ध्यान के दौरान अजीब अनुभव? डरे नहीं, इन्हे समझे || और आगे बढ़े | आत्म ज्ञान

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  • เผยแพร่เมื่อ 30 ม.ค. 2025

ความคิดเห็น • 2

  • @tejabirsainisinghsingh-dv2ot
    @tejabirsainisinghsingh-dv2ot 15 วันที่ผ่านมา +1

    सादर प्रणाम जी,
    कृपा कीजिये- बताइये कि- ध्यान मेँ बैठने के बाद अगर शरीर, मन, बाहरी आवाज़, स्वास, और समय का 1% भी बौध ना रहे, सब कुछ शून्य हो जाए, तो इसे कौन सी, कहाँ तक की उपलब्धि समझें ? इस समय मेँ ऊर्जा का क्या स्तर हो जाता है ?.. 🙏

    • @DivyaGyanSarovar
      @DivyaGyanSarovar  15 วันที่ผ่านมา

      ये महा सुन्य की अवस्था है जिसे समाधि का घटना कहते हैं ये समाधि अवस्था होती हैं जिसमे अपनी इंद्रियों ओर मन बुद्धि से परे हो जाते हैं आप ओर आप अद्भुत रहस्य मई दुनिया की यात्रा करते हैं जहां ना दिन होता हैं ना रात, जहां ना वायु है और ना ही सूर्य का प्रकाश इस अवस्था में मनुष्य को अपने आप का अनुभव होता हैं। और इस समय में ऊर्जा अपने अंतिम लक्ष्य में सिमट जाति हैं। जो एक मनुष्य का जिंदा मरने की क्रिया होती है अर्थात कारण, सूक्ष्म और स्थूल से परे की अवस्था कह सकते हैं यानी तुरया अवथा, ओर कोई संदेह है तो आप पूछ सकते हैं धन्यवाद ❤️🙏 सही शब्दों में बताऊं तो,
      धर असमान पवन नहीं पानी, चांद सूरज नहीं तारा।
      इंड ना पिंड शुद्ध बुद्ध नहीं, मन में दिसत समाना।।