Jai Bhole....Is mandir se meri bahut yaaden hai... College ke dino mein jab free hote the to is park mein baith kr time pass karte the....Bol Bam...Har har mahadev.
पुराणों के अनुसार बैधनाथ धाम देवघर झारखंड राज्य पुर्व राज्य बिहार मे है, क्यूं की मंदिर के सामने ओ बड़ा तालाब भी है जो रावण ने अपने हाँथो से मुक्का मार के धरती से पानी निकाला था ओ पानी अब भी तालाब के बिचो बिच से निकलता है और ओ तालाब कभी नहीं सूखता, जब मेरा जन्म हूआ था तब मेरे पापा ने मेरा मुंडन यहीं झारखंड के देवघर धाम में करवाये थे, 😊 सावन के महिने मे लाखो की तादात मे भक्त बैध नाथ बाबा के दर्शन करते हैं ।। सुल्तानगंज से गंगा जल भर के बाबा के धाम आते हैं पैदल 105 कीलोमीटर का सफर करके,, जय बाबा बैध नाथ ❤🙏🙏
Original bejnath dham Deoghar jharkhand mean hea Tourist ke liyea nahi balki sarbajanik hea Puri sarawan mahina jal charata hea Original Mandir Deoghar jharkhand Om Namah Shivai
I will be travelling to baijnath from pathankot meter gauge train on friday. Can anyone please guide if I will get bus from baijnath to chandigarh, and at what timings ?
# bhai yeh baijnath hain Ravan ne yaha bhakti jarur ki thi per yeh woh baijnath place nehi hain woh UP me hain.... Or baijnath ka old name kirgram tha main yaha ka local hu at least pandit ji se puch lete apko currect information milti...
Rohit bhai.... baijnath bahut jagah par hai.....aap Himachal aakar dekho.....koi bhi Mandir nakli Nahi hai....saare asli hai.... sabki story same hai.....aap pata Kar lo.... thanks
Tafri With Dinesh #Brother main baijnath ka local hu tabhi bol raha hu ki apne Jo story batayi hain woh wrong hain yaha per Ravan ne apne head cut Karke bhole Nath ki bhakti ki thi.or Jo aap bol rahe ho ki yaha Ravan ne toilet ki bajah se shivling rakhi woh wrong hain.... Or hain yeh temple incomplete hain iske puller aaj bhi yaha se 3km away rakhe hue hain...
Brother....Maine bhi Himachal ke local se hi confirm Kiya.....aur Google me bhi apko yahi story milegi..... lekin agar aapko ye wrong lagti hai toh no issue.... it's your wish... thanks for watching
Tafri With Dinesh #झारखंड का देवघर पूरे भारत में वैद्यनाथ धाम के नाम से प्रसिद्ध है। यह भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। सावन में यहां की छटा देखते ही बनती है। हर तरफ कांवड़ियों के समूह वातावरण को गेरुआ रंग में रंग देते हैं। देश के कोने-कोने से आकर श्रद्धालु बिहार के भागलपुर जिले के सुल्तानगंज से मां गंगा का जल लेते हैं और करीब 110 किलोमीटर की दूरी तय करके बाबा वैद्यनाथ को जल चढ़ाते हैं। वैद्यनाथ धाम में शिवलिंग की स्थापना को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। उनमें से एक यह है। एक बार रावण ने हिमालय पर जाकर भगवान शिव की घोर तपस्या की। उसने अपना एक-एक सिर काट कर शिवलिंग पर चढ़ाना शुरू कर दिया। उसने अपने नौ सिर चढ़ा दिए। जैसे ही वह अपना दसवां सिर काटने जा रहा था, भगवान शंकर प्रसन्न होकर प्रकट हो गए। उन्होंने रावण के दसों सिरों को पहले जैसा ही कर दिया और रावण से वरदान मांगने को कहा। रावण ने वर मांगा- ‘मुझे शिवलिंग को लंका ले जाने की अनुमति दीजिए।’ शिवजी ने रावण को इस शर्त के साथ लिंग ले जाने का वर दिया कि अगर वह लिंग को ले जाते समय जमीन पर रख देगा तो लिंग वहीं स्थापित हो जाएगा। रावण शिवलिंग लेकर चल दिया। सभी देवताओं को चिंता हो गई कि अगर रावण ने लंका में शिवलिंग स्थापित कर दिया तो वह अजेय हो जाएगा। सब देवता सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु के पास पहुंच गए। भगवान विष्णु ने तीन पवित्र नदियों- गंगा, यमुना और सरस्वती से कहा कि वे रावण के पेट में प्रवेश कर जाएं। तीनों नदियों के पेट में प्रवेश करते ही रावण को बड़ी तेज लघुशंका लगी। मगर शर्त थी कि शिवलिंग को जमीन पर रखना नहीं है और शिवलिंग को लेकर लघुशंका की नहीं जा सकती थी। तभी वहां भगवान विष्णु स्वयं ग्वाले का रूप धर कर उपस्थित हो गए। रावण ने ग्वाले से कहा कि वह थोड़ी देर के लिए शिवलिंग पकड़ ले, उसे लघुशंका के लिए जाना है। ग्वाले ने कहा- ‘जल्दी आना, वरना मैं शिवलिंग भूमि पर रख दूंगा।’ रावण बोला- ‘ठीक है।’ उधर तीनों नदियों के पेट में प्रवेश कर जाने से रावण की लघुशंका समाप्त ही नहीं हो रही थी। इधर बहुत ज्यादा देर होते देख ग्वाले ने शिवलिंग को भूमि पर रख दिया। वह लिंग वहीं स्थिर हो गया। वापस आकर रावण ने अपनी सारी शक्ति लगा कर उसे उठाना चाहा, लेकिन उठा नहीं सका। गुस्से में उसने शिवलिंग पर मुक्के से प्रहार किया, जिससे वह जमीन में धंस गया। बस उसका अंगूठे जितना भाग ही ऊपर रहा। अंत में रावण निराश होकर खाली हाथ लंका चला गया। कहते हैं कि जिस जगह लिंग स्थापित हुआ था, वहीं वर्तमान मंदिर है और शिवलिंग आज भी अंगूठे के आकार का ही है। यह भी मान्यता है कि रावण की लघुशंका से एक सरोवर का निर्माण हो गया था, जिसे शिवगंगा कहते हैं। देवघर पहुंचने के बाद कांवड़िये पहले शिवगंगा में स्नान करते हैं, फिर शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं।
हिमाचल के कांगड़ा स्थित बैजनाथ का ये मंदिर आज भी त्रेता युग की यादों को समेटे हुए हैं। कहा जाता है कि रावण भी यहां से शिवलिंग को लंका नहीं ले जा पाया था। बाद में यहीं पर भगवान शिव का मंदिर बनाया गया। लंकापति रावण भी नहीं उठा पाया था ये शिवलिंग  मान्यता है कि रावण तीनों लोकों पर अपना राज कायम करने के लिए कैलाश पर्वत पर तपस्या कर रहा था। भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए उसने अपने दस सिर हवन में काटकर चढ़ा दिए थे। लंकापति रावण भी नहीं उठा पाया था ये शिवलिंग  बाद में भगवान भोलेनाथ रावण की तपस्या से खुश हुए और उसके सिर उसे दोबारा दे दिए। यही नहीं भोलेनाथ ने रावण को असीम शक्तियां भी दी जिससे वह परम शक्तिशाली बन गया था। लंकापति रावण भी नहीं उठा पाया था ये शिवलिंग  रावण ने एक और इच्छा जताई। उसने कहा कि वह भगवान शिव को लंका ले जाना चाहता है। भगवान शिव ने उसकी ये इच्छा भी पूरी की और शिवलिंग में परिवर्तित हो गए। मगर उन्होंने कहा कि वह जहां मंदिर बनवाएगा वहीं, इस शिवलिंग को जमीन पर रखे। लंकापति रावण भी नहीं उठा पाया था ये शिवलिंग  रावण भी कैलाश से लंका के लिए चल पड़ा। रास्ते में उसे लघुशंका जाना पड़ा। वह बैजनाथ में रुका और यहां भेड़ें चरा रहे गडरिए को देखा। उसने ये शिवलिंग गडरिए को दे दी और खुद लघुशंका करने चला गया। क्योंकि शिवलिंग भारी था इसलिए गडरिए ने इसे थोड़ी देर के लिए जमीन पर रख दिया। लंकापति रावण भी नहीं उठा पाया था ये शिवलिंग  जब रावण थोड़ी देर में वापस लौटा तो उसने देखा कि गडरिए ने शिवलिंग जमीन पर रख दी है। वह उसे उठाने लगा लेकिन उठा नहीं पाया। काफी कोशिश करने के बाद भी शिवलिंग जस से तस नहीं हुआ। रावण शिव महिमा को जान गया और वहीं मंदिर का निर्माण करवा दिया। लंकापति रावण भी नहीं उठा पाया था ये शिवलिंग  मंदिर का निर्माण अब नगोरा शैली में किया गया है। आज इस भव्य मंदिर में देश विदेश से श्रद्घालु पहुंचते हैं। आने आने पर सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। लंकापति रावण भी नहीं उठा पाया था ये शिवलिंग  हर साल राज्य स्तरीय शिवरात्रि मेला भी यहां होता है। (सभी फोटो सोशल मीडिया से)
Bhai...aapne galat information diya.............ravaneswar baidyanath( babadham deoghar,jharkhand) ka history aapne bataya........youtube ya google par babadham, deoghar ka history search karen mil jyega..... Mai babadham deoghar ka hi hoon..
Pahle aap pura jankari rakha le tb video banaye rawam kelash parwat se ak hi shivling leke aye the o Deoghar jharkhand me rakhe the,,,,, jai shive sankar
Yha ravan ne lagushanka ki thi wha ....Koi talab wagera ha ya nahi ....Ya fir afwaah ha ....Maine kahin se suna tha ki ravan ke lagushanka se ek talab sa ban gya tha.. jise Ravan sarover ke naam se btaya gya ha..Kirpya yeh baat b btaiye 🙏
आपने जो वीडियो बनाया है बाबा मंदिर का बहुत ही सुंदर मंदिर है बहुत सुंदर स्थान है है मगर जहां तक बाबा बैद्यनाथ मंदिर की कहानी है वह same kahani और बाबा बैद्यनाथ मंदिर झारखंड के देवघर जिला में बैद्यनाथ मंदिर के नाम से स्थित है काफी भीड़ होती है और सावन के महीने में लोग गंगा का जल कावड़ यात्रा करके चढ़ाते हैं
Yeh bate bikul sahi hai kyoki yaha par ravan ka putla nahi jalya jata hai.kyoki shiv bagwan narze ho zate hai.jisne bhi haisa karane ki kosis ki woh next dusherra tak zinda nahi raha kyoki shiv ko apana priye that.
If you want to support this channel
Please buy from this lInk- amzn.to/2Pe9EOd
You will get Amazing deals on amazon
🌹🙏🏻हर हर महादेव 🙏🏻🌹
Jai Bhole....Is mandir se meri bahut yaaden hai... College ke dino mein jab free hote the to is park mein baith kr time pass karte the....Bol Bam...Har har mahadev.
Oh great... please share this video
jai bholenath🙏🙏🙏🙏very nice place. I love this place😘😘🤗🤗🤗👌👌💕
Please share this video
पुराणों के अनुसार बैधनाथ धाम देवघर झारखंड राज्य पुर्व राज्य बिहार मे है, क्यूं की मंदिर के सामने ओ बड़ा तालाब भी है जो रावण ने अपने हाँथो से मुक्का मार के धरती से पानी निकाला था ओ पानी अब भी तालाब के बिचो बिच से निकलता है और ओ तालाब कभी नहीं सूखता, जब मेरा जन्म हूआ था तब मेरे पापा ने मेरा मुंडन यहीं झारखंड के देवघर धाम में करवाये थे, 😊 सावन के महिने मे लाखो की तादात मे भक्त बैध नाथ बाबा के दर्शन करते हैं ।। सुल्तानगंज से गंगा जल भर के बाबा के धाम आते हैं पैदल 105 कीलोमीटर का सफर करके,, जय बाबा बैध नाथ ❤🙏🙏
Jai bhole Nath NYS information Baba baijnath Mandir
Thanks... please share this video
Jai shree baijnath August2023 me baba ki kripya hogi to jarur jaenge
Har har mahadev....
Mai gya hoon bajinath mandir mai
Sawarg mai hii mere mahadev...
Original bejnath dham
Deoghar jharkhand mean hea
Tourist ke liyea nahi balki sarbajanik hea
Puri sarawan mahina jal charata hea
Original Mandir Deoghar jharkhand
Om Namah Shivai
Nice mandir bole nath ji ka main do bar gya hu jaha par bhut asa hai
Please share this video
Jai baba baijnath....
Love this place.....😍
Har har Mahadev ...🙏🏻devo ke Dev mahadev...💐💐💐
Please share this video
🕉 नमः शिवाय
Or es temple ke andar gangaji bhi hai jinka Pani milk form Mai dikhta hai Mai ne pia hai
This is temple is awesome
Om namah shivaya 🙏🙏
I will be travelling to baijnath from pathankot meter gauge train on friday. Can anyone please guide if I will get bus from baijnath to chandigarh, and at what timings ?
M jrur jaungi
Good... please share this video
Good Video...🙏
Jai Bholenath 🙏🙏🙏🙏
❤like
बैजनाथ मंदिर और रावण से संबंधित जो कथा आपने सुनाई वही कथा झारखंड स्थित बाबा बैधनाथ मंदिर के बारे में भी प्रचलित है।
same kaise ho sakta h
Yaha bohat shanti hai bohat maann lagta h mai aaya tha pr bohat sunder h 🙏🙏🙏har har mahadev
Jai bhole nath 🙏🙏🙏🙏
Nice place I visited in 2012
रावेनेश्वर बाबा बैद्यनाथ धाम देवघर झारखंड में है
👍👍👍
Jai ho🙏
# bhai yeh baijnath hain Ravan ne yaha bhakti jarur ki thi per yeh woh baijnath place nehi hain woh UP me hain.... Or baijnath ka old name kirgram tha main yaha ka local hu at least pandit ji se puch lete apko currect information milti...
Rohit bhai.... baijnath bahut jagah par hai.....aap Himachal aakar dekho.....koi bhi Mandir nakli Nahi hai....saare asli hai.... sabki story same hai.....aap pata Kar lo.... thanks
Tafri With Dinesh #Brother main baijnath ka local hu tabhi bol raha hu ki apne Jo story batayi hain woh wrong hain yaha per Ravan ne apne head cut Karke bhole Nath ki bhakti ki thi.or Jo aap bol rahe ho ki yaha Ravan ne toilet ki bajah se shivling rakhi woh wrong hain.... Or hain yeh temple incomplete hain iske puller aaj bhi yaha se 3km away rakhe hue hain...
Brother....Maine bhi Himachal ke local se hi confirm Kiya.....aur Google me bhi apko yahi story milegi..... lekin agar aapko ye wrong lagti hai toh no issue.... it's your wish... thanks for watching
Tafri With Dinesh #झारखंड का देवघर पूरे भारत में वैद्यनाथ धाम के नाम से प्रसिद्ध है। यह भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। सावन में यहां की छटा देखते ही बनती है। हर तरफ कांवड़ियों के समूह वातावरण को गेरुआ रंग में रंग देते हैं। देश के कोने-कोने से आकर श्रद्धालु बिहार के भागलपुर जिले के सुल्तानगंज से मां गंगा का जल लेते हैं और करीब 110 किलोमीटर की दूरी तय करके बाबा वैद्यनाथ को जल चढ़ाते हैं। वैद्यनाथ धाम में शिवलिंग की स्थापना को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। उनमें से एक यह है। एक बार रावण ने हिमालय पर जाकर भगवान शिव की घोर तपस्या की। उसने अपना एक-एक सिर काट कर शिवलिंग पर चढ़ाना शुरू कर दिया। उसने अपने नौ सिर चढ़ा दिए। जैसे ही वह अपना दसवां सिर काटने जा रहा था, भगवान शंकर प्रसन्न होकर प्रकट हो गए।
उन्होंने रावण के दसों सिरों को पहले जैसा ही कर दिया और रावण से वरदान मांगने को कहा। रावण ने वर मांगा- ‘मुझे शिवलिंग को लंका ले जाने की अनुमति दीजिए।’ शिवजी ने रावण को इस शर्त के साथ लिंग ले जाने का वर दिया कि अगर वह लिंग को ले जाते समय जमीन पर रख देगा तो लिंग वहीं स्थापित हो जाएगा।
रावण शिवलिंग लेकर चल दिया। सभी देवताओं को चिंता हो गई कि अगर रावण ने लंका में शिवलिंग स्थापित कर दिया तो वह अजेय हो जाएगा। सब देवता सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु के पास पहुंच गए। भगवान विष्णु ने तीन पवित्र नदियों- गंगा, यमुना और सरस्वती से कहा कि वे रावण के पेट में प्रवेश कर जाएं। तीनों नदियों के पेट में प्रवेश करते ही रावण को बड़ी तेज लघुशंका लगी। मगर शर्त थी कि शिवलिंग को जमीन पर रखना नहीं है और शिवलिंग को लेकर लघुशंका की नहीं जा सकती थी।
तभी वहां भगवान विष्णु स्वयं ग्वाले का रूप धर कर उपस्थित हो गए। रावण ने ग्वाले से कहा कि वह थोड़ी देर के लिए शिवलिंग पकड़ ले, उसे लघुशंका के लिए जाना है। ग्वाले ने कहा- ‘जल्दी आना, वरना मैं शिवलिंग भूमि पर रख दूंगा।’ रावण बोला- ‘ठीक है।’ उधर तीनों नदियों के पेट में प्रवेश कर जाने से रावण की लघुशंका समाप्त ही नहीं हो रही थी। इधर बहुत ज्यादा देर होते देख ग्वाले ने शिवलिंग को भूमि पर रख दिया। वह लिंग वहीं स्थिर हो गया। वापस आकर रावण ने अपनी सारी शक्ति लगा कर उसे उठाना चाहा, लेकिन उठा नहीं सका। गुस्से में उसने शिवलिंग पर मुक्के से प्रहार किया, जिससे वह जमीन में धंस गया। बस उसका अंगूठे जितना भाग ही ऊपर रहा। अंत में रावण निराश होकर खाली हाथ लंका चला गया।
कहते हैं कि जिस जगह लिंग स्थापित हुआ था, वहीं वर्तमान मंदिर है और शिवलिंग आज भी अंगूठे के आकार का ही है। यह भी मान्यता है कि रावण की लघुशंका से एक सरोवर का निर्माण हो गया था, जिसे शिवगंगा कहते हैं। देवघर पहुंचने के बाद कांवड़िये पहले शिवगंगा में स्नान करते हैं, फिर शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं।
हिमाचल के कांगड़ा स्थित बैजनाथ का ये मंदिर आज भी त्रेता युग की यादों को समेटे हुए हैं। कहा जाता है कि रावण भी यहां से शिवलिंग को लंका नहीं ले जा पाया था। बाद में यहीं पर भगवान शिव का मंदिर बनाया गया।
लंकापति रावण भी नहीं उठा पाया था ये शिवलिंग

मान्यता है कि रावण तीनों लोकों पर अपना राज कायम करने के लिए कैलाश पर्वत पर तपस्या कर रहा था। भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए उसने अपने दस सिर हवन में काटकर चढ़ा दिए थे।
लंकापति रावण भी नहीं उठा पाया था ये शिवलिंग

बाद में भगवान भोलेनाथ रावण की तपस्या से खुश हुए और उसके सिर उसे दोबारा दे दिए। यही नहीं भोलेनाथ ने रावण को असीम शक्तियां भी दी जिससे वह परम शक्तिशाली बन गया था।
लंकापति रावण भी नहीं उठा पाया था ये शिवलिंग

रावण ने एक और इच्छा जताई। उसने कहा कि वह भगवान शिव को लंका ले जाना चाहता है। भगवान शिव ने उसकी ये इच्छा भी पूरी की और शिवलिंग में परिवर्तित हो गए। मगर उन्होंने कहा कि वह जहां मंदिर बनवाएगा वहीं, इस शिवलिंग को जमीन पर रखे।
लंकापति रावण भी नहीं उठा पाया था ये शिवलिंग

रावण भी कैलाश से लंका के लिए चल पड़ा। रास्ते में उसे लघुशंका जाना पड़ा। वह बैजनाथ में रुका और यहां भेड़ें चरा रहे गडरिए को देखा। उसने ये शिवलिंग गडरिए को दे दी और खुद लघुशंका करने चला गया। क्योंकि शिवलिंग भारी था इसलिए गडरिए ने इसे थोड़ी देर के लिए जमीन पर रख दिया।
लंकापति रावण भी नहीं उठा पाया था ये शिवलिंग

जब रावण थोड़ी देर में वापस लौटा तो उसने देखा कि गडरिए ने शिवलिंग जमीन पर रख दी है। वह उसे उठाने लगा लेकिन उठा नहीं पाया। काफी कोशिश करने के बाद भी शिवलिंग जस से तस नहीं हुआ। रावण शिव महिमा को जान गया और वहीं मंदिर का निर्माण करवा दिया।
लंकापति रावण भी नहीं उठा पाया था ये शिवलिंग

मंदिर का निर्माण अब नगोरा शैली में किया गया है। आज इस भव्य मंदिर में देश विदेश से श्रद्घालु पहुंचते हैं। आने आने पर सारी मनोकामनाएं पूरी होती है।
लंकापति रावण भी नहीं उठा पाया था ये शिवलिंग

हर साल राज्य स्तरीय शिवरात्रि मेला भी यहां होता है। (सभी फोटो सोशल मीडिया से)
Bhai...aapne galat information diya.............ravaneswar baidyanath( babadham deoghar,jharkhand) ka history aapne bataya........youtube ya google par babadham, deoghar ka history search karen mil jyega.....
Mai babadham deoghar ka hi hoon..
Aap bhi Himachal ke is Mandir ke baare pad sakte hai,..... vaise baijnath dham India me bahut jagah par hai.....not only deoghar
@@dineshtalksvlogs3589 सर एक ही ज्योतिर्लिग दो जगह कैसे हो सकता है
सेम यही हिस्ट्री बाबाधाम की भी है
Why this tepmle nt in 12 jyotir lingaa of lord shiva ??
We have visited! #hpdevbhoomi
Jai Bhole
Jai bholenath... please share this video
JAI BABA
har hard mhadav 🌿🌿🌿🌿🍀🍀🍀🍀🌻🌻🌻🌺🌺🌺🌹🌹
Jharkhand me bhi he 1 jyotilingh
बहुत बढ़िया
ravan was great shiv bhakt ...usne hi ye shivling bhgwan shiv se manga tha but lanka nhi le ja paya...
har har mahadev
#mokshayatra
Lovely jai bhole
m
You know sir from this temple maybe 12km Bhattu mandir hai?
HAR HAR MAHADEV.........
Bhai yee tpp bhoomi h bjnth ravaan ki
Hr Hr Mhadev...
Please share this video
Om namaha shivaay 🙏🏻🕉️
Baidhath dham devghar jharkhand me h
Bhai Saab himachal aur Maharashtra me bhi hai
Pahle aap pura jankari rakha le tb video banaye rawam kelash parwat se ak hi shivling leke aye the o Deoghar jharkhand me rakhe the,,,,, jai shive sankar
Yha ravan ne lagushanka ki thi wha ....Koi talab wagera ha ya nahi ....Ya fir afwaah ha ....Maine kahin se suna tha ki ravan ke lagushanka se ek talab sa ban gya tha.. jise Ravan sarover ke naam se btaya gya ha..Kirpya yeh baat b btaiye 🙏
आपने जो वीडियो बनाया है बाबा मंदिर का बहुत ही सुंदर मंदिर है बहुत सुंदर स्थान है है मगर जहां तक बाबा बैद्यनाथ मंदिर की कहानी है वह same kahani और बाबा बैद्यनाथ मंदिर झारखंड के देवघर जिला में बैद्यनाथ मंदिर के नाम से स्थित है काफी भीड़ होती है और सावन के महीने में लोग गंगा का जल कावड़ यात्रा करके चढ़ाते हैं
यह तो झारखंड में भी है बैजनाथ धाम के नाम से
Jai bhole
Please share this video
Har har mahadev
i know frd hm kangra se hi hai
I am also from baijnath
Jai whole bath ji
Please share this video
Or gold ki shop Na hone ka karan kya he? Tell me
Ye question mujhe interview me. Pucchha tha. But mujhe ni aata . Mandir ke pandit se bi pucchha Maine baad me but abhi tak answer ni mil paya he
Iska answer mujhe bhi nahi pata.... sorry
Mai Abhi 2 din phela gya tha bhai unhone mujhe photo khechne di par blog nahi bnane diya
Jai Maha dev
Please share this video
Bhai.. Information galat h.. Me bhi baijnath ka hu...
Kon si glt hai bhai,❤️ please tell mi
jai shiva..
JAT MAHADAV JI
Nice
Thanks bhai g
Jai shivji
Please share this video
Sir baijnath na old name kya tha ????
Jai shiv sanker
Please share this video
Jaygoreshankarterarajrahay
Built quality??? Bhai deemag toh sahi hai na , kya bol rha
jai bholenath
भैया आपके इस वीडियो का थोड़ा सा पाट में अपने वीडियो में यूज कर सकता हूं भैया बस मात्र थोड़ा सा भैया
In simple words "THE VIDEOGRAPHY AND PHOTOGRAPHY INSIDE THE TEMPLE IS TOTALLY PROHIBITED."
HAR HAR MAHADEV
Hii maine yha ek mahine tk roj Pooja ki he our yhe mandir bhuat achaa he i Miss u Baijnath Mandir and Himachal Pradesh I miss you too all friends
Yeh bate bikul sahi hai kyoki yaha par ravan ka putla nahi jalya jata hai.kyoki shiv bagwan narze ho zate hai.jisne bhi haisa karane ki kosis ki woh next dusherra tak zinda nahi raha kyoki shiv ko apana priye that.
Yha gold shop kyu Ni hoti ?
No idea
jia baba
History rong hai bahi jharkhand ka dev ghar me hai bhai
Bhai, aapka history knowledge kam hai. Aap jo kahani batai o devghar ki hai
Jay bejnath
Bro its 16 km
Ok brother.. thanks
Improve voice quality
🙏🙏🙏 har har mahadev ji
Thoda history galat batai ek book hai wonder land pad Lena thanks
Mere bhai ye bihar wale baijnath mandir ki story hai...is Baijnath ki story Kucch aur hai
Kyu galat information de rahe bhai. Rameshwaram ki story isme bata rahe? Haad hai yr.
Information galat h bai
Y baijnath nhi h bhai
Bhai ye baijanath nhi h
Agr info deni to puri de nhi to Aise time waste na kr oro ka
Mandir 2400 years purana h
Brother maine kya galat Kaha hai....koi bhi video perfect Nahi hota....I tried my best
Bhai 5000 saal pehle to mahabharat hui thi tab pandav is mandir main aye they to ye mandir 2400 saal se jyada purana hain
Bilkul galat.information. ye vo vale Baijnath nahi hai. Ye story Jharkhand vale Baijnath ji ki hai
Homework toh theek se karo.bhai
Ajay kashyap
Fake story.. Temple and view is original but not story.
Real Temple narrated in video is in Bihar.
फिर झारखण्ड का क्या इतिहास है
Jhooth bol raha hai Ahir the
Build quality 😂😂
Mandir 5000 saal purana h Pandavo ka banaya hua
Wrong Information.
Worng story
Har har mahadev
Jai bhole
jai bhole nath
भैया आपके इस वीडियो का थोड़ा सा पाट में अपने वीडियो में यूज कर सकता हूं भैया बस मात्र थोड़ा सा भैया
HAR HAR MAHADEV
Har har Mahadev ..Please share this video