Satnam Saheb bandagi saheb Aapka pura satsang suna lekin shabad kya h ye last tak pta nhi chla gyan chrcha hoti h lekin sab ulza dete h aapke satsang shabad guru mai bhi yhi hua😔
रामपाल जी के अनुयायियों जो ज्ञान नितिन साहिब ने दिया है यही ज्ञान कबीर साहिब का सत्य ज्ञान है इस ज्ञान का विरोध मत करो आप लोगों को अरबू बरसों के बाद यह मनुष्य चोला एक बार मिला है इसमें पक्षपात मत करो और नितिन साहिब ने जो ज्ञान समझाया है उस को समझो उनसे द्वेष भावना मत करो इसमें भला आप लोगों का ही है नितिन साहेब का कुछ नहीं जाएगा जो नुकसान होगा वह आप लोगों का ही होगा यह क्या कह रहे हैं इस पर अपने विवेक के द्वारा विचार करो कबीर साहिब हम युवाओं को जो कहने आए थे असलियत में वह बात आज नितिन साइड भी समझ में आई अगर कबीर साहेब की वाणी इस पृथ्वी पर किसने असलियत में खोली तो वह लेकिन शाहिद ने खोली है विरोध करके आप अपना बहुत बड़ा घटा कर रहे हो और किसके कहने पर जो कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए इस पंच को चलाना चाहते हैं उनसे पूछो रामपाल जी के पंच को लोगों का स्वार्थ है इसमें कि कहीं अंत बंद हो जाए अगर यह बंद हो गया तो हमारी रोजी-रोटी बंद हो जाए और तुम लोग यह लोग तुम्हारा शोषण कर रहे हैं बचो इनसे क्या क्या करवा लिया तुम लोगों से सरकार से लड़ाई करवा दी गोलियां खिला दी हाथ-पैर तुड़वा दिए जल में डलवा दिया कितना बड़ा अंदर करवा दिया आप लोगों से और अभी भी आप लोग नहीं समझ रहे हो फिर तो भाई भगवान ही मालिक है अगर अपना भला चाहते हो तो नितिन साहेब के ऑडियो वीडियो सुनो और इस पर विचार करो इनसे द्वेष भावना मत करो मैं तो यह कहता हूं की रामपाल जी के भक्तों आप एक बार नितिन साहिब के 175 ऑडियो वीडियो निष्पक्ष भाव से सुन लो उसके बाद में अगर आप नितिन साहिब के शरण में आ जाओ तो मुझे कहना क्यों आओगे कि आप लोगों को पता चल जाएगा कि यही है कबीर साहेब का सट्टे का लेकिन आप आप लोगों को पाबंद किया हुआ है कि किसी का भी ज्ञान मत सुनना क्योंकि नाम खंड हो जाएगा और इसी भ्रम में आप लोग सत्य से दूर रह जाओगे और अपना अमूल्य जीवन बर्बाद कर लोगे समझो मेरे भाइयों यह मूल ज्ञान है इस ज्ञान को पूरा सुनो और इसके ऊपर विचार करो सतनाम साहेब बंदगी
क्रिया योग :- सही योग तो सद्गुरू के साथ पल भर में घटित होता है। किन्तु आज के युग में ऐसे सद्गुरू बहुत कम दुर्लभ तुल्य है । बन्द कमरे की अंधेरा कई वर्षों की हो ; महिनो की हो या एक दिन की हो बस एक दिया जला भर देने से दूर हो जाता है।अंधेरा को यह कहने का मौका ही नहीं मिलता कि मैं यहाँ वर्षों से हूँ धीरे धीरे जाऊँगा । ऐसे ही जागृत सद्गुरू होते हैं वो पल भर में शिष्य को परख कर अपने जागृत दिया से उसके दीपक को जलाकर प्रकाश और आनंद से भर देते हैं । ये ठीक उसी तरह होता है जिस तरह मिलावटी सोने को अग्नि में तपाकर गलाने से शुद्ध हो जाती है ऐसे ही सद्गुरू शिष्य को पल भर में निर्मल कर देते हैं फिर सेवा कार्य में लगाते हैं । न कि बिना अनुभूति करवाये वर्षों सेवा करवाते रहते हैं यही पूर्ण जागृत सद्गुरू की विशेष पहचान है | केवल सत्संग सुनाने या सुनने से कुछ नही होता।पहले परख करो कि सत्संग सुनाने वाले जागृत गुरु है भी या नही। अनुभव तो नाम दान लेते वक्त ही हो जाना चाहिए। अगर अनुभव नही हुआ तो समझो नकली गुरु है। भावना में बह जाने वाले हमेशा धोखा खाते हैं, सिर्फ सत्संग सुनकर किसी भी गुरु को पूरा गुरू नहीं समझना चाहिए। लाखों सत्संगियों में कोई एक भी ऐसा दिखा दो जिसने अपने आत्मदेव स्वरूप को देख हो, या किसी सद्गुरु ने नाम देते समय अनुभव करवाया हो।सिर्फ सत्संग करके भगतों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।जब चरण धोकर पीने से भी अनुभव नहीं हुआ तो कब होगा। जो भी गुरु अपने चरणों को धुलवाकर भगतों को पिलाता है, तो साफ पता चलता है कि झूंठा आडम्बर रच रहा है। सद्गुरु कबीर साहेब ने साफ साफ कहा है कि , चरण धोकर पिलाने से कुछ भी हासिल नहीं होगा, अगर चरण धोकर पीने से मुक्ति हो जाती तो अब तक जितने भगतों ने पिये हैं सब के सब मुक्त हो गए होते।कबीर साहेब ने इन सब आडम्बरों का खंडन किया है।अपने मन की मत सुनो, सद्बुद्धि से सोचो।
Batche ka gyan b atchha h Jo ma. Ko. Ma aur papa ko papa bolta h bahut dukh hota h sunkar Hindustan ki janta se kahta hu k sastra khud padho aur satch h ya juth h Mel karo aur jinko gyan nhi h janta ko bharmit karte h. Unke khilap awaj uthao sastro ka jutha gyan dete h juthe guruon ki dukan band karo
पहले तो आप ये जानिए कि शब्द कितने प्रकार के हैं।धुनात्माक.।।वर्णात्मक।।।सार्थक ।।।।निरा र्थक। ये सन्त इस धुनात्माक शब्द के ही कसीदे निकाला करते हैं।जबकि कबीर साहेब ने कहा है कि बिन बोले कारज न सरीये।जैन धर्म के अनुसार6009 मानव जाति की बोली या भाषाएं हैं जिनके द्वारा इस ससांर के कार व्यवहार चल रहे हैं।यदि इस शब्द को निकाल दिया जाऐ तो मानव एक बुत के सिवाय क्या होगा।जो ये आ का उदाहरण दे रहे उसमे समय क्यों लगता है ये उन्होंने कलियर करना चाहिए था कि यह अ +अ =आ बनता है इसी तरह अ +इ =ए बना।यह स्वर और व्यजंन का अलग विषय है।जिस ध्वनि या शब्द की ये बात कर रहे हैं उसका तो जिक्र पहले ही वेदों में आ चुका है या कर रखा है ।लेकिन पहला अक्षर आ नहीं होता बल्कि अ होता है। जैसे अग्रेंजी मे ए,उर्दू मे अलफ पंजाबी मे अड़ा आदि।हमारे आध्यात्मिक ज्ञान मे ऐसे जानो कि ओंकार से वाणी उपजी वाणी से उपजा ज्ञान। बिन विवेक के फिरै भटकते अधकचरे विद्वान।। सार शब्द जानिए सोई शसंय सदेंह छोडे नहीं कोई। धुनात्माक सत्य सार शब्द ना व्यर्थ मे भ्रम भलोई।। भ्रम भलोई मे आकरके टुला भूला फीरै गवांर। सत्य वचन ही सार शब्द हैं जिनके अन्दर छुपा सुधार।। रामदास जो शब्द विवेकी उसका करीऐ संग। जीने का ससांर मे सबका अपना अपना ढंग।। हमने तो बहन भाईयों के फायदे की कही। मानेगा तो वह ही जिसको लागेगी/जंचेगी सही।। अपना काम है सत्य परखाना हम नाहि भ्रमातेहैं।गुरु देव की कृपा से हर जीव का भ्रम भगाते हैं।। महाराज रामदास हमारे विडिओ सुनेऔर हमारे कमैन्टस पढो देखो आपके सहज हि सब भ्रम दूर हो जाऐंगे।धन्यवाद
सार शब्द इन 52 अक्षरो से परे है । इन अक्षरो का गुलाम नही है वहः । पहला अक्षर अ है । जिससे ब्रह्मण्ड है । लेकिन अगर आप अ को असली स्वरूप समझ बैठे है तो ये वो भी नही है
@@Nitin_das_satsang सार शब्द जानिए सोई सशंय सन्देह छोडे नहीं कोई। धुनात्मक सत्य सार शब्द नहीं व्यर्थ मे भ्रम भलोई।। भ्रम भलोई मे आकरके टूला भूला फीरै गवार। सत्य वचन ही सार शब्द हैं जिनके अन्दर छूपा सुधार।। शब्द विवेकी और पारखी इनका करीऐ संग। जीने का ससांर मे सबका अपना अपना ढंग।। चिऊंटी जहाँ नहीं चढ सके राई नहीं ठहराऐ। आवागमन की गम नहीं जहाँ सकलो जग जाऐ।। शून्य के चक्कर मे जीवन गवा देते हैं।
@@राजेशकुमारशाह-भ8श दोनों हैं तो धून ही ,अपराधी चाहे बालिग हो या ना बालिग , हैं तो दोनों ही अपराधी।भावनाओं के वशीभूत न होकर तर्क से निर्णय कर सत्य को जाने/समझे।
यह पाखंडी बाबा नितिन दास रायजादा केवल और केवल कबीर साहब की वाणी और साखी शब्द आदि सुना सकता हैं। वो भी कबीर साहब कें ग्रंथों को पढ़कर। वरना इसको अध्यात्म कें ज्ञान का अ , आ भी नहीं मालूम हैं। और अनुभव परक ज्ञान तो इससें अरबो कोसो दूर हैं। इसके पास खुद का कोई अनुभव परक ज्ञान उपलब्ध नहीं है।
हे भाई आप कौन से शब्द की बात करते हो क्योंकि शब्द तो 2प्रकार के होते है एक वृणात्मक और एक धुनात्मक और ये दोनों नाशवान है। कबीर साहेब कहते है मेरे साधो भाई शब्द ही शब्द बखाना शब्द ही फाश फशा सब कोई शब्द ही ना पहचाना ।।
Satnam saheb bandagi 🌹🙏🌹 sat kabir saheb 🌹 koti koti Naman guruji aapko 🌹🙏🌹🙏
साहेबबंदगी सतनाम 🙏🙏🌹🌹
Sat sahen satnam Guru jee🙏🙏🙏
Mere satguru ko Charan sparsh 🙏🙏🙏
Sat naam saheb bandgi saheb ji
Jai ho gurudev ji koti koti naman
सतनाम साहिब बंदगी जय हो गुरु ज़ी क़ी अदभुत सत्संग
❤🙏 सत् साहेब बंदगी ❤
दिल बहुत परेशान था पर आपके वचनो से काफी बल मिला साहेब ।
Sahib bandgi🙏🌹
Satnam 🙏🌹🙏🌹
Guru hamare sabhi bade apne apne Thaur ,Sant Viveki parakhi sabke Sir ka maur! Saheb bandagi saheb
Satnam sahib bandgi 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Sat saheb ji guru ji 🙏🙏
Saheb bandagi Saheb
Sat nam Sahib ji🌷🌷🙇♀️
Bhedi shabad satguru parampita parmatma malik ji ap ka jay jay kar ho sat sahib bandgi satnam🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
सत साहेब
बात स्पष्ट समज मे आ गई tadafte भक्तों को शब्द lakhane की vyavastha कीजिये
Satsahibji
Bandichhor sadguru nitin Sahab ji ki jai ho
Immortal ruler🙏❤️
साहेब बंदगी सत्य नाम
🙏🌹🌹🌹🌹🌹🙏
Sahib bandgee satnam saheb gi
Solan Himachal Pradesh kaba KUNIHAR
संत साहिब बंदगी
Bani, to kehti hai sab me rav reha prab eko, to parakh kiski karni hai
સત્ય સાહેબ, !!!!
🌻साहिब बन्दगी साहिब जी🌻🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
सत्यनाम विधेह गुरी शब्ध गुरु कि जय हो|
Sat, shaheb,ji
satnaam bhai ji
येह तबहुही अछि बातेह
गुरुजी सुरती को कहा लगाना है
Uchhkoti ka satsang daya kare namdan ka
इस दुनिया में सच्चा साधु कौन है, जो परम धाम को जाता है।कबीर अद्भूत ज्ञान।: th-cam.com/video/VF1PN4mW2p8/w-d-xo.html
साहेब बंदगी सतनाम गुरूजी जी
Sukh dukh dono samkar Jan than sabd ghankara h
❤️❤️❤️❤️❤️❤️ maalik Neeshbad g
saheb bandagi I live at chhapra I want to meet you
Satnam Saheb bandagi saheb
Aapka pura satsang suna lekin shabad kya h ye last tak pta nhi chla gyan chrcha hoti h lekin sab ulza dete h aapke satsang shabad guru mai bhi yhi hua😔
Jay Jay Bandi Chhod ajar Amar Avinashi Satguru Satya Kabir Saheb ji ki Sada hi Jay Ho Saheb Bandagi satyanam❤🙏
ANUJ kumar sisodiya Uttar Pradesh
रामपाल जी के अनुयायियों जो ज्ञान नितिन साहिब ने दिया है यही ज्ञान कबीर साहिब का सत्य ज्ञान है इस ज्ञान का विरोध मत करो आप लोगों को अरबू बरसों के बाद यह मनुष्य चोला एक बार मिला है इसमें पक्षपात मत करो और नितिन साहिब ने जो ज्ञान समझाया है उस को समझो उनसे द्वेष भावना मत करो इसमें भला आप लोगों का ही है नितिन साहेब का कुछ नहीं जाएगा जो नुकसान होगा वह आप लोगों का ही होगा यह क्या कह रहे हैं इस पर अपने विवेक के द्वारा विचार करो कबीर साहिब हम युवाओं को जो कहने आए थे असलियत में वह बात आज नितिन साइड भी समझ में आई अगर कबीर साहेब की वाणी इस पृथ्वी पर किसने असलियत में खोली तो वह लेकिन शाहिद ने खोली है विरोध करके आप अपना बहुत बड़ा घटा कर रहे हो और किसके कहने पर जो कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए इस पंच को चलाना चाहते हैं उनसे पूछो रामपाल जी के पंच को लोगों का स्वार्थ है इसमें कि कहीं अंत बंद हो जाए अगर यह बंद हो गया तो हमारी रोजी-रोटी बंद हो जाए और तुम लोग यह लोग तुम्हारा शोषण कर रहे हैं बचो इनसे क्या क्या करवा लिया तुम लोगों से सरकार से लड़ाई करवा दी गोलियां खिला दी हाथ-पैर तुड़वा दिए जल में डलवा दिया कितना बड़ा अंदर करवा दिया आप लोगों से और अभी भी आप लोग नहीं समझ रहे हो फिर तो भाई भगवान ही मालिक है अगर अपना भला चाहते हो तो नितिन साहेब के ऑडियो वीडियो सुनो और इस पर विचार करो इनसे द्वेष भावना मत करो मैं तो यह कहता हूं की रामपाल जी के भक्तों आप एक बार नितिन साहिब के 175 ऑडियो वीडियो निष्पक्ष भाव से सुन लो उसके बाद में अगर आप नितिन साहिब के शरण में आ जाओ तो मुझे कहना क्यों आओगे कि आप लोगों को पता चल जाएगा कि यही है कबीर साहेब का सट्टे का लेकिन आप आप लोगों को पाबंद किया हुआ है कि किसी का भी ज्ञान मत सुनना क्योंकि नाम खंड हो जाएगा और इसी भ्रम में आप लोग सत्य से दूर रह जाओगे और अपना अमूल्य जीवन बर्बाद कर लोगे समझो मेरे भाइयों यह मूल ज्ञान है इस ज्ञान को पूरा सुनो और इसके ऊपर विचार करो सतनाम साहेब बंदगी
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क्रिया योग :-
सही योग तो सद्गुरू के साथ पल भर में घटित होता है।
किन्तु आज के युग में ऐसे सद्गुरू बहुत कम दुर्लभ तुल्य है ।
बन्द कमरे की अंधेरा कई वर्षों की हो ; महिनो की हो या एक दिन की हो बस एक दिया जला भर देने से दूर हो जाता है।अंधेरा को यह कहने का मौका ही नहीं मिलता कि मैं यहाँ वर्षों से हूँ धीरे धीरे जाऊँगा । ऐसे ही जागृत सद्गुरू होते हैं वो पल भर में शिष्य को परख कर अपने जागृत दिया से उसके दीपक को जलाकर प्रकाश और आनंद से भर देते हैं ।
ये ठीक उसी तरह होता है जिस तरह मिलावटी सोने को अग्नि में तपाकर गलाने से शुद्ध हो जाती है ऐसे ही सद्गुरू शिष्य को पल भर में निर्मल कर देते हैं फिर सेवा कार्य में लगाते हैं । न कि बिना अनुभूति करवाये वर्षों सेवा करवाते रहते हैं
यही पूर्ण जागृत सद्गुरू की विशेष पहचान है |
केवल सत्संग सुनाने या सुनने से कुछ नही होता।पहले परख करो कि सत्संग सुनाने वाले जागृत गुरु है भी या नही।
अनुभव तो नाम दान लेते वक्त ही हो जाना चाहिए।
अगर अनुभव नही हुआ तो समझो नकली गुरु है।
भावना में बह जाने वाले हमेशा धोखा खाते हैं, सिर्फ सत्संग सुनकर किसी भी गुरु को पूरा गुरू नहीं समझना चाहिए। लाखों सत्संगियों में कोई एक भी ऐसा दिखा दो जिसने अपने आत्मदेव स्वरूप को देख हो, या किसी सद्गुरु ने नाम देते समय अनुभव करवाया हो।सिर्फ सत्संग करके भगतों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।जब चरण धोकर पीने से भी अनुभव नहीं हुआ तो कब होगा।
जो भी गुरु अपने चरणों को धुलवाकर भगतों को पिलाता है, तो साफ पता चलता है कि झूंठा आडम्बर रच रहा है।
सद्गुरु कबीर साहेब ने साफ साफ कहा है कि , चरण धोकर पिलाने से कुछ भी हासिल नहीं होगा, अगर चरण धोकर पीने से मुक्ति हो जाती तो अब तक जितने भगतों ने पिये हैं सब के सब मुक्त हो गए होते।कबीर साहेब ने इन सब आडम्बरों का खंडन किया है।अपने मन की मत सुनो, सद्बुद्धि से सोचो।
🌹🙏
Plzz aapka num dijiye mein bat karna chahata hu aapse
Sant rampal ji mahraj true guru hai
Sant ji aapne mere prashna ka uttar nhi diya
Sir mujhe vedhi gyaan diziye na
Batche ka gyan b atchha h Jo ma. Ko. Ma aur papa ko papa bolta h bahut dukh hota h sunkar Hindustan ki janta se kahta hu k sastra khud padho aur satch h ya juth h Mel karo aur jinko gyan nhi h janta ko bharmit karte h. Unke khilap awaj uthao sastro ka jutha gyan dete h juthe guruon ki dukan band karo
कोई भी बात को गोलमोल करके नहीं बताना चाहिए स्पष्ट और स्पष्ट बताना चाहिए
हे भाई आप ईमानदारी से बताना आप ने उस शब्द धुन कोन से कान से सना है ?
वो कानो से सुनने का विषय नही है । उसे सुरति से जाना जाता है
@@Nitin_das_satsang milna hai App se
पहले तो आप ये जानिए कि शब्द कितने प्रकार के हैं।धुनात्माक.।।वर्णात्मक।।।सार्थक ।।।।निरा र्थक। ये सन्त इस धुनात्माक शब्द के ही कसीदे निकाला करते हैं।जबकि कबीर साहेब ने कहा है कि बिन बोले कारज न सरीये।जैन धर्म के अनुसार6009 मानव जाति की बोली या भाषाएं हैं जिनके द्वारा इस ससांर के कार व्यवहार चल रहे हैं।यदि इस शब्द को निकाल दिया जाऐ तो मानव एक बुत के सिवाय क्या होगा।जो ये आ का उदाहरण दे रहे उसमे समय क्यों लगता है ये उन्होंने कलियर करना चाहिए था कि यह अ +अ =आ बनता है इसी तरह अ +इ =ए बना।यह स्वर और व्यजंन का अलग विषय है।जिस ध्वनि या शब्द की ये बात कर रहे हैं उसका तो जिक्र पहले ही वेदों में आ चुका है या कर रखा है ।लेकिन पहला अक्षर आ नहीं होता बल्कि अ होता है।
जैसे अग्रेंजी मे ए,उर्दू मे अलफ पंजाबी मे अड़ा आदि।हमारे आध्यात्मिक ज्ञान मे ऐसे जानो कि
ओंकार से वाणी उपजी वाणी से उपजा ज्ञान।
बिन विवेक के फिरै भटकते अधकचरे विद्वान।।
सार शब्द जानिए सोई शसंय सदेंह छोडे नहीं कोई।
धुनात्माक सत्य सार शब्द ना व्यर्थ मे भ्रम भलोई।।
भ्रम भलोई मे आकरके टुला भूला फीरै गवांर।
सत्य वचन ही सार शब्द हैं जिनके अन्दर छुपा सुधार।।
रामदास जो शब्द विवेकी उसका करीऐ संग।
जीने का ससांर मे सबका अपना अपना ढंग।।
हमने तो बहन भाईयों के फायदे की कही।
मानेगा तो वह ही जिसको लागेगी/जंचेगी सही।।
अपना काम है सत्य परखाना हम नाहि भ्रमातेहैं।गुरु देव की कृपा से हर जीव का भ्रम भगाते हैं।।
महाराज रामदास
हमारे विडिओ सुनेऔर हमारे कमैन्टस पढो देखो आपके सहज हि सब भ्रम दूर हो जाऐंगे।धन्यवाद
सार शब्द इन 52 अक्षरो से परे है । इन अक्षरो का गुलाम नही है वहः । पहला अक्षर अ है । जिससे ब्रह्मण्ड है ।
लेकिन अगर आप अ को असली स्वरूप समझ बैठे है तो ये वो भी नही है
@@Nitin_das_satsang
सार शब्द जानिए सोई सशंय सन्देह छोडे नहीं कोई।
धुनात्मक सत्य सार शब्द नहीं व्यर्थ मे भ्रम भलोई।।
भ्रम भलोई मे आकरके टूला भूला फीरै गवार।
सत्य वचन ही सार शब्द हैं जिनके अन्दर छूपा सुधार।।
शब्द विवेकी और पारखी इनका करीऐ संग।
जीने का ससांर मे सबका अपना अपना ढंग।।
चिऊंटी जहाँ नहीं चढ सके राई नहीं ठहराऐ।
आवागमन की गम नहीं जहाँ सकलो जग जाऐ।।
शून्य के चक्कर मे जीवन गवा देते हैं।
ओम,धुन,काल,की,धुन,है,सार,धुन,परे,है
@@राजेशकुमारशाह-भ8श
दोनों हैं तो धून ही ,अपराधी चाहे बालिग हो या ना बालिग , हैं तो दोनों ही अपराधी।भावनाओं के वशीभूत न होकर तर्क से निर्णय कर सत्य को जाने/समझे।
Must follow Saint Rampal Ji maharaj for truth
हे भाई अपना ईलाज कराओ ।क्योंकि भरम का रोग बङा भारी है।
साहेब ने कहा है-
""भटक मरो मत कोई "
इस संसार में रामपाल जी ही पूर्ण गुरु है उनके अलावा सब धोखा है
परमात्मा का नाम क्या है पता नहीं आप को
आपको पता है तो बताओ
Fake
येह तबहुही अछि बातेह
साहिब बंदगी सतनाम गुरुजी स्रोत किसे कहते हैं कृपा करके
ਸਾਹਿਬ ਬਦੰਗੀ ਸਤਿਨਾਮ ਸਾਹਿਬ ਜੀ🌹🌹🌹🌹
🙏🙏
Sahib bandgi satnam🌹🙏🌹
En m s koie nahi gayaga, ye savi use parmatma k dose h,,
साहेब बंदगी सतनाम गुरु जी
यह पाखंडी बाबा नितिन दास रायजादा केवल और केवल कबीर साहब की वाणी और साखी शब्द आदि सुना सकता हैं। वो भी कबीर साहब कें ग्रंथों को पढ़कर। वरना इसको अध्यात्म कें ज्ञान का अ , आ भी नहीं मालूम हैं। और अनुभव परक ज्ञान तो इससें अरबो कोसो दूर हैं। इसके पास खुद का कोई अनुभव परक ज्ञान उपलब्ध नहीं है।
Satnaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaam
Saheb bandgi ji 🙏❤️❤️💐
saheb Bandgi Saheb
Shabdguru real sound god
Shabad Guru,Surat Dhun chella.
❤❤❤❤❤
GN Singh
हे भाई आप कौन से शब्द की बात करते हो क्योंकि शब्द तो 2प्रकार के होते है एक वृणात्मक और एक धुनात्मक और ये दोनों नाशवान है। कबीर साहेब कहते है
मेरे साधो भाई शब्द ही शब्द बखाना
शब्द ही फाश फशा सब कोई
शब्द ही ना पहचाना ।।
SAHEB BANDGI JI.
V.V.V.IMPORTANT
SATSANG.
DHANYAWAD JI.
SAT SAHIB JI
अभी कचा काम है भक्त जी
Saheb bandgi ji🙏🙏🌺🌺
संत रामपाल जी की सत्संग जरूर सुनिए ।
रामपाल जी तो खुद को कबीर मानते है क्या वो सत्य है
आप गुरुवर राऊल गांधी को उपदेश दिया करो
Satnamsatsahebsabdguruparbarm