कर ले सेवा बंदगी पाल पाल नाम उचार सैन मिली सतगुरु देव की तब उत्तर भाव जलपारा। सतनामको बंदगी साहिब
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- เผยแพร่เมื่อ 28 ก.ย. 2024
- कबीर इस जग में आए के अब ही जान पड़ी नहीं भरोसा सास का सिर पर मौत खड़ी। , मैं जानू हर दूर है हर हृदय के मांयै पर्दा पड़ा भरम का ताश में सूज। नायै। गुरु दीनदयाल हो मोर आत्म के आधार तुम छोड़ोगे हाथ से मोहे कौन उतरे पार। , गुरु नाम समर ले पाल पाल धरिए ध्यान कहे कबीरधर्मदास को तब पाव कल्याण। सतनाम सत्पुरुष कबीर साहब को बंदगी
सतनामबंदगी साहिब 🌹🙏🌹🙏🌹🌹🙏🌹
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