिखते हैं.हज़रत अम्र बिन आस رضي الله عنه से रिवायत है जब रसूल अल्लाह ﷺ की उम्र मुबारक 6 साल थी तब मक्का मुकृरमा और मदीना मुनव्वरा के बीच में वादी अल अबवाह में रसूल अल्लाह ﷺ की वालिदा सैय्यदा अमीना رضي الله عنها का विसाल हो गया, “मक्का से दूर होने की वजह से रसूल अल्लाह ﷺ के ननीहाल क़बीला ए आदि बिन नज़र ने सैय्यदा आमीना رضي الله عنها की कब्रे अक्दस को तामीर करवाया जिस से के उनकी ज़ियारत हो सके.(तारीख ए मदीनतुल मुनव्वरा, खंड:1, पृष्ठ:117
Islam me qabar ko pakka krna haram h
Aam insan aur wali me farq samjho nhi to gustakhi kar baitho ge ALLAH ke dost hote hai Waliullah ALLAH unse razi hota hai aur wo ALLAH se razi hai ,aur wali bujurgane Deen log kabhi marte nahi balke parda karte hai wo jinda hai apne kabro pe lakin hmlog nahi dekh sakte ,hmlog aam insan gunaho ke putla hai lakin wo log to ALLAH ke khash hai
@@MRRocky-lf2qchazrat ali ne khud kaha hai ki ye krna haram hai...
Kisi wali pali ki aukat nhi hai hazrat ali se panga le..
Sirk se pak hai jantul baqi
Qabar ibadat ki jagah nahi hota hai
Bewakof , tujhse kisne kaha ki Qabar ibadat ki jagah h ?
Khud masjidul haram me kabe ke pas hijre ismaril me bibi hajera awr hazrate ismarl ki qabr hai mager jahilon ko jo suna diya jae wo tote ki tarah ratte rahenge .kiya masjedul haram ibadatkhana nahi hai
Israel kaa paltu Kutta...
@@sh-ft1smJ@HIL tera B@@P
Khomeni Hain
😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
Banu umayya follower spotted
Yaha Sayeeda Fatima Zahra Bint ea Mohammad Rasool Allah s.a.w ki Qabar Mubarak hai koye waha nahi ja sakta na pak bandha koye Aam nahi hai Sayeeda Fatima Zahra 💕💕
Swami ji Babri masjid sahid hua to kahan the? Saudi jane ki zaroorat ni ha kuch Hindustan me a66a kijiye taake amn o vaichara barqarar rhe
Rouza bana kar puja pat shuru karna hai kya
Pooja Patha Nahi
Mohammad Mustufa Sallallahu Alaihi Wasallam Ki Chaheti Beti Aur Khatoon'e Jannat (sa) Ka Roza Banakar Palestine Mei Jaise Apne Haqeeqi Sunni Bhaiyo'n Aur Ummat'e Muslima Par Agar Zulm Ho To Mazloomo Ki Himayat Kaise Ki Jati Hei Ye Sikhana Hei Aap Jaise Aur Arab Jaise Aiyyash Huqmrano Ko ....
WAHABI KAAFIR HAI ISLAM SE KHARIJ HAI
Sadi Hui laas ko pujne se aacha hai ki puja path hi kar liya jaye
@@Thetruthhunter01Teri ma ki khoon nhi sahi hai
Lag ragha hai yazeed tera bap hai
@@Thetruthhunter01 Mera shiv_ling bhi puj le fir 🤡
شیخ محمد بن عبدالوہاب کا یادگار کارنامہ
خلیفہ دوم حضرت عمر بن خطاب ؓکے بھائی زید بن خطابؓ (جو جنگ یمامہ میں شہید ہوئے تھے) کے نام سے مقام جلبلیہ (وادی حنیفہ) میں ایک قبر تھی اس کا خاتمہ کیا، جو اس وقت کے لحاظ سے کوئی آسان کام نہیں تھا۔ ابن بشر اس قبہ کے انہدام کا واقعہ اس طرح بیان کرتا ہے۔
’’شیخ نے عثمان سے کہا : ’’آؤ اب اس قبہ کو مہندم کردیں جس کی بنیاد باطل پر رکھی گئی ہے اور جس کی وجہ سے لوگ راہ ہدایت سے بھٹک گئے ہیں عثمان نے کہا آپ ہی اسے ہدم کردیں۔‘‘ شیخ نے فرمایا کہ ہمیں اہل جلبلیہ سے خطرہ ہے، کہیں وہ ہمارے درپے آزار نہ ہوجائیں، آپ کی موجودگی کے بغیر میں ہدم نہیں کرسکتا۔‘‘ اس پر عثمان چھ سو آدمیوں کے ساتھ چلا، قریب پہنچنے پر اہل جلبلیہ نے بزورروکنے کا ارادہ کیا، لیکن جب انہوں نے عثمان کی طرف سے بھی پوری تیاری دیکھی، تو ہٹ گئے۔ اس پر عثمان نے شیخ سے کہا کہ ’’ہم قبہ کو چھو نہیں سکتے‘‘۔ اس پر شیخ نے ہتھوڑا (فاس) لیا اور اپنے ہاتھ سے قبہ کو گراکر زمین کے برابر کردیا اور کامیاب واپسی ہوئی۔ اس رات کو اطراف و نواح کے جاہل بے چینی کے ساتھ انتظار کررہے تھے کہ دیکھیں اس ناروا اقدام سے شیخ پر کیا مصیبت آتی ہے لیکن جسے اللہ رکھے اسے کون چکھے، جب
صبح ہو ئی تو لوگ بہت مایوس ہوئے اور اہل حق کی ہمت بندھی۔ نیز کمزوروں کے ایمان میں تازگی آئی۔‘‘
(ماخذ کتاب : محمد بن عبدالوہاب … از مسعود عالم ندوی، صفحہ ۳۷)
Saudi Arab zindabad
شیخ محمد بن عبدالوہاب کا یادگار کارنامہ
خلیفہ دوم حضرت عمر بن خطاب ؓکے بھائی زید بن خطابؓ (جو جنگ یمامہ میں شہید ہوئے تھے) کے نام سے مقام جلبلیہ (وادی حنیفہ) میں ایک قبر تھی اس کا خاتمہ کیا، جو اس وقت کے لحاظ سے کوئی آسان کام نہیں تھا۔ ابن بشر اس قبہ کے انہدام کا واقعہ اس طرح بیان کرتا ہے۔
’’شیخ نے عثمان سے کہا : ’’آؤ اب اس قبہ کو مہندم کردیں جس کی بنیاد باطل پر رکھی گئی ہے اور جس کی وجہ سے لوگ راہ ہدایت سے بھٹک گئے ہیں عثمان نے کہا آپ ہی اسے ہدم کردیں۔‘‘ شیخ نے فرمایا کہ ہمیں اہل جلبلیہ سے خطرہ ہے، کہیں وہ ہمارے درپے آزار نہ ہوجائیں، آپ کی موجودگی کے بغیر میں ہدم نہیں کرسکتا۔‘‘ اس پر عثمان چھ سو آدمیوں کے ساتھ چلا، قریب پہنچنے پر اہل جلبلیہ نے بزورروکنے کا ارادہ کیا، لیکن جب انہوں نے عثمان کی طرف سے بھی پوری تیاری دیکھی، تو ہٹ گئے۔ اس پر عثمان نے شیخ سے کہا کہ ’’ہم قبہ کو چھو نہیں سکتے‘‘۔ اس پر شیخ نے ہتھوڑا (فاس) لیا اور اپنے ہاتھ سے قبہ کو گراکر زمین کے برابر کردیا اور کامیاب واپسی ہوئی۔ اس رات کو اطراف و نواح کے جاہل بے چینی کے ساتھ انتظار کررہے تھے کہ دیکھیں اس ناروا اقدام سے شیخ پر کیا مصیبت آتی ہے لیکن جسے اللہ رکھے اسے کون چکھے، جب
صبح ہو ئی تو لوگ بہت مایوس ہوئے اور اہل حق کی ہمت بندھی۔ نیز کمزوروں کے ایمان میں تازگی آئی۔‘‘
(ماخذ کتاب : محمد بن عبدالوہاب … از مسعود عالم ندوی، صفحہ ۳۷)
Sare kabr pujne vale h...😢..humara yakin sirf Allah me h aur unke rasul me..
MAULA Karam Kare Aur ROZA Zaroor Taamir Ho... ❤
Allah Es Fitne se Ummate Muslim ko hifazat farmaye...Aur en logon ko Chahiye Pehle Uttarakhand me Jo majharain girayee gayee hai usko banwa lo fir jannahtul baqi ki bat Karo...💯🌸🌸🌸
इस्लामिक मामले में हिन्दु पंडित को नहीं पड़ना चाहिए।
Nice information ❤❤❤
(8) हज़रत इमाम इब्न ए जौज़ी फ़रमाते हैं:-जब मेरी बीमारी बहुत ज्यादा खराब हो गई और मैं अपनी बीमारी से आ गया, तो मैं सालिहें की कब्र पर जाता और उन औलिया के वसीले से अल्लाह से दुआ करता तो मुझे मौला के करम से आराम मिल जाता।सईद अल-ख़ातिर [प्रकाशित दार अल-क़लम दमिश्क सीरिया खंड 1 पृष्ठ 93
Beshak
Bilkul sahi kiya saudi hukumat 1925 me warna tum log wahan bhi puja paat shuru kardete
Jannatul baqee qabristaan hai
Mele ki jagah nahi
Saudi hukumat humari Jaan lele yaa Hume ta umr apna gulam banale aur jannatul baqi ko tameer karne ki ijazat de
Kyu Chadar chadhane ke liye, Bhai 5 waqt ki namaz time par padho ye farz hai
Masha Allah
Shukriya bhai ❤❤
Sahi protest hai .....I Support this protest .....love from India.....I love pak panjatan ....
Inshallah Qiyamat tak us jagha pe koi darga nahi banegi aur ab muhammad pbuh ke gumbad ki bari hai..
Sirf uska wait hai
Zubaan Sambhal Kar Baat Karo Aur Apne Alfaaz Par Gaur Karo imaan Khatam Hojayega
@@Abdulazizuddin786 seriously 😂😂😂😂..
Neem hakeem khatre mai jaan .
Pahli baar toh ye gumbad banane ka culture church se aaya hai aur ye Islamic aur arbs culture nahi hai ye banwaya gya Ottomans ne ..aur ek aur baat islam main aap kabar ko ucha nahi kr sakte na hi uspe kuch bana sakte hai...
Toh ye mazar pe gumbad banane ki shuruwat badut baad main aayi aur laya bhi un logo ne jo islam mai aaye lakin apne wo purana culture bhi apne saath le kr aaye ..sahab ke time Tak yaha pe diwaar thi
FounderMamluk Sultan Al Mansur Qalawun[1]Date established678 A.H. / 1279 C.E.[2][1]Completed678 A.H. / 1279 C.E.[2][1]MaterialsWood,[3] brick[4]
Thik kiya nabi ne bakki kabar mana farmaya hai😅😅
में सुन्नी हूं जन्नतुल बक़ी फिर से बननी चाहिए,,
Alle souid pr Allah ke laanat ho
Inshallah
Jai Siyaram 🚩🚩🚩🇮🇳
Qyamat qarib hai
(15) हज़रत इमाम ज़हबी अलिहिरेहमा 748 हिजरी लिखते हैं:अंबिया और औलिया की क़ब्र शरीफ़ के नाज़दिक दुआ क़ुबूल होती है और इसी तरह तमाम मज़ारत के नाज़दिक भी दुआ क़ुबूल होती है
[सियार अलमुल नुबाला खंड 17 पृष्ठ 77]
😢😢😢😢😢😢
😭💔
Jiske qabr par mazar bana hai wahan khurafat ho raha hai
(10)इब्न कसीर इब्न तैमियाह का शागिर्द लिखते हैं:लोग हज़रत उम्मे हरम की क़ब्र मुबारक की ताज़ीम करते और उनकी क़ब्र पर जाकर उनके वसीले से बारिश की दुआ करते और कहते हैं कि ये एक मुत्तक़ी औरत की क़ब्र हैसंदर्भ: अल बिदाया वान-निहाया प्रकाशित दार हजर ओमान खंड 10 पृष्ठ संख्या 229
Mashallah bhai aapne ye baat uthai
Q ki Islam me pakki kaber banane ki ijzat nahi hai. Pakki kaber jahan jahan hai wahan log kaber per SAJDA karne lagte hai Allah ke alava kisi ka bhi sajda karna haram hai .chahe woh waqt ka nabi hi Q na ho.
Reference please?
Aur quran se dena please
Vo logo ka Amal he log to Chode Molvi Hazrat to Ajkal Madarso me ladko ke rape kar rhe he to Madarse bhi Band kardo..?
Qubur ki Ziyarat ko islam ne Jayaz banaya he..
Pyare Aaka Mohmmad Sallallaho Alyhe w Aalhi wssallam ne frmaya ki kbro ki jiyart kro jo tumhe Aakhirt ki yad dilati hay.....
...
Mzaro ki safar krna es Hdees se hargij sabit nhi hota......
Aam kbristan me jane par tuti futi kbre dekhne se aakhirt yad aata hay.....
.n ki Mzar???....mzar pe to jo aakhirh yad hay wo vi bhul jate hay.... trah trah ki sjawt... trah trah ki layting...khi kumkume jal rhi hay to khi 9man ka deg pak rha hay.... khi biryani khi tikka kbab....khi kwwali...khi dholak..khi binju...rwnk hi rwnk jo aakhirh yad hay wo vi bhul jate hay... jbki 👇en👀 Hadeeso me Pyare Aaka ne kbar Ki jiyart ka maksad Aakhirt ki yad dilana btaye hay...
☪Sunnan e Abu Dawood Hadees # 3234
حَدَّثَنَا مُحَمَّدُ بْنُ سُلَيْمَانَ الْأَنْبَارِيُّ، حَدَّثَنَا مُحَمَّدُ بْنُ عُبَيْدٍ، عَنْ يَزِيدَ بْنِ كَيَسَانَ، عَنْ أَبِي حَازِمٍ، عَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ، قَالَ: أَتَى رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ قَبْرَ أُمِّهِ، فَبَكَى وَأَبْكَى مَنْ حَوْلَهُ، فَقَالَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ: اسْتَأْذَنْتُ رَبِّي تَعَالَى عَلَى أَنْ أَسْتَغْفِرَ لَهَا، فَلَمْ يُؤْذَنْ لِي، فَاسْتَأْذَنْتُ أَنْ أَزُورَ قَبْرَهَا، فَأَذِنَ لِي، فَزُورُوا الْقُبُورَ، فَإِنَّهَا تُذَكِّرُ بِالْمَوْتِ .
رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم اپنی والدہ کی قبر پر آئے تو رو پڑے اور اپنے آس پاس کے لوگوں کو ( بھی ) رلا دیا، پھر آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: میں نے اپنے رب سے اپنی ماں کی مغفرت طلب کرنے کی اجازت مانگی تو مجھے اجازت نہیں دی گئی، پھر میں نے ان کی قبر کی زیارت کرنے کی اجازت چاہی تو مجھے اس کی اجازت دے دی گئی، تو تم بھی قبروں کی زیارت کیا کرو کیونکہ وہ موت کو یاد دلاتی ہے ۔
Sahih Hadees
☪Sunnan e Nisai Hadees # 2036
أَخْبَرَنَا قُتَيْبَةُ، قَالَ: حَدَّثَنَا مُحَمَّدُ بْنُ عُبَيْدٍ، عَنْ يَزِيدَ بْنِ كَيْسَانَ، عَنْ أَبِي حَازِمٍ، عَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ، قَالَ: زَارَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ قَبْرَ أُمِّهِ، فَبَكَى وَأَبْكَى مَنْ حَوْلَهُ وَقَالَ: اسْتَأْذَنْتُ رَبِّي عَزَّ وَجَلَّ فِي أَنْ أَسْتَغْفِرَ لَهَا فَلَمْ يُؤْذَنْ لِي، وَاسْتَأْذَنْتُ فِي أَنْ أَزُورَ قَبْرَهَا فَأَذِنَ لِي، فَزُورُوا الْقُبُورَ، فَإِنَّهَا تُذَكِّرُكُمُ الْمَوْتَ .
رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے اپنی ماں کی قبر کی زیارت کی، تو آپ خود رو پڑے اور جو آپ کے اردگرد تھے انہیں بھی رلا دیا، اور فرمایا: ”میں نے اپنے رب سے اجازت چاہی کہ میں ان کے لیے مغفرت طلب کروں تو مجھے اجازت نہیں ملی، ( تو پھر ) میں نے ان کی قبر کی زیارت کرنے کی اجازت مانگی تو مجھے اجازت دے دی گئی، تم لوگ قبروں کی زیارت کیا کرو کیونکہ یہ تمہیں موت کی یاد دلاتی ہے“۔
Sahih Hadees
Jannatul baqi qabristaan buhut khubsurat hai ase hi qabristaan india Pakistan mai hone chahiye or ajmer ho ya koi or qabar usko sirf or sirf jannatul baqi ki tarh Hona
Roze banenge to unki puza shuro ho jayegi behtar yahi jannatul baki isi tarha rahe...
Nach gana daro sharab larkiwazi isko khol rha hai kyuki wahabi najdi ka yahi to mazhab hai ,
Q ki tum log to Shakira ki Puja krte ho
Porn star ko bulwa kar nachwana Shirk nhi
Pooja shuru ho jayegi tera baap jake karega ya teri maa be bhaodi ke
Aur wahabde jo shaitaan ki pooja krye hai uskay be
(2) सबसे पहले ये जान लेना चाहिए कि औलिया ए किराम हो या अम्बिया अलैहिस्सलाम हो सबकी क़ब्र अंदर से कच्ची ही होती है और ये जो क़ब्र पक्की होती है ये उपर से होती है और उसके ऊपर मज़ार बनाया जाता है।
Ali bhai ❤
ha shirk karne k liye
Nabi ki beti ka Roza Shirq hai or Saudi me theatre aur sharab ki dukaan kholna Sawab hai 😂
wah re musalman 😊😅
दुबई में तेरे अब्बा किया करवा रहे हैं और सऊदी में किया किया शर्क है
@@najmi2016theatre sharab ki dukan bhi galat hai lekin in sabse bada gunah Shirk bidat hai 😊
@@sharpscreenprinterstum yazeedi ho ya converted ho tumhare dil bugz e Alhebait se bhare hue hai
@@001EngineeringTv I'm Muslim hum Quran aur Sahi Hadees ko follow karte hain.... Aur hum ahlebait Se Aapse Ziyada Mohabbat aur Ahtaram karte hain .....my sweet brother
(4) अब आईए हदीस से देखते हैं क़ब्र पर मज़ार बनाने का सबूत.
1925 se pahle Kamre Pakki thi per usse bhi pahle kabre aise hi Thi Jaise ab hai
Jhute bhadwa lanati Jahannami
Bahut accha hua Mazat kabr me badal gaya
Masaahalaha🇮🇳In pandit ji ka Sukriya Hum Sub milkar Hi Janutul baki ki Tamir maye Hisa Le gye Insaallah
Mashallah Geo mere bhai mola salamat rakhe sada ameen 🤲
Koi protest nahi kar raha h bss shiya kar raha h
Beshak
Shia hi Palestine ke liye bhi Awaz utha Rahey hain kyonki tumhare Papa Saudi ki to ankhen band hain 😂
Fitna mat felao bhai, ittehad ke sath raho. Kisi sahaba ne huzur ki mazhaar banai hai to batao wo to khud huzur ki wafaat se kareeb 650 saal baad bani hai
Down with Saudi Government
DushmNane ahlebait par lanat
Agr jannatul baqi rebuild ho gya to ye pakhandi log waha bhi chirag janala or shirk krna shuru kr denge
Jiyarte kbr se nhirokna chaiye
Hukumat ko hknhi kbron ki jiyarte kro Jo akhrat yad dlaye
Sallhu alannbiin wa alehi w slm
Rebuilt Janatul Baqi