बाइबल में मरियम का स्थान | The Biblical Basis of Mary’s Role in Salvation History

แชร์
ฝัง
  • เผยแพร่เมื่อ 27 ม.ค. 2025

ความคิดเห็น • 7

  • @ManjuMinz-ho2vm
    @ManjuMinz-ho2vm 22 วันที่ผ่านมา

    Love you dear mama Mary always intercede for us.

  • @ManjuMinz-ho2vm
    @ManjuMinz-ho2vm 22 วันที่ผ่านมา

    Thank you dear father ji for the explanation 🙏🙏🙏👍

  • @RobertToppo-hc8mv
    @RobertToppo-hc8mv 28 วันที่ผ่านมา

    Jai Jeshu ki 🎉

  • @JacobPaul-wr4ze
    @JacobPaul-wr4ze 28 วันที่ผ่านมา

    Jay yeesu father ji

  • @Biblehisatyahai
    @Biblehisatyahai 24 วันที่ผ่านมา

    सिर्फ कैथलिक कलिसिया मरियम को मध्यस्थ मानती है,न कि बाईबल । बाईबल कहता है।
    1 तीमुथियुस 2.5
    क्योंकि परमेश्वर एक ही है, और परमेश्वर और मनुष्यों के बीच में भी एक ही मध्यस्थ है, अर्थात् मसीह यीशु जो मनुष्य है।
    लोग बाईबल के वचन की माने या कैथोलिक कलीसिया की??????🤔🤔

    • @CatholicDioceseBareilly
      @CatholicDioceseBareilly  22 วันที่ผ่านมา

      "भाई, आपने जो 1 तीमुथियुस 2:5 का संदर्भ दिया है, उसमें यह बात सही है कि एकमात्र उद्धारकर्ता और परमेश्वर और मनुष्यों के बीच एकमात्र मध्यस्थ येशु मसीह हैं। काथोलिक कलीसिया भी यही सिखाती है। लेकिन ‘मध्यस्थ’ और ‘सिफारिश करने वाला’ (intercessor) में अंतर होता है।
      जब हम माता मरियम या संतों से प्रार्थना करते हैं, तो हम उन्हें परमेश्वर के स्थान पर नहीं रखते, बल्कि उनसे यह निवेदन करते हैं कि वे हमारे लिए येशु मसीह से प्रार्थना करें, जैसे हम एक-दूसरे से प्रार्थना करने के लिए कहते हैं। बाइबल में भी साफ लिखा है कि ‘एक दूसरे के लिए प्रार्थना करो’ (याकूब 5:16)।
      यही कलीसिया की परंपरा है - हम जानते हैं कि मसीह ही एकमात्र उद्धारकर्ता हैं, और हम माता मरियम को उनकी सिफारिश करने वाली मानते हैं, क्योंकि वह येशु के सबसे निकट हैं। आशा है कि इससे आपको काथोलिक मान्यता समझने में मदद मिलेगी।"

    • @Biblehisatyahai
      @Biblehisatyahai 22 วันที่ผ่านมา

      @CatholicDioceseBareilly
      भाई मरियम बस एक जरिया थी यीशु मसीह को दुनिया में लाने की जो कि यशायाह 7:14 की भविष्यवाणी को पूरा की।
      और येशु मसीह ने मरियम को हे नारी कह के बुलाया न कि माता कह के।
      पुराने नियम में मंदिर के सबसे भीतरी स्थान में परमेश्वर होता था जो कि परमपवित्र स्थान होता था। और तब परमेश्वर और मनुष्यों के बीच में intercession का काम याजक करता था।
      परन्तु जब यीशु मसीह कलवरी पर मरा तो परमेश्वर ने मनुष्यों और परमेश्वर के बीच के पर्दा को ऊपर से नीचे फाड़ दियातब, ( मत्ती 27.51)मन्दिर का परदा ऊपर से नीचे तक फटकर दो टुकड़े हो गया।
      इस तरह अब कोई भी परमेश्वर के पास जा सकता है।
      जब हम परमेश्वर के पास जा सकते हैं, परमेश्वर से मांग सकते हैं।
      और परमेश्वर देता है।
      ( इब्रानियों 11.6)क्योंकि परमेश्वर के पास आनेवाले को विश्वास करना चाहिए, कि वह है; और अपने खोजनेवालों को प्रतिफल देता है।
      और रही बात मरियम की तो वो तो उसकी आत्मा अभी भी पुनरुत्थान के लिए अधोलोक सो रही है और जब मसीह का आगमन होगा तो तो जी उठेगी।
      जब वो सो रही है तो फिर हमारी सिफारिश कैसे करेगी?