सत्यार्थ प्रकाश के सातवें समुल्लास का सार। महर्षि दयानन्द सरस्वती। आचार्य अंकित प्रभाकर।

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  • เผยแพร่เมื่อ 21 พ.ย. 2024

ความคิดเห็น • 34

  • @vallabhbhaikgohel7221
    @vallabhbhaikgohel7221 4 หลายเดือนก่อน

    Very excellent, congratulation my dearest sweetest and loving archarya

  • @उमाशंकरद्विवेदी-प2घ
    @उमाशंकरद्विवेदी-प2घ 5 หลายเดือนก่อน +1

    सत्य सनातन वैदिक धर्म संस्कृति और सभ्यता की जय

  • @shivdhariyadav1389
    @shivdhariyadav1389 หลายเดือนก่อน

    v.v.v.good.aacharya.Ji.Pra năm.

  • @surajbhandagar2017
    @surajbhandagar2017 ปีที่แล้ว +3

    Nameste ji bahut achcha lega aap ka pervachan

  • @sheodansingh780
    @sheodansingh780 8 หลายเดือนก่อน +2

    बहुत ही बहुत धन्यवाद आचार्य जी सादर नमस्तेजी सौदान सिंह आर्य अलीगढ़

  • @chandeshwaryadav6340
    @chandeshwaryadav6340 2 หลายเดือนก่อน

    बहुत अच्छा आचार्य जी

  • @sangraj7278
    @sangraj7278 ปีที่แล้ว +3

    धन्यवाद आचार्य जी

  • @rekhaarya1666
    @rekhaarya1666 ปีที่แล้ว +2

    अति सुन्दर ढंग से सत्यार्थ प्रकाश का सार समझा रहे हैं आचार्य जी बहुत बहुत आभार

  • @mnpcontent5073
    @mnpcontent5073 ปีที่แล้ว +2

    Guruji pranam 🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @ushamalik6229
    @ushamalik6229 ปีที่แล้ว +2

    धन्यवाद शुभकामनाएं आयुष्मान भव ओ३म् 🙏🏼🚩

  • @VighneshDubey
    @VighneshDubey 10 หลายเดือนก่อน

    Satya sanatan dharm ki Jai Jai shree ram

  • @jitendrapurbey8911
    @jitendrapurbey8911 ปีที่แล้ว +2

    आपको सादर नमस्ते आचार्य जी

  • @SurenderSingh-tb3il
    @SurenderSingh-tb3il ปีที่แล้ว +2

    ओम् सादर नमस्ते आचार्य जी 🙏

    • @surajbhandagar2017
      @surajbhandagar2017 ปีที่แล้ว +1

      ओम् सादर नमस्ते आचार्य जी

  • @Mayankyadav-eu5hm
    @Mayankyadav-eu5hm ปีที่แล้ว +1

    आचार्य जी आपको बहुत बहुत धन्यवाद

  • @santoshpandey9840
    @santoshpandey9840 ปีที่แล้ว

    Dhanyawad. Sir. !!!

  • @babitaj9584
    @babitaj9584 ปีที่แล้ว +1

    आचार्य जी नमस्ते
    उत्तम ज्ञान प्राप्त हुआ।

  • @sandeepchoudhary4720
    @sandeepchoudhary4720 11 หลายเดือนก่อน

    🙏🕉🙏

  • @jaikumarjairampur
    @jaikumarjairampur 2 หลายเดือนก่อน +1

    ॐ पूज्य आचार्य जी 13वे समुल्लास का सार का व्याख्यान दीजिए

  • @aek12
    @aek12 8 หลายเดือนก่อน

    Satayarth Prakash Bharat ko Satyanisht Banayega.

  • @mnpcontent5073
    @mnpcontent5073 ปีที่แล้ว +3

    Awesome

  • @ritambharaarya3484
    @ritambharaarya3484 4 หลายเดือนก่อน

    नमस्ते आचार्य जी

    • @Prahari
      @Prahari  4 หลายเดือนก่อน

      नमस्ते

  • @PrabhakarSharma-qg4ov
    @PrabhakarSharma-qg4ov ปีที่แล้ว +1

    बहुत बहुत सुन्दर प्रस्तुति 🚩🕉️🌞🕉️🚩🙏🙏🙏
    आप सभी से अनुरोध है केरला फिल्म देखने जरूर जाएं टेलर रिलीज हो गया है sun Sain indiya 🌞👍😎👍

  • @RandomGuy-hv7tb
    @RandomGuy-hv7tb ปีที่แล้ว +1

    ❤️❤️❤️🔥

  • @MrTmagrawal
    @MrTmagrawal 6 หลายเดือนก่อน

    दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई, गीतकार हसरत जयपुरी।

  • @ravinanadanlalmaurya6083
    @ravinanadanlalmaurya6083 3 หลายเดือนก่อน

    मेरा मत - भगवान, ईश्वर का पर्यायवाची नहीं है। देवताओं को भगवान कहते लिखते हैं ईश्वर नहीं। क्षमा करें।

  • @suruchiarya8611
    @suruchiarya8611 6 หลายเดือนก่อน

    परंतु भाई, आत्मा सुख चाहती हैं वह तो केवल शरीर के साथ हैं, अगर जन्म हुआ ही नही तो आत्मा को कैसा सुख और कैसा दुख, ये समझाइये🙏

  • @दिलीपकुशवाहा-च4त
    @दिलीपकुशवाहा-च4त 11 หลายเดือนก่อน

    नमस्ते गुरुजी जो लोग यह कहते हैं की आत्मा ही परमात्मा है क्या यह लोग नास्तिक होते हैं

  • @mukulrajput9116
    @mukulrajput9116 20 วันที่ผ่านมา

    आचार्य जी प्रणाम आचार्य आपने सप्तम समुल्लास पृष्ठ संख्या 158 पर वर्णित जीव स्वतंत्र है या परतंत्र की व्याख्या नहीं की कृपया इस पर जरूर अपनेव्याख्यान दें

  • @santoshpandey9840
    @santoshpandey9840 ปีที่แล้ว

    Sir. Ji. Aap. Gurkul. Me. Tilak. Lagakar. Padhai. Karne. Jaate. The. !!!!

  • @naginabhagat9100
    @naginabhagat9100 9 หลายเดือนก่อน

    कौन पाखंडी है।जो मूर्ति पूजा को सनातन बताता है।
    उसे पाखंडी से कह दो
    वेद में परमात्मा ने संदेश दिया
    न, तस्य प्रतिमा अस्ति,..... उसे परमात्मा का कोई मूर्ति नहीं बन सकता क्योंकि वह सर्व व्यापक है.. शब्द का रूप नहीं. हवा का रूप नहीं आकाश का रूप नहीं! वेद माता ने कही!,(ओम खं ब्रह्म) परमात्मा वैसे है जैसे आकाश सब जगह व्याप्त हैं वैसे परमात्मा सब जगह व्यापक है?