National Judicial Appointment Commission Bill introduces in Parliament | Rajeev Kumar | Capital TV

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  • เผยแพร่เมื่อ 15 ธ.ค. 2022
  • Amidst Collegium Row private member bill to regulate the appointment of judges through the National Judicial Commission was introduced in Rajya Sabha.
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ความคิดเห็น • 1.1K

  • @aruntariyal1322
    @aruntariyal1322 ปีที่แล้ว +137

    हम मोदीजी के सुप्रीम कोर्ट में सुधार का पुरजोर समर्थन करते हैं और आशा करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के judges पर लगाम लग पाएगी और जनता को समय पर न्याय मिल पाएगा .

    • @user-fg7uj8le6b
      @user-fg7uj8le6b ปีที่แล้ว

      सर,
      सबसे पहले कर्मठ, कार्य को लेकर गम्भीर एवं कर्त्तव्यपरायण सभी जजों एवं वकीलों को सादर- सहृदय प्रणाम।
      इस राष्ट्र की न्याय व्यवस्था के विषय में अपने स्वयं के निजी कटु अनुभव के आधार पर मैं कहना चाहता हूं कि इस राष्ट्र की न्यायिक प्रणाली में नीचे से लेकर ऊपर तक गम्भीर सुधारों की आवश्यकता है :-
      1) न्याय प्रदान करने में कई कई बरस- दशक निगल जाने वाली इस व्यवस्था में से छुट्टियों के गुच्छे पूरी तरह से समाप्त हों,
      2) जजों की सुनवाई और फैसले पूरी तरह से CCTV कैमरों के अंतर्गत हों,
      3) जजों के फैसलों की गुणवत्ता बारे जवाबदेही सख्ती के साथ सुनिश्चित हो, गलत फैसले देने वाले जजों को दंडित किया जाए; जजों को भगवान (MiLords) कहना आस्था, अध्यात्म और इन्सानियत का अपमान है, यह तुरन्त बन्द होना चाहिए,
      4) किसी भी केस पर तारीख़ पर तारीख पर तारीख़ पर तारीखों के अम्बार, जजों की मर्ज़ी या विवेक पर नहीं छोड़े जा सकते।
      न्याय प्रणाली में तारीख़ पर तारीख पर तारीख पर तारीख की रेल को रोकते हुए अधिक से अधिक केवल 6 महीने की अवधि में न्याय आवश्यक रूप से प्रदान हो जाए, इसके लिए चाहे तो न्याय प्रणाली को हस्पतालों की Emergency की तर्ज़ पर 24x7 घंटे 8- 8 घंटों की शिफ्टों में चलाया जाए।
      5) न्याय प्रणाली को सूचना के अधिकार अधिनियम- 2005 के तहत लाया जाए,
      6) वकीलों की फीसों की सख्ती के साथ capping हो,
      7) वकीलों द्वारा enroll किए जा रहे No. of cases को सीमित किया जाए, ताकि हर एक वकील अपने हर एक केस पर पर्याप्त समय दे पाए और बेवजह कोर्ट में तारीख पर तारीख पर तारीख ना ले पाए,
      8) वकीलों को Consumer Protection Act के अधीन लाया जाए,
      9) न्याय प्रणाली में कार्यरत सभी वकीलों की हड़तालों को ESMA कानून के अंतर्गत लाकर अवैध घोषित किया जाए,
      10) न्याय पालिका में मौजूद भ्रष्टाचार से निपटने के लिए CBI की एक खास dedicated wing को 24x7 घंटे सक्रिय रखा जाए, जो जजों पर 24x7 पैनी निगाह रखे और
      भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने वाले जजों को तुरन्त प्रभाव से, अविलम्ब नौकरी से बर्खास्त कर अंडमान निकोबार की Cellular जेल में भेजा जाए।
      11) न्याय की गुणवत्ता और निष्पक्षता के लिए एक ऐसा Mechanism हो जिसमें ना तो जज को ही ये पता चल पाए कि उसकी अदालत में किस वादी या वकील का केस चल रहा है और ना ही वादी, उसके वकील को ये पता चल सके कि उनका केस किस जज की अदालत में चल रहा है।
      12) कोर्ट की अवमानना की परिभाषा की समीक्षा की जाए कि कहीं कोर्ट की अवमानना का चाबुक दिखा कर पीड़ित जनता में अपने कटु अनुभव को लेकर मुखर होने पर पाबंदी और खामोश रहने की चेतावनी तो नही दी जा रही है !!!!
      13) जजों को उनके निर्णयों को लेकर पूरी तरह से जवाबदेह बनाया जाए। गलत फैसले देने वालों, भ्रष्टाचार में लिप्त या केवल तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख की नाव में चलने वाले जजों को पदच्युत करने की व्यवस्था इतनी जटिल ना रख, एक सरल एवं तीव्र व्यवस्था के तहत ऐसे जज साहेबान पर कारवाई होनी चाहिए।
      इस देश की न्याय प्रणाली में गम्भीर सुधारों की ज़रूरत है।
      तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख.......... देने वाली यह व्यवस्था अपना औचित्य खोती चली गई है।
      गम्भीर न्यायिक सुधारों के बाद ही इस देश में न्याय प्रणाली पटरी पर आएगी।
      वरना न्याय के इन्तजार में 10, 20, 30, 40 बरस तक किसी लाचार- भूखे- प्यासे कुत्ते की तरह इन्तजार करते रहना और इस देश की 4.5 करोड़ pending cases के चलते न्यायिक बदहाली सबके सामने है।

    • @MrUddaynaik
      @MrUddaynaik ปีที่แล้ว +1

      one and only modiji and yogiji have the guts to teach this people a befitting lesson

  • @narendrashukla9129
    @narendrashukla9129 ปีที่แล้ว +59

    कोलेजियम सिस्टम समाप्त होना चाहिए

  • @jaivirsingh9396
    @jaivirsingh9396 ปีที่แล้ว +47

    बीमार कानून व्यवस्था में सुधारों का स्वागत है

  • @indrajeet28
    @indrajeet28 ปีที่แล้ว +10

    कॉलेजियम प्रणाली के साथ साथ कोर्ट की छुट्टियां निरस्त करना ज़रूरी है।

  • @vimlasharma9834
    @vimlasharma9834 ปีที่แล้ว +47

    बहुत ही सुन्दर कहा है की लोग न्याय पाने के लिये जाते है
    पर वह ये नही जानते की न्याय मिलते मिलते मर जाते है पर न्याय नही होता
    आज सभी न्यायालय मे दस दस वर्षो से केस लम्बित है
    अतः सभी को कहा जाय कि तीन वर्षो के अन्दर निपटाने जाय

    • @sanatnegandhi5177
      @sanatnegandhi5177 ปีที่แล้ว

      Not only 10 years ..also 20 to over 30 years ..😓

  • @jaibeersharma8080
    @jaibeersharma8080 ปีที่แล้ว +76

    न्यायिक प्रक्रिया में बदलाव लाना अनिवार्य है 🙏🙏🙏

    • @hirenpatel4752
      @hirenpatel4752 ปีที่แล้ว +2

      Ektarfi kanooon me badlav hona jaruri he.

    • @vadansinghranawat5081
      @vadansinghranawat5081 ปีที่แล้ว +1

      Very essential to get Justice on time.
      Please stop Tarikh pe Tarikh.

  • @harishchander6685
    @harishchander6685 ปีที่แล้ว +109

    इन्हें न्यायालय तो भूलकर भी नहीं कहना चाहिए क्योंकि इनका न्याय से दूर-दूर तक भी वास्ता नहीं है

    • @user-fg7uj8le6b
      @user-fg7uj8le6b ปีที่แล้ว +1

      सर,
      सबसे पहले कर्मठ, कार्य को लेकर गम्भीर एवं कर्त्तव्यपरायण सभी जजों एवं वकीलों को सादर- सहृदय प्रणाम।
      इस राष्ट्र की न्याय व्यवस्था के विषय में अपने स्वयं के निजी कटु अनुभव के आधार पर मैं कहना चाहता हूं कि इस राष्ट्र की न्यायिक प्रणाली में नीचे से लेकर ऊपर तक गम्भीर सुधारों की आवश्यकता है :-
      1) न्याय प्रदान करने में कई कई बरस- दशक निगल जाने वाली इस व्यवस्था में से छुट्टियों के गुच्छे पूरी तरह से समाप्त हों,
      2) जजों की सुनवाई और फैसले पूरी तरह से CCTV कैमरों के अंतर्गत हों,
      3) जजों के फैसलों की गुणवत्ता बारे जवाबदेही सख्ती के साथ सुनिश्चित हो, गलत फैसले देने वाले जजों को दंडित किया जाए; जजों को भगवान (MiLords) कहना आस्था, अध्यात्म और इन्सानियत का अपमान है, यह तुरन्त बन्द होना चाहिए,
      4) किसी भी केस पर तारीख़ पर तारीख पर तारीख़ पर तारीखों के अम्बार, जजों की मर्ज़ी या विवेक पर नहीं छोड़े जा सकते।
      न्याय प्रणाली में तारीख़ पर तारीख पर तारीख पर तारीख की रेल को रोकते हुए अधिक से अधिक केवल 6 महीने की अवधि में न्याय आवश्यक रूप से प्रदान हो जाए, इसके लिए चाहे तो न्याय प्रणाली को हस्पतालों की Emergency की तर्ज़ पर 24x7 घंटे 8- 8 घंटों की शिफ्टों में चलाया जाए।
      5) न्याय प्रणाली को सूचना के अधिकार अधिनियम- 2005 के तहत लाया जाए,
      6) वकीलों की फीसों की सख्ती के साथ capping हो,
      7) वकीलों द्वारा enroll किए जा रहे No. of cases को सीमित किया जाए, ताकि हर एक वकील अपने हर एक केस पर पर्याप्त समय दे पाए और बेवजह कोर्ट में तारीख पर तारीख पर तारीख ना ले पाए,
      8) वकीलों को Consumer Protection Act के अधीन लाया जाए,
      9) न्याय प्रणाली में कार्यरत सभी वकीलों की हड़तालों को ESMA कानून के अंतर्गत लाकर अवैध घोषित किया जाए,
      10) न्याय पालिका में मौजूद भ्रष्टाचार से निपटने के लिए CBI की एक खास dedicated wing को 24x7 घंटे सक्रिय रखा जाए, जो जजों पर 24x7 पैनी निगाह रखे और
      भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने वाले जजों को तुरन्त प्रभाव से, अविलम्ब नौकरी से बर्खास्त कर अंडमान निकोबार की Cellular जेल में भेजा जाए।
      11) न्याय की गुणवत्ता और निष्पक्षता के लिए एक ऐसा Mechanism हो जिसमें ना तो जज को ही ये पता चल पाए कि उसकी अदालत में किस वादी या वकील का केस चल रहा है और ना ही वादी, उसके वकील को ये पता चल सके कि उनका केस किस जज की अदालत में चल रहा है।
      12) कोर्ट की अवमानना की परिभाषा की समीक्षा की जाए कि कहीं कोर्ट की अवमानना का चाबुक दिखा कर पीड़ित जनता में अपने कटु अनुभव को लेकर मुखर होने पर पाबंदी और खामोश रहने की चेतावनी तो नही दी जा रही है !!!!
      13) जजों को उनके निर्णयों को लेकर पूरी तरह से जवाबदेह बनाया जाए। गलत फैसले देने वालों, भ्रष्टाचार में लिप्त या केवल तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख की नाव में चलने वाले जजों को पदच्युत करने की व्यवस्था इतनी जटिल ना रख, एक सरल एवं तीव्र व्यवस्था के तहत ऐसे जज साहेबान पर कारवाई होनी चाहिए।
      इस देश की न्याय प्रणाली में गम्भीर सुधारों की ज़रूरत है।
      तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख.......... देने वाली यह व्यवस्था अपना औचित्य खोती चली गई है।
      गम्भीर न्यायिक सुधारों के बाद ही इस देश में न्याय प्रणाली पटरी पर आएगी।
      वरना न्याय के इन्तजार में 10, 20, 30, 40 बरस तक किसी लाचार- भूखे- प्यासे कुत्ते की तरह इन्तजार करते रहना और इस देश की 4.5 करोड़ pending cases के चलते न्यायिक बदहाली सबके सामने है।

    • @ranjityaadav2862
      @ranjityaadav2862 ปีที่แล้ว

      Mera to Manana Hai Ki Ab nyaypalika Mein Aise Dard Hona chahie ki yadi Pradhanmantri Koi Galti Kare Ek chup kar do Sidhe jail Sahi kaha na maine aur kya nyaypalika Mein Kathor Hona chahie na yah to Hoga

  • @jayprakashsharma3710
    @jayprakashsharma3710 ปีที่แล้ว +20

    यदि ऐसा होता है तो बहुत अच्छा है, सोती न्याय व्यवस्था को जगाना ही पड़ेगा

    • @vadansinghranawat5081
      @vadansinghranawat5081 ปีที่แล้ว

      Midiji Must take strog action on court cases and
      Nyay pranali.
      Judges should get time limit to solve the case on time and provide JUSTICE.

  • @omsain9146
    @omsain9146 ปีที่แล้ว +49

    जजो पर नकेल कसी जानी चाहिऐ ताकि गरीबों को न्याय मिले

  • @dhirendramishra4847
    @dhirendramishra4847 ปีที่แล้ว +21

    सरकार को चाहिए कि एक ऐसी कानुन बनाए जिसमें एक समय के अंदर केश का निपटारा करना होगा नहीं तो उस अदालत को जुर्माना भरना होगा। अदालत में केवल रविवार को ही बंद होगा।

  • @mukutagrawal2080
    @mukutagrawal2080 ปีที่แล้ว +114

    Collegium System को तुरंत समाप्त करना चाहिए और और इनकी छुट्टियों को भी कम करना चाहिए ताकि जनता को न्याय के लिए वर्षों इन्तजार न करना पड़े।

    • @user-fg7uj8le6b
      @user-fg7uj8le6b ปีที่แล้ว +2

      सर,
      सबसे पहले कर्मठ, कार्य को लेकर गम्भीर एवं कर्त्तव्यपरायण सभी जजों एवं वकीलों को सादर- सहृदय प्रणाम।
      इस राष्ट्र की न्याय व्यवस्था के विषय में अपने स्वयं के निजी कटु अनुभव के आधार पर मैं कहना चाहता हूं कि इस राष्ट्र की न्यायिक प्रणाली में नीचे से लेकर ऊपर तक गम्भीर सुधारों की आवश्यकता है :-
      1) न्याय प्रदान करने में कई कई बरस- दशक निगल जाने वाली इस व्यवस्था में से छुट्टियों के गुच्छे पूरी तरह से समाप्त हों,
      2) जजों की सुनवाई और फैसले पूरी तरह से CCTV कैमरों के अंतर्गत हों,
      3) जजों के फैसलों की गुणवत्ता बारे जवाबदेही सख्ती के साथ सुनिश्चित हो, गलत फैसले देने वाले जजों को दंडित किया जाए; जजों को भगवान (MiLords) कहना आस्था, अध्यात्म और इन्सानियत का अपमान है, यह तुरन्त बन्द होना चाहिए,
      4) किसी भी केस पर तारीख़ पर तारीख पर तारीख़ पर तारीखों के अम्बार, जजों की मर्ज़ी या विवेक पर नहीं छोड़े जा सकते।
      न्याय प्रणाली में तारीख़ पर तारीख पर तारीख पर तारीख की रेल को रोकते हुए अधिक से अधिक केवल 6 महीने की अवधि में न्याय आवश्यक रूप से प्रदान हो जाए, इसके लिए चाहे तो न्याय प्रणाली को हस्पतालों की Emergency की तर्ज़ पर 24x7 घंटे 8- 8 घंटों की शिफ्टों में चलाया जाए।
      5) न्याय प्रणाली को सूचना के अधिकार अधिनियम- 2005 के तहत लाया जाए,
      6) वकीलों की फीसों की सख्ती के साथ capping हो,
      7) वकीलों द्वारा enroll किए जा रहे No. of cases को सीमित किया जाए, ताकि हर एक वकील अपने हर एक केस पर पर्याप्त समय दे पाए और बेवजह कोर्ट में तारीख पर तारीख पर तारीख ना ले पाए,
      8) वकीलों को Consumer Protection Act के अधीन लाया जाए,
      9) न्याय प्रणाली में कार्यरत सभी वकीलों की हड़तालों को ESMA कानून के अंतर्गत लाकर अवैध घोषित किया जाए,
      10) न्याय पालिका में मौजूद भ्रष्टाचार से निपटने के लिए CBI की एक खास dedicated wing को 24x7 घंटे सक्रिय रखा जाए, जो जजों पर 24x7 पैनी निगाह रखे और
      भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने वाले जजों को तुरन्त प्रभाव से, अविलम्ब नौकरी से बर्खास्त कर अंडमान निकोबार की Cellular जेल में भेजा जाए।
      11) न्याय की गुणवत्ता और निष्पक्षता के लिए एक ऐसा Mechanism हो जिसमें ना तो जज को ही ये पता चल पाए कि उसकी अदालत में किस वादी या वकील का केस चल रहा है और ना ही वादी, उसके वकील को ये पता चल सके कि उनका केस किस जज की अदालत में चल रहा है।
      12) कोर्ट की अवमानना की परिभाषा की समीक्षा की जाए कि कहीं कोर्ट की अवमानना का चाबुक दिखा कर पीड़ित जनता में अपने कटु अनुभव को लेकर मुखर होने पर पाबंदी और खामोश रहने की चेतावनी तो नही दी जा रही है !!!!
      13) जजों को उनके निर्णयों को लेकर पूरी तरह से जवाबदेह बनाया जाए। गलत फैसले देने वालों, भ्रष्टाचार में लिप्त या केवल तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख की नाव में चलने वाले जजों को पदच्युत करने की व्यवस्था इतनी जटिल ना रख, एक सरल एवं तीव्र व्यवस्था के तहत ऐसे जज साहेबान पर कारवाई होनी चाहिए।
      इस देश की न्याय प्रणाली में गम्भीर सुधारों की ज़रूरत है।
      तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख.......... देने वाली यह व्यवस्था अपना औचित्य खोती चली गई है।
      गम्भीर न्यायिक सुधारों के बाद ही इस देश में न्याय प्रणाली पटरी पर आएगी।
      वरना न्याय के इन्तजार में 10, 20, 30, 40 बरस तक किसी लाचार- भूखे- प्यासे कुत्ते की तरह इन्तजार करते रहना और इस देश की 4.5 करोड़ pending cases के चलते न्यायिक बदहाली सबके सामने है।

    • @VijaySingh-ch1bt
      @VijaySingh-ch1bt ปีที่แล้ว

      Quak action Bater

    • @ranjityaadav2862
      @ranjityaadav2862 ปีที่แล้ว

      Ab tumhare netaon ke dwara nyaay Hoga Sahi baat hai tumhare Neta unke jaj baithenge to Fir to vah garibon Ki ismein Bada Nahin Aaye Denge netaon Galti Karenge FIR Thodi Nahin a

    • @bsupadhyayadv6079
      @bsupadhyayadv6079 ปีที่แล้ว

      Collegium समाप्त कर नारंगियो को जज बनाना है।

    • @mauleshwarchauhan6683
      @mauleshwarchauhan6683 ปีที่แล้ว

      इनकी छूतियां बंद कर दिया जाए

  • @baijnathmahato2991
    @baijnathmahato2991 ปีที่แล้ว +8

    कोर्ट पर भी बायोमेट्रिक सिस्टम लागू करो जिसमे सरकारी कर्मचारियों, वकीलों और जजों को इसके अंतर्गत होना चाहिए।

  • @modiparmod6764
    @modiparmod6764 ปีที่แล้ว +27

    इस देश में मीलार्ड खुली दादागिरी दिखाते हैं। कोलेजियम सीस्टम से 50-60 घरों ने जुडिशियरी को हाईजैक कर रखा है। इन मिलोर्डों के आमदनी का पोस्टमार्टम भी होना चाहिए।

  • @srsinghtomar3052
    @srsinghtomar3052 ปีที่แล้ว +55

    वही cases जल्द से जल्द लिए जाते हैं जो court Fixers उठाते हैं और बाकी सब ढेर के ढेर बढ़ते जाते हैं।

    • @vadansinghranawat5081
      @vadansinghranawat5081 ปีที่แล้ว +1

      They file get weight on it only that file get open for hearing rest file takes 6 month to 10 month only to get opening dates.

    • @manjit1166
      @manjit1166 ปีที่แล้ว

      CJI, SC SHOULD ALSO ASK MODI GOVT TO ENFORCE ELECTION REFORMS TO MAKE ESSENTIAL QUALIFICATIONS & CRETARIA FOR ELIGIBILITY OF CANDIDATE FIGHTING ASSEMBLY & PARLIAMENTARY ELECTIONS.

  • @krishankantchoudhary3558
    @krishankantchoudhary3558 ปีที่แล้ว +9

    बहुत सुंदर विश्लेषण किया गया है! बिल जल्दी लाया जाए साथ ही जजों की बहाली के लिए बोर्ड गठित हो और उनकी इंटीग्रिटी को बड़े ही टफ दृष्टि से जांचा परखा जाए ताकि जजमेंट पारदर्शी हो और असली गुनाहगार को सजा मिले और निर्दोसों को न्याय मिले !
    जय हिंद वंदे मातरम्!

  • @balaramdhali2618
    @balaramdhali2618 ปีที่แล้ว +54

    Reformation must be done in appointment policy of CJI.

  • @unmuktananda1342
    @unmuktananda1342 ปีที่แล้ว +100

    जब तक सभी न्यायालयों में लम्बित मुकदमों का बैकलाॅग खत्म नहीं हो जाता, तब तक समस्त न्यायाधीशों की सभी छुट्टियाँ प्रतिबन्धित कर देनी चाहिये ...

    • @jayhind5447
      @jayhind5447 ปีที่แล้ว +1

      सुप्रीम कोर्ट में कितने काबिल और निष्पक्ष जज हैं ,इस बात का अंदाजा सिर्फ इसी बात से लगाया जा सकता है कि ...एक सज्जन महिला सुप्रीम कोर्ट में अपने खिलाफ देश के अलग अलग राज्यों में असंख्य FIR दिल्ली शिफ्ट करने के लिये याचिका दायर करती है ...और सुप्रीम कोर्ट में बैठे देशद्रोही दलाल उस महिला पर अनर्गल आरोप लगाकर उस निर्दोष सज्जन महिला को ही देश में दंगे कराने की आरोपी बना देता है और फटकार लगाता है ...ऐसे ऐसे अनर्गल आरोप लगाकर फटकार लगाता है जिसकी याचिका में कहीं कोई चर्चा तक नहीं हैं ....जबकि ये याचिका कोई ,नई नहीं थी इससे पहले सभी याचिकाओं पर 100% न्याय किया गया था ...
      क्योंकि पीड़ित सज्जन महिला bjp से सम्बन्ध रखती है इसलिये उसके खिलाफ मियां लॉर्ड मनमानी कर रहे थे ....
      ऐसे देशद्रोही गद्दारों को तत्काल फाँसी का कानून बनाए सरकार ...ऐसे देशद्रोही गद्दारों दलालों को कोई माफी नहीं होनी चाहिये ...
      JB पारदीवाला इसका सबसे पहला मुजरिम है इसे तो किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जाना चाहिये ,सबसे पहली फाँसी इसी देशद्रोही गद्दार चीन पाकिस्तान के दलाल को फाँसी दी जानी चाहिये ...
      जय हिन्द

    • @janardhanjagtap9082
      @janardhanjagtap9082 ปีที่แล้ว

      You are correct, however it is not only Judges and also Lawyers shall not be allowed postponing and asking for next date, next date also shall be as per law!!!!!

    • @rrsingh6326
      @rrsingh6326 ปีที่แล้ว

      THE BEST COMMENT

    • @vimaltrivedi8439
      @vimaltrivedi8439 ปีที่แล้ว

      👍👍👍

    • @user-fg7uj8le6b
      @user-fg7uj8le6b ปีที่แล้ว

      सर,
      सबसे पहले कर्मठ, कार्य को लेकर गम्भीर एवं कर्त्तव्यपरायण सभी जजों एवं वकीलों को सादर- सहृदय प्रणाम।
      इस राष्ट्र की न्याय व्यवस्था के विषय में अपने स्वयं के निजी कटु अनुभव के आधार पर मैं कहना चाहता हूं कि इस राष्ट्र की न्यायिक प्रणाली में नीचे से लेकर ऊपर तक गम्भीर सुधारों की आवश्यकता है :-
      1) न्याय प्रदान करने में कई कई बरस- दशक निगल जाने वाली इस व्यवस्था में से छुट्टियों के गुच्छे पूरी तरह से समाप्त हों,
      2) जजों की सुनवाई और फैसले पूरी तरह से CCTV कैमरों के अंतर्गत हों,
      3) जजों के फैसलों की गुणवत्ता बारे जवाबदेही सख्ती के साथ सुनिश्चित हो, गलत फैसले देने वाले जजों को दंडित किया जाए; जजों को भगवान (MiLords) कहना आस्था, अध्यात्म और इन्सानियत का अपमान है, यह तुरन्त बन्द होना चाहिए,
      4) किसी भी केस पर तारीख़ पर तारीख पर तारीख़ पर तारीखों के अम्बार, जजों की मर्ज़ी या विवेक पर नहीं छोड़े जा सकते।
      न्याय प्रणाली में तारीख़ पर तारीख पर तारीख पर तारीख की रेल को रोकते हुए अधिक से अधिक केवल 6 महीने की अवधि में न्याय आवश्यक रूप से प्रदान हो जाए, इसके लिए चाहे तो न्याय प्रणाली को हस्पतालों की Emergency की तर्ज़ पर 24x7 घंटे 8- 8 घंटों की शिफ्टों में चलाया जाए।
      5) न्याय प्रणाली को सूचना के अधिकार अधिनियम- 2005 के तहत लाया जाए,
      6) वकीलों की फीसों की सख्ती के साथ capping हो,
      7) वकीलों द्वारा enroll किए जा रहे No. of cases को सीमित किया जाए, ताकि हर एक वकील अपने हर एक केस पर पर्याप्त समय दे पाए और बेवजह कोर्ट में तारीख पर तारीख पर तारीख ना ले पाए,
      8) वकीलों को Consumer Protection Act के अधीन लाया जाए,
      9) न्याय प्रणाली में कार्यरत सभी वकीलों की हड़तालों को ESMA कानून के अंतर्गत लाकर अवैध घोषित किया जाए,
      10) न्याय पालिका में मौजूद भ्रष्टाचार से निपटने के लिए CBI की एक खास dedicated wing को 24x7 घंटे सक्रिय रखा जाए, जो जजों पर 24x7 पैनी निगाह रखे और
      भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने वाले जजों को तुरन्त प्रभाव से, अविलम्ब नौकरी से बर्खास्त कर अंडमान निकोबार की Cellular जेल में भेजा जाए।
      11) न्याय की गुणवत्ता और निष्पक्षता के लिए एक ऐसा Mechanism हो जिसमें ना तो जज को ही ये पता चल पाए कि उसकी अदालत में किस वादी या वकील का केस चल रहा है और ना ही वादी, उसके वकील को ये पता चल सके कि उनका केस किस जज की अदालत में चल रहा है।
      12) कोर्ट की अवमानना की परिभाषा की समीक्षा की जाए कि कहीं कोर्ट की अवमानना का चाबुक दिखा कर पीड़ित जनता में अपने कटु अनुभव को लेकर मुखर होने पर पाबंदी और खामोश रहने की चेतावनी तो नही दी जा रही है !!!!
      13) जजों को उनके निर्णयों को लेकर पूरी तरह से जवाबदेह बनाया जाए। गलत फैसले देने वालों, भ्रष्टाचार में लिप्त या केवल तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख की नाव में चलने वाले जजों को पदच्युत करने की व्यवस्था इतनी जटिल ना रख, एक सरल एवं तीव्र व्यवस्था के तहत ऐसे जज साहेबान पर कारवाई होनी चाहिए।
      इस देश की न्याय प्रणाली में गम्भीर सुधारों की ज़रूरत है।
      तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख.......... देने वाली यह व्यवस्था अपना औचित्य खोती चली गई है।
      गम्भीर न्यायिक सुधारों के बाद ही इस देश में न्याय प्रणाली पटरी पर आएगी।
      वरना न्याय के इन्तजार में 10, 20, 30, 40 बरस तक किसी लाचार- भूखे- प्यासे कुत्ते की तरह इन्तजार करते रहना और इस देश की 4.5 करोड़ pending cases के चलते न्यायिक बदहाली सबके सामने है।

  • @dhirendramishra4847
    @dhirendramishra4847 ปีที่แล้ว +10

    अदालत फैसला सुरक्षित इसलिए रखते हैं कि घुस कितना देता फिर फैसला उसी हिसाब से देगा।

  • @neelkanthsharma7236
    @neelkanthsharma7236 ปีที่แล้ว +6

    ये भी प्रावधान करिए कि संसद द्वारा पास होने पर अपॉइंटमेंट कानून निरस्त करने का अधिकार कोर्ट को न हो । साथ ही इस पर नई व्यवस्था बनाये । जो भी भाई भतीजा जज बने है उन्हें हटाइये

  • @kaushiksampat239
    @kaushiksampat239 ปีที่แล้ว +30

    राजीव जी आप हमेशा सही मुद्दा लाते हो| आज़ादी के ७५ साल बाद अब तो ब्रिटिश रूल्स बदलो|

  • @devshankarbachchan528
    @devshankarbachchan528 ปีที่แล้ว +14

    उत्तम विश्लेषण।

  • @baldevsinghgill7973
    @baldevsinghgill7973 ปีที่แล้ว +4

    अगर कोई भी जज‌ ब्रशट पाया गया तो देश द्रोह के कानून अनुसार कारवाई होनी चाहिए। अचछी तरह से ठुकाई होनी चाहिए।

  • @s.ptripathi8664
    @s.ptripathi8664 ปีที่แล้ว +7

    आम जनता को न्याय मिलना बहुत ही कठिन हो गया है,,न्याय पालिका को अब सुधारना ही होगा।।

  • @shashibhushan957
    @shashibhushan957 ปีที่แล้ว +108

    ये न्याय व्यवस्था अंग्रेजों ने गुलामों के लिए बनायी थी, इसका न्याय से कोई लेना-देना नहीं था, लेकिन काले अँग्रेजों को काले काम करने के लिए यही व्यवस्था चाहिए, इसलिए चल रही है l मोदीजी को प्रणाम l

    • @jayhind5447
      @jayhind5447 ปีที่แล้ว +1

      सुप्रीम कोर्ट में कितने काबिल और निष्पक्ष जज हैं ,इस बात का अंदाजा सिर्फ इसी बात से लगाया जा सकता है कि ...एक सज्जन महिला सुप्रीम कोर्ट में अपने खिलाफ देश के अलग अलग राज्यों में असंख्य FIR दिल्ली शिफ्ट करने के लिये याचिका दायर करती है ...और सुप्रीम कोर्ट में बैठे देशद्रोही दलाल उस महिला पर अनर्गल आरोप लगाकर उस निर्दोष सज्जन महिला को ही देश में दंगे कराने की आरोपी बना देता है और फटकार लगाता है ...ऐसे ऐसे अनर्गल आरोप लगाकर फटकार लगाता है जिसकी याचिका में कहीं कोई चर्चा तक नहीं हैं ....जबकि ये याचिका कोई ,नई नहीं थी इससे पहले सभी याचिकाओं पर 100% न्याय किया गया था ...
      क्योंकि पीड़ित सज्जन महिला bjp से सम्बन्ध रखती है इसलिये उसके खिलाफ मियां लॉर्ड मनमानी कर रहे थे ....
      ऐसे देशद्रोही गद्दारों को तत्काल फाँसी का कानून बनाए सरकार ...ऐसे देशद्रोही गद्दारों दलालों को कोई माफी नहीं होनी चाहिये ...
      JB पारदीवाला इसका सबसे पहला मुजरिम है इसे तो किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जाना चाहिये ,सबसे पहली फाँसी इसी देशद्रोही गद्दार चीन पाकिस्तान के दलाल को फाँसी दी जानी चाहिये ...
      जय हिन्द

    • @surendrarawat5476
      @surendrarawat5476 ปีที่แล้ว +4

      भूषण जी आपने बिल्कुल मेरे मन की बात कह दी

    • @santoshkumartripathy719
      @santoshkumartripathy719 ปีที่แล้ว +1

      100% on target.

    • @eshaandev956
      @eshaandev956 ปีที่แล้ว +1

      Please anna hazare kaa ishaara tha yeh is kaale angrej hi hai

    • @bhaskarprasadmishra6639
      @bhaskarprasadmishra6639 ปีที่แล้ว +2

      U R 💯✔️ Bro.

  • @jayhind5447
    @jayhind5447 ปีที่แล้ว +40

    जब तक देश में लम्बित सारे मुकद्दमे खत्म नहीं किये जाते ,तब तक इन तथाकथित मियाँ लॉर्ड्स को ना तो कोई तनख्वाह दी जानी चाहिये और ना ही कोई छुट्टी दी जानी चाहिये ...
    और जजों की नियुक्ति सिर्फ योग्यता के आधार पर होनी चाहिये ना कि किसी की सिफारिश से ....

    • @balvirgupta1006
      @balvirgupta1006 ปีที่แล้ว +2

      बहुत ही सुन्दर और सटीक टीप दिये हैं आपने भैयाजी।

  • @brijpalsingh5342
    @brijpalsingh5342 ปีที่แล้ว +32

    सुप्रीम कोर्ट में भी दूसरे संस्थाओं की तरह ही छुट्टी होनी चाहिये कोई अलग से व्यवस्था नहीं होनी चाहिए भारत माता की जय जय जय श्री राम

    • @jayhind5447
      @jayhind5447 ปีที่แล้ว

      सुप्रीम कोर्ट में कितने काबिल और निष्पक्ष जज हैं ,इस बात का अंदाजा सिर्फ इसी बात से लगाया जा सकता है कि ...एक सज्जन महिला सुप्रीम कोर्ट में अपने खिलाफ देश के अलग अलग राज्यों में असंख्य FIR दिल्ली शिफ्ट करने के लिये याचिका दायर करती है ...और सुप्रीम कोर्ट में बैठे देशद्रोही दलाल उस महिला पर अनर्गल आरोप लगाकर उस निर्दोष सज्जन महिला को ही देश में दंगे कराने की आरोपी बना देता है और फटकार लगाता है ...ऐसे ऐसे अनर्गल आरोप लगाकर फटकार लगाता है जिसकी याचिका में कहीं कोई चर्चा तक नहीं हैं ....जबकि ये याचिका कोई ,नई नहीं थी इससे पहले सभी याचिकाओं पर 100% न्याय किया गया था ...
      क्योंकि पीड़ित सज्जन महिला bjp से सम्बन्ध रखती है इसलिये उसके खिलाफ मियां लॉर्ड मनमानी कर रहे थे ....
      ऐसे देशद्रोही गद्दारों को तत्काल फाँसी का कानून बनाए सरकार ...ऐसे देशद्रोही गद्दारों दलालों को कोई माफी नहीं होनी चाहिये ...
      JB पारदीवाला इसका सबसे पहला मुजरिम है इसे तो किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जाना चाहिये ,सबसे पहली फाँसी इसी देशद्रोही गद्दार चीन पाकिस्तान के दलाल को फाँसी दी जानी चाहिये ...
      जय हिन्द

  • @The27pandora
    @The27pandora ปีที่แล้ว +5

    सुप्रीम कोर्ट के जज पर लगाम लगनी चाहिए और जनता को समय पर न्याय मिले,

  • @geetachourasia3045
    @geetachourasia3045 ปีที่แล้ว +20

    Very well explained. Thank you Modi ji. 🙏😊

  • @jayomm2811
    @jayomm2811 ปีที่แล้ว +18

    सरकार की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है कि न्यायपालिका में आमूलचूल परिवर्तन करे। जिसमें जज अपने आप को भगवान नहीं बल्कि इंसान समझें। कालेजियम सिस्टम और जजों को मिलने वाली छुट्टियां खत्म होना चाहिए। यहां कदम कदम पर जनता को लूटा जाता है, गरीब के लिए न्याय दूर की कौड़ी है।

  • @sureshchandrasrivastava5078
    @sureshchandrasrivastava5078 ปีที่แล้ว +10

    सारी शक्तियाँ विधायिका के पास है, लोकसभा के द्वारा बनाएँ गये नियम कानून के अन्तर्गत न्यायपालिका को भी काम करना अनिवार्य है। काग्रेस के शासन काल मे न्याय प्रणाली पर अंकुश था। लोक सभा द्वारा बनाएं गये कनून की समीछा का अधिकार न्यायालय से से छीन लेना चाहिए। न्यायपालिका देश की सबसे भृष्ट संथा है इसी के चलते देश में अपराध होते हैं।

  • @ambikaprasadsingh6730
    @ambikaprasadsingh6730 ปีที่แล้ว +44

    Judges must be appointed only after clearing the competitive exams.Inompetent judges can never deliver super class quality judgements, they must not be puppets in the hands of court fixers .

  • @purushottampotphode7274
    @purushottampotphode7274 ปีที่แล้ว +5

    ये सही है. अब कोर्ट को सुधारना पडेगा. भारत माता की जय वन्दे मातरम हर हर महादेव.

  • @srivinit
    @srivinit ปีที่แล้ว +30

    Excellent information. Good job Rajeev ji

  • @ghanshayamparetha3222
    @ghanshayamparetha3222 ปีที่แล้ว +10

    समयबध्द न्याय जरूरी, अगर जज समय पर न्याय न करे तो उसकी सैलेरी न मिले । हर क्लर्क, टीचर, सेक्रेट्री अगर समय कम ना करे तो सेलीरी न मिले

    • @neerajbhatia100
      @neerajbhatia100 ปีที่แล้ว

      Clerk kitna kaam karta hai kuch pta bhi hai ya aise hi bhoke ja rahe ho

  • @DineshSingh-fe9uy
    @DineshSingh-fe9uy ปีที่แล้ว +37

    Great analysis....yes they are accountable

  • @ashokverma7711
    @ashokverma7711 ปีที่แล้ว +103

    We full support to Modi ji on SC actions .Badly needed.

    • @erahul3122
      @erahul3122 ปีที่แล้ว +1

      🤣🤣🤣sabse pehle amit shaw k dalo ander justic luya k case me

    • @rameshwarmishra7690
      @rameshwarmishra7690 ปีที่แล้ว

      @@erahul3122 bbcbikbkke

    • @erahul3122
      @erahul3122 ปีที่แล้ว

      @@rameshwarmishra7690 bbc bikke

    • @erahul3122
      @erahul3122 ปีที่แล้ว

      @@rameshwarmishra7690 mishra aag lag gye kya tuje burnol du🤣🤣

    • @erahul3122
      @erahul3122 ปีที่แล้ว

      @@rameshwarmishra7690 amit shah ristedar to nhi tera🤣

  • @grssm
    @grssm ปีที่แล้ว +23

    देश हीत में उत्तम कदम ।
    हदयसे प्रणाम ।

    • @jayhind5447
      @jayhind5447 ปีที่แล้ว +1

      सुप्रीम कोर्ट में कितने काबिल और निष्पक्ष जज हैं ,इस बात का अंदाजा सिर्फ इसी बात से लगाया जा सकता है कि ...एक सज्जन महिला सुप्रीम कोर्ट में अपने खिलाफ देश के अलग अलग राज्यों में असंख्य FIR दिल्ली शिफ्ट करने के लिये याचिका दायर करती है ...और सुप्रीम कोर्ट में बैठे देशद्रोही दलाल उस महिला पर अनर्गल आरोप लगाकर उस निर्दोष सज्जन महिला को ही देश में दंगे कराने की आरोपी बना देता है और फटकार लगाता है ...ऐसे ऐसे अनर्गल आरोप लगाकर फटकार लगाता है जिसकी याचिका में कहीं कोई चर्चा तक नहीं हैं ....जबकि ये याचिका कोई ,नई नहीं थी इससे पहले सभी याचिकाओं पर 100% न्याय किया गया था ...
      क्योंकि पीड़ित सज्जन महिला bjp से सम्बन्ध रखती है इसलिये उसके खिलाफ मियां लॉर्ड मनमानी कर रहे थे ....
      ऐसे देशद्रोही गद्दारों को तत्काल फाँसी का कानून बनाए सरकार ...ऐसे देशद्रोही गद्दारों दलालों को कोई माफी नहीं होनी चाहिये ...
      JB पारदीवाला इसका सबसे पहला मुजरिम है इसे तो किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जाना चाहिये ,सबसे पहली फाँसी इसी देशद्रोही गद्दार चीन पाकिस्तान के दलाल को फाँसी दी जानी चाहिये ...
      जय हिन्द

    • @kodarlalprajapati8740
      @kodarlalprajapati8740 ปีที่แล้ว

      जनता का भरोसा कोर्ट कचहरी से क्यूं उठ गया हैं? जनता क्यूं डरती है ?
      क्विक जजमेंट के बारे में एक्टिव होना पड़ेगा। देश के कोने-कोने में अवांछनीय घटनाए हररोज बनती रहती है।जो अमानवीय ज्यादा होती है।न्युज पेपर में तुरंत ही छपा जाता है। देश के सभी जज सारे अखबार पढ़ें और वो ही दिन सुओमोटो संज्ञान लेते हुए एक्टिव हो जाय।। ऐसा इन्तजार मत करीए कि कोर्ट में केस दर्ज होने दो। कोर्ट के रजिस्ट्रार को एलर्ट रहना पड़ेगा।
      बिजली गति से काम करोंगे तो समाज में अपराध एकदम तेज गति से बंद हो जायेंगे। समाज विरोधी तत्वों में डर भय पैदा होगा और अपराध गुनाह करने में हजारों बार सोचेंगे, क्यूं कि यहां तो त्वरित न्याय होता हैं।। समाज में सुव्यवस्थाका निर्माण होगा।
      भारत के कानून मंत्री तक ये सुझाव पहूंचाया जाय।।
      जज अपने कर्त्तव्य के उपर विशेष ध्यान दें। बयानबाजी से हरसंभव दूर रहें तो अच्छा है।
      लोकतंत्र में देश का संविधान और अंकित चित्र देखना, पढ़ना है।
      ओर एक बात!
      जैसा अन्न वैसा मन।
      जैसा अन्न वैसा डकार -ઓડકાર
      जिस ने मांस खाया हो, उनके पास ओर कोई बेठ नहीं सकेगा। क्यूं मूंह से दुर्गंध आने लगेगी। अच्छा भोजन किया जाय तो अच्छा विचार आयेंगे। भटकाव दूर हो जायेगा।
      Date.16.12.2022 Gujarat

  • @shrishri5136
    @shrishri5136 ปีที่แล้ว +22

    Superb Rajiv ji for taking up this topic and excellent analysis

  • @rameshtiwari6457
    @rameshtiwari6457 ปีที่แล้ว +13

    Accountability should be fixed of the Judges to decide cases during a fix period.

  • @venkatprakashyerramilli650
    @venkatprakashyerramilli650 ปีที่แล้ว +84

    THIS LAW IS REQUIERD. WELL DONE MODI JI & KIRAN JI.

  • @manoharkandwal7861
    @manoharkandwal7861 ปีที่แล้ว +172

    CJI must be made accountable to parliament and public .

    • @rajdudeja7326
      @rajdudeja7326 ปีที่แล้ว +17

      Plus, the President of India must have the powers to sack any judge, including CJI.

    • @jayhind5447
      @jayhind5447 ปีที่แล้ว

      सुप्रीम कोर्ट में कितने काबिल और निष्पक्ष जज हैं ,इस बात का अंदाजा सिर्फ इसी बात से लगाया जा सकता है कि ...एक सज्जन महिला सुप्रीम कोर्ट में अपने खिलाफ देश के अलग अलग राज्यों में असंख्य FIR दिल्ली शिफ्ट करने के लिये याचिका दायर करती है ...और सुप्रीम कोर्ट में बैठे देशद्रोही दलाल उस महिला पर अनर्गल आरोप लगाकर उस निर्दोष सज्जन महिला को ही देश में दंगे कराने की आरोपी बना देता है और फटकार लगाता है ...ऐसे ऐसे अनर्गल आरोप लगाकर फटकार लगाता है जिसकी याचिका में कहीं कोई चर्चा तक नहीं हैं ....जबकि ये याचिका कोई ,नई नहीं थी इससे पहले सभी याचिकाओं पर 100% न्याय किया गया था ...
      क्योंकि पीड़ित सज्जन महिला bjp से सम्बन्ध रखती है इसलिये उसके खिलाफ मियां लॉर्ड मनमानी कर रहे थे ....
      ऐसे देशद्रोही गद्दारों को तत्काल फाँसी का कानून बनाए सरकार ...ऐसे देशद्रोही गद्दारों दलालों को कोई माफी नहीं होनी चाहिये ...
      JB पारदीवाला इसका सबसे पहला मुजरिम है इसे तो किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जाना चाहिये ,सबसे पहली फाँसी इसी देशद्रोही गद्दार चीन पाकिस्तान के दलाल को फाँसी दी जानी चाहिये ...
      जय हिन्द

    • @Menaka098
      @Menaka098 ปีที่แล้ว +9

      सेशन कोर्ट में हमारे दुश्मन द्वारा झूठे केस को डिसमिस करवाने में हमें दस साल कोर्ट के चक्कर लगाने पड़े। अब केस हाई कोर्ट में है छ: साल से इंतजार कर रहे हैं। पहली तारीख का। अभी केस शुरू ही नहीं हुआ है।

    • @dibakarsonowal9489
      @dibakarsonowal9489 ปีที่แล้ว +8

      So far lots of unknown facts regarding Collegium system of appointment of judges of High court and Supreme courts have come to light. It is high time to take drastic measures to reform this system. THIS IS VOX POPULI.

    • @drkkdebnath4281
      @drkkdebnath4281 ปีที่แล้ว +5

      Authority is directly proportional to Accountability is natural justice of any system and is universal.

  • @mamrajsharma4325
    @mamrajsharma4325 ปีที่แล้ว +4

    बहुत सही और सामयिक विष्लेषण । न्यायपालिका में आमूल चूल परिवर्तन होना चाहिए।।

  • @baijnathmahato2991
    @baijnathmahato2991 ปีที่แล้ว +3

    बहुत कठोर,पारदर्शी, जवाबदेही कानून बनाने की जरूरत है साथ ही केस का फैसला 2साल के अंदर होना चाहिए।

  • @sanjeevbhatnagar9823
    @sanjeevbhatnagar9823 ปีที่แล้ว +71

    Commendable move to reform the sick judicial
    system .

    • @jayhind5447
      @jayhind5447 ปีที่แล้ว

      सुप्रीम कोर्ट में कितने काबिल और निष्पक्ष जज हैं ,इस बात का अंदाजा सिर्फ इसी बात से लगाया जा सकता है कि ...एक सज्जन महिला सुप्रीम कोर्ट में अपने खिलाफ देश के अलग अलग राज्यों में असंख्य FIR दिल्ली शिफ्ट करने के लिये याचिका दायर करती है ...और सुप्रीम कोर्ट में बैठे देशद्रोही दलाल उस महिला पर अनर्गल आरोप लगाकर उस निर्दोष सज्जन महिला को ही देश में दंगे कराने की आरोपी बना देता है और फटकार लगाता है ...ऐसे ऐसे अनर्गल आरोप लगाकर फटकार लगाता है जिसकी याचिका में कहीं कोई चर्चा तक नहीं हैं ....जबकि ये याचिका कोई ,नई नहीं थी इससे पहले सभी याचिकाओं पर 100% न्याय किया गया था ...
      क्योंकि पीड़ित सज्जन महिला bjp से सम्बन्ध रखती है इसलिये उसके खिलाफ मियां लॉर्ड मनमानी कर रहे थे ....
      ऐसे देशद्रोही गद्दारों को तत्काल फाँसी का कानून बनाए सरकार ...ऐसे देशद्रोही गद्दारों दलालों को कोई माफी नहीं होनी चाहिये ...
      JB पारदीवाला इसका सबसे पहला मुजरिम है इसे तो किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जाना चाहिये ,सबसे पहली फाँसी इसी देशद्रोही गद्दार चीन पाकिस्तान के दलाल को फाँसी दी जानी चाहिये ...
      जय हिन्द

  • @probalbanerjee1610
    @probalbanerjee1610 ปีที่แล้ว +23

    A Drastic Change is Necessary in Judiciary . Jai Akhand Hindu Rashtra !

  • @surenderbhardwaj7572
    @surenderbhardwaj7572 ปีที่แล้ว +4

    Well done 🙏🙏🙏Jay Shree Ram ❤️❤️❤️❤️🙏🙏🙏🙏

  • @bhaskarprasadmishra6639
    @bhaskarprasadmishra6639 ปีที่แล้ว +97

    Since Judges of the High Courts and Supreme Court are being appointed, receiving financial and other benefits from tax payers money, they must be answerable & accountable to the people of India.

    • @sridharapradhan2758
      @sridharapradhan2758 ปีที่แล้ว +1

      Jessa karma aessa fall ab assai ajjade agyea

    • @baldevsinghgill7973
      @baldevsinghgill7973 ปีที่แล้ว

      जय हिन्द

    • @rajan6185
      @rajan6185 ปีที่แล้ว

      Buddhhi k brahmchari moorkhraj ho tum

    • @bhaskarprasadmishra6639
      @bhaskarprasadmishra6639 ปีที่แล้ว +1

      @@rajan6185 मिर्ची लगी क्या 😂

    • @ranjityaadav2862
      @ranjityaadav2862 ปีที่แล้ว

      Sidhi per nyaypalika Mein Sudhar Kirti jarurat hai ki Ab Koi Neta Galti Karta to usko turant jail Hona chahie yah yah Sudhar ki jarurat hai yadi Pradhanmantri bhi Galti Kare to usko jail Hona chahie bus yah to ismein kya galat hai nyaay Sudhar ki jarurat hai na to yah Jo Hona chahie

  • @narenmandal1270
    @narenmandal1270 ปีที่แล้ว +51

    In new India, each & every MP, MLA, Judiciary including public servants have to take responsibilities as per constitution.

  • @sushilkumarmishra9471
    @sushilkumarmishra9471 ปีที่แล้ว +4

    आवाज अब आपकी आ गयी. धन्यवाद. न्यायपालिका में सुधार बड़े पैमाने पर पारदर्शिता के साथ अपेक्षित है. सुधार के दौरान ऐसा भी प्रावधान होना चाहिये कि मुकदमों का निपटारा निर्धारित अवधि में पूरी की जानी चाहिये.

  • @ramdevasopa3970
    @ramdevasopa3970 ปีที่แล้ว +3

    अब समय आ गया है कि न्यायपालिका में भी सुधार होना चाहिए ।

  • @ramkali4319
    @ramkali4319 ปีที่แล้ว +7

    Excellent analysis fantastic very good sir 👍👍👍👍👍

  • @weall2031
    @weall2031 ปีที่แล้ว +5

    Great JOB by yug purush Modi JI

  • @avadheshvaishyakiyar3957
    @avadheshvaishyakiyar3957 ปีที่แล้ว +3

    सुप्रीम कोर्ट के लिए देश और हिन्दू संस्कृति हित का कोई मायने नहीं है. ऊंची दूकान, फीकी पकवान. लटकाना, भटकाना और अटकना फिक्सिंग है. हिन्दू त्योहारों के विरोधी जजों को छुट्टियां मनाना बेईमानी है.

  • @sarojpanda6551
    @sarojpanda6551 ปีที่แล้ว +16

    This has to be urgently taken up. And necessary Bill must be passed in both the Houses of the Parliament.👍

  • @sureshpunetha4702
    @sureshpunetha4702 ปีที่แล้ว +4

    केवल केन्द्र या राज्य सरकार द्वारा जारी की गई अवकाश सूची अदालतों पर भी लागू होनी चाहिए।

  • @hemanayar198
    @hemanayar198 ปีที่แล้ว +6

    MAKE THEM ANSWERABLE AND PUNISHABLE

  • @user-lm1xf8lj8s
    @user-lm1xf8lj8s ปีที่แล้ว +10

    भगवान करे ये खबर सच हो।

  • @probalbanerjee1610
    @probalbanerjee1610 ปีที่แล้ว +2

    Modi ! Modi ! Modi ! Modi ! Jai Akhand Hindu Rashtra !

  • @rakeshnautiyal1588
    @rakeshnautiyal1588 ปีที่แล้ว +8

    Very well presented. You touched every point of the matter.
    Wish the National Judicial Appointment Commission is soon enacted marking 'achche din' for the pendency of the cases in all courts and establishing common persons 's faith in the functioning of the courts of the country.

  • @vedprakasharya5544
    @vedprakasharya5544 ปีที่แล้ว +3

    सुधार अति आवश्यक है, इससे ही लोगों का कल्याण हो सकता है।

  • @atulborkar3504
    @atulborkar3504 ปีที่แล้ว +23

    This is a nice way for Parliament to tell the Court who is the boss!

  • @dr.lakhnarayanpandey5972
    @dr.lakhnarayanpandey5972 ปีที่แล้ว +54

    Judiciary must be brought under the laws passed by the Parliament.Afterall nobody or any institution is above the Constitutional provisions in a Democratic country.

    • @user-fg7uj8le6b
      @user-fg7uj8le6b ปีที่แล้ว

      सर,
      सबसे पहले कर्मठ, कार्य को लेकर गम्भीर एवं कर्त्तव्यपरायण सभी जजों एवं वकीलों को सादर- सहृदय प्रणाम।
      इस राष्ट्र की न्याय व्यवस्था के विषय में अपने स्वयं के निजी कटु अनुभव के आधार पर मैं कहना चाहता हूं कि इस राष्ट्र की न्यायिक प्रणाली में नीचे से लेकर ऊपर तक गम्भीर सुधारों की आवश्यकता है :-
      1) न्याय प्रदान करने में कई कई बरस- दशक निगल जाने वाली इस व्यवस्था में से छुट्टियों के गुच्छे पूरी तरह से समाप्त हों,
      2) जजों की सुनवाई और फैसले पूरी तरह से CCTV कैमरों के अंतर्गत हों,
      3) जजों के फैसलों की गुणवत्ता बारे जवाबदेही सख्ती के साथ सुनिश्चित हो, गलत फैसले देने वाले जजों को दंडित किया जाए; जजों को भगवान (MiLords) कहना आस्था, अध्यात्म और इन्सानियत का अपमान है, यह तुरन्त बन्द होना चाहिए,
      4) किसी भी केस पर तारीख़ पर तारीख पर तारीख़ पर तारीखों के अम्बार, जजों की मर्ज़ी या विवेक पर नहीं छोड़े जा सकते।
      न्याय प्रणाली में तारीख़ पर तारीख पर तारीख पर तारीख की रेल को रोकते हुए अधिक से अधिक केवल 6 महीने की अवधि में न्याय आवश्यक रूप से प्रदान हो जाए, इसके लिए चाहे तो न्याय प्रणाली को हस्पतालों की Emergency की तर्ज़ पर 24x7 घंटे 8- 8 घंटों की शिफ्टों में चलाया जाए।
      5) न्याय प्रणाली को सूचना के अधिकार अधिनियम- 2005 के तहत लाया जाए,
      6) वकीलों की फीसों की सख्ती के साथ capping हो,
      7) वकीलों द्वारा enroll किए जा रहे No. of cases को सीमित किया जाए, ताकि हर एक वकील अपने हर एक केस पर पर्याप्त समय दे पाए और बेवजह कोर्ट में तारीख पर तारीख पर तारीख ना ले पाए,
      8) वकीलों को Consumer Protection Act के अधीन लाया जाए,
      9) न्याय प्रणाली में कार्यरत सभी वकीलों की हड़तालों को ESMA कानून के अंतर्गत लाकर अवैध घोषित किया जाए,
      10) न्याय पालिका में मौजूद भ्रष्टाचार से निपटने के लिए CBI की एक खास dedicated wing को 24x7 घंटे सक्रिय रखा जाए, जो जजों पर 24x7 पैनी निगाह रखे और
      भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने वाले जजों को तुरन्त प्रभाव से, अविलम्ब नौकरी से बर्खास्त कर अंडमान निकोबार की Cellular जेल में भेजा जाए।
      11) न्याय की गुणवत्ता और निष्पक्षता के लिए एक ऐसा Mechanism हो जिसमें ना तो जज को ही ये पता चल पाए कि उसकी अदालत में किस वादी या वकील का केस चल रहा है और ना ही वादी, उसके वकील को ये पता चल सके कि उनका केस किस जज की अदालत में चल रहा है।
      12) कोर्ट की अवमानना की परिभाषा की समीक्षा की जाए कि कहीं कोर्ट की अवमानना का चाबुक दिखा कर पीड़ित जनता में अपने कटु अनुभव को लेकर मुखर होने पर पाबंदी और खामोश रहने की चेतावनी तो नही दी जा रही है !!!!
      13) जजों को उनके निर्णयों को लेकर पूरी तरह से जवाबदेह बनाया जाए। गलत फैसले देने वालों, भ्रष्टाचार में लिप्त या केवल तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख की नाव में चलने वाले जजों को पदच्युत करने की व्यवस्था इतनी जटिल ना रख, एक सरल एवं तीव्र व्यवस्था के तहत ऐसे जज साहेबान पर कारवाई होनी चाहिए।
      इस देश की न्याय प्रणाली में गम्भीर सुधारों की ज़रूरत है।
      तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख.......... देने वाली यह व्यवस्था अपना औचित्य खोती चली गई है।
      गम्भीर न्यायिक सुधारों के बाद ही इस देश में न्याय प्रणाली पटरी पर आएगी।
      वरना न्याय के इन्तजार में 10, 20, 30, 40 बरस तक किसी लाचार- भूखे- प्यासे कुत्ते की तरह इन्तजार करते रहना और इस देश की 4.5 करोड़ pending cases के चलते न्यायिक बदहाली सबके सामने है।

    • @ramadaskanakala8373
      @ramadaskanakala8373 ปีที่แล้ว

      Is not

  • @ka-jx8lj
    @ka-jx8lj ปีที่แล้ว +11

    No court in Western world have Summer Vacation like schools.

  • @rajkumarroy1398
    @rajkumarroy1398 ปีที่แล้ว +9

    जय हो मोदी सरकार की 🙏🔱🚩

  • @rakeshpanwar5075
    @rakeshpanwar5075 ปีที่แล้ว +4

    धन्यवाद🙏💕 आदरणीय मोदी जी.

  • @brajeshkhare4927
    @brajeshkhare4927 ปีที่แล้ว +36

    Judiciary is helping economic offenders and tax evaders, promoting corruption by political leaders, bureaucracy by extending them bail leniently and judges indulge in corruption in disposal of bail petition of rich people and granting bail to rich people in collusion with certain dalaal advocates.

  • @SANJAYKUMAR-fw4rt
    @SANJAYKUMAR-fw4rt ปีที่แล้ว +2

    जितनी जल्दी लागु होगा, भगवान और न्यालय पर भरोसा बढ़ेगा।

  • @bharatrawat1204
    @bharatrawat1204 ปีที่แล้ว +4

    जनता को समय पर न्याय चाहिए।जनता नही जानती न्याय पालिका कार्य पालिका। जब समय पर जनता को न्याय नहीं मिलता तो क्या करना है ऐसी न्याय व्यवस्था का।

  • @ambikaprasadsingh6730
    @ambikaprasadsingh6730 ปีที่แล้ว +4

    SC से राय ली गई थी, अपना निर्णय क्यों सुना दिया, क्या इस घटना से उनके मानसिक स्तर का पता नहीं चलता ।छुट्टियां पूरी तरह से बंद होनी चाहिए, अन्य सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों की तरह ।

  • @ravindrapatil8507
    @ravindrapatil8507 ปีที่แล้ว +4

    First time in 75 yrs, Modiji, Yogiji taking action against corrupt criminals to clean the system but some judges without seeing criminals track , grant bail to corrupt criminals very easily.
    That is bad for the nation.

  • @rajyagor
    @rajyagor ปีที่แล้ว +12

    Very well explained. Thank you.🙏🏽

  • @arunkapoor1698
    @arunkapoor1698 ปีที่แล้ว +111

    Every judges have to declare their moveable & unmoveable properties every year.

  • @dru.kchaudhary7514
    @dru.kchaudhary7514 ปีที่แล้ว +9

    राम को काल्पनिक बताते हैं और राम नवमी की छुट्टी भी मनाते हैं

  • @kvstraju
    @kvstraju ปีที่แล้ว +5

    Thank you for your information and such reforms required for such a biggest democracy with 140 crore population.British gaya aulaad ko chod diya.Kanoon me bhi sanshodhan ki jarurat hai.

  • @nandanbisht9079
    @nandanbisht9079 ปีที่แล้ว +3

    Govt should take very serious action against these judges

  • @vasantpatel2504
    @vasantpatel2504 ปีที่แล้ว +4

    Very good

  • @probalbanerjee1610
    @probalbanerjee1610 ปีที่แล้ว +6

    Koi Apne Aap Ko Bhagwan Na Samzhe . Human Rights Sirf Mafia , Terrorists , Criminals & Corrupt Netao Ka Nahi Hai , Garib Janata , Kanoon Man Kar Chalne Wale Sidha-Sadha Logo Ka , Sadhu- Santon Ka , Desh Ke Sabhi Armed Forces Ka & Hinduon Ka Bhi Hai . Jai Akhand Hindu !

  • @asharanimandal6550
    @asharanimandal6550 ปีที่แล้ว +2

    जल्द सुधार हो सकता न्यायालय में।जन साधारण के लिए आच्छे दिन।।

  • @pramodchopde4502
    @pramodchopde4502 4 หลายเดือนก่อน +1

    न्याय प्रक्रिया में बहोत सुधार होना चाहिए .

  • @harishchotani2166
    @harishchotani2166 ปีที่แล้ว +5

    Transparency and efficiency is MUST. PENDANCY IS MUST TO BE SORTED OUT
    NEPOTISM MUST GO

  • @abhijitbhowmik5371
    @abhijitbhowmik5371 ปีที่แล้ว +49

    From top to bottom a very big reform is overdue in judiciary in our country. The laws bringing the reform needs to be passed in this winter session of the Parliament.

    • @user-fg7uj8le6b
      @user-fg7uj8le6b ปีที่แล้ว +1

      सर,
      सबसे पहले कर्मठ, कार्य को लेकर गम्भीर एवं कर्त्तव्यपरायण सभी जजों एवं वकीलों को सादर- सहृदय प्रणाम।
      इस राष्ट्र की न्याय व्यवस्था के विषय में अपने स्वयं के निजी कटु अनुभव के आधार पर मैं कहना चाहता हूं कि इस राष्ट्र की न्यायिक प्रणाली में नीचे से लेकर ऊपर तक गम्भीर सुधारों की आवश्यकता है :-
      1) न्याय प्रदान करने में कई कई बरस- दशक निगल जाने वाली इस व्यवस्था में से छुट्टियों के गुच्छे पूरी तरह से समाप्त हों,
      2) जजों की सुनवाई और फैसले पूरी तरह से CCTV कैमरों के अंतर्गत हों,
      3) जजों के फैसलों की गुणवत्ता बारे जवाबदेही सख्ती के साथ सुनिश्चित हो, गलत फैसले देने वाले जजों को दंडित किया जाए; जजों को भगवान (MiLords) कहना आस्था, अध्यात्म और इन्सानियत का अपमान है, यह तुरन्त बन्द होना चाहिए,
      4) किसी भी केस पर तारीख़ पर तारीख पर तारीख़ पर तारीखों के अम्बार, जजों की मर्ज़ी या विवेक पर नहीं छोड़े जा सकते।
      न्याय प्रणाली में तारीख़ पर तारीख पर तारीख पर तारीख की रेल को रोकते हुए अधिक से अधिक केवल 6 महीने की अवधि में न्याय आवश्यक रूप से प्रदान हो जाए, इसके लिए चाहे तो न्याय प्रणाली को हस्पतालों की Emergency की तर्ज़ पर 24x7 घंटे 8- 8 घंटों की शिफ्टों में चलाया जाए।
      5) न्याय प्रणाली को सूचना के अधिकार अधिनियम- 2005 के तहत लाया जाए,
      6) वकीलों की फीसों की सख्ती के साथ capping हो,
      7) वकीलों द्वारा enroll किए जा रहे No. of cases को सीमित किया जाए, ताकि हर एक वकील अपने हर एक केस पर पर्याप्त समय दे पाए और बेवजह कोर्ट में तारीख पर तारीख पर तारीख ना ले पाए,
      8) वकीलों को Consumer Protection Act के अधीन लाया जाए,
      9) न्याय प्रणाली में कार्यरत सभी वकीलों की हड़तालों को ESMA कानून के अंतर्गत लाकर अवैध घोषित किया जाए,
      10) न्याय पालिका में मौजूद भ्रष्टाचार से निपटने के लिए CBI की एक खास dedicated wing को 24x7 घंटे सक्रिय रखा जाए, जो जजों पर 24x7 पैनी निगाह रखे और
      भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने वाले जजों को तुरन्त प्रभाव से, अविलम्ब नौकरी से बर्खास्त कर अंडमान निकोबार की Cellular जेल में भेजा जाए।
      11) न्याय की गुणवत्ता और निष्पक्षता के लिए एक ऐसा Mechanism हो जिसमें ना तो जज को ही ये पता चल पाए कि उसकी अदालत में किस वादी या वकील का केस चल रहा है और ना ही वादी, उसके वकील को ये पता चल सके कि उनका केस किस जज की अदालत में चल रहा है।
      12) कोर्ट की अवमानना की परिभाषा की समीक्षा की जाए कि कहीं कोर्ट की अवमानना का चाबुक दिखा कर पीड़ित जनता में अपने कटु अनुभव को लेकर मुखर होने पर पाबंदी और खामोश रहने की चेतावनी तो नही दी जा रही है !!!!
      13) जजों को उनके निर्णयों को लेकर पूरी तरह से जवाबदेह बनाया जाए। गलत फैसले देने वालों, भ्रष्टाचार में लिप्त या केवल तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख की नाव में चलने वाले जजों को पदच्युत करने की व्यवस्था इतनी जटिल ना रख, एक सरल एवं तीव्र व्यवस्था के तहत ऐसे जज साहेबान पर कारवाई होनी चाहिए।
      इस देश की न्याय प्रणाली में गम्भीर सुधारों की ज़रूरत है।
      तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख पर तारीख.......... देने वाली यह व्यवस्था अपना औचित्य खोती चली गई है।
      गम्भीर न्यायिक सुधारों के बाद ही इस देश में न्याय प्रणाली पटरी पर आएगी।
      वरना न्याय के इन्तजार में 10, 20, 30, 40 बरस तक किसी लाचार- भूखे- प्यासे कुत्ते की तरह इन्तजार करते रहना और इस देश की 4.5 करोड़ pending cases के चलते न्यायिक बदहाली सबके सामने है।

    • @romeshwazir7763
      @romeshwazir7763 11 หลายเดือนก่อน

      ​@@user-fg7uj8le6b govtt. Is the best gudge what is good for the nation and public both the parliament houses discus n act.

    • @user-fg7uj8le6b
      @user-fg7uj8le6b 11 หลายเดือนก่อน

      @@romeshwazir7763
      But no one acted since last over 70 years after independence !!!!
      Taking 5,10,20,30,40,50 years to pass justice is not a justice, rather it is injustice.
      There should be maximum 6 months of time period to provide unbiased judgement and justice.
      If justice is not delivered within 6 months, then the responsible lawyers, policemen or the Judges should be made completely accountable and be suitably punished.
      Taking 5,10,20,30,40,50 years, Indian Judiciary system has turned up into one of the most torturous system with sloth speed of justice delivery.

  • @manoranjansahoo8557
    @manoranjansahoo8557 ปีที่แล้ว +3

    If it's essential for the country and it's people,the Government and the judiciary should deeply think over it and make necessary provisions for people and should not fight with each other. Jai Hind. Vandemataram.

  • @ParikhSanjay7
    @ParikhSanjay7 ปีที่แล้ว +5

    Most needed Bill for country. Gr8 initiative by PM.

  • @mamba4222
    @mamba4222 ปีที่แล้ว +22

    Alongwith this NJAC, GOI also has to ensure that Contempt provisions r stricken and Judiciary should be made accountable and be brought under RTI.

  • @harendrasinghnegi58
    @harendrasinghnegi58 ปีที่แล้ว +6

    Only gentlemen afraid to go to Court while criminals never afraid from Court.

  • @mohanambalbalaji8959
    @mohanambalbalaji8959 ปีที่แล้ว +2

    Excellent analysis. I Salute Our Law Minister fully. 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹🌹🌹🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

  • @manoharsinghbora3154
    @manoharsinghbora3154 ปีที่แล้ว +5

    सतयम शिवंम सुनदरम ः जब जागो तभी सबेरा ।जन गण मन अधिनायक हो ःः

  • @ashokpalit8687
    @ashokpalit8687 ปีที่แล้ว +8

    Rejoiced beyond any limit👌🙏🙏👍

  • @chhailsingh4574
    @chhailsingh4574 ปีที่แล้ว +1

    आज दिन तक किसी भी प्राइम मिनिस्टर नहीं उठाया कि कॉलेजियम सिस्टम होना चाहिए धन्य हो हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी को लोगों के हित के लिए बड़ा कदम उठाया है इसमें आप बिजी रहेंगे जय भारत माता

  • @RSGupta-mf1ii
    @RSGupta-mf1ii ปีที่แล้ว +2

    ऐसे कठोर नियम जरूरी ।है जनता के हितमें

  • @maheshprasadmishra7300
    @maheshprasadmishra7300 ปีที่แล้ว +4

    लोकतन्त्र मे जनता से बडा कौन है ? जनता का प्रतिनिधि कौन ? संसद या सुप्रिम कोर्ट ?

  • @pcprashar7158
    @pcprashar7158 ปีที่แล้ว +3

    Highly informative and useful presentation. The dictatorial and arbitratiry attitude of the judiciary is a matter of great concern and the Law minister has shown the courage to pin point and nail the collegium system

  • @madhukargharad5777
    @madhukargharad5777 ปีที่แล้ว +1

    बहोत बढिया, देर आए दुरुस्त आए!
    न्याय मिलने मे देरी नाहो इसलिये पुक्ता वेवस्था हो
    और गावकी पुराणी अपनी न्याय वेवस्था भी पुनरस्थापित की जाय, ताकी गावका न्याय, गावमेही होए.
    मधू घारड

    • @madhukargharad5777
      @madhukargharad5777 ปีที่แล้ว

      किसिके उपर नकेल कसनेके लिए सुधार नही हैं!
      न्याय पालिकाका सम्मान करते हुये,देश न्यायमे होणे वाली देरी और, न्याय मिलनेमे सुलभता हो इसलिए सरकार उचित कदम उठारही है.
      कोई अन्यथा न ले.
      मधु घारड

  • @narayansinghgaur7371
    @narayansinghgaur7371 ปีที่แล้ว +1

    Sir very good जैसा आपने बताया वैसा हो जाए तो केवल न्यायिक व्यवस्था मैं सुधार ही नहीं बल्कि जेलों में भी निरुद्ध बंदियों की संख्या कम हो जाएगी और राज्य तथा केंद्र सरकार पर आर्थिक बोझ भी कम हो जाएगा

  • @SOMNATH-nm3zz
    @SOMNATH-nm3zz ปีที่แล้ว +5

    Hat's off to Rajive Shukla,MP,RS for rasing very pertinent question of huge pendency of cases in Courts. Law Minister was not candid in his reply. Judges know the exact reason of huge pendency. But deliberately they do not act due to their self interest. Lawyers and judges are having their hands in gloves with the result common men scouting for justice are suffering. BCI is worthless requires drastic reforms.

  • @wow47
    @wow47 ปีที่แล้ว +7

    Most needed bill in Indian democracy which was high jacked and twisted with irresponsible law book keeper by Congressi corrupt family

  • @vishnuprasadshrivastava511
    @vishnuprasadshrivastava511 ปีที่แล้ว +2

    NJAC आ गया तो इनके सपने चूर चूर हो जायेंगे ।

  • @kishorchitre3905
    @kishorchitre3905 ปีที่แล้ว +17

    In all the Govt/Semi Government as also private Sector's organizations a monthly progress reports are required to be submitted to the appropriate authorities.Howevever there is no such arrangements in the Judiciary and year by year the pendinding cases are increasing and people are waiting for justice for years together.
    The Central Govt has taken a correct step to set right the system.

    • @damodarprabhudesai5406
      @damodarprabhudesai5406 ปีที่แล้ว +1

      आता जनतेला योग्य न्याय मिळेल
      मोदींजी धन्यवाद.

  • @rckaimal261
    @rckaimal261 ปีที่แล้ว +5

    Actual working day of court is about 200 days add annual leave,SL and CL of each judges.Thus actual working day of a judge is less than 150. Working hrs is also hardly 4 hrs. SC working must b parallel with PM' s office. Hope Modiji will make a plan to bring pending cases to zero in 5 year.Judges who love people will support PM.
    JAI BHARAT.

  • @jitendrarathod7088
    @jitendrarathod7088 ปีที่แล้ว +3

    Waiting for a great reform in judiciary