Raag Bairagi Bhairav (बैरागी भैरव) - Riyaz Session with Guru Ji Sanjay Dewale
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- เผยแพร่เมื่อ 4 ส.ค. 2021
- Bairagi (raga), also known as Bairagi bhairav, is a Hindustani classical raga.
Thaat: Bhairav
Jati: Audav
Aaroh: sa, komal re, ma, pa, komal ni sa*
Avroh: sa*, komal ni, pa, ma, komal re, sa
Pakad: ni re ma pa, ni pa ni, ni ma re ni re sa
Vadi: ma
Samvadi: Sa
Bairagi (raga)
Thaat Bhairav
Time of day 6AM - 9AM
Arohana Sa re ma Pa ni Sa‘
Avarohana Sa‘ni Pa ma re Sa
Pakad m-P-n-P-m-r;‘n r S
Vadi Madhyam (ma)
Samavadi Shadj (Sa)
Synonym Bairagi Bhairav
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Bairagi (raga)
Thaat Bhairav
Time of day 6AM - 9AM
Arohana Sa re ma Pa ni Sa‘
Avarohana Sa‘ni Pa ma re Sa
Pakad m-P-n-P-m-r;‘n r S
Vadi Madhyam (ma)
Samavadi Shadj (Sa)
Synonym Bairagi Bhairav
Raag Bairagi
Swar Notations
Swaras Gandhar and Dhaivat Varjya. Rishabh and Nishad Komal. Rest All Shuddha Swaras.
Jati Audhav - Audhav
Thaat Bhairav
Vadi/Samvadi Madhyam/Shadj
Time (6AM - 9AM): 1st Prahar of the Day: Din ka Pratham Prahar
Vishranti Sthan S; r; m; P;
Mukhya-Ang m P n P m r ; r P m r S ; ,n S r S ;
Aaroh-Avroh S r m P n S' - S' n P m r S;
Raag Description: This Raag is said to be introduced by Pt. Ravi Shankar. It is a very melodious Raag and appropriate for devotional songs. This Raag is very simple in its framework and discipline so artists have full liberty to sing in all the three octaves. This Raag belongs to Bhairav Thaat. Following are the illustrative combinations:
,n S r m P n ; m n P ; n P m P m r ; ,n S ; r m P n P ; m P n n S' ; n P n S' r' S' ; r' S' n r' S' n P m ; P m r S ; ,n S r S ;
Bhairav
Thaat: Bhairav
Jati: Sampooran-Sampooran (7/7)
Vadi: D
Samvadi: R
Vikrit: R, D komal
Virjit: none
Aroh: S r G m P d N S*
Avroh: S* N d P m G r S
Time: Morning
राग भैरव प्रभात बेला का प्रसिद्ध राग है। इसका वातावरण भक्ति रस युक्त गांभीर्य से भरा हुआ है। यह भैरव थाट का आश्रय राग है। इस राग में रिषभ और धैवत स्वरों को आंदोलित करके लगाया जाता है जैसे - सा रे१ ग म रे१ रे१ सा। इसमें मध्यम से मींड द्वारा गंधार को स्पर्श करते हुए रिषभ पर आंदोलन करते हुए रुकते हैं। इसी तरह ग म ध१ ध१ प में निषाद को स्पर्श करते हुए धैवत पर आंदोलन किया जाता है। इस राग में गंधार और निषाद का प्रमाण अवरोह में अल्प है। इसके आरोह में कभी कभी पंचम को लांघकर मध्यम से धैवत पर आते हैं जैसे - ग म ध१ ध१ प।
इस राग में पंचम को अधिक बढ़ा कर गाने से राग रामकली का किंचित आभास होता है इसी तरह मध्यम पर अधिक ठहराव राग जोगिया का आभास कराता है। भैरव के समप्रकृतिक राग कालिंगड़ा व रामकली हैं।
करुण रस से भरपूर राग भैरव की प्रकृति गंभीर है। इस राग का विस्तार तीनों सप्तकों में किया जाता है। इस राग में ध्रुवपद, ख्याल, तराने आदि गाये जाते हैं। इस राग के और भी प्रकार प्रचलित हैं यथा - प्रभात भैरव, अहीर भैरव, शिवमत भैरव आदि। यह स्वर संगतियाँ राग भैरव का रूप दर्शाती हैं -
भैरव राग राग भैरव थाट का राग है। यह राग भैरव थाट के नाम जैसे होने से इसे भैरव थाट का आश्रय राग कहा जाता है। इस राग में सात स्वर लगते हैं, इसलिये इसकी जाति सम्पूर्ण (सम्पूर्ण-सम्पूर्ण) मानी जाती है। इस राग में रे और ध स्वर कोमल लगते हैं जिसे इस प्रकार दर्शाया जाता है
1) कोमल रिषभ :- रे , 2)कोमल धैवत:-ध । इस राग का वादी स्वर "ध" और सम्वादी स्वर "रे" है, इसी कारण यह उत्तरांंगवादी राग कहलाता हैं । इस राग को गाने बजाने का समय प्रातःकालीन संधि प्रकाश(सुबह 4 से 7 बजे तक) है।
आरोह:- सा रे ग म प ध नी सां।
अवरोह:- सां नी ध प म ग रे सा।
पकड़:- ग म ध ध प, ग म रे रे सा।
चलन: - सा ग म प ध ध प, म ग म रे सा
राग बैरागी हा भारतीय शास्त्रीय संगीतातील एक राग आहे.
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बैरागी
थाट भैरव
प्रकार हिंदुस्तानी
जाती औडव औडव
स्वर
आरोह सा रे' म प नि' सां
अवरोह सां नि' प म रे' सा
वादी स्वर म
संवादी स्वर सा
पकड
गायन समय दिवसाचा पहिला प्रहर
गायन ऋतू
समप्रकृतिक राग
उदाहरण ओंकार स्वरूपा सद्गुरू समर्था
गायक आणि संगीत श्रीधर फडके
इतर वैशिष्ट्ये (वरील चौकटीत स्वरानंतर असलेले
' हे चिन्ह कोमल स्वर दर्शविते.
तार सप्तकातील स्वरावर
टिंब दिलेले आहे.)
बैरागी
राग बैरागी को पंडित रवि शंकर जी ने प्रचलित किया है। यह बहुत ही कर्णप्रिय राग है और भक्ति रस से परिपूर्ण है। इस राग में किसी भी तरह का बन्धन नही है, इसलिये यह तीनों सप्तकों में उन्मुक्त रूप से गाया जा सकता है। यह राग भैरव थाट के अंतर्गत आता है। यह स्वर संगतियाँ राग बैरागी का रूप दर्शाती हैं -
,नि१ सा रे१ म प नि१ ; म नि१ प ; नि१ प म प म रे१ ; ,नि१ सा ; रे१ म प नि१ प ; म प नि१ नि१ सा' ; नि१ प नि१ सा' रे१' सा' ; रे१' सा' नि१ रे१' सा' नि१ प म ; प म रे१ सा ; ,नि१ सा रे१ सा ;
थाट
भैरव
औडव - औडव
गायन वादन समय
दिन का प्रथम प्रहर प्रात: ४ बजे से ७ बजे तक (संधिप्रकाश )
आरोह अवरोह
सा रे१ म प नि१ सा' - सा' नि१ प म रे१ सा ;
वादी स्वर
मध्यम/षड्ज
संवादी स्वर
मध्यम/षड्ज
ह्या रागाला बैराग किंवा बैरागी भैरव असेही म्हणतात. प्रसिद्ध सतार वादक पं रविशंकर यांना हा राग लोकप्रिय करण्याचे श्रेय दिले जाते. [१]
बैरागी रागातील काही गाणी
ओंकार स्वरूपा सद्गुरू समर्था (गायक आणि संगीतकार श्रीधर फडके)
गर्द सभोती रान साजणी (नाट्यगीत, संगीत मत्स्यगंधा, कवि - बालकवी, गायिका - आशालता वाबगावकर, संगीत - पं. जितेंद्र अभिषेकी)
तेरे बिना जियाना लागे (चित्रपट पर् देके पीछे, संगीतकार शंकर जयकिशन, गायिका लता मंगेशकर)
पैल तो गे काऊ कोकताहे (अभंग, संत ज्ञानेश्वर, गायिका- लता मंगेशकर, संगीत - पं. हृदयनाथ मंगेशकर)
मैं एक राजा हूॅं (चित्रपट - उपहार, संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, गायकमोहम्मद रफी]]
Nice demonstration in raag bairagi.
Jai ho! 🙏🙏🙏
Jai guru ji
Guruji ko parnam 🌹🌹💐💐🌻🌻🌷🌷🙏🙏🙏🙏🌻🌻🌷🌷
Jai ho......
प्ररम्भ में सर्चप्रथम आपको नमन।
Prnaam guru ji
ॐ नमो नम: , प्रणाम गुरू जी।
Jai ho guruji 🙏
Wahhh
Pranam guruji
Abdhut Guruji, Bahot sikhne ko mila. Thank you Guruji
Pranaaam Guruji... 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Namaskar Guruji 🙏🙏🙏
🙏 namaskar guruji
prnaam guru ji i am listening ur raaga very good do post ur lectures on you tube too, i listen ur lectures live too but now a days could't carry on my classes. thanks for posting these Raagas(GEMS) for all
Adbhut....
Pranam Guruji 🙏💐 today i am practicing this video. 🙏
Pranam guru ji
Namaskar Guruji thanks a lot for this very beautiful bandish! Please can you give us lyrics text?
Meri awaj bilkul bhi gane layak nahi bilkul par app sabko gate hue dekhta hu to bhahut rona aata hai guruji kaas maa sharde muje bhi gane layak awaj deti😢😢😢
रविवार सुबह आठ बजे लाइव रियाज़ सत्र में साथ में रियाज़ करते रहें .
सादर प्रणाम गुरू जी 🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐
Pranaam guruji ...ati sunder riyaz ....🙏🌹💐💐
Raag jog or purya kalyan riyaj kriye guru ji
करते हैं आगे..
Beautiful divine soulful 🙏Om Namah shivay🙏🌷
Please write bandish words .. it is unclear 🙏🏽
Your WhatsApp number??
You can also write in description , i am grateful 🙏🏽
गुरुजी प्रणाम, अगर कोई आपसे संगीत सीखना चाहे तो कैसे सीख सकता है।। कृपया बताएं 🙏