सत्यार्थ प्रकाश के सातवें समुल्लास का सार। महर्षि दयानन्द सरस्वती। आचार्य अंकित प्रभाकर।
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- เผยแพร่เมื่อ 25 เม.ย. 2023
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बहुत ही बहुत धन्यवाद आचार्य जी सादर नमस्तेजी सौदान सिंह आर्य अलीगढ़
Satya sanatan dharm ki Jai Jai shree ram
❤️❤️❤️🔥
Satayarth Prakash Bharat ko Satyanisht Banayega.
अति सुन्दर ढंग से सत्यार्थ प्रकाश का सार समझा रहे हैं आचार्य जी बहुत बहुत आभार
दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई, गीतकार हसरत जयपुरी।
🙏🕉🙏
Nameste ji bahut achcha lega aap ka pervachan
धन्यवाद शुभकामनाएं आयुष्मान भव ओ३म् 🙏🏼🚩
बहुत बहुत सुन्दर प्रस्तुति 🚩🕉️🌞🕉️🚩🙏🙏🙏
आप सभी से अनुरोध है केरला फिल्म देखने जरूर जाएं टेलर रिलीज हो गया है sun Sain indiya 🌞👍😎👍
आपको सादर नमस्ते आचार्य जी
Guruji pranam 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
धन्यवाद आचार्य जी
ओम् सादर नमस्ते आचार्य जी 🙏
ओम् सादर नमस्ते आचार्य जी
आचार्य जी आपको बहुत बहुत धन्यवाद
Awesome
आचार्य जी नमस्ते
उत्तम ज्ञान प्राप्त हुआ।
Dhanyawad. Sir. !!!
❤
परंतु भाई, आत्मा सुख चाहती हैं वह तो केवल शरीर के साथ हैं, अगर जन्म हुआ ही नही तो आत्मा को कैसा सुख और कैसा दुख, ये समझाइये🙏
नमस्ते गुरुजी जो लोग यह कहते हैं की आत्मा ही परमात्मा है क्या यह लोग नास्तिक होते हैं
Sir. Ji. Aap. Gurkul. Me. Tilak. Lagakar. Padhai. Karne. Jaate. The. !!!!
कौन पाखंडी है।जो मूर्ति पूजा को सनातन बताता है।
उसे पाखंडी से कह दो
वेद में परमात्मा ने संदेश दिया
न, तस्य प्रतिमा अस्ति,..... उसे परमात्मा का कोई मूर्ति नहीं बन सकता क्योंकि वह सर्व व्यापक है.. शब्द का रूप नहीं. हवा का रूप नहीं आकाश का रूप नहीं! वेद माता ने कही!,(ओम खं ब्रह्म) परमात्मा वैसे है जैसे आकाश सब जगह व्याप्त हैं वैसे परमात्मा सब जगह व्यापक है?