प्रतीत्यसमुत्पाद की बहुत ही सरल शब्दों मे परिभाषा Dependent Origination, Pratityasamutpada

แชร์
ฝัง
  • เผยแพร่เมื่อ 25 ธ.ค. 2024

ความคิดเห็น • 12

  • @drarvindkumarsingh9184
    @drarvindkumarsingh9184 2 ปีที่แล้ว +1

    प्रतीत्यसमुत्पाद की व्याख्या बहुत ही सरल रुप में की गई है। बहुत बहुत धन्यवाद

  • @rajpalabodhi1925
    @rajpalabodhi1925 4 ปีที่แล้ว +2

    Very nice 👍👍

  • @ratannamjali8475
    @ratannamjali8475 4 ปีที่แล้ว +2

    Sadhu Sadhu Sadhu

  • @aguetamang2458
    @aguetamang2458 4 ปีที่แล้ว +3

    🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @mahendraverma2962
    @mahendraverma2962 4 ปีที่แล้ว +2

    Sadhu sadhu sadhu

  • @prashantkhadtale7977
    @prashantkhadtale7977 4 ปีที่แล้ว +3

    Namo buddhay
    Jay bhim
    Aap bahot accha karya karte hai

  • @satyajitkharat9477
    @satyajitkharat9477 4 ปีที่แล้ว +1

    Aapne vippassana ki hai

  • @jayantthakur6456
    @jayantthakur6456 ปีที่แล้ว

    द्वादश निदान में 11 वा नंबर जाति का है 10 तक तो समझ में आ जाता है पर जाति का अर्थ जन्म बताया है ये समझ नही आता कि अविद्या से दुख हुआ फिर बीच में जन्म किसका हुआ या तो जाति का अर्थ कुछ और है कृपया किसी के पास इसका उत्तर हो तो अवश्य बताये जय भीम नमो बुद्धाय

  • @priyadarshikumar4432
    @priyadarshikumar4432 4 ปีที่แล้ว +1

    Sound is irritating

  • @arjundev1529
    @arjundev1529 4 ปีที่แล้ว +2

    Maine boudh dharm ke bare me thoda bahut hi padhaa hai.
    Mera ek sawaal hai jo ans janta ho wo reply kar dena.
    Q.boudh dharm atma aur parmatma ko nahi manta par janm mratyu ke bandhan ko kyo manta hai?
    Jisse mukt hone ke liye nirvan ko pana btaya hai.

    • @lotusbro
      @lotusbro 4 ปีที่แล้ว +4

      आत्मा वहीं हैं जो आप संसारिक बन्धनों में बंधा है, परमात्मा उसे कहते हैं जो कि हमारे भीतर ही हैं.
      बुद्ध ने कभी नहीं कहा परमात्मा नहीं है, मोह, राग, द्वेष, से मुक्त हो जाता है, उसे ही बुद्ध ने निर्वाण कहा ✅

    • @arjundev1529
      @arjundev1529 4 ปีที่แล้ว +2

      @@lotusbro
      yani boudh dhamm nastik dhamm nahi hai.
      Dhanyawad aapka.