द्वादश निदान में 11 वा नंबर जाति का है 10 तक तो समझ में आ जाता है पर जाति का अर्थ जन्म बताया है ये समझ नही आता कि अविद्या से दुख हुआ फिर बीच में जन्म किसका हुआ या तो जाति का अर्थ कुछ और है कृपया किसी के पास इसका उत्तर हो तो अवश्य बताये जय भीम नमो बुद्धाय
Maine boudh dharm ke bare me thoda bahut hi padhaa hai. Mera ek sawaal hai jo ans janta ho wo reply kar dena. Q.boudh dharm atma aur parmatma ko nahi manta par janm mratyu ke bandhan ko kyo manta hai? Jisse mukt hone ke liye nirvan ko pana btaya hai.
आत्मा वहीं हैं जो आप संसारिक बन्धनों में बंधा है, परमात्मा उसे कहते हैं जो कि हमारे भीतर ही हैं. बुद्ध ने कभी नहीं कहा परमात्मा नहीं है, मोह, राग, द्वेष, से मुक्त हो जाता है, उसे ही बुद्ध ने निर्वाण कहा ✅
प्रतीत्यसमुत्पाद की व्याख्या बहुत ही सरल रुप में की गई है। बहुत बहुत धन्यवाद
Very nice 👍👍
Sadhu Sadhu Sadhu
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Sadhu sadhu sadhu
Namo buddhay
Jay bhim
Aap bahot accha karya karte hai
Aapne vippassana ki hai
द्वादश निदान में 11 वा नंबर जाति का है 10 तक तो समझ में आ जाता है पर जाति का अर्थ जन्म बताया है ये समझ नही आता कि अविद्या से दुख हुआ फिर बीच में जन्म किसका हुआ या तो जाति का अर्थ कुछ और है कृपया किसी के पास इसका उत्तर हो तो अवश्य बताये जय भीम नमो बुद्धाय
Sound is irritating
Maine boudh dharm ke bare me thoda bahut hi padhaa hai.
Mera ek sawaal hai jo ans janta ho wo reply kar dena.
Q.boudh dharm atma aur parmatma ko nahi manta par janm mratyu ke bandhan ko kyo manta hai?
Jisse mukt hone ke liye nirvan ko pana btaya hai.
आत्मा वहीं हैं जो आप संसारिक बन्धनों में बंधा है, परमात्मा उसे कहते हैं जो कि हमारे भीतर ही हैं.
बुद्ध ने कभी नहीं कहा परमात्मा नहीं है, मोह, राग, द्वेष, से मुक्त हो जाता है, उसे ही बुद्ध ने निर्वाण कहा ✅
@@lotusbro
yani boudh dhamm nastik dhamm nahi hai.
Dhanyawad aapka.